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वचन By Saroj Verma

वचन--भाग(१) चंपानगर गाँव____ सेठ मनीराम अपनी दुकान में बैठकर सामान को तुलवा रहें हैं, पुरोहित जी के बेटे की शादी है तो सारा सामान मनीलाल जी के यहाँ से खरीदा जा रहा है___...

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चाहत दिलकी By SWARNIM स्वर्णिम

मैं एक बंद कमरे में हूं। सामने से बालेसी पर पानी गिरने की आवाज मेरे कानों तक आ रही है और मुझे बता रही है कि बाहर बारिश हो रही है। कमरे में अंधेरा है, बिजली लंबे समय से चली गई है, आ...

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रत्नावली-संस्कृतानुवादकः पं.गुलामदस्तगीरः By रामगोपाल तिवारी

ऐतिहासिकग्रन्थानां नायकनायिकानां चरित्रचित्रणविषये लेखनस्य परम्परा भारतीयसाहित्यक्षेत्रे समादृता अस्ति। आदिकाव्यस्य रामायणस्य उपजीविकाव्यमस्ति गोस्वामितुलसीदासेन रचितम् ‘रामचरितमान...

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हीरामन कारसदेव By राजनारायण बोहरे

मैने अनुभव किया था कि बीहड़ में हम जिस भी गाँव के पास से निकलते हरेक ज्यादातर गांवों के बाहर एक चबूतरा जरूर बना होता । कृपाराम पूरी श्रद्धा से उस चबूतरे पर सिर जमीन पर रखकर प्रणाम...

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इश्क़ 92 दा वार By Deepak Bundela AryMoulik

वो मोहब्बत की चिंगारी 90 के दशक से सुलगना शुरू हों चुकी थी... मौसम वसंती हो कर अपने शवाब की और बढ़ रहा था.... हर यौवन के दिलों दिमांग में कही ना कही कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था जो ज...

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पागल-ए-इश्क़ By Deepak Bundela AryMoulik

दोस्तों.. नमस्कार.. ?आपके सामने एक फिर प्यार की कहानी के साथ मौजूद हूं... मेरा हमेशा से मकसद यहीं रहा हैं कि प्यार को समझें एक दूसरे की भावनाओं को समझें आप कितने खुश नसीब हैं कि आप...

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ममता की छाँव By Sarita Sharma

हर रविवार छुट्टी के दिन मौली अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चों के साथ जानवरों को जंगल छोड़ने जाते और दिन तक घर आ जाते थे..आज भी जब पड़ोस में रहने वाली खुशी जो मौली की उम्र की है आवाज दी...

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बाली का बेटा By राज बोहरे

1 बाल उपन्यास बाली का बेटा...

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धरना By Deepak Bundela AryMoulik

शाम हों चली थी, सूरज वसुंधरा को कल आने का वादा करके जा चूका था.. शहर की सड़कों पर दिन की अपेक्षा शाम कुछ ज्यादा ही रंगीन दिखाई देने लगी थी... कहते हैं किसी के जीवन में जिंदगी भी दिन...

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मर्डर मिस्ट्री By Vismay

" लगातार बज रहीं टेलीफोन की घंटी की वजह से हवलदार मातरे की नींद खुल गई." उसने नींद में ही फोन उठा लिया और अपने कान पर रख दिया ,और उ...

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वचन By Saroj Verma

वचन--भाग(१) चंपानगर गाँव____ सेठ मनीराम अपनी दुकान में बैठकर सामान को तुलवा रहें हैं, पुरोहित जी के बेटे की शादी है तो सारा सामान मनीलाल जी के यहाँ से खरीदा जा रहा है___...

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चाहत दिलकी By SWARNIM स्वर्णिम

मैं एक बंद कमरे में हूं। सामने से बालेसी पर पानी गिरने की आवाज मेरे कानों तक आ रही है और मुझे बता रही है कि बाहर बारिश हो रही है। कमरे में अंधेरा है, बिजली लंबे समय से चली गई है, आ...

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रत्नावली-संस्कृतानुवादकः पं.गुलामदस्तगीरः By रामगोपाल तिवारी

ऐतिहासिकग्रन्थानां नायकनायिकानां चरित्रचित्रणविषये लेखनस्य परम्परा भारतीयसाहित्यक्षेत्रे समादृता अस्ति। आदिकाव्यस्य रामायणस्य उपजीविकाव्यमस्ति गोस्वामितुलसीदासेन रचितम् ‘रामचरितमान...

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हीरामन कारसदेव By राजनारायण बोहरे

मैने अनुभव किया था कि बीहड़ में हम जिस भी गाँव के पास से निकलते हरेक ज्यादातर गांवों के बाहर एक चबूतरा जरूर बना होता । कृपाराम पूरी श्रद्धा से उस चबूतरे पर सिर जमीन पर रखकर प्रणाम...

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इश्क़ 92 दा वार By Deepak Bundela AryMoulik

वो मोहब्बत की चिंगारी 90 के दशक से सुलगना शुरू हों चुकी थी... मौसम वसंती हो कर अपने शवाब की और बढ़ रहा था.... हर यौवन के दिलों दिमांग में कही ना कही कुछ अजीब सा महसूस हो रहा था जो ज...

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पागल-ए-इश्क़ By Deepak Bundela AryMoulik

दोस्तों.. नमस्कार.. ?आपके सामने एक फिर प्यार की कहानी के साथ मौजूद हूं... मेरा हमेशा से मकसद यहीं रहा हैं कि प्यार को समझें एक दूसरे की भावनाओं को समझें आप कितने खुश नसीब हैं कि आप...

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ममता की छाँव By Sarita Sharma

हर रविवार छुट्टी के दिन मौली अपने पड़ोस में रहने वाले बच्चों के साथ जानवरों को जंगल छोड़ने जाते और दिन तक घर आ जाते थे..आज भी जब पड़ोस में रहने वाली खुशी जो मौली की उम्र की है आवाज दी...

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बाली का बेटा By राज बोहरे

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धरना By Deepak Bundela AryMoulik

शाम हों चली थी, सूरज वसुंधरा को कल आने का वादा करके जा चूका था.. शहर की सड़कों पर दिन की अपेक्षा शाम कुछ ज्यादा ही रंगीन दिखाई देने लगी थी... कहते हैं किसी के जीवन में जिंदगी भी दिन...

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