hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • सिमॉन का पापा

    गाई द मोपासां की कहानी ‘सिमॉन’स पापा’ का हिन्दी अनुवाद बारह बज...

  • कर्तव्य - 2

    कर्तव्य (2) मैं जैसे ही अंदर गई भाभीजी ने मुझे गले लगा लिया...

  • मातृभाषा हिंदी

    हिंदी का इतिहास भारत में 1000 साल पुराना है यह भारत के सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि...

सिमॉन का पापा By Lajpat Rai Garg

गाई द मोपासां की कहानी ‘सिमॉन’स पापा’ का हिन्दी अनुवाद बारह बजे थे। स्कूल का दरवाजा खुला और जल्दी से बाहर निकलने की फ़िराक़ में एक-दूसरे को  धकियाते बच्चे बा...

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कर्तव्य - 2 By Asha Saraswat

कर्तव्य (2) मैं जैसे ही अंदर गई भाभीजी ने मुझे गले लगा लिया और मेरी पहनी हुई फ्राक की खूब तारीफ़ की । मुझे भी अच्छा लगा और मैं उनसे बातें करने लगी ।भाभीजी— “गु...

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इन्तजार एक हद तक (महामारी) - 13 (महामारी) By RACHNA ROY

रमेश ने कहा अच्छा बाबू लाल तुम जाओगे तो?बाबूलाल ने कहा हां सहाब ।।फिर आफिस के बाद रमेश घर लौट आए और देखा कि सभी बच्चे एक साथ पढ़ाई कर रहे थे। ये देख रमेश बहुत खुश हो कर बोलें अरे व...

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मातृभाषा हिंदी By Anant Dhish Aman

हिंदी का इतिहास भारत में 1000 साल पुराना है यह भारत के सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि इसमें झलकती है हमारी कृती प्रकृति और संस्कृति। इस भाषा के द्वारा संस्कृत भाषा को जीवंत रखते आए हैं स...

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एक झोंका हवा का By Rama Sharma Manavi

उम्र के सातवें दशक का प्रारंभ, एकसार उबाऊ दिनचर्या, न उत्साह,न उमंग,बस जीवन गुजारा जाता है।जीना किसे कहते हैं काफ़ी पहले ही भूल जाते हैं हम जिंदगी की जद्दोजहद में।कुछ ऐसी ही हमार...

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और...

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चेहरे की किताब By Anant Dhish Aman

फेसबुक (चेहरे की किताब)चेहरे की किताब अक्सर धोखा खाया करती है ऐसा कहा करते है हमारे बड़े बुजुर्ग। चेहरे से किसी के चरित्र को नहीं देखा जा सकता है बात तो बिल्कुल सत प्रतिशत सत्य है।...

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हिंदी भाषा पर आधुनिकता के बढ़ते प्रभाव By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव ह्रदय में स्थित भाव एवं विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भाषा है। भाषा विचारों की सम वाहिका है । भाषा के अभाव में भाव मूक हो जाते हैं विचार वधिर और अभिव्यक्ति पंगु बन कर...

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वैज्ञानिक चेतना, भविष्‍य केा जानने की चिन्‍ताएं By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

लेख वैज्ञानिक चेतना , भविष्‍य केा जानने की चिन्‍ताएं डॉ स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना भविष्‍य के प्रति जिज्ञासा व चिन्‍ता...

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भाई की शादी और अवकाश By Anand M Mishra

कोरोना काल चल रहा था। रोज मरने-दफनाने-जलाने की ख़बरें आ रही थीं। चाँद पर अवस्थित एक विद्यालय में कार्यरत सुजय सर को अपने छोटे भाई की शादी में घर जाना था। उन्होंने अपना ट्रेन में अ...

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स्वीकृति - 8 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति अध्याय आठ सुष्मिता पार्सल को खोलती है तो पार्सल में नोटों के कुछ बंडल पड़े थे जिसे देखते ही उसके आंखों में विस्मय तथा संशय दोनों ही भाव एक साथ तैरने लगते हैं. एक साथ सैकड़...

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अरेंज मैरिज भी आसान नहीं By Rama Sharma Manavi

मैं आजकल अपने बड़े बेटे के विवाह के लिए प्रयासरत हूँ।मेरा बड़ा बेटा सरकारी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर अभी दो वर्ष पूर्व पोस्टेड हुआ है।अब मेरा बेटा है तो मुझे तो सर्वगुण स...

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तुम क्यों हार गई शिखा? By Ranjana Jaiswal

शिखा मेरे बचपन की सखी थी |कक्षा छह से बी. ए. तक हम एक साथ एक ही कालेज में पढ़े थे |कस्बे के एकमात्र कालेज में पढ़ने के लिए वह मिलों दूर अपने गाँव से आती थी |कस्बे में घर होने के कारण...

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विश्व का प्रथम विज्ञापन--- मध्यप्रदेश में By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मध्य प्रदेश भारतवर्ष का ह्रदय है। इसके आंचल में अनेक साम्राज्य उठे और गिरे है इसके पर्वतों के साए में विभिन्न जातियों ने अंगड़ाई ली है इस के अंतराल में साहित्य का मधुर रस पका है सं...

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अरे दौरियो बचाईयो By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

अरे दौरियो बचाईयो स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना अरे दौरियो बचाईयो। ओ पनबेसुर।। कक्‍कू का घर गिर गया था दो तीन दिन की घनघोर वर्षा का आ...

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अति की भली न चूप By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

"अति का भला न बोलना अति की भली न चूप"---- इसकी अर्धाली अति का भला न बोलना पर तो ऋषि, मुनि ,संत, महात्मा, दार्शनिक ,राजनेता ,समाज सुधारक सभी ने जोर दिया है। घर परिवार मित्र मंडली स...

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नदी नाव संयोग By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

समय परिवर्तनशील है। बदलते समय के साथ ही समाज की आवश्यकताएं मान्यताएं और विचारधाराएं भी परिवर्तित हो जाती है। जीवन की प्रत्येक वस्तु एवं परिस्थिति को मानव नए परिवेश के संदर्भ में दे...

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पति देवता By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

पति देवता डॉ0 स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना -‘पति तो देवता होता है,पति की ही बेज्‍जती स्‍वागत सत्‍कार तो गया चूल्‍हे...

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जोर जुलुम की टक्कर में.... By राज बोहरे

ट्रेन ठीक ग्यारह बजे आती थी । फटेहाल देहाती से दिखते मजबूत लोगों के एक जत्थे ने स्टेशन पर प्रवेश किया । इसके पांचेक मिनिट बाद दूसरा जत्था भीतर आया, फिर रेला सा लग गया । दस मिनिट...

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चेहरे पर चेहरा (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

"रात को ही आया हूँ।डॉॉॉक्ट साहिब हमे अंदर ले गए।जगदीश बोला,"क्या हुआ रिशते का? कीसन परेशान है।""घर पर फ़ोटो दिखाया था।सबको लड़की पसंद आ गयी।""तो फिर देर किस बात की है?""हां।म...

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हैप्पी बर्थडे टू मी By Rama Sharma Manavi

हर साल जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी आता है और चला जाता है।घर में शाम को कुछ स्पेशल यथा छोले- भटूरे,चीले, डोसे या इसी तरह कोई एक चीज बना लेती हूँ और पति कोई मिठाई ले आते हैं।वैसे काफ...

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Real Incidents - Incident 3: पुजारी By Anil Patel_Bunny

Incident 3: पुजारी आज से करीबन 2 साल पहले, हनुमान जी के मंदिर के बाहर आज भक्तों की लंबी कतार थी, आज हनुमान जयंती थी, और सभी छोटे बच्चों को आज बाल भोज (गुजरात में ‘बटुक भोजन’) क...

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मेरी मिट्टी मेरा खेत - ( भाग - 5 ) - अंतिम भाग By ARUANDHATEE GARG मीठी

जगमोहन की बात सुनकर सभी हतप्रभ थे । वहां खड़े कुछ गांव वालों ने , जगमोहन की बात का समर्थन किया । क्योकि गांवों में आज भी , लड़की की इज्जत और दहेज एक समान ही होते हैं । दोनों को खान...

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 6 - अंतिम भाग By ARUANDHATEE GARG मीठी

सुहाना का अब कॉलेज का फर्स्ट सेमेस्टर कंप्लीट हो चुका था और सेकंड सेमेस्टर रनिंग में था । नादिर तो अपनी बीमारी के चलते अपनी डेढ़ साल की पढ़ाई से वंचित ही रह गया । नादिर अब पूरी तरह...

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होता है प्यार जीवन मे एक बार By Kishanlal Sharma

"सरिता कभी तुम्हे अकेलेपन का एहसास नही होता?इतना बड़ा घर और तुम्हारी तन्हाई।कोई तो साथी होना चाहिए जिससे जिंदगी में बहार आ जाये।जीवन साथी होना चाहिए जिससे अपने सुख दुख की बाते कर सक...

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आधुनिक नारी उत्थान की इच्छा आखिर पतन क्यों? By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

हर युग का ज्ञान कला देती रहती हैहर युग की शोभा संस्कृति लेती रहती हैइन दोनों से भूषित बेशित और मंडितहर नारी प्रतिभा एक दिव्य कथा कहती है।कला और संस्कृति को अपने आंचल में संजोए प्रत...

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कैसी-कैसी पगडंडियां By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

कैसी-कैसी पगडंडियां स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना गरीबी एक क्रूर शिक्षक की तरह है, जो सिखाती तो है पर जितना सिखाती है उससे जयादा पिटाई करती है, पाठ अच्‍छी तरह याद करने पर शाबास...

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लड़खड़ाते कदम By Rama Sharma Manavi

युवा कदम अक्सर लड़खड़ा जाते हैं, अगर सही समय पर उन्हें न सम्हाला जाय तो वे विनाश के कगार पर पहुंच जाते हैं।इस उम्र में वे कई बार प्यार और आकर्षण में फ़र्क नहीं समझ पाते।यह कथित प्या...

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रक्षाबंधन.......बंधन का पर्व (व्यंग लेख) By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

हमारा भारतवर्ष अनेक त्योहारों का देश है। यहां वर्ष के प्रत्येक महीने में कोई न कोई त्यौहार या पर्व मनाया ही जाता है । होली दीपावली गणेश चतुर्थी रक्षाबधन कृष्ण जन्माष्टमी आदि अनेक प...

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संधिपत्र By Bhavna Shekhar

संधिपत्र----------खिड़की से आती हवा के झोंके दीवार पर टंगे कैलेंडर के पन्नों को फडफड़ा देते मानो उसे याद दिला रहे हों कि चार दिन हो गये हैं, आखिर कब तक सच्चाई को छुपा पायेगी वो। सा...

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महेश कटारे - छछिया भर छाछ By राज बोहरे

छछिया भर छाछ हर नुक्कड़ पर ठट्ठे थे। गो कि अलाव उसी अनुपात में कम हो चुके थे जिस अनुपात में बैलों से खेती। खेतों में बैलों की घंटियों से टुनटुन की जगह ट्रेक्टर की भटर-भटर है। हफ्त...

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फोकट की कमाई By Vijay Tiwari Kislay

कोरी बातों से पेट नहीं भरता। पेट की आग बुझाने के लिए हाथ पैर भी चलाने पड़ते हैं। हमें इसका भी भान होना चाहिए कि पैर पेट की ओर, पेट के लिए ही मुड़ते हैं। पर, दीन...

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एक सपना सुहाना By Rama Sharma Manavi

आज रीमा की आँख जरा देर से खुली,क्योंकि आजकल रात में नींद भी बड़ी देर से आती है।उसने चौंककर इधर- उधर देखा,नितेश दिखाई नहीं दे रहे थे,घड़ी नौ बजा रही थी।सुबह शरीर अत्यधिक भारी रहता...

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भोली By Mayank Saxena Honey

भोली "बधाई हो बाबूजी भोली बिटिया का ब्याह तय हो गया", नौकर रमेश ने ये कहते हुए आदर्श बाबू को उनकी बिटिया का रिश्ता पक्का होने की बधाई दी। आदर्श बाबू सुबह समाचार पत्र पढ़ते हुए हल्की...

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सिमॉन का पापा By Lajpat Rai Garg

गाई द मोपासां की कहानी ‘सिमॉन’स पापा’ का हिन्दी अनुवाद बारह बजे थे। स्कूल का दरवाजा खुला और जल्दी से बाहर निकलने की फ़िराक़ में एक-दूसरे को  धकियाते बच्चे बा...

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कर्तव्य - 2 By Asha Saraswat

कर्तव्य (2) मैं जैसे ही अंदर गई भाभीजी ने मुझे गले लगा लिया और मेरी पहनी हुई फ्राक की खूब तारीफ़ की । मुझे भी अच्छा लगा और मैं उनसे बातें करने लगी ।भाभीजी— “गु...

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इन्तजार एक हद तक (महामारी) - 13 (महामारी) By RACHNA ROY

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मातृभाषा हिंदी By Anant Dhish Aman

हिंदी का इतिहास भारत में 1000 साल पुराना है यह भारत के सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि इसमें झलकती है हमारी कृती प्रकृति और संस्कृति। इस भाषा के द्वारा संस्कृत भाषा को जीवंत रखते आए हैं स...

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एक झोंका हवा का By Rama Sharma Manavi

उम्र के सातवें दशक का प्रारंभ, एकसार उबाऊ दिनचर्या, न उत्साह,न उमंग,बस जीवन गुजारा जाता है।जीना किसे कहते हैं काफ़ी पहले ही भूल जाते हैं हम जिंदगी की जद्दोजहद में।कुछ ऐसी ही हमार...

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स्वतन्त्र सक्सेना की कहानियां - बद्री विशाल - 4 - अंतिम भाग By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

बद्री विशाल सबके हैं 4 कहानी स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना समीक्षा स्वतन्त्र सक्सेना एक परिपक्व और विचारशील रचनाकार हैं, वे निबन्ध लेखक और...

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चेहरे की किताब By Anant Dhish Aman

फेसबुक (चेहरे की किताब)चेहरे की किताब अक्सर धोखा खाया करती है ऐसा कहा करते है हमारे बड़े बुजुर्ग। चेहरे से किसी के चरित्र को नहीं देखा जा सकता है बात तो बिल्कुल सत प्रतिशत सत्य है।...

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हिंदी भाषा पर आधुनिकता के बढ़ते प्रभाव By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव ह्रदय में स्थित भाव एवं विचारों की अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम भाषा है। भाषा विचारों की सम वाहिका है । भाषा के अभाव में भाव मूक हो जाते हैं विचार वधिर और अभिव्यक्ति पंगु बन कर...

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वैज्ञानिक चेतना, भविष्‍य केा जानने की चिन्‍ताएं By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

लेख वैज्ञानिक चेतना , भविष्‍य केा जानने की चिन्‍ताएं डॉ स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना भविष्‍य के प्रति जिज्ञासा व चिन्‍ता...

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भाई की शादी और अवकाश By Anand M Mishra

कोरोना काल चल रहा था। रोज मरने-दफनाने-जलाने की ख़बरें आ रही थीं। चाँद पर अवस्थित एक विद्यालय में कार्यरत सुजय सर को अपने छोटे भाई की शादी में घर जाना था। उन्होंने अपना ट्रेन में अ...

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स्वीकृति - 8 By GAYATRI THAKUR

स्वीकृति अध्याय आठ सुष्मिता पार्सल को खोलती है तो पार्सल में नोटों के कुछ बंडल पड़े थे जिसे देखते ही उसके आंखों में विस्मय तथा संशय दोनों ही भाव एक साथ तैरने लगते हैं. एक साथ सैकड़...

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अरेंज मैरिज भी आसान नहीं By Rama Sharma Manavi

मैं आजकल अपने बड़े बेटे के विवाह के लिए प्रयासरत हूँ।मेरा बड़ा बेटा सरकारी बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर अभी दो वर्ष पूर्व पोस्टेड हुआ है।अब मेरा बेटा है तो मुझे तो सर्वगुण स...

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शिखा मेरे बचपन की सखी थी |कक्षा छह से बी. ए. तक हम एक साथ एक ही कालेज में पढ़े थे |कस्बे के एकमात्र कालेज में पढ़ने के लिए वह मिलों दूर अपने गाँव से आती थी |कस्बे में घर होने के कारण...

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विश्व का प्रथम विज्ञापन--- मध्यप्रदेश में By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मध्य प्रदेश भारतवर्ष का ह्रदय है। इसके आंचल में अनेक साम्राज्य उठे और गिरे है इसके पर्वतों के साए में विभिन्न जातियों ने अंगड़ाई ली है इस के अंतराल में साहित्य का मधुर रस पका है सं...

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अरे दौरियो बचाईयो By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

अरे दौरियो बचाईयो स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना अरे दौरियो बचाईयो। ओ पनबेसुर।। कक्‍कू का घर गिर गया था दो तीन दिन की घनघोर वर्षा का आ...

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अति की भली न चूप By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

"अति का भला न बोलना अति की भली न चूप"---- इसकी अर्धाली अति का भला न बोलना पर तो ऋषि, मुनि ,संत, महात्मा, दार्शनिक ,राजनेता ,समाज सुधारक सभी ने जोर दिया है। घर परिवार मित्र मंडली स...

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नदी नाव संयोग By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

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पति देवता By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

पति देवता डॉ0 स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना -‘पति तो देवता होता है,पति की ही बेज्‍जती स्‍वागत सत्‍कार तो गया चूल्‍हे...

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जोर जुलुम की टक्कर में.... By राज बोहरे

ट्रेन ठीक ग्यारह बजे आती थी । फटेहाल देहाती से दिखते मजबूत लोगों के एक जत्थे ने स्टेशन पर प्रवेश किया । इसके पांचेक मिनिट बाद दूसरा जत्था भीतर आया, फिर रेला सा लग गया । दस मिनिट...

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चेहरे पर चेहरा (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

"रात को ही आया हूँ।डॉॉॉक्ट साहिब हमे अंदर ले गए।जगदीश बोला,"क्या हुआ रिशते का? कीसन परेशान है।""घर पर फ़ोटो दिखाया था।सबको लड़की पसंद आ गयी।""तो फिर देर किस बात की है?""हां।म...

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हर साल जन्मदिन, मैरिज एनिवर्सरी आता है और चला जाता है।घर में शाम को कुछ स्पेशल यथा छोले- भटूरे,चीले, डोसे या इसी तरह कोई एक चीज बना लेती हूँ और पति कोई मिठाई ले आते हैं।वैसे काफ...

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मार्क्स - Season-1 - भाग - 6 - अंतिम भाग By ARUANDHATEE GARG मीठी

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कैसी-कैसी पगडंडियां By डॉ स्वतन्त्र कुमार सक्सैना

कैसी-कैसी पगडंडियां स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना गरीबी एक क्रूर शिक्षक की तरह है, जो सिखाती तो है पर जितना सिखाती है उससे जयादा पिटाई करती है, पाठ अच्‍छी तरह याद करने पर शाबास...

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लड़खड़ाते कदम By Rama Sharma Manavi

युवा कदम अक्सर लड़खड़ा जाते हैं, अगर सही समय पर उन्हें न सम्हाला जाय तो वे विनाश के कगार पर पहुंच जाते हैं।इस उम्र में वे कई बार प्यार और आकर्षण में फ़र्क नहीं समझ पाते।यह कथित प्या...

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संधिपत्र By Bhavna Shekhar

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महेश कटारे - छछिया भर छाछ By राज बोहरे

छछिया भर छाछ हर नुक्कड़ पर ठट्ठे थे। गो कि अलाव उसी अनुपात में कम हो चुके थे जिस अनुपात में बैलों से खेती। खेतों में बैलों की घंटियों से टुनटुन की जगह ट्रेक्टर की भटर-भटर है। हफ्त...

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फोकट की कमाई By Vijay Tiwari Kislay

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एक सपना सुहाना By Rama Sharma Manavi

आज रीमा की आँख जरा देर से खुली,क्योंकि आजकल रात में नींद भी बड़ी देर से आती है।उसने चौंककर इधर- उधर देखा,नितेश दिखाई नहीं दे रहे थे,घड़ी नौ बजा रही थी।सुबह शरीर अत्यधिक भारी रहता...

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भोली By Mayank Saxena Honey

भोली "बधाई हो बाबूजी भोली बिटिया का ब्याह तय हो गया", नौकर रमेश ने ये कहते हुए आदर्श बाबू को उनकी बिटिया का रिश्ता पक्का होने की बधाई दी। आदर्श बाबू सुबह समाचार पत्र पढ़ते हुए हल्की...

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