hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Languages
Categories
Featured Books

रक्षाबंधन By Shwet Kumar Sinha

बात इसी रक्षाबंधन की है। एक तो रविवार का दिन और ऊपर से रक्षाबंधन का त्योहार। मन मसोस कर सुबह सुबह उठा और "हमनशी" का अगला भाग अपलोड करके करीब सत्तर किलोमीटर दूर रहने वाली छोटी बहन स...

Read Free

वही होगा मेरा पति  By Ratna Pandey

कड़कड़ाती धूप में मेहनत करती यमुना पसीने से तरबतर हो रही थी। तभी खाना खाने की छुट्टी हुई। इतने शरीर तोड़ परिश्रम के बाद उसे जोरों की भूख लगी थी। आज माँई ने क्या साग भेजा होगा, सोचत...

Read Free

बसेरा By Deepak sharma

दीपक शर्मा शाम सात बजे बाबू जी अपने दफ्तर से लौटे तो उन्होंने मीना और मनोज को रोते हुए पाया- 'माँ अभी तक घर नहीं पहुँची हैं।राकेश जरूर बाबू जी की स्कूटी की आवाज सुनते ही घर के...

Read Free

मीना कुमारी... दर्द भरी एक दास्तां - 4 By Sarvesh Saxena

इस हादसे के बाद एक दिन अस्पताल में मीना कुमारी से मिलने के लिए कमाल अमरोही जब आए तो मीना कुमारी की तबीयत उन को देखते ही ठीक हो गई और फिर शुरू हो गया प्यार का सिलसिला जो 2 साल तक ऐस...

Read Free

ग़लतफ़हमी - भाग ५ By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा दीपा ने अपने जीवन के विषय में अजय को बहुत कुछ बता दिया था लेकिन क्या सब कुछ बता दिया था पढ़िए आगे: - दीपा, अजय से कह रही थी, "अजय मेरी बात तब पूरी नहीं हुई थी, मुझे...

Read Free

पलायन (पार्ट2) By Kishanlal Sharma

और उनके झगड़े में वह बीच बचाव करने जाने लगा।।औरराम कुमार ड्यूटी पर गया हुआ था। खाना खाने के बाद वह घर लौटा तो विभा के घर का दरवाजा खुला देखकर वह अंदर चला गया।विभा पलंग पर सो रही थ...

Read Free

अंतिम इच्छा (पार्ट 1) By Kishanlal Sharma

"क्या मेरी अंतिम इच्छा पूरी करोगी?"राजेश,दिनेश और कविता कॉलेज में साथ पढ़ते थे।राजेश और कविता के पिता सरकारी अफसर थे।जबकि दिनेश के पिता किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते थे।कविता,राज...

Read Free

औघड़ किस्से और कविताएँ-सन्त हरिओम तीर्थ - 15 - अंतिम भाग By ramgopal bhavuk

औघड़ किस्से और कविताएँ-सन्त हरिओम तीर्थ 15 एक अजनबी जो अपना सा लगा परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज...

Read Free

स्वीकृति - 9 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 9 श्रीकांत के कमरे से निकल कर विनीता किचन में रात के खाने की तैयारी में जुट जाती है परंतु उसका मन श्रीकांत की स्थिति को लेकर चिंतित था वह उसकी स्थिति के विषय में रमन से...

Read Free

प्यार की जीत   By Ratna Pandey

एक अत्यंत ही मध्यम वर्गीय शिक्षक की बेटी अंजलि विवाह के बाद अपने साथ दहेज में कुछ ज़्यादा ना ला पाई, यदि कुछ लाई थी तो वह था उसका प्यारा सा मन और विनम्र स्वभाव। अंजलि और अजय का प्रे...

Read Free

अंत... एक नई शुरुआत - 3 By निशा शर्मा

समीर,मेरा पहला प्यार,मेरी दुनिया और मेरा जीवनसाथी।समीर को अपनी ज़िंदगी में पाकर मुझे लगा कि जैसे मेरी ज़िंदगी की हर एक परेशानी,हर एक दर्द का इलाज हो गया।मेरी माँ भी मुझे समीर के साथ...

Read Free

मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी By Ratna Pandey

पुत्र का इंतज़ार करते-करते रुदाली ने चार बेटियों को जन्म दे दिया। हर बार बेटे की उम्मीद रहती, किंतु अभी तक उनकी यह इच्छा पूरी ना हो पाई थी। वह  बेटे की लालसा में हर बार 20-22 घंटे क...

Read Free

पुत्र दान By Ratna Pandey

सरोज और राकेश ख़ुशी और ग़म के सागर में गोते लगा रहे थे। उनकी आंखों में बेटी की शादी की अगर खुशी थी तो विदाई की बेला का दुःख भी नज़र आ रहा था। कन्या दान करते वक्त उनके हाथ कांप रहे थे...

Read Free

संपोले By Ranjana Jaiswal

माँ कहती थी संपोले साँप से कम खतरनाक नहीं होते |हालांकि उनमें विष साँप से थोड़ा कम होता है पर उनके काटने से भी लहर आती है |संपोले इस मायने में साँप से ज्यादा खतरनाक होते हैं कि छोटे...

Read Free

अपनी छत By Ratna Pandey

किराये के मकान में पूरा जीवन काट देने वाले दीनानाथ, वर्षों से अपने मन में ख़ुद की छत की इच्छा दबाये हुए थे। एक-एक करके जवाबदारी आती ही जा रही थीं, जिन्हें निपटाते हुए अब वह पचपन वर्...

Read Free

तांगेवाला-दास्ताने दर्द By Kishanlal Sharma

"बाबूजी आओ बेठो"।मुझे देखते ही अधेड़ तांगेवाले ने जोर से आवाज लगायी थी।मैं रोज स्टेशन तांगे से आता जाता था इसलिए सभी तांगेवाले मुझे जानते थे।उस ताँगेवाले का नाम मुझे नही मालूम ल...

Read Free

कर्तव्य - 9 By Asha Saraswat

कर्तव्य (9) मॉं ने पूछा-“क्या तुम बड़े लल्ला को बताकर आये हो?” भैया ने कोई उत्तर नहीं दिया और बाहर चले गये । भैया हमारे पास ही रहने लगे, सुबह जाते और शाम को आ...

Read Free

आशियाना By Kishanlal Sharma

"यमुना किनारे सुरम्य वातावरण में आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण गेट बंद कालोनी--वह गांव में जनमा पला पढा था लेकिन नौौकरी लगी तो शहर आना पड़ा था।वह पड़ता था तभी उसकी शादी हो गयी थी।...

Read Free

तोहफ़ा By Jagruti Joshi

मुंबई सिटी भागदौड़ वाली सब अपने अपने काम में लगे हुए हे,,,,,!! किसी को किसी के लिए थोड़ा भी वक्त निकाल ना भारी पड़ जाता है,,, आम दिनो मे ! पर आज संडे था तो फॅमिली टाईम,,,,, सब ल...

Read Free

सोशल मीडिया से लाभ-हानि By Anand M Mishra

बहुत पहले ही हमारे ऋषि-मुनियों ने कह दिया था कि– अति सर्वदा वर्जयेत! बात सोलह आने सही है। कोई भी कार्य यदि ‘अति’ को ध्यान में रखकर किया जाता है तो उसका दुष्परिणाम निकलना स्वाभावि...

Read Free

अम्मा By Mayank Saxena Honey

"तुमने अम्मा को बता दिया कि आज हम बाहर खाना खाकर आएंगे?" पार्थ ने संयोगिता से संदेहास्पद तरीके से पूछा। पार्थ की प्रश्नपूर्ण निगाहें, होंठों पर विचित्र मंद मुस्कान के साथ गर्दन ह...

Read Free

जब निकली दिल से दुआ... By anshu Singh

मौली...उठो बेटा। सुबह के नौ बजने को आए, आज क्लास है न तुम्हारी? मां द्वारा नींद से जगाने की कई कोशिशों के बाद बेटी ने जवाब दिया, नहीं। और उसने करवट ले ली..। आधा-पौन घंटा और बीता......

Read Free

कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद By Anand M Mishra

"कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद" सोच रहा था कि पुस्तकालय जाऊं तथा वहां की स्थिति को देखूं। लेकिन कार्य की व्यस्तता के कारण जाने का अवसर प्राप्त नहीं हो रहा था। आज अचानक...

Read Free

मिडिल क्लास लड़के By hemant Ydv

मुझ जैसे मिडिल क्लास लड़के अक्सर जिम्मेदारियां जल्दी निभाना सीख जाते हैं। रिश्तेदारों के तमाम अड़ंगों के बावजूद मां-बाप का विश्वास कैसे बनाये रखना है इन्हें बखूबी आता है।पापा से खूब...

Read Free

ऐसे थे मेरे बाऊजी - (अन्तिम भाग) By Saroj Verma

इधर ब्याह की तैयारियाँ हो रही थीं और उधर दुर्गेश की आत्मा प्रयागी के लिए तड़प रही थी,ज्यों ज्यों ब्याह की तिथि नजदीक आती जा रही थी दुर्गेशप्रताप का दिल डूबता जा रहा था,आखिरकार ब्याह...

Read Free

बचपन की यादें By Anand M Mishra

दशहरे और दीपावली से से मुझे लगाव है। इस पर्व से मेरे बचपन की यादें जुडी हैं। मन को ताजा रखने के लिए हमेशा याद करता हूँ। इन यादों में मुझे सबसे ज्यादा याद मुझे फूल तोड़ने का आता है...

Read Free

रक्षाबंधन By Shwet Kumar Sinha

बात इसी रक्षाबंधन की है। एक तो रविवार का दिन और ऊपर से रक्षाबंधन का त्योहार। मन मसोस कर सुबह सुबह उठा और "हमनशी" का अगला भाग अपलोड करके करीब सत्तर किलोमीटर दूर रहने वाली छोटी बहन स...

Read Free

वही होगा मेरा पति  By Ratna Pandey

कड़कड़ाती धूप में मेहनत करती यमुना पसीने से तरबतर हो रही थी। तभी खाना खाने की छुट्टी हुई। इतने शरीर तोड़ परिश्रम के बाद उसे जोरों की भूख लगी थी। आज माँई ने क्या साग भेजा होगा, सोचत...

Read Free

बसेरा By Deepak sharma

दीपक शर्मा शाम सात बजे बाबू जी अपने दफ्तर से लौटे तो उन्होंने मीना और मनोज को रोते हुए पाया- 'माँ अभी तक घर नहीं पहुँची हैं।राकेश जरूर बाबू जी की स्कूटी की आवाज सुनते ही घर के...

Read Free

मीना कुमारी... दर्द भरी एक दास्तां - 4 By Sarvesh Saxena

इस हादसे के बाद एक दिन अस्पताल में मीना कुमारी से मिलने के लिए कमाल अमरोही जब आए तो मीना कुमारी की तबीयत उन को देखते ही ठीक हो गई और फिर शुरू हो गया प्यार का सिलसिला जो 2 साल तक ऐस...

Read Free

ग़लतफ़हमी - भाग ५ By Ratna Pandey

अभी तक आपने पढ़ा दीपा ने अपने जीवन के विषय में अजय को बहुत कुछ बता दिया था लेकिन क्या सब कुछ बता दिया था पढ़िए आगे: - दीपा, अजय से कह रही थी, "अजय मेरी बात तब पूरी नहीं हुई थी, मुझे...

Read Free

पलायन (पार्ट2) By Kishanlal Sharma

और उनके झगड़े में वह बीच बचाव करने जाने लगा।।औरराम कुमार ड्यूटी पर गया हुआ था। खाना खाने के बाद वह घर लौटा तो विभा के घर का दरवाजा खुला देखकर वह अंदर चला गया।विभा पलंग पर सो रही थ...

Read Free

अंतिम इच्छा (पार्ट 1) By Kishanlal Sharma

"क्या मेरी अंतिम इच्छा पूरी करोगी?"राजेश,दिनेश और कविता कॉलेज में साथ पढ़ते थे।राजेश और कविता के पिता सरकारी अफसर थे।जबकि दिनेश के पिता किसी प्राइवेट कंपनी में काम करते थे।कविता,राज...

Read Free

औघड़ किस्से और कविताएँ-सन्त हरिओम तीर्थ - 15 - अंतिम भाग By ramgopal bhavuk

औघड़ किस्से और कविताएँ-सन्त हरिओम तीर्थ 15 एक अजनबी जो अपना सा लगा परम पूज्य स्वामी हरिओम तीर्थ जी महाराज...

Read Free

स्वीकृति - 9 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति 9 श्रीकांत के कमरे से निकल कर विनीता किचन में रात के खाने की तैयारी में जुट जाती है परंतु उसका मन श्रीकांत की स्थिति को लेकर चिंतित था वह उसकी स्थिति के विषय में रमन से...

Read Free

प्यार की जीत   By Ratna Pandey

एक अत्यंत ही मध्यम वर्गीय शिक्षक की बेटी अंजलि विवाह के बाद अपने साथ दहेज में कुछ ज़्यादा ना ला पाई, यदि कुछ लाई थी तो वह था उसका प्यारा सा मन और विनम्र स्वभाव। अंजलि और अजय का प्रे...

Read Free

अंत... एक नई शुरुआत - 3 By निशा शर्मा

समीर,मेरा पहला प्यार,मेरी दुनिया और मेरा जीवनसाथी।समीर को अपनी ज़िंदगी में पाकर मुझे लगा कि जैसे मेरी ज़िंदगी की हर एक परेशानी,हर एक दर्द का इलाज हो गया।मेरी माँ भी मुझे समीर के साथ...

Read Free

मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी By Ratna Pandey

पुत्र का इंतज़ार करते-करते रुदाली ने चार बेटियों को जन्म दे दिया। हर बार बेटे की उम्मीद रहती, किंतु अभी तक उनकी यह इच्छा पूरी ना हो पाई थी। वह  बेटे की लालसा में हर बार 20-22 घंटे क...

Read Free

पुत्र दान By Ratna Pandey

सरोज और राकेश ख़ुशी और ग़म के सागर में गोते लगा रहे थे। उनकी आंखों में बेटी की शादी की अगर खुशी थी तो विदाई की बेला का दुःख भी नज़र आ रहा था। कन्या दान करते वक्त उनके हाथ कांप रहे थे...

Read Free

संपोले By Ranjana Jaiswal

माँ कहती थी संपोले साँप से कम खतरनाक नहीं होते |हालांकि उनमें विष साँप से थोड़ा कम होता है पर उनके काटने से भी लहर आती है |संपोले इस मायने में साँप से ज्यादा खतरनाक होते हैं कि छोटे...

Read Free

अपनी छत By Ratna Pandey

किराये के मकान में पूरा जीवन काट देने वाले दीनानाथ, वर्षों से अपने मन में ख़ुद की छत की इच्छा दबाये हुए थे। एक-एक करके जवाबदारी आती ही जा रही थीं, जिन्हें निपटाते हुए अब वह पचपन वर्...

Read Free

तांगेवाला-दास्ताने दर्द By Kishanlal Sharma

"बाबूजी आओ बेठो"।मुझे देखते ही अधेड़ तांगेवाले ने जोर से आवाज लगायी थी।मैं रोज स्टेशन तांगे से आता जाता था इसलिए सभी तांगेवाले मुझे जानते थे।उस ताँगेवाले का नाम मुझे नही मालूम ल...

Read Free

कर्तव्य - 9 By Asha Saraswat

कर्तव्य (9) मॉं ने पूछा-“क्या तुम बड़े लल्ला को बताकर आये हो?” भैया ने कोई उत्तर नहीं दिया और बाहर चले गये । भैया हमारे पास ही रहने लगे, सुबह जाते और शाम को आ...

Read Free

आशियाना By Kishanlal Sharma

"यमुना किनारे सुरम्य वातावरण में आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण गेट बंद कालोनी--वह गांव में जनमा पला पढा था लेकिन नौौकरी लगी तो शहर आना पड़ा था।वह पड़ता था तभी उसकी शादी हो गयी थी।...

Read Free

तोहफ़ा By Jagruti Joshi

मुंबई सिटी भागदौड़ वाली सब अपने अपने काम में लगे हुए हे,,,,,!! किसी को किसी के लिए थोड़ा भी वक्त निकाल ना भारी पड़ जाता है,,, आम दिनो मे ! पर आज संडे था तो फॅमिली टाईम,,,,, सब ल...

Read Free

सोशल मीडिया से लाभ-हानि By Anand M Mishra

बहुत पहले ही हमारे ऋषि-मुनियों ने कह दिया था कि– अति सर्वदा वर्जयेत! बात सोलह आने सही है। कोई भी कार्य यदि ‘अति’ को ध्यान में रखकर किया जाता है तो उसका दुष्परिणाम निकलना स्वाभावि...

Read Free

अम्मा By Mayank Saxena Honey

"तुमने अम्मा को बता दिया कि आज हम बाहर खाना खाकर आएंगे?" पार्थ ने संयोगिता से संदेहास्पद तरीके से पूछा। पार्थ की प्रश्नपूर्ण निगाहें, होंठों पर विचित्र मंद मुस्कान के साथ गर्दन ह...

Read Free

जब निकली दिल से दुआ... By anshu Singh

मौली...उठो बेटा। सुबह के नौ बजने को आए, आज क्लास है न तुम्हारी? मां द्वारा नींद से जगाने की कई कोशिशों के बाद बेटी ने जवाब दिया, नहीं। और उसने करवट ले ली..। आधा-पौन घंटा और बीता......

Read Free

कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद By Anand M Mishra

"कहो पुस्तकालय! कैसे हो : एक निजी संवाद" सोच रहा था कि पुस्तकालय जाऊं तथा वहां की स्थिति को देखूं। लेकिन कार्य की व्यस्तता के कारण जाने का अवसर प्राप्त नहीं हो रहा था। आज अचानक...

Read Free

मिडिल क्लास लड़के By hemant Ydv

मुझ जैसे मिडिल क्लास लड़के अक्सर जिम्मेदारियां जल्दी निभाना सीख जाते हैं। रिश्तेदारों के तमाम अड़ंगों के बावजूद मां-बाप का विश्वास कैसे बनाये रखना है इन्हें बखूबी आता है।पापा से खूब...

Read Free

ऐसे थे मेरे बाऊजी - (अन्तिम भाग) By Saroj Verma

इधर ब्याह की तैयारियाँ हो रही थीं और उधर दुर्गेश की आत्मा प्रयागी के लिए तड़प रही थी,ज्यों ज्यों ब्याह की तिथि नजदीक आती जा रही थी दुर्गेशप्रताप का दिल डूबता जा रहा था,आखिरकार ब्याह...

Read Free

बचपन की यादें By Anand M Mishra

दशहरे और दीपावली से से मुझे लगाव है। इस पर्व से मेरे बचपन की यादें जुडी हैं। मन को ताजा रखने के लिए हमेशा याद करता हूँ। इन यादों में मुझे सबसे ज्यादा याद मुझे फूल तोड़ने का आता है...

Read Free