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महाशक्ति – एपिसोड 45"मानवकुल का द्वार और आत्मा का दर्पण"---️ प्रारंभ – अंतिम द्व...
....…....सुबह का वक्त था.............सभी लोग चर्च में इकठे हुए थे...........चर्च...
डाकिया जो कभी नहीं लौटालेखक: विवेक सिंहशैली: हॉरर | सस्पेंस | एक ही भाग में पूर...
महाशक्ति – एपिसोड 44"यक्षकुल की पुकार और आत्मा का सत्य"--- प्रस्तावना – वंश की आ...
परिश्रम ही परसमणि है। दैनिक कार्यों में परसमणि खोजने को ही इकिगाई कहते हैं।इकिगा...
रचना: बाबुल हक़ अंसारीअध्याय 5 "चिट्ठियाँ जो धड़कनों से लिखी गईं"रात ढल चुकी थी,...
महाभारत की कहानी - भाग-११८ युद्ध के नौवें दिन भीष्म का पराक्रम की कहानी प्रस्त...
आरोही का घरचाची: आरोही केसा रहा तेरा दिन जॉब मिली या नही।आरोही:जी चाची जी जॉब लग...
कमरे के बाहर दीवार पर खून से लिखा वह वाक्य — “जो यहाँ आता है, वो लौटता नहीं” — स...
पार्ट 5 – हवेली के साएअवनि कमरे के बीचोंबीच खड़ी थी। हवा अचानक ठंडी हो गई थी, जै...
ह कहानी पूरी तरह से कपलनिक (काल्पनिक / fictional) है। इसका कोई भी पात्र, दृश्य या घटना किसी असली व्यक्ति या परिस्थिति से मेल नहीं खाता — यह सिर्फ सामाजिक संदेश देने के लिए एक रचन...
रात का समय था। एक बूढ़ा आदमी अपने पुराने से घर में अकेला बैठा था। सामने टीवी पर तेज़ आवाज़ में समाचार चल रहा था। “आज शहर के सबसे बड़े बैंक में हुई 5 करोड़ की चोरी से हड़कंप मच ग...
रविवार का दिन हैं आज का दिन हमारे लिए बहुत ज्यादा खुशी का हैं। क्योंकि मेरी बड़ी बहन संजना की आज सगाई हैं। सभी रिश्तेदार व जानने वाले आ चुके हैं। पूरा घर किसी दुल्हन की तरह सजा हुआ...
मुंबई की चकाचौंध भरी दुनिया में एक नाम ऐसा था जो खुद ही चमक का पर्याय बन चुका था— आदित्य मेहरा। आदित्य सिर्फ़ एक टीवी एक्टर नहीं, बल्कि करोड़ों दिलों की धड़कन था। उसकी गहरी आँखें,...
स्थान: गांव का चौपाल समय: शाम ढलने का वक्त बड़ा पीपल का पेड़ झूम रहा है। कुछ बुज़ुर्ग और नौजवान बैठे हैं। महिलाएं थोड़ी दूरी से सुन रही हैं। बच्चे खेलते-खेलते धीरे-धीरे पास आ रहे...
इंस्पेक्टर सुखी सुबह के 6 बजे शुख की नींद में थे, कि अचानक उनके मोबाइल की रिंग बजी..आँखें मलते हुए..हाथ में मोबाइल लेकर बोले “नाम सुखी है लेकिन दुनिया शुख से रहने नहीं देती..इस मोब...
"लेफ्ट राईट, लेफ्ट राईट लेफ्ट …..पापा मेरे कदमताल सही जा रहें हैं ना….क्या मैं भी आपकी तरह मेजर बन पाउँगा", 8 साल का रुहान अपने पापा मेजर अक्षय सिंह राठौर की तरह ही आर्म...
एलारिया की शांत और सुंदर दुनिया में, जहाँ हरे-भरे मैदान और घने जंगल फैले हुए थे, एक छोटा-सा गाँव लिलीवुड अपनी सादगी और खुशियों के लिए जाना जाता था। यहाँ के लोग प्रकृति के करीब रहते...
अस्पताल में दवाओं का गंध हमेशा बना रहता था | और रक्तांश खुराना को इससे हमेशा से नफ़रत थी लेकिन इस वक्त वह उस गंध को मेहसूस नही कर पा रहा था | रक्तांश इस वक्त वीआईपी वार्ड...
"साहब, इस बिल्डिंग में बारह ही मंज़िलें हैं। तेरहवीं कभी बनी ही नहीं।" वॉचमैन की आवाज़ में न जाने कैसा कंपन था जो विशाल को बेचैन कर गया। सुबह की पहली किरण अभी ठीक से ज़...
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