hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

================== यादों के झरोखे से खिलती, खुलती झरती हँसी हमें रोते हुओं को भी अचानक मुस्कान में तब्दील कर...

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कंचन मृग - 16. जौरा यमराज को भी कहते हैं By Dr. Suryapal Singh

16. जौरा यमराज को भी कहते हैं सायंकाल महाराज जयचन्द ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों से विचार-विमर्श प्रारम्भ किया। जयचन्द और परमर्दिदेव का सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण था। महाराज परमर्दिदेव द्वा...

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किस्से - कहानियां By DINESH KUMAR KEER

1. गांठ रिश्तों की "पापा! ताईजी को शायद कैंसर है!" बेटा धड़धड़ाते हुए कमरे में घुसा."कहां से चले आ रहे हो रिपोर्टर बने हुए? पता भी है क्या बोल रहे हो..?" मैंने महसूस किया कि दिसंबर...

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एडोप्टेड फैमिली By bhagirath

“जानते हो पापा आजकल किसी के चक्कर में फंस गए है।”                                                                 “अच्छा! किसके चक्कर में?” “कोई बाल बच्चेदार महिला है, उससे फेसबुक...

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शोहरत का घमंड - 62 By shama parveen

आलिया के पापा बोलते हैं, "तुम ये क्या बोल रही हो, तुम कोन सा काम करोगी अब, तुमने तो आज तक बाहर कुछ काम किया भी नही है"।तब आलिया की मम्मी बोलती है, "अब मै पढ़ी लिखी हुई तो हू नही जो...

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प्यारी बेटी By DINESH KUMAR KEER

प्यारी बेटी (बेटी है तो कल है) किसी गाँव में एक परिवार रहता था। उस परिवार में गणेश अपनी पत्नी रेखा, छोटा बेटा दिनेश, बहू विमला, पौत्री अनन्या के साथ रहता था। गणेश का बड़ा बेटा विका...

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वर्तमान का सिख पंथ ही क्षत्रिय रुपरेखा By Ritin Pundir

क्या आपको मालूम है कि पहला खालसा राज स्थापित करने वाले बाबा बंदा सिंघ बहादर जी राजपूत थे, आधुनिक खालिस्तान मूवमेंट के संस्थापक जगजीत सिंघ चौहान जी राजपूत थे, बब्बर खालसा इंटरनेशनल...

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कौन थे प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह By Ritin Pundir

10 नवंबर 1990 को कार्यभार संभालने के 12 दिनों के ही भीतर चंद्रशेखर पांचवे सार्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने माले मालदीव गए. वहाँ उन्होंने ठेठ हिंदी औऱ अपनी मातृभाषा भोजपुरी में ज़बर्...

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सर्कस - 8 By Madhavi Marathe

                                                                                            सर्कस : ८        घर में कदम रखते ही सबके जिज्ञासा भरे सवाल शुरू हो गए। मुझे भी एक अलग दु...

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क़िस्सा 1930 का By Wajid Husain

वाजिद हुसैन की कहानी 12 मार्च 1930 को एक यात्रा शुरू हुई थी। एक ऐसी यात्रा जिसने सारी दुनिया को दिखाया, कि कैसे 80 लोगों की निहत्थी सेना अपने अहिंसक सत्याग्रह के रास्ते चलकर दुनिया...

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बन्धन प्यार का - 23 By Kishanlal Sharma

शौहर के साथ घूमते समय उसे ऐसा लगा था सचमुच रात को उसने सच बोला था।दोस्तो ने पार्टी में उसे जबर्दस्ती शराब पिला दी होगी।लेकिन ऐसा सोचना उसका भरम था जो जल्दी ही टूट गया था।वह जान गई...

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माँ का आँचल By DINESH KUMAR KEER

माँ का आँचलएक छोटे से गाँव में लीला नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन - पोषण कर रही थी। साथ ही अपने बच्चों को गाँव के स्कूल में पढ़ने को...

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शालिनी (प्यारी सी बालिका) By DINESH KUMAR KEER

शालिनी ( प्यारी सी बालिका ) बात हाल ही के कुछ वर्ष पहले की है । जब हमारे विद्यालय में शालिनी का प्रवेश कक्षा एक में हुआ था । एक बहुत सुंदर - सी, बहुत प्यारी - सी और विद्यालय का गृह...

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खलनायक कौन ? By नंदी

गांव के एक छोटी सी जगह पर विद्यालय थी । जहां पर अध्यापक बहुत दूर दूसरे गांव से आया करते थे । जहां पर विद्यालय थी उस गांव का नाम श्रवणपुर था , और जहां से अध्यापक आया करते थे उस गांव...

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एक अदद औरत - 5 By Kishanlal Sharma

कमला कोई साध्वी या विरहणी नही थी।वह एक आम नारी थी।दूसरी औरतों की तरह हाड़ मास का पुतला।जैसे दूसरी औरतों को सेक्स की भूख होती है।वह भी पुरुष संसर्ग चाहती थी।औऱ इस काम के लिए औरत को ए...

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पागल By Makvana Bhavek

  यह वही साल था जब भारत में इन्टरनेट ने अपने कदम रखे थे। भारत पूरे विश्व के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार था। पर यह बात सिर्फ गिने-चुने बड़े शहरों तक ही सीमित थी। अभी भी...

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उजाले की ओर –संस्मरण By Pranava Bharti

================== यादों के झरोखे से खिलती, खुलती झरती हँसी हमें रोते हुओं को भी अचानक मुस्कान में तब्दील कर...

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कंचन मृग - 16. जौरा यमराज को भी कहते हैं By Dr. Suryapal Singh

16. जौरा यमराज को भी कहते हैं सायंकाल महाराज जयचन्द ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों से विचार-विमर्श प्रारम्भ किया। जयचन्द और परमर्दिदेव का सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण था। महाराज परमर्दिदेव द्वा...

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किस्से - कहानियां By DINESH KUMAR KEER

1. गांठ रिश्तों की "पापा! ताईजी को शायद कैंसर है!" बेटा धड़धड़ाते हुए कमरे में घुसा."कहां से चले आ रहे हो रिपोर्टर बने हुए? पता भी है क्या बोल रहे हो..?" मैंने महसूस किया कि दिसंबर...

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एडोप्टेड फैमिली By bhagirath

“जानते हो पापा आजकल किसी के चक्कर में फंस गए है।”                                                                 “अच्छा! किसके चक्कर में?” “कोई बाल बच्चेदार महिला है, उससे फेसबुक...

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शोहरत का घमंड - 62 By shama parveen

आलिया के पापा बोलते हैं, "तुम ये क्या बोल रही हो, तुम कोन सा काम करोगी अब, तुमने तो आज तक बाहर कुछ काम किया भी नही है"।तब आलिया की मम्मी बोलती है, "अब मै पढ़ी लिखी हुई तो हू नही जो...

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प्यारी बेटी By DINESH KUMAR KEER

प्यारी बेटी (बेटी है तो कल है) किसी गाँव में एक परिवार रहता था। उस परिवार में गणेश अपनी पत्नी रेखा, छोटा बेटा दिनेश, बहू विमला, पौत्री अनन्या के साथ रहता था। गणेश का बड़ा बेटा विका...

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वर्तमान का सिख पंथ ही क्षत्रिय रुपरेखा By Ritin Pundir

क्या आपको मालूम है कि पहला खालसा राज स्थापित करने वाले बाबा बंदा सिंघ बहादर जी राजपूत थे, आधुनिक खालिस्तान मूवमेंट के संस्थापक जगजीत सिंघ चौहान जी राजपूत थे, बब्बर खालसा इंटरनेशनल...

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कौन थे प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह By Ritin Pundir

10 नवंबर 1990 को कार्यभार संभालने के 12 दिनों के ही भीतर चंद्रशेखर पांचवे सार्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने माले मालदीव गए. वहाँ उन्होंने ठेठ हिंदी औऱ अपनी मातृभाषा भोजपुरी में ज़बर्...

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वाजिद हुसैन की कहानी 12 मार्च 1930 को एक यात्रा शुरू हुई थी। एक ऐसी यात्रा जिसने सारी दुनिया को दिखाया, कि कैसे 80 लोगों की निहत्थी सेना अपने अहिंसक सत्याग्रह के रास्ते चलकर दुनिया...

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बन्धन प्यार का - 23 By Kishanlal Sharma

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माँ का आँचल By DINESH KUMAR KEER

माँ का आँचलएक छोटे से गाँव में लीला नाम की एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन - पोषण कर रही थी। साथ ही अपने बच्चों को गाँव के स्कूल में पढ़ने को...

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शालिनी (प्यारी सी बालिका) By DINESH KUMAR KEER

शालिनी ( प्यारी सी बालिका ) बात हाल ही के कुछ वर्ष पहले की है । जब हमारे विद्यालय में शालिनी का प्रवेश कक्षा एक में हुआ था । एक बहुत सुंदर - सी, बहुत प्यारी - सी और विद्यालय का गृह...

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खलनायक कौन ? By नंदी

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एक अदद औरत - 5 By Kishanlal Sharma

कमला कोई साध्वी या विरहणी नही थी।वह एक आम नारी थी।दूसरी औरतों की तरह हाड़ मास का पुतला।जैसे दूसरी औरतों को सेक्स की भूख होती है।वह भी पुरुष संसर्ग चाहती थी।औऱ इस काम के लिए औरत को ए...

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पागल By Makvana Bhavek

  यह वही साल था जब भारत में इन्टरनेट ने अपने कदम रखे थे। भारत पूरे विश्व के साथ कदम-से-कदम मिलाकर चलने के लिए तैयार था। पर यह बात सिर्फ गिने-चुने बड़े शहरों तक ही सीमित थी। अभी भी...

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