जहाँ से खुद को पाया by vikram kori in Hindi Novels
Part .1 ‎‎गाँव की सुबह हमेशा की तरह शांत थी। हल्की धूप खेतों पर फैल रही थी, हवा में मिट्टी की सोंधी खुशबू घुली हुई थी। व...
जहाँ से खुद को पाया by vikram kori in Hindi Novels
PART–2‎‎‎‎दिल्ली की सुबह गाँव की सुबह जैसी नहीं होती। यहाँ सूरज निकलने से पहले ही शोर शुरू हो जाता है। हॉर्न, भीड़, भागत...