hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • ऑफ्टर कोरोना इफेक्ट्स

    आजकल मिताली अपने बेटे अनल को लेकर अत्यंत चिंतित रहने लगी है।वैसे अनल एक अत...

  • बेटी हुई है

    बेटी हुई है अभी नई नई शादी हुई ही थी कि शिव अपनी धर्मपत्नी आस्था से बिना भविष्य...

  • ज़हरीली शराब

    आज कमली काम पर वापस आ गई, कल शाम को ही फोन कर दिया था कि आँटी बर्तन मत धुलना,...

इंस्पेक्शन - 1 By Kishanlal Sharma

ट्रिन ट्रिनफोन की घटींं बजते ही पार्सल इनचार्ज मीणा ने फोन उठाया था।फोन उठाते ही आवाज सुनाइ पड़ी,"मैं मोरया।""यस सर्।"सीनियर डी सी एम की आवाज सुनते ही मीणा अपनी आवाज में...

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अमलतास के फूल - 14 By Neerja Hemendra

अनुकरणीय       दरवाजे की घंटी बजी। मैं समझ गयी कि वो होगी। वह प्रतिदिन ठीक इसी समय आती है। न कभी शीध्र न कभी विलम्ब। मैंने दरवाजा खोला। मेरा अनुमान हमेशा की भाँति सह...

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इन्तजार एक हद तक - 8 - (महामारी) By RACHNA ROY

रमेश बहुत घबराया हुआ था।सुबह होते ही जल्दी से तैयार हो कर रत्ना और रवि को भी तैयार होने को कहा।फिर नाश्ता करके सभी निकले और फिर चन्दू एक आटो रिक्शा लेकर आ गया और फिर सभी बैठ कर स...

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ऑफ्टर कोरोना इफेक्ट्स By Rama Sharma Manavi

आजकल मिताली अपने बेटे अनल को लेकर अत्यंत चिंतित रहने लगी है।वैसे अनल एक अत्यंत समझदार एवं जहीन युवक है, जिस कार्य को करने का ठान लेता है, उसे हर हाल में पूर्ण करने का माद्दा...

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बेटी हुई है By Mayank Saxena Honey

बेटी हुई है अभी नई नई शादी हुई ही थी कि शिव अपनी धर्मपत्नी आस्था से बिना भविष्य सोचे प्रणय मिलन कर बैठा जिससे आस्था का गर्भाधान हो गया। आस्था यूँ तो घरेलु, संस्कारी और गृहकार्यों म...

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जैसे को तैसा By राज कुमार कांदु

पंडित राम सनेही एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे। अवकाश प्राप्ति के बाद उन्होंने कस्बे के बाहर शहर को जोड़नेवाली मुख्य सड़क के किनारे दो बिस्वा जगह लेकर अपना एक छोटा सा घर बना लिया था। घर बन...

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महेश कटारे - पहरूआ By राज बोहरे

महेश कटारे -कहानी-पहरूआ गोधन की नींद टूटी तब रात आधी से उतरने लगी थी, क्योंकि सोते में जागते हुए उसे लगा था कि तीसरे पहर का पहरूआ अपने अंतिम हुंकारे भर रहा है। वैसे नींद टूटने से प...

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माहौल          By amit kumar mall

बहुत दौड़ भाग करने और सिफारिश लगाने के बाद भी शहर के इकलौते विश्वविद्यालय में प्रवेश नही मिला।उस समय सांध्य कॉलेज , सेल्फ फाइनेंस के कोर्स नही थे। ले देकर केवल एक विश्वविद्यालय...

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सामाजिक अस्वीकृत का भय प्रेम का बड़ा शत्रु । By विवेक वर्मा

प्रेम एक ऐसा विषय है जिसपर बहुत कुछ कहा और लिखा जा चुका है।अगर आप देखें तो पाएंगे की हर वक्ता,समाजसुधारक आदि अगर नैतिकता शांति जैसे विषयों पर भाषण देता हो तो वह प्रेम पर बोलता...

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शादी का निमंत्रण By Anand M Mishra

कोरोना काल का समय। फोन की घंटी बजी। देखा तो बोकारो में कार्यरत भाई का फोन था। उत्सुकता से फोन उठाया। उधर से काफी प्रसन्नता से भाई ने अपने सुपुत्र के जो कि टाटा स्टील, जमशेदपुर मे...

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ज़हरीली शराब By Rama Sharma Manavi

आज कमली काम पर वापस आ गई, कल शाम को ही फोन कर दिया था कि आँटी बर्तन मत धुलना, मैं कल सुबह से आना शुरू कर दूंगी।कल ही तेरहवीं थी उसके पति की।मैं थोड़ी हैरान तो थी,लेकिन उसकी सारी...

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सेफ्टी वाल्व By amit kumar mall

छोटी गोल, बड़ी गोल करते करते आठवीं पास होने तक , मैं गांव के प्राइमरी पाठशाला और जूनियर हाई स्कूल में पढ़ता रहा । प्राइमरी पाठशाला में पटिया , नरकट की कलम , दूधिया की दवात तथा किताब...

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अर्द्ध सत्य By Lajpat Rai Garg

दिसम्बर महीने के दूसरे पक्ष का प्रथम रविवार सुबह के ग्यारह बजे के लगभग का समय गुनगुनी मीठी-सी धूप ऐसी धूप का आनन्द लेने के लिए लॉन में बैठे सास-ससुर पार्वती और मनोज को नाश्ता करवान...

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फैसला By Rama Sharma Manavi

प्रमिला जी ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठकर गम्भीर मुद्रा में विचार मंथन में लगी हुई थीं।14 वर्षीय पोती अनु के कटु तीव्र वचनों ने उनके जख्मों को हरा कर दिया था,"दादी, आप यहां क...

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बच्चों की परवरिश By Anand M Mishra

कोरोना काल में बच्चों को संभालना भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के समान है। बच्चों को क्या चाहिए? प्यार-दुलार और खेलने की सुविधा। रोटी, कपड़ा और मकान तो सभी मनुष्यों को चाहिए। बाद वाली ब...

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कुरूप रानी By Anand Tripathi

एक राज्य में एक राजा राज किया करता था। उसके पास अपार जनशक्ति,धनशक्ति,और वैभव,और कई रनिया थी।एक दिन की बात है। राजा ने एक युद्ध में एक रानी को जीत के अपने महल में ले आया था। लेकिन व...

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चूल्हा ठंडा नहीं होता By Sunita Bishnolia

चूल्हा ठंडा नहीं होता-कहानी "रामनारायण बाजा बजाए… रामनारायण बाजा बजाए सब लोगों का दिल बहलाए" गाते हुए रामनारायण सोचता है "अच्छा है अपने परिवार से कोसों दूर रहने वाले मेरे सा...

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त्याग By amit kumar mall

बात कुछ दशक पुरानी है। जब नौकरी की तलाश में इलाहाबाद जाने वाला हर छात्र , यह मानता था कि वह कलेक्टर जरूर बनेगा और धर्मवीर भारती के गुनाहों के देवता की कर्म भूमि पर, उसे भी कोई लड़की...

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ज़िन्दगी सतरंग.. - 4 By Sarita Sharma

अम्मा जी और फ़ौजी अंकल अब बूढ़े हो चुके थे..ईर्ष्या,काम, क्रोध, लोभ, मोह.. इन सबसे कोसो दूर..हां क्रोध और मोह अभी बाकी था और बाकी था ढेर सारा बचपना भी...बच्चे जैसे दिमाग से नही सोचते...

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बुजुर्गों की परेशानी By Anand M Mishra

चंद्रमा पर राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय नामक संस्था चलती है। इस विद्यालय का चंद्रमा पर ‘जाल’ बिछा हुआ है। विद्यालय का जाल इतने सुदृढ़ तरीके से बिछा है कि सभी अध्यापकों में एक परिवार...

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सपने (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

नागेश के वीजा की अवधि समाप्त होते ही कम्पनी ने उसे कम से हटा दिया।वह कुछ ऐसे लोगो के सम्पर्क में आया जो वीजा खत्म हो जाने पर भी चोरी छिपे वहां काम कर रहे थे।नागेश भी काम की तलाध कर...

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अक्षम्य अपराध - 1 By Rama Sharma Manavi

प्रस्तर मूर्ति के समान स्थिर बैठी दिव्या निर्निमेष,सूनी अश्रुविहीन नेत्रों से सामने की दीवार देखे जा रही थी।सफेद चेहरे पर ठहरी हुई पुतलियां इंगित कर रही थीं कि वह जीवित तो है, प...

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सधी आंच By kavita jayant Srivastava

"कितनी बार कहा है कि, सुबह उठते ही मत बताया करो कि क्या दर्द है क्या तकलीफ है , सुबह सुबह ही शुरू हो गया तुम्हारा राग..'' वो गुस्से से भरा हुआ था "मैंने कहां बताया आपने खुद...

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पश्चाताप By Archana Singh

पुरुस्कृत कहानी "पश्चाताप" जिंदगी जो हमें सिखाती है शायद वह किसी पाठशाला में हमें सीखने को नहीं मिलती। वक्त जैसे बेलगाम घोड़े की रफ्तार की तरह भागत...

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टूटते रिश्ते By Jyoti Prajapati

"चलो....तुम कहती हो तो मैं तैयार हूँ तुम्हारी बात मानने के लिए !! तुम महिलाएं नही जी पाती हो अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से ! मायके में हमेशा घरवालो की मर्ज़ी से रहना पड़ता और शादी के बाद...

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अच्छी बेटी By नवीन एकाकी

बड़े ही मन से उसकी सहेलियों ने उसे दुल्हन के लाल जोड़े में सजाया था। बला की खूबसूरत नजर आ रही थी आज वो। अगर चाँद भी देख लेता तो शरम के मारे बादलो में अपना मुंह छुपा लेता। उसके गोरे ग...

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BOYS school WASHROOM - 19 By Akash Saxena "Ansh"

जैसे ही अवि और प्रज्ञा,विहान को गले लगाते हैँ…..तभी आसमान मे बिजली की तेज़ गड़गड़ाहट के साथ उनके घर की लाइट चली जाती है। तीनों बिजली की आवाज़ से डर जाते हैँ और प्रज्ञा घबराकर जल्दी से...

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स्वतन्त्र सक्सैना की कहानिया - 10 - पति देवता By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

पति देवता डॉ0 स्‍वतंत्र कुमार सक्‍सेना -‘पति तो देवता होता है,पति की ही बेज्‍जती स्‍वागत सत्‍कार तो गया चूल्‍ह...

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एक दूजे के लिए By Sunita Bishnolia

एक-दूजे के लिए "ओफ्फो! रश्मि तुम फिर सब्जी लेने नीचे चली गई कितनी बार मना किया है तुम्हें, पर तुम हो कि मानती ही नहीं।" "अरे! बाबा मैं मास्क लगाकर गई थी और मैं कौनसा द...

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हद है पिताजी By Rama Sharma Manavi

पवन जी एक 66 वर्षीय व्यक्ति हैं।वे शुरू से खाने-पीने के बेहद शौकीन हैं।दो तरह के लोग होते हैं, एक जो भोजन शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए ग्रहण करते हैं।दूसरे वे होते हैं जो सि...

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इंस्पेक्शन - 1 By Kishanlal Sharma

ट्रिन ट्रिनफोन की घटींं बजते ही पार्सल इनचार्ज मीणा ने फोन उठाया था।फोन उठाते ही आवाज सुनाइ पड़ी,"मैं मोरया।""यस सर्।"सीनियर डी सी एम की आवाज सुनते ही मीणा अपनी आवाज में...

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अमलतास के फूल - 14 By Neerja Hemendra

अनुकरणीय       दरवाजे की घंटी बजी। मैं समझ गयी कि वो होगी। वह प्रतिदिन ठीक इसी समय आती है। न कभी शीध्र न कभी विलम्ब। मैंने दरवाजा खोला। मेरा अनुमान हमेशा की भाँति सह...

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इन्तजार एक हद तक - 8 - (महामारी) By RACHNA ROY

रमेश बहुत घबराया हुआ था।सुबह होते ही जल्दी से तैयार हो कर रत्ना और रवि को भी तैयार होने को कहा।फिर नाश्ता करके सभी निकले और फिर चन्दू एक आटो रिक्शा लेकर आ गया और फिर सभी बैठ कर स...

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ऑफ्टर कोरोना इफेक्ट्स By Rama Sharma Manavi

आजकल मिताली अपने बेटे अनल को लेकर अत्यंत चिंतित रहने लगी है।वैसे अनल एक अत्यंत समझदार एवं जहीन युवक है, जिस कार्य को करने का ठान लेता है, उसे हर हाल में पूर्ण करने का माद्दा...

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बेटी हुई है By Mayank Saxena Honey

बेटी हुई है अभी नई नई शादी हुई ही थी कि शिव अपनी धर्मपत्नी आस्था से बिना भविष्य सोचे प्रणय मिलन कर बैठा जिससे आस्था का गर्भाधान हो गया। आस्था यूँ तो घरेलु, संस्कारी और गृहकार्यों म...

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जैसे को तैसा By राज कुमार कांदु

पंडित राम सनेही एक सेवानिवृत्त शिक्षक थे। अवकाश प्राप्ति के बाद उन्होंने कस्बे के बाहर शहर को जोड़नेवाली मुख्य सड़क के किनारे दो बिस्वा जगह लेकर अपना एक छोटा सा घर बना लिया था। घर बन...

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महेश कटारे - पहरूआ By राज बोहरे

महेश कटारे -कहानी-पहरूआ गोधन की नींद टूटी तब रात आधी से उतरने लगी थी, क्योंकि सोते में जागते हुए उसे लगा था कि तीसरे पहर का पहरूआ अपने अंतिम हुंकारे भर रहा है। वैसे नींद टूटने से प...

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माहौल          By amit kumar mall

बहुत दौड़ भाग करने और सिफारिश लगाने के बाद भी शहर के इकलौते विश्वविद्यालय में प्रवेश नही मिला।उस समय सांध्य कॉलेज , सेल्फ फाइनेंस के कोर्स नही थे। ले देकर केवल एक विश्वविद्यालय...

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सामाजिक अस्वीकृत का भय प्रेम का बड़ा शत्रु । By विवेक वर्मा

प्रेम एक ऐसा विषय है जिसपर बहुत कुछ कहा और लिखा जा चुका है।अगर आप देखें तो पाएंगे की हर वक्ता,समाजसुधारक आदि अगर नैतिकता शांति जैसे विषयों पर भाषण देता हो तो वह प्रेम पर बोलता...

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शादी का निमंत्रण By Anand M Mishra

कोरोना काल का समय। फोन की घंटी बजी। देखा तो बोकारो में कार्यरत भाई का फोन था। उत्सुकता से फोन उठाया। उधर से काफी प्रसन्नता से भाई ने अपने सुपुत्र के जो कि टाटा स्टील, जमशेदपुर मे...

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ज़हरीली शराब By Rama Sharma Manavi

आज कमली काम पर वापस आ गई, कल शाम को ही फोन कर दिया था कि आँटी बर्तन मत धुलना, मैं कल सुबह से आना शुरू कर दूंगी।कल ही तेरहवीं थी उसके पति की।मैं थोड़ी हैरान तो थी,लेकिन उसकी सारी...

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सेफ्टी वाल्व By amit kumar mall

छोटी गोल, बड़ी गोल करते करते आठवीं पास होने तक , मैं गांव के प्राइमरी पाठशाला और जूनियर हाई स्कूल में पढ़ता रहा । प्राइमरी पाठशाला में पटिया , नरकट की कलम , दूधिया की दवात तथा किताब...

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अर्द्ध सत्य By Lajpat Rai Garg

दिसम्बर महीने के दूसरे पक्ष का प्रथम रविवार सुबह के ग्यारह बजे के लगभग का समय गुनगुनी मीठी-सी धूप ऐसी धूप का आनन्द लेने के लिए लॉन में बैठे सास-ससुर पार्वती और मनोज को नाश्ता करवान...

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फैसला By Rama Sharma Manavi

प्रमिला जी ड्राइंग रूम में सोफे पर बैठकर गम्भीर मुद्रा में विचार मंथन में लगी हुई थीं।14 वर्षीय पोती अनु के कटु तीव्र वचनों ने उनके जख्मों को हरा कर दिया था,"दादी, आप यहां क...

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बच्चों की परवरिश By Anand M Mishra

कोरोना काल में बच्चों को संभालना भी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के समान है। बच्चों को क्या चाहिए? प्यार-दुलार और खेलने की सुविधा। रोटी, कपड़ा और मकान तो सभी मनुष्यों को चाहिए। बाद वाली ब...

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कुरूप रानी By Anand Tripathi

एक राज्य में एक राजा राज किया करता था। उसके पास अपार जनशक्ति,धनशक्ति,और वैभव,और कई रनिया थी।एक दिन की बात है। राजा ने एक युद्ध में एक रानी को जीत के अपने महल में ले आया था। लेकिन व...

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चूल्हा ठंडा नहीं होता By Sunita Bishnolia

चूल्हा ठंडा नहीं होता-कहानी "रामनारायण बाजा बजाए… रामनारायण बाजा बजाए सब लोगों का दिल बहलाए" गाते हुए रामनारायण सोचता है "अच्छा है अपने परिवार से कोसों दूर रहने वाले मेरे सा...

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त्याग By amit kumar mall

बात कुछ दशक पुरानी है। जब नौकरी की तलाश में इलाहाबाद जाने वाला हर छात्र , यह मानता था कि वह कलेक्टर जरूर बनेगा और धर्मवीर भारती के गुनाहों के देवता की कर्म भूमि पर, उसे भी कोई लड़की...

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ज़िन्दगी सतरंग.. - 4 By Sarita Sharma

अम्मा जी और फ़ौजी अंकल अब बूढ़े हो चुके थे..ईर्ष्या,काम, क्रोध, लोभ, मोह.. इन सबसे कोसो दूर..हां क्रोध और मोह अभी बाकी था और बाकी था ढेर सारा बचपना भी...बच्चे जैसे दिमाग से नही सोचते...

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बुजुर्गों की परेशानी By Anand M Mishra

चंद्रमा पर राष्ट्र्भूमि केंद्र विद्यालय नामक संस्था चलती है। इस विद्यालय का चंद्रमा पर ‘जाल’ बिछा हुआ है। विद्यालय का जाल इतने सुदृढ़ तरीके से बिछा है कि सभी अध्यापकों में एक परिवार...

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सपने (अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

नागेश के वीजा की अवधि समाप्त होते ही कम्पनी ने उसे कम से हटा दिया।वह कुछ ऐसे लोगो के सम्पर्क में आया जो वीजा खत्म हो जाने पर भी चोरी छिपे वहां काम कर रहे थे।नागेश भी काम की तलाध कर...

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प्रस्तर मूर्ति के समान स्थिर बैठी दिव्या निर्निमेष,सूनी अश्रुविहीन नेत्रों से सामने की दीवार देखे जा रही थी।सफेद चेहरे पर ठहरी हुई पुतलियां इंगित कर रही थीं कि वह जीवित तो है, प...

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सधी आंच By kavita jayant Srivastava

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पश्चाताप By Archana Singh

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टूटते रिश्ते By Jyoti Prajapati

"चलो....तुम कहती हो तो मैं तैयार हूँ तुम्हारी बात मानने के लिए !! तुम महिलाएं नही जी पाती हो अपनी ज़िंदगी अपने तरीके से ! मायके में हमेशा घरवालो की मर्ज़ी से रहना पड़ता और शादी के बाद...

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अच्छी बेटी By नवीन एकाकी

बड़े ही मन से उसकी सहेलियों ने उसे दुल्हन के लाल जोड़े में सजाया था। बला की खूबसूरत नजर आ रही थी आज वो। अगर चाँद भी देख लेता तो शरम के मारे बादलो में अपना मुंह छुपा लेता। उसके गोरे ग...

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BOYS school WASHROOM - 19 By Akash Saxena "Ansh"

जैसे ही अवि और प्रज्ञा,विहान को गले लगाते हैँ…..तभी आसमान मे बिजली की तेज़ गड़गड़ाहट के साथ उनके घर की लाइट चली जाती है। तीनों बिजली की आवाज़ से डर जाते हैँ और प्रज्ञा घबराकर जल्दी से...

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स्वतन्त्र सक्सैना की कहानिया - 10 - पति देवता By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

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एक दूजे के लिए By Sunita Bishnolia

एक-दूजे के लिए "ओफ्फो! रश्मि तुम फिर सब्जी लेने नीचे चली गई कितनी बार मना किया है तुम्हें, पर तुम हो कि मानती ही नहीं।" "अरे! बाबा मैं मास्क लगाकर गई थी और मैं कौनसा द...

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हद है पिताजी By Rama Sharma Manavi

पवन जी एक 66 वर्षीय व्यक्ति हैं।वे शुरू से खाने-पीने के बेहद शौकीन हैं।दो तरह के लोग होते हैं, एक जो भोजन शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए ग्रहण करते हैं।दूसरे वे होते हैं जो सि...

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