hindi Best Moral Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Moral Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • 30 शेड्स ऑफ बेला - 3

    30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 3 by Pratima Pandey प्...

  • यारबाज़ - 3

    यारबाज़ विक्रम सिंह (3) फिर राकेश ने श्याम से कहना शुरू किया," श्याम! नेता राहुल...

  • कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 8

    कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 8 यह बहुत पुरानी बात है। मॉम की शादी से पहले की। जब मे...

30 शेड्स ऑफ बेला - 3 By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 3 by Pratima Pandey प्रतिमा पांडेय मोह-माया और मन ‘मरना! कौन मरता है? पीछे रह जाने वाला या आगे के सफर पर निकल जाने वाला?’...

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यारबाज़ - 3 By Vikram Singh

यारबाज़ विक्रम सिंह (3) फिर राकेश ने श्याम से कहना शुरू किया," श्याम! नेता राहुल आया था। कह रहा था कि कुछ राजपूत लड़कों ने हमारे पार्टी के मोहन यादव भाई को घेर कर मारा है। उन्होंने...

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जय हिन्द की सेना - 3 By Mahendra Bhishma

जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म तीन पाँच दिसम्बर उन्नीस सौ इकहत्तर की यह कोहरे से ढँकी सुबह थी। भारतीय थल सेना के जाट रेजीमेंट की पूरी एक कम्पनी के एक सौ पचास सैनिक एक वर्ग किलोमीट...

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कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 8 By Neena Paul

कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 8 यह बहुत पुरानी बात है। मॉम की शादी से पहले की। जब मेरी मॉम का छोटा भाई पैदा हुआ था तब उनकी माँ को तीन महीने हस्पताल रहना पड़ा था। उनकी मॉम यानी मेरी नान...

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राम रचि राखा - 3 - 3 By Pratap Narayan Singh

राम रचि राखा तूफान (३) सुबह आठ-साढ़े आठ बजे तक सबलोग मोटरबोट में आ गए। नाव चल पड़ी। नदी की चौड़े पाठ के दोनों ओर जंगल ही जंगल दिखाई देने लगे। ये जंगल ही बाघों के निवास स्थान थे। सबके...

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केसरिया बालम - 20 By Hansa Deep

केसरिया बालम डॉ. हंसा दीप 20 और दौड़ती दुनिया थम गयी समूचा विश्व तेज गति दौड़ रहा था, बेतहाशा। इंसान आज यहाँ तो कल वहाँ। हज़ारों मीलों की यात्रा करते उसके पैर जमीन पर टिक नहीं रहे...

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आधी दुनिया का पूरा सच - 27 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 27. बातें करते-करते टिकट-घर पर पहुँचकर चन्दू और नन्दू रानी से बोले - "अब तू यहाँ आराम कर ! सवेरे हम लोग आकर तेरी चाय की दुकान शुरू करवा देंगे !" रान...

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मेरा स्वर्णिम बंगाल - 4 By Mallika Mukherjee

मेरा स्वर्णिम बंगाल संस्मरण (अतीत और इतिहास की अंतर्यात्रा) मल्लिका मुखर्जी (4) फोन पर जब मैंने श्यामल भैया को मोईनपुर के बारे मे पूछा, वे ख़ुशी से उछल पड़े। उनकी आवाज़ में उनकी ख़ुशी...

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चाँद के पार एक चाबी - 5 By Avadhesh Preet

चांद के पार एक कहानी अवधेश प्रीत 5 पिन्टू के पास कुल जमा-पूंजी सौ का यही नोट था और इसे वह दिगंबर मिश्रा को दे दे, ऐसा सोचना ही कष्टकर था। तब? कहां से लाये वह सौ रुपए? ठीक इसी वक्त...

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बारिश, धुआं और दोस्त By Priyadarshan Parag

बारिश, धुआं और दोस्त प्रियदर्शन वह कांप रही है। बारिश की बूंदें उसके छोटे से ललाट पर चमक रही हैं। ‍`सोचा नहीं था कि बारिश इतनी तेज होगी और हवाएं इतनी ठंडी।‍` उसकी आवाज़ में बारिश...

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! - 10 By Pragati Gupta

पूर्ण-विराम से पहले....!!! 10. प्रणय का अक्सर ही फोन आता रहता था| जब उसको पता लगा कि मां को सांस लेने और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी है| उसने वापस बीस दिन का प्रोग्राम बनाया| जि...

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गवाक्ष - 16 By Pranava Bharti

गवाक्ष 16== "अच्छा ! संगीत व नृत्य-कला के पीछे भी कोई कहानी है क्या?"कॉस्मॉस अब निश्चिन्त हो गया था, उसे सत्यनिधि से वार्तालाप करने में आनंद आ रहा था उसे । " हाँ, है तो परन...

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उर्वशी - 19 By Jyotsana Kapil

उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 19 थोड़ी देर बाद उसने मम्मी को फोन लगाया यह सूचना दी। यह सुनकर सब भौंचक्के रह गए। कुछ पल उन्हें समझ ही न आया कि क्या करें। फिर तय हुआ कि मम्मी पापा दोनो,...

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जननम - 15 By S Bhagyam Sharma

जननम अध्याय 15 वह अचानक रुक गया। पीपल का पेड़ दिखा। बहुत विशाल पेड़-उसके बाद बड़े बोर्ड पर मुंसिपल स्कूल का नाम दिखाई दिया। पीपल के पेड़ के नीचे इधर देखते हुए कौन खड़ी है ? उमा ! उस...

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किशोरीलाल की खाँसी By Deepak sharma

किशोरीलाल की खाँसी किशोरीलाल की खाँसी का प्रारम्भ व अन्त अजीब व विवादास्पद रहा| जिस दिन उसकी पत्नी के तपेदिक का इलाज शुरू किया गया, उसी दिन से किशोरीलाल को उसकी खाँसी ने जो पकड़ा सो...

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आधा आदमी - 31 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-31 ‘‘मैंने सबके पीछे अपनी जिंदगी खराब कर ली। पर मुझे कोई समझ नहीं पाया। क्या नहीं किया अपने घरवालों के लिए। देखों कोई अब झांकने तक नहीं आता कि मैं जिंदा भी हूँ या...

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हार गया फौजी बेटा - 4 By Pradeep Shrivastava

हार गया फौजी बेटा - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 4 बूढ़ी आंतें भूख से ऐंठने लगीं, जब सहन शक्ति जवाब दे गई और उठने की भी शक्ति न रही तब बेशर्मों की तरह बड़ी बहू को आवाज़ दी। कई बार आवाज देने...

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और उस दिन By Mamta shukla

घटना या हादसे कभी किसी खास को नहीं चुनते,वो एकदम से साधारण दिखने वाले हम और आप जैसे चेहरों को,अपना बना लेते हैं।हर रोज सालों से,अब जब खुद को तो याद नहीं कि पहला कदम कब चला था,तब स...

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पिघलती बर्फ By Hansa Deep

कहानी पिघलती बर्फ डॉ. हंसा दीप आज एक बार फिर कुछ टूटा है भीतर और इतनी जोर से टूटा है कि धमाके के अलावा सब कुछ शांत है। ऐसी शांति जिसमें आदमी खो जाता है हम...

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पुर्जा-पुर्जा मन By Pranava Bharti

पुर्जा-पुर्जा मन ------------------ ये कोई नयी बात नहीं है ,न उसके और न किसी और के लिए । मन तो मन ही होता है चाहे वह किसी का भी क्यों न हो। वह प्रफुल्लित होता है,दुखी होता है,टूटता...

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वो होती तो... By Vandana Gupta

वो होती तो... स्त्री, शब्द ही काफी है खुद को व्यक्त करने को, पीड़ा और सहनशीलता की मिसाल सामने आ जाती है और हम ढूंढने लगते हैं उसमे असीम सम्भावनाएं बिना जाने वो क्या चाहती है ? उसकी...

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समंदर और सफेद गुलाब - 3 - 3 - अंतिम भाग By Ajay Sharma

समंदर और सफेद गुलाब 3 धीरे-धीरे आश्रम में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही थी और मेरी उलझन उससे भी ज्यादा बढ़ गई। मैं आश्रम में शांति का दूत माना जाता था लेकिन मेरा मन अशांत समंदर...

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होने से न होने तक - 51 - अंतिम भाग By Sumati Saxena Lal

होने से न होने तक 51. ‘‘कालेज से तुम्हारे अलावा कोई गया या नहीं?’’ ‘‘हॉ कुछ लोग गये थे। आफिस से कुछ लोग क्रिमेशन ग्राउण्ड भी गए थे। शाम को भी कुछ टीचर्स पहुची थीं। रोहिणी दी और मिस...

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वो बेचारा सा बड़ा आदमी .... By व्योमेश

व्योमवार्ता/ कहानी, वो बेचारा सा बड़ा आदमी................ * व्योमेश चित्रवंश...

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पिंडदान By Ratna Raidani

सुबह के रोज़मर्रा के कार्यों के बाद जैसे ही फुर्सत मिली और मैंने अपने मोबाइल फ़ोन पर नज़र घुमाई तो पाया कि तीन चार मिस्ड कॉल्स और व्हाट्सएप्प पर कई मैसेजेस थे। एक ही मैसेज को कई लोगों...

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घर चले गंगाजी? By Priyadarshan Parag

घर चले गंगाजी? प्रियदर्शन गंगा जी बेहद मामूली आदमी हैं- इतने मामूली कि उनकी कहानी नहीं बन सकती। इसके बावजूद मैं उनकी कहानी लिखने बैठा हूं। क्या यह मेरा दुस्साहस है? एक लेखक के भीतर...

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एक और परी-वृतान्त By Deepak sharma

एक और परी-वृतान्त अपने पिता और निम्मो आंटी की इस पच्चीसवीं वर्षगाँठ पर हम जुड़वाँ बहनों को अनायास ही एक पुरानी लोकोक्ति ही याद आ जाती है, 'किसी भी मेंढक को देखकर आप अनुमान नहीं...

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अफवाहों के शिकार मासूम - अफवाह By रनजीत कुमार तिवारी

प्रिय पाठकों मेरा सादर प्रणाम मैं रनजीत तिवारी आप सबके बीच ऐसी घटनाओं का वर्णन करने वाला हूं। जिससे आपकी यादों में ताजगी आएगी और आप उस दिन को याद करके हंसने लगेगें या फिर अपने समाज...

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ये कैसा इश्क By Prahlad Pk Verma

ये कहानी है राधिका की है जो एक लड़के से एक एप्प के माध्यम से प्यार करने लग जाती हैं जब राधिका को पता चलता है कि वो लड़का शादीशुदा हैं तो वो कुछ दिनों तक डिप्रेशन में रहती है और ये...

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30 शेड्स ऑफ बेला - 3 By Jayanti Ranganathan

30 शेड्स ऑफ बेला (30 दिन, तीस लेखक और एक उपन्यास) Episode 3 by Pratima Pandey प्रतिमा पांडेय मोह-माया और मन ‘मरना! कौन मरता है? पीछे रह जाने वाला या आगे के सफर पर निकल जाने वाला?’...

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यारबाज़ - 3 By Vikram Singh

यारबाज़ विक्रम सिंह (3) फिर राकेश ने श्याम से कहना शुरू किया," श्याम! नेता राहुल आया था। कह रहा था कि कुछ राजपूत लड़कों ने हमारे पार्टी के मोहन यादव भाई को घेर कर मारा है। उन्होंने...

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जय हिन्द की सेना - 3 By Mahendra Bhishma

जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म तीन पाँच दिसम्बर उन्नीस सौ इकहत्तर की यह कोहरे से ढँकी सुबह थी। भारतीय थल सेना के जाट रेजीमेंट की पूरी एक कम्पनी के एक सौ पचास सैनिक एक वर्ग किलोमीट...

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कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर - 8 By Neena Paul

कुछ गाँव गाँव कुछ शहर शहर 8 यह बहुत पुरानी बात है। मॉम की शादी से पहले की। जब मेरी मॉम का छोटा भाई पैदा हुआ था तब उनकी माँ को तीन महीने हस्पताल रहना पड़ा था। उनकी मॉम यानी मेरी नान...

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राम रचि राखा - 3 - 3 By Pratap Narayan Singh

राम रचि राखा तूफान (३) सुबह आठ-साढ़े आठ बजे तक सबलोग मोटरबोट में आ गए। नाव चल पड़ी। नदी की चौड़े पाठ के दोनों ओर जंगल ही जंगल दिखाई देने लगे। ये जंगल ही बाघों के निवास स्थान थे। सबके...

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केसरिया बालम - 20 By Hansa Deep

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आधी दुनिया का पूरा सच - 27 By Dr kavita Tyagi

आधी दुनिया का पूरा सच (उपन्यास) 27. बातें करते-करते टिकट-घर पर पहुँचकर चन्दू और नन्दू रानी से बोले - "अब तू यहाँ आराम कर ! सवेरे हम लोग आकर तेरी चाय की दुकान शुरू करवा देंगे !" रान...

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मेरा स्वर्णिम बंगाल - 4 By Mallika Mukherjee

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पूर्ण-विराम से पहले....!!! 10. प्रणय का अक्सर ही फोन आता रहता था| जब उसको पता लगा कि मां को सांस लेने और चलने-फिरने में दिक्कत होने लगी है| उसने वापस बीस दिन का प्रोग्राम बनाया| जि...

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गवाक्ष - 16 By Pranava Bharti

गवाक्ष 16== "अच्छा ! संगीत व नृत्य-कला के पीछे भी कोई कहानी है क्या?"कॉस्मॉस अब निश्चिन्त हो गया था, उसे सत्यनिधि से वार्तालाप करने में आनंद आ रहा था उसे । " हाँ, है तो परन...

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उर्वशी - 19 By Jyotsana Kapil

उर्वशी ज्योत्स्ना ‘ कपिल ‘ 19 थोड़ी देर बाद उसने मम्मी को फोन लगाया यह सूचना दी। यह सुनकर सब भौंचक्के रह गए। कुछ पल उन्हें समझ ही न आया कि क्या करें। फिर तय हुआ कि मम्मी पापा दोनो,...

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जननम - 15 By S Bhagyam Sharma

जननम अध्याय 15 वह अचानक रुक गया। पीपल का पेड़ दिखा। बहुत विशाल पेड़-उसके बाद बड़े बोर्ड पर मुंसिपल स्कूल का नाम दिखाई दिया। पीपल के पेड़ के नीचे इधर देखते हुए कौन खड़ी है ? उमा ! उस...

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किशोरीलाल की खाँसी By Deepak sharma

किशोरीलाल की खाँसी किशोरीलाल की खाँसी का प्रारम्भ व अन्त अजीब व विवादास्पद रहा| जिस दिन उसकी पत्नी के तपेदिक का इलाज शुरू किया गया, उसी दिन से किशोरीलाल को उसकी खाँसी ने जो पकड़ा सो...

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आधा आदमी - 31 By Rajesh Malik

आधा आदमी अध्‍याय-31 ‘‘मैंने सबके पीछे अपनी जिंदगी खराब कर ली। पर मुझे कोई समझ नहीं पाया। क्या नहीं किया अपने घरवालों के लिए। देखों कोई अब झांकने तक नहीं आता कि मैं जिंदा भी हूँ या...

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हार गया फौजी बेटा - 4 By Pradeep Shrivastava

हार गया फौजी बेटा - प्रदीप श्रीवास्तव भाग 4 बूढ़ी आंतें भूख से ऐंठने लगीं, जब सहन शक्ति जवाब दे गई और उठने की भी शक्ति न रही तब बेशर्मों की तरह बड़ी बहू को आवाज़ दी। कई बार आवाज देने...

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और उस दिन By Mamta shukla

घटना या हादसे कभी किसी खास को नहीं चुनते,वो एकदम से साधारण दिखने वाले हम और आप जैसे चेहरों को,अपना बना लेते हैं।हर रोज सालों से,अब जब खुद को तो याद नहीं कि पहला कदम कब चला था,तब स...

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वो होती तो... By Vandana Gupta

वो होती तो... स्त्री, शब्द ही काफी है खुद को व्यक्त करने को, पीड़ा और सहनशीलता की मिसाल सामने आ जाती है और हम ढूंढने लगते हैं उसमे असीम सम्भावनाएं बिना जाने वो क्या चाहती है ? उसकी...

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समंदर और सफेद गुलाब - 3 - 3 - अंतिम भाग By Ajay Sharma

समंदर और सफेद गुलाब 3 धीरे-धीरे आश्रम में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही थी और मेरी उलझन उससे भी ज्यादा बढ़ गई। मैं आश्रम में शांति का दूत माना जाता था लेकिन मेरा मन अशांत समंदर...

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वो बेचारा सा बड़ा आदमी .... By व्योमेश

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एक और परी-वृतान्त By Deepak sharma

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अफवाहों के शिकार मासूम - अफवाह By रनजीत कुमार तिवारी

प्रिय पाठकों मेरा सादर प्रणाम मैं रनजीत तिवारी आप सबके बीच ऐसी घटनाओं का वर्णन करने वाला हूं। जिससे आपकी यादों में ताजगी आएगी और आप उस दिन को याद करके हंसने लगेगें या फिर अपने समाज...

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