hindi Best Philosophy Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Philosophy in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and culture...Read More


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अवसान की बेला में - भाग १ By Rajesh Maheshwari

अवसान की बेला में लेखक एवं संग्रहक:- राजेष माहेष्वरी श्रद्धांजली विचारों के संकलन, संपादन एवं प्रकाषन हेतु उन्हें प्रस्तुत करने में लगे समय समयन्तरा...

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स्वतंत्रनिर्भरता का महत्व By Rudra S. Sharma

"स्वतंत्रनिर्भरता का महत्व"आत्मा को परमात्मा से मिलन कर, परम् यानी सर्वश्रेष्ठ आत्मा बनने के लियें स्वयं के ही तंत्र पर निर्भर होकर आत्म निर्भर स्वतंत्र बनना अनिवार्य हैं।वह आत्मा...

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मुँह को बंद रखना, मौन अब जरुरी है By Kamal Bhansali

शीर्षक: मुँह को बंद रखना, मौन अब जरुरी है जीवन के क्षेत्र में मौन” और “खामोशी” दो शब्द ऐसे है, जिनका मतलब प्रायः एक जैसा होते हुए भी हटकर लगते है। खामोशी जहां वीराना और तन्हाई का र...

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उपलब्धि By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मनोविज्ञान के अनुसार मानव का जीवन मन द्वारा ही संचालित होता है । मन की शक्ति द्वारा ही हमारी समस्त इंद्रियां सक्रिय होती हैं इसीलिए मन को इंद्रियों का राजा कहा जाता है कहा जाता है...

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मित्रता (दोस्ती) , दुश्मनी और झगड़ा By Rajesh Sheth

मित्रता (दोस्ती)१. दैनिक जीवन में, व्यवहार करते समय, हम बहुत से व्यक्तियों के संपर्क में आते हैं। यह संपर्क शायद हर रोज होता है या कभी कभी और यह पहली बार और आखिरी बार। २. इस संपर्...

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COMMITMENT - Self Development Topics By Rajesh Sheth

COMMITMENTSelf development topics based on Humanist themes of peace and non violence of the community for human developmentIntroductionEveryone knows about the commitment of Mahatm...

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नाक कट जाएगी By Mayank Saxena Honey

हम भारतीयों की नाक हर क्षण कट कर पुनरुदभव हो जाती है ठीक वैसे ही जैसे किसी छिपकली की पूंछ। आखिर कटे भी क्यों न, विश्व में हमारा मान ही इतना है। लेकिन गर्द तो हमें अपने समाज का है।...

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देखो... By Pinalbaraiya

इस दुनिया को देखो गौर से देखो.. बस देखते ही रहो...ओर कुछ करने की जरूरत ही नहीं है..तुम देखोगे तो जानोगे ओर जानोगे तो मानोगे ओर मानोगे तो तुम स्वयं अपनेआप जागोगे। बस तुम जागोगे तो त...

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आर्ट ऑफ वर्किंग By Chandrakant Pawar

आर्ट ऑफ वर्किंग श्रम शक्ति को बनाने की युक्ति प्रदान करता है ।जो मनुष्य को सामाजिक गरीमा का सम्मान करने के लिए होती है। स्वयं के दर्शन का प्रसाद श्रमोलित है। वास्तव में पूरी दुनिया...

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जिंदगी के पहलू - 5 - सही मानसिकता का निर्माण By Kamal Bhansali

आज जीवन गहन संकट काल से गुजर रहा है, मानव विक्षोभ के अंतर्गत बहुत प्रकार के तनाव का सामना कर रहा है। यह तो पूरा विश्व जहाँ एक तरफ करोना जैसी कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो रहा...

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खुदगर्ज नहीं खुद्दार जरुर बनिये By Kamal Bhansali

आधुनिक युग जिसमें, हम अपनी जिंदगी का सफर कर रहे वो समय, कभी, हमें इस अहसास की अनुभूति कहीं न कहीं करा ही देता है कि कहीं हमारा, इस युग का जीवन सफर, हमें आनन्दमय और सुखी होने से वंच...

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प्रेम और वासना - भाग 4 By Kamal Bhansali

दोस्तों, हमने प्रेम के रिश्तों के सन्दर्भ में कुछ पारिवारिक-रिश्तों की चर्चा की, परन्तु कुछ रिश्तें जो आज के जीवन में काफी उभर कर, पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों पर भारी पड़ रहे है, उ...

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आखिर क्यों ? By Neelima Sharrma Nivia

ज़िंदगी में कुछ तारीखें ऐसी होती हैं जिन्हें याद करके दिल उदास ओर उद्वेलित हो जाता है । आज यानी 14 जून को टीवी और फिल्मों के मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को गुज़रे एक साल हो गया...

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कपूत बेटा By राज बोहरे

दफ्तर में सबसे बड़ी चिकचिक हुई थी इसलिए सर बिना रहा था । वह दफ्तर से बाहर निकल कर सड़क पर यूं ही खड़ा हो गया था। रिस्ट वॉच पर निगाह डाली तो पता लगा कि शाम हो चुकी है । झल्लाते हुए...

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देह अगन की लपट By राजनारायण बोहरे

देह की अगनलेखक शिव शम्भू बाबू ने अपनी चालीस साल पुरानी डायरी में से जो कथा मुझे पढ़ाई है वह मैं सीधा ही पाठकों को पढ़ाता हूँ।होली पर सब रंग में सराबोर थे लेकिन मैंने देखा कि सुखराम क...

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छींक By Lalit Rathod

छींक का आना दिन की सुखद घटना लगती है। हमेशा से छींक आने के बाद भीतर राहत महसूस करता हूं। तब इच्छा हाेती है कि छींक फिर आए। जादूगर के दूसरी बार जादू दिखाने की तरह। बचपन में जब अचानक...

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सपना By praveen singh

सपना,हर इंसान एक छोटी उम्र से ही कोई ना कोई सपना देखकर ही बड़ा होता है, किसी को क्रिकेटर, किसी को एक्टर, सिंगर, डांसर, और भी कई चीजें होती है जो हर इंसान में अलग अलग तरह से होती है...

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वो लड़का By Yogesh Kanava

वो लड़का आज फिर से दीपेश बाॅस की डाँट खाकर आया। वो बिल्कुल उखड़ा हुआ था। रोज-रोज की डाँट खाने से तो अच्छा है मैं ही कुछ कर लूँ, ना घर में चैन ना दफ्तर में सुकून..........वो बस बड़...

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छात्र-छात्राओं द्वारा आत्मघाती कदम By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

आलेख छात्र-छात्राओं द्वारा आत्मघाती कदम उठाने के कारण तथा रोकने (समाधान) के उपाय। वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’...

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हार-जीत को प्रतिष्ठा का तमगा ना पहनाएं By मंजरी शर्मा

आज महक के स्कूल में फैंसी ड्रेस कम्पटीशन था, बच्चे से लेकर हर अभिभावक ने खूब मेहनत की थी. कोई सब्ज़ी बना था तो कोई जानवर. नर्सरी में पड़ने वाली प्यारी सी महक को उसकी मम्मी ने स्मार्ट...

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डायरी का एक पन्ना By Neelima Sharrma Nivia

हाथ मे पेंटिंग ब्रश लिए 15 साल पुरानी पेंटिंग के बदरंग हो चुके फ्रेम को गोल्डन करते हुए उसने सोचा ...काश कोई उसको भी इसी तरह सुनहरा रंग से रंग दे । साँझ बीत चुकी थी ।मजदूर भी...

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अनकहे लफ्ज़ By Neelima Sharrma Nivia

लफ्ज़ कभी बोलते नही उनमें छिपे ज़ज़्बात बोलते है ते रे भी में रे भी यह अहसास कैसे कैसे होते है न ,कोई सुबह कितनी शीतल सी लगती है ,मेट्रो की तरफ जाती सड़क पर ट्रैफिक शुरू हो गया है ।...

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पत्थर दिल आदमी By राज बोहरे

उजासवह अंततः आज ऑपरेशन-टेबल पर आ पहुँचा था, दिल संबंधी बीमारियों के वार्ड में वह हजारों-हजार, शंका-कुशंकाओं से भरा चुपचाप लेटा था। सर्जन की प्रतीक्षा हो रही थी। अलबत्ता उसके घर के...

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पेरेंटिंग By Dr Sonika Sharma

ज़िन्दगी में हर इंसान को अपने अनुभव को हमेशा दूसरे से बाँटना चाहिए क्योंकि आप अपने जीवन में होने वाले अच्छे-बुरे अनुभवों से ही सीखते है और जब हम अपने अनुभवों को एक दूसरे से बताएंगे...

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राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा By DrAnamika

आज मैं आपके सामने राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा पर कुछ कहना चाहती हूं भाषा एक ऐसी श्रृंखला है जिसके द्वारा हम एक राज्य से दूसरे राज्य तक अपनी सीमा और विस्तार बढ़ा सकते हैं सीमा विस्ता...

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हकीकत की हकीकत - 3 By Akshay jain

कहा जाता है! कि इंसान गलतियों का पुतला होता है। और यदि कोई गलती नहीं करेगा तो सभी भगवान नहीं बन जायेगें। अतः हर किसी से गलती होना तो स्वाभाविक है। हर कोई जीवन म...

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डॉक्टरों की हड़ताल By राजनारायण बोहरे

हड़ताल टीकू के सीने दर्द लगातार बढ़ता ही जा रहा था। दर्द से आँखे मींचे हुए वह दुहरा जा रहा था और बीच-बीच में उठकर मम्मी को देख लेता था, इधर-उधर। फिर निराश होकर पुनः लेट जाता था। द...

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फांस By Poonam Singh

" फाँस " ----------"पिछले साल फसल अच्छी हुई थी तो फुस के घर की जगह पक्का घर बनवाय दिहे रहे और तुम्हरे लिए एक ठो टीवी भी खरीद दिहे रहे।" पति ने पत्नी की ओर मुस्कुराकर कहा ," उ सनिमा...

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एक ख़ून माफ़ By Ranjana Jaiswal

मैं समझ नहीं पा रही थी कि संचय को हो क्या गया है,वह मेरे सामने दूसरे युवा,सुंदर पुरूषों की प्रशंसा क्यों करता रहता है?क्या उसको अपनी कमियों का अहसास है?पर मैंने तो कभी उसके रूप -रं...

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आत्महत्या By Priya Saini

जब तुम अँधेरे से घिरे हुए हो और कहीं से एक रोशनी नज़र आये। तुम उस रोशनी का पीछा करते हुए आगे बढ़ो और पास जाकर पता चले ये तो रोशनी थी नहीं वहम था तुम्हारा, कैसा प्रतीत होगा उस वक़्त? श...

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एकमेडिटेशन - 3 By VANDANA VANI SINGH

इन दिनों जब से प्रयोग लिखना शुरू किया है मुझे भी बड़ी ख़ुशी मिल रही है। एसा लगता है कुछ है जो मुझे आप से जोड़ रहा कहानी लिखी है पहले भी लेकिन इसमें अपने अनुभव बया करने का अवसर इक अ...

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बंसी By Poonam Singh

"बंसी" "कृष्णा,,,!! कृष्णा......!!ओ....कृष्णा, कहाँ गया।" माँ के बारम्बार पुकारने पर भी कृष्णा कहीं नज़र नहीं आया। "पता नहीं ये लड़का कहाँ चला जाता है बिना बताए...?" माँ बुदब...

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वह एक दिन By Lovelesh Dutt

वह एक दिन--लवलेश दत्त‘उफ! यह तो बहुत मुसीबत हो गयी’, अखबार की हेडलाइन ‘देश में इक्कीस दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन’ पर नज़र पढ़ते ही शर्मा जी के मुँह से निकला, ‘इस महामारी ने तो जीन...

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सुसाइड क्यूं By shilpi krishna

#सुसाइड क्यूं ???* क्यूं हमें जिंदगी से प्यारी मौत लगने लगती है ?*क्यूं हमें सुसाइड करने से पहले किसी का मोह नहीं रहता ?*क्या सुसाइड करने से सारी समस्या हल हो जाती है ?*सुसाइड करन...

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क्रिप्टो करेंसी सही या गलत । By H M Writter0

इस दुनिया में जीवन यापन करने के लिए व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करना होता है, अपनी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लोग एक दूसरे से लेनदेन करते हैं यह लेनदेन एक मुद्रा के रू...

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जिंदगी By Venu G Nair

लोग कहते हे " जिंदगी एक सफर है "। लेकिन ऐ नहीं पता यह कब शुरू होता है और कब खतम। हर इंसान अपनी जिंदगी अलग अलग जगह से, अलग अलग समय पर शुरू करता है । इस जीवित यात्रा में...

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मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं। By Amit Singh

"मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं "कहते हैं कि ये दुनिया उम्मीदों पर टिकी है | लेकिन इस उम्मीद की बुनियाद किस पर टिकी है ? वह तहखाना कहाँ है, जहाँ उ...

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आलोचक जात By Sonu Kasana

आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही बहुत कुछ सुन रखा होगा और कुछ ना कुछ समझ भी रखा होगा और निश्चित रूप से आपके लिए आलोचक के मायने मेरे विचारों एवं माइनों से अलग हो सकते हैं आलोचक शब्...

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परिचय - मेरे साथ चाणक्य निती By Nimish Pansuriya

"चाणक्य नीति " , जब यह पुस्तक लोगों के सामने आती है तब अधिक प्रमाण में लोग इस पुस्तक को एक राजनीतिक मुद्दे की समान स्वीकार करते है। यह प्रक्रिया इनके निर्माता की पहचा...

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किर_दार 2 By sk hajee

हम किर_दार के माध्यमसेहमारे बिच रहने वाली सोच को उजागर करने का प्रयास कर रहे है । बार-बार बदलने वाली इन्सानी फ़ितरत, लालच ...

जरूर देखें और लाइक, कंमेट, शेयर जरूर करे ।

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कैसा हक ? By Sonu Kasana

बीरबल के 2 पुत्र थे तथा उसकी पत्नी काफी अच्छी थी वे सब बहुत खुश थे बीरबल प्रतिदिन कार्य पर जाता तथा आजीविका कमा कर के लाता था। प्रतिदिन कमाना तथा प्रतिदिन खाना जैसी हालत थी। एक दिन...

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सच : एक रहस्य By Radhika Setia

कहने को तो बस कहानी है पर किसे पता यह सच है या कल्पना। आज मैं कहानी लिख रही हूं जिसमें ना तो राजा है ना रानी है, ना भूत प्रेत,ना ही परियां। यह कहानी सच की है। दिन है तो रात भी है,...

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अवसान की बेला में - भाग १ By Rajesh Maheshwari

अवसान की बेला में लेखक एवं संग्रहक:- राजेष माहेष्वरी श्रद्धांजली विचारों के संकलन, संपादन एवं प्रकाषन हेतु उन्हें प्रस्तुत करने में लगे समय समयन्तरा...

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स्वतंत्रनिर्भरता का महत्व By Rudra S. Sharma

"स्वतंत्रनिर्भरता का महत्व"आत्मा को परमात्मा से मिलन कर, परम् यानी सर्वश्रेष्ठ आत्मा बनने के लियें स्वयं के ही तंत्र पर निर्भर होकर आत्म निर्भर स्वतंत्र बनना अनिवार्य हैं।वह आत्मा...

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मुँह को बंद रखना, मौन अब जरुरी है By Kamal Bhansali

शीर्षक: मुँह को बंद रखना, मौन अब जरुरी है जीवन के क्षेत्र में मौन” और “खामोशी” दो शब्द ऐसे है, जिनका मतलब प्रायः एक जैसा होते हुए भी हटकर लगते है। खामोशी जहां वीराना और तन्हाई का र...

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उपलब्धि By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

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मित्रता (दोस्ती) , दुश्मनी और झगड़ा By Rajesh Sheth

मित्रता (दोस्ती)१. दैनिक जीवन में, व्यवहार करते समय, हम बहुत से व्यक्तियों के संपर्क में आते हैं। यह संपर्क शायद हर रोज होता है या कभी कभी और यह पहली बार और आखिरी बार। २. इस संपर्...

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COMMITMENT - Self Development Topics By Rajesh Sheth

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देखो... By Pinalbaraiya

इस दुनिया को देखो गौर से देखो.. बस देखते ही रहो...ओर कुछ करने की जरूरत ही नहीं है..तुम देखोगे तो जानोगे ओर जानोगे तो मानोगे ओर मानोगे तो तुम स्वयं अपनेआप जागोगे। बस तुम जागोगे तो त...

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आर्ट ऑफ वर्किंग By Chandrakant Pawar

आर्ट ऑफ वर्किंग श्रम शक्ति को बनाने की युक्ति प्रदान करता है ।जो मनुष्य को सामाजिक गरीमा का सम्मान करने के लिए होती है। स्वयं के दर्शन का प्रसाद श्रमोलित है। वास्तव में पूरी दुनिया...

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जिंदगी के पहलू - 5 - सही मानसिकता का निर्माण By Kamal Bhansali

आज जीवन गहन संकट काल से गुजर रहा है, मानव विक्षोभ के अंतर्गत बहुत प्रकार के तनाव का सामना कर रहा है। यह तो पूरा विश्व जहाँ एक तरफ करोना जैसी कई प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त हो रहा...

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खुदगर्ज नहीं खुद्दार जरुर बनिये By Kamal Bhansali

आधुनिक युग जिसमें, हम अपनी जिंदगी का सफर कर रहे वो समय, कभी, हमें इस अहसास की अनुभूति कहीं न कहीं करा ही देता है कि कहीं हमारा, इस युग का जीवन सफर, हमें आनन्दमय और सुखी होने से वंच...

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प्रेम और वासना - भाग 4 By Kamal Bhansali

दोस्तों, हमने प्रेम के रिश्तों के सन्दर्भ में कुछ पारिवारिक-रिश्तों की चर्चा की, परन्तु कुछ रिश्तें जो आज के जीवन में काफी उभर कर, पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों पर भारी पड़ रहे है, उ...

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आखिर क्यों ? By Neelima Sharrma Nivia

ज़िंदगी में कुछ तारीखें ऐसी होती हैं जिन्हें याद करके दिल उदास ओर उद्वेलित हो जाता है । आज यानी 14 जून को टीवी और फिल्मों के मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को गुज़रे एक साल हो गया...

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कपूत बेटा By राज बोहरे

दफ्तर में सबसे बड़ी चिकचिक हुई थी इसलिए सर बिना रहा था । वह दफ्तर से बाहर निकल कर सड़क पर यूं ही खड़ा हो गया था। रिस्ट वॉच पर निगाह डाली तो पता लगा कि शाम हो चुकी है । झल्लाते हुए...

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देह अगन की लपट By राजनारायण बोहरे

देह की अगनलेखक शिव शम्भू बाबू ने अपनी चालीस साल पुरानी डायरी में से जो कथा मुझे पढ़ाई है वह मैं सीधा ही पाठकों को पढ़ाता हूँ।होली पर सब रंग में सराबोर थे लेकिन मैंने देखा कि सुखराम क...

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छींक By Lalit Rathod

छींक का आना दिन की सुखद घटना लगती है। हमेशा से छींक आने के बाद भीतर राहत महसूस करता हूं। तब इच्छा हाेती है कि छींक फिर आए। जादूगर के दूसरी बार जादू दिखाने की तरह। बचपन में जब अचानक...

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सपना By praveen singh

सपना,हर इंसान एक छोटी उम्र से ही कोई ना कोई सपना देखकर ही बड़ा होता है, किसी को क्रिकेटर, किसी को एक्टर, सिंगर, डांसर, और भी कई चीजें होती है जो हर इंसान में अलग अलग तरह से होती है...

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वो लड़का By Yogesh Kanava

वो लड़का आज फिर से दीपेश बाॅस की डाँट खाकर आया। वो बिल्कुल उखड़ा हुआ था। रोज-रोज की डाँट खाने से तो अच्छा है मैं ही कुछ कर लूँ, ना घर में चैन ना दफ्तर में सुकून..........वो बस बड़...

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छात्र-छात्राओं द्वारा आत्मघाती कदम By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

आलेख छात्र-छात्राओं द्वारा आत्मघाती कदम उठाने के कारण तथा रोकने (समाधान) के उपाय। वेदराम प्रजापति ‘मनमस्त’...

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हार-जीत को प्रतिष्ठा का तमगा ना पहनाएं By मंजरी शर्मा

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डायरी का एक पन्ना By Neelima Sharrma Nivia

हाथ मे पेंटिंग ब्रश लिए 15 साल पुरानी पेंटिंग के बदरंग हो चुके फ्रेम को गोल्डन करते हुए उसने सोचा ...काश कोई उसको भी इसी तरह सुनहरा रंग से रंग दे । साँझ बीत चुकी थी ।मजदूर भी...

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अनकहे लफ्ज़ By Neelima Sharrma Nivia

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पत्थर दिल आदमी By राज बोहरे

उजासवह अंततः आज ऑपरेशन-टेबल पर आ पहुँचा था, दिल संबंधी बीमारियों के वार्ड में वह हजारों-हजार, शंका-कुशंकाओं से भरा चुपचाप लेटा था। सर्जन की प्रतीक्षा हो रही थी। अलबत्ता उसके घर के...

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पेरेंटिंग By Dr Sonika Sharma

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राजभाषा बनाम राष्ट्रभाषा By DrAnamika

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हकीकत की हकीकत - 3 By Akshay jain

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डॉक्टरों की हड़ताल By राजनारायण बोहरे

हड़ताल टीकू के सीने दर्द लगातार बढ़ता ही जा रहा था। दर्द से आँखे मींचे हुए वह दुहरा जा रहा था और बीच-बीच में उठकर मम्मी को देख लेता था, इधर-उधर। फिर निराश होकर पुनः लेट जाता था। द...

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एक ख़ून माफ़ By Ranjana Jaiswal

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आत्महत्या By Priya Saini

जब तुम अँधेरे से घिरे हुए हो और कहीं से एक रोशनी नज़र आये। तुम उस रोशनी का पीछा करते हुए आगे बढ़ो और पास जाकर पता चले ये तो रोशनी थी नहीं वहम था तुम्हारा, कैसा प्रतीत होगा उस वक़्त? श...

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एकमेडिटेशन - 3 By VANDANA VANI SINGH

इन दिनों जब से प्रयोग लिखना शुरू किया है मुझे भी बड़ी ख़ुशी मिल रही है। एसा लगता है कुछ है जो मुझे आप से जोड़ रहा कहानी लिखी है पहले भी लेकिन इसमें अपने अनुभव बया करने का अवसर इक अ...

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बंसी By Poonam Singh

"बंसी" "कृष्णा,,,!! कृष्णा......!!ओ....कृष्णा, कहाँ गया।" माँ के बारम्बार पुकारने पर भी कृष्णा कहीं नज़र नहीं आया। "पता नहीं ये लड़का कहाँ चला जाता है बिना बताए...?" माँ बुदब...

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वह एक दिन By Lovelesh Dutt

वह एक दिन--लवलेश दत्त‘उफ! यह तो बहुत मुसीबत हो गयी’, अखबार की हेडलाइन ‘देश में इक्कीस दिन के लिए संपूर्ण लॉक डाउन’ पर नज़र पढ़ते ही शर्मा जी के मुँह से निकला, ‘इस महामारी ने तो जीन...

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सुसाइड क्यूं By shilpi krishna

#सुसाइड क्यूं ???* क्यूं हमें जिंदगी से प्यारी मौत लगने लगती है ?*क्यूं हमें सुसाइड करने से पहले किसी का मोह नहीं रहता ?*क्या सुसाइड करने से सारी समस्या हल हो जाती है ?*सुसाइड करन...

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क्रिप्टो करेंसी सही या गलत । By H M Writter0

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जिंदगी By Venu G Nair

लोग कहते हे " जिंदगी एक सफर है "। लेकिन ऐ नहीं पता यह कब शुरू होता है और कब खतम। हर इंसान अपनी जिंदगी अलग अलग जगह से, अलग अलग समय पर शुरू करता है । इस जीवित यात्रा में...

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मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं। By Amit Singh

"मुस्कुराते हुए चेहरे दुनिया की सबसे सबसे खूबसूरत उम्मीद होते हैं "कहते हैं कि ये दुनिया उम्मीदों पर टिकी है | लेकिन इस उम्मीद की बुनियाद किस पर टिकी है ? वह तहखाना कहाँ है, जहाँ उ...

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आलोचक जात By Sonu Kasana

आपने इस शब्द के बारे में अवश्य ही बहुत कुछ सुन रखा होगा और कुछ ना कुछ समझ भी रखा होगा और निश्चित रूप से आपके लिए आलोचक के मायने मेरे विचारों एवं माइनों से अलग हो सकते हैं आलोचक शब्...

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परिचय - मेरे साथ चाणक्य निती By Nimish Pansuriya

"चाणक्य नीति " , जब यह पुस्तक लोगों के सामने आती है तब अधिक प्रमाण में लोग इस पुस्तक को एक राजनीतिक मुद्दे की समान स्वीकार करते है। यह प्रक्रिया इनके निर्माता की पहचा...

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किर_दार 2 By sk hajee

हम किर_दार के माध्यमसेहमारे बिच रहने वाली सोच को उजागर करने का प्रयास कर रहे है । बार-बार बदलने वाली इन्सानी फ़ितरत, लालच ...

जरूर देखें और लाइक, कंमेट, शेयर जरूर करे ।

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कैसा हक ? By Sonu Kasana

बीरबल के 2 पुत्र थे तथा उसकी पत्नी काफी अच्छी थी वे सब बहुत खुश थे बीरबल प्रतिदिन कार्य पर जाता तथा आजीविका कमा कर के लाता था। प्रतिदिन कमाना तथा प्रतिदिन खाना जैसी हालत थी। एक दिन...

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सच : एक रहस्य By Radhika Setia

कहने को तो बस कहानी है पर किसे पता यह सच है या कल्पना। आज मैं कहानी लिख रही हूं जिसमें ना तो राजा है ना रानी है, ना भूत प्रेत,ना ही परियां। यह कहानी सच की है। दिन है तो रात भी है,...

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