hindi Best Drama Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Drama in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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मे और महाराज - ( हीरो_२) 39 By Veena

अपनी शाही बग्गी मैं कुछ घंटों का सफर तय करने के बाद सिराज और समायरा अपनी पूरी टोली के साथ उनके महल पहुंचे। सिराज समायरा को अपनी बाहों में उठाए हुए उसके कक्ष की तरफ दौड़ रहा था। चां...

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मुझे भी स्कूल जाना है By नन्दलाल सुथार राही

मुझे भी स्कूल जाना है! (बालिका शिक्षा हेतु लघु नाटक) अशरफ़ लकड़िया लेके आ रही थी । तभी गुरुजी उधर से जा रहे थे । अशरफ- नमस्कार गुरुजी। गुरुजी - नमस्कार। अरे अशरफ आज कल तुम स्कूल...

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DUNIYA MERI MUTTHI MEIN - 4 By Amar Kamble

करन ने फेंके हुए कांच के ग्लास के टुकड़े जोया के पास गिरे थें। जोया ने करन के कंधे पर हाथ रखकर कहा, “मैं तुम्हारा दर्द समझ सकती हूं।” करन ने कहा, “अब दर्द...

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अधूरा सफर - भाग 2 By Ki Shan S Ahu

पिछले भाग में आपने पड़ा कि कैसे गौरव ओर स्वाति एक बस मै मिलते है और फिर उसी बस में बिछड़ भी गए, आपको क्या लगता है दोनों फिर से मिल पाएंगे इस अंजान शहर में चलिए पढ़ते है आगे। शहर आन...

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ताजमहल... अंत या शुरुआत ( एकांकी ) By निशा शर्मा

पात्र - परिचय मनोज - एक तीस वर्षीय पुरूष सोनाक्षी - एक सत्ताईस वर्षीय महिला ( मनोज की धर्मपत्नी ) बूढ़ी औरत - एक सत्तर वर्षीय वृद्धा ( भिखारिन ) ( मंच पर बैकग्राउंड में ताजमहल का एक...

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SAFETY ( NATIONAL SAFETY DAY SPECIAL DRAMA ) By Amar Kamble

दृश्य - 1( रिपेयर ऑफिस में रिंग बजती है । )टेक्निशियन 1 : हॅलो ।सुपरवाइजर : हॅलो मैं --- प्लांट से बात कर रहा हूँ । एक मशिन में ज्यादा नॉईज हो रहा है । आप थ...

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एकांकी- दहेज By ramgopal bhavuk

एकांकी- दहेज रामगोपाल भावुक (शहर के आम चौराहे पर शर्मा रेस्टारेन्ट में दो अधेड़ अबस्था के व्यक्ति...

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संस्कार By Gourav shekhawat

" हे दुर्गा मां आज प्लीज ये इंटरव्यू पास करा दो।इतने वक्त से ट्राई कर रही हूं। कॉलेज फ़ीस ,घर के खर्चे उफ्फ कैसे करूंगी सब कुछ।" यहीं सब सोचते हुए अंबिका पार्क की हरी हरी घास...

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एकांकी-मालती माधवम् By रामगोपाल तिवारी

एकांकी-मालती माधवम् भवभूति मंचपर उपस्थित होकर- मैं भवभूति आज अपने नाटकों में स्वयं को खोजने के लिये उत्सुक हूँ ! इनमें मैं कहाँ-कहाँ हूँ ? अरे ! अरे! याद आया मालती माधवम...

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क्यों By Shubham Rawat

पारस आज बहुत खुश हैं। पिछले एक महीने से कुत्ता पालने की जिद कर रहा था। आज जाकर उसके बोज्यू ने उससे कहा, "ठीक है, पालेंगे।" "ऊपर भुवन की कुतिया के बच्चे हुए हैं। उसके वहां से लेकर आ...

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अनचाहा रिश्ता (ये कैसी कश्मकश?) - 12 By Veena

"नहीं पापा मेरे बारे में एक बार सोचिए। में क्या करूंगी आपके बिना।" रोते हुई मीरा ने उसके पापा याने मि पटेल के पास जाने की कोशिश की।" नहीं बेटा वहीं रुक जा, वरना आज या तो ये नहीं या...

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एक गलत कदम By Shubham Rawat

दीपक, 12वीं के बाद मास मीडिया की पढ़ाई करना चाहता था। उसका सपना है कि वह खुद के कार्टूनस बनाए। उसके पापा हमेशा से एक डिसिप्लिन इंसान रहे हैं। वह नहीं चाहते कि उनका बेटा बेगैरत के क...

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मैं ही मैं हूं By Jitendra Shivhare

*मैं ही मैं हूं* मैं महान हूं मुझे समझना होगा तुम्हें अपने अभिमान को परे रख मेरी हर बात सुनो तुम तुम क्या हो? मेरे आगे तुम्हारी कोई अस्तित्व नहीं मेरे आगे मेरी धन-वैभव-संपदा को द...

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मे और महाराज - ( हीरो_२) 39 By Veena

अपनी शाही बग्गी मैं कुछ घंटों का सफर तय करने के बाद सिराज और समायरा अपनी पूरी टोली के साथ उनके महल पहुंचे। सिराज समायरा को अपनी बाहों में उठाए हुए उसके कक्ष की तरफ दौड़ रहा था। चां...

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मुझे भी स्कूल जाना है By नन्दलाल सुथार राही

मुझे भी स्कूल जाना है! (बालिका शिक्षा हेतु लघु नाटक) अशरफ़ लकड़िया लेके आ रही थी । तभी गुरुजी उधर से जा रहे थे । अशरफ- नमस्कार गुरुजी। गुरुजी - नमस्कार। अरे अशरफ आज कल तुम स्कूल...

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DUNIYA MERI MUTTHI MEIN - 4 By Amar Kamble

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ताजमहल... अंत या शुरुआत ( एकांकी ) By निशा शर्मा

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एकांकी-मालती माधवम् By रामगोपाल तिवारी

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क्यों By Shubham Rawat

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अनचाहा रिश्ता (ये कैसी कश्मकश?) - 12 By Veena

"नहीं पापा मेरे बारे में एक बार सोचिए। में क्या करूंगी आपके बिना।" रोते हुई मीरा ने उसके पापा याने मि पटेल के पास जाने की कोशिश की।" नहीं बेटा वहीं रुक जा, वरना आज या तो ये नहीं या...

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एक गलत कदम By Shubham Rawat

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मैं ही मैं हूं By Jitendra Shivhare

*मैं ही मैं हूं* मैं महान हूं मुझे समझना होगा तुम्हें अपने अभिमान को परे रख मेरी हर बात सुनो तुम तुम क्या हो? मेरे आगे तुम्हारी कोई अस्तित्व नहीं मेरे आगे मेरी धन-वैभव-संपदा को द...

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