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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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क्या है जिंदगी - 1 By Rohit Shabd

क्या है जिंदगी? (1) मुश्किले आसान होती अगर तेरा नाम जिंदगी होता जिंदगी क्या हैै ? बस ये जानने की एक कोशिश है समझने की एक इच्छा है उस इच्छा को पूरा करना और जीवंत होकर जीना ही तो है...

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मे और मेरे अह्सास - 6 By Dr Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास भाग- ६ किताबों ने मीटिंग रखीं है lगूगल की छुट्टी करने को ll ----------- निगाहों से बयान होता है वो है इश्क lइशारों से बयान होता है वो है इश्क ll ----------- उसकी...

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शायरी - 6 By pradeep Kumar Tripathi

अब तक मेरा इश्क बहुत छोटा था अब बड़ा होने जा रहा है।पहले वो आशिक था अब बेवफ़ा होने जा रहा है।।वो आइने के पीछे से हर चेहरा पहचानता हैलोग उसे अंधा समझते हैं वो दिल के आंखों से देखता...

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मैं आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँ By अमरदीप कुमार

मैं एक आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँमेरे पिता के पास दो बीघा समतल औरतीन बीघा उबड़-खाबड़ ज़मीन हैइनमें से कुछ चौरहा तो कुछ बटइआ की शर्तों परकिसी दूसरे किसान को दे दी गयी है वर्षों...

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ओ वसंत भाग-१ By महेश रौतेला

ओ वसन्त भाग-११.ओ वसन्त ओ वसन्तमैं फूल बन जाऊँसुगन्ध के लिए,ओ आसमानमैं नक्षत्र बन जाऊँटिमटिमाने के लिए।ओ शिशिरमैं बर्फ बन जाऊँदिन-रात चमकने के लिए,ओ समुद्रमैं लहर बन जाऊँथपेड़ों में...

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चल उड़ जा रे उड़ जा पँछी ऊंचे गगन में By Dev Borana

चल उड़ जा रे उड़ जा पंछी ऊंचे गगन की ओरतुझे परिवार सवारना है तुझे घर बसाना है ,चल उड़ जा गगन की ओर दो तिनको की होड़ में तुझे परिवार सवारना है तुझे कल को बनाना है ।। खत्म हुए दिन उड़ डाल...

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सिर्फ तुम.. By Sarita Sharma

सिर्फ तुम... यकीन नहीं होता कभी हम मिले थे कुछ तुम दर्द में थे, कुछ हमें भी गिले थे.. ये अधूरा इश्क़ कब पूरा सा हुआ, कब अधूरी सी ज़िन्दगी पूरी सी हुई.. ये बेदर्द सी खुशियां, इतनी हसी...

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ग़ज़ल, शेर - 4 By Kota Rajdeep

अब मुसलसल यादों में आता ही नहींलगता है मुझसे बेवफ़ाई मोड़ ली है।___Rajdeep Kotaरोना धो ना सब सहना सीख गएहम इश्क़ करना किसिसे सीख गए। मेरे दिल ए नाकाम तुम फ़िक्र ने करियोंहम इश्क़ क...

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किताब By Dhruvin Mavani

दुनिया सिर्फ कहती नही जनाब ,वो अक्सर कहती रहती है यहाँ लकड़े कहाँ ;सिर्फ़ लड़कियाँ ही तो सहती रहती है ...हम तुमसे अनजान थे अब तो वो समा ही बेहतर लगता है ,तेरा मुझे जानकर भी अनजान बनना...

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शहर सी जिंदगी यू ही भागने में निकलती थी By Dev Borana

सपनों में सोया था एक नए सवेरे के लिएसपने भी आये थे अपने लिए सुबह उठना भी था क्योंकि नॉकरी पर जाना थायोग भी करना था क्योंकि स्वास्थ्य की चिंता थीभरे शहर में दौड़ना था क्योंकि हमको कम...

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गलती तो ये थी कि तुमसे दिल लगाया था....। By Akshay jain

सोच रहा था कि, दिल लगाकर कोई गलती तो नहीं की मैने,मगर गलती तो ये थी, कि मैंने तुमसे दिल लगाया था।।??दिल तो मैने दिल से ही लगाया था, पर तुम्हारा दिल उसे समझ नहीं पाया था।पर, तुम्हें...

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मौलिक शेर - 3 By Deepak Bundela AryMoulik

ये बिछड़ना भी किस काम का रहा ना हम काम के रहे ना तुम काम के रहे... !------------जब से वो अनजान क्या हुए हम तो बेजान से हो गये... !--------------चलो ये भी इलज़ाम मान लेते हैं वे बफा त...

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तृष्णा By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

मेरे हर वजूद को उसने बेरहमी से तोड़ा है,ताउम्र जिसको मैंने बड़े ही प्यार से जोड़ा है।******* ****** ******* ******** *******इश्क हो रहा है उनसे क्या किया जाए ???रोकें अपने आप को य...

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फिर सुनना मुझे By Dr Narendra Shukl

अमन बिक रहे हैं अमन बिक रहे हैं , चमन बिक रहे हैं । लाशों से लेकर कपन बिक रहे हैं ।। म्ंत्रियों को देखा है खुले आम बिकते दारोगा, वकील भी हो रहे नंगे मार ले डुबकी ... हर - हर गंगे ।...

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धुँधली तस्वीरें By Vinay Tiwari

1)ऐसा ज़रूरी नहीं, राह का हर व्यक्ति हँस कर मिलें, कोई गले मिलकर, थोड़ा सा रो दें, और कुछ न कहें। यहाँ पर वो ख़ुशियाँ हर वक़्त क़िस्मत में ना भी मिलें, मगर कोई साथ चलकर हिम्मत देने...

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ख़ामोश प्यार। By Nimisha

लो समय आ गया बिछड़ने काकर न सके हम कुछ अपनी बात।गई शाम आ गया प्रभात फैली अरूणिम आभा चहुं ओर। स्वर्णमय हो गया संसारऐसे सुंंदर अवसर परलो समय आ गया बिछुड़ने का।पहल कभी न की मैंनेम...

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ओस की बूंदें - मुक्तक संग्रह By Amrita shukla

फूल खिला है उस महक से जान लेते हैं।कदमों की आहट से कहाँ अन्जान रहते हैं।जबसे तेरा अक्स दिल में उतर आया है ,आंखें बंद हो तो भी तुम्हें पहचान लेते हैं। ***तुमने देखा...

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उस बुजुर्ग की दीवाली By Tarkeshwer Kumar

जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई हैं मृत्यु, पर उससे भी कटु सत्य हैं वृद्धावस्था। एक कविता के माध्यम से मैंने बुज़ुर्गों के प्रति अपने कर्तव्यों को और इस अवस्था में उनके भावों को समाज तक प...

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ख़ामोश लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

हादसों से ही हमारी पहचान बनती है,बिना दर्द के छवि कहां आसान बनती है।******* ****** ******* ****** *******उछलता है कोई घाव मुझ में लहर बनकर,पता तो करो किसने दिया है रूह बनकर।******...

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बेबस आंखें By Dr Narendra Shukl

बेबस आंखें सब कुछ , देखती हैं आंखें - प्रियतम का इंतज़ार करती प्रेमिका को मीनार शिखर पर बांग देते हये पवित्र मौलवी को भीख मांगते , मासूम बच्चों को आत्महत्या करते गरीब अन्नदाताओं क...

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संकलन By Nikita

वो चर-चर में है, है वो अचर में भीवो कण-कण में है, है वो गगन में भीवो विधाता है संपूर्ण संसार का,है वो मनुष्य मन में भी??? ।। धन्यवाद ।।परमेश्वर को धन्यवाद कर, मैं, निकिता राजपूत अप...

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मेरी अधूरी प्रेमकहानी By अर्चना यादव

आँखों से निकलते हैं आँसूजब याद आती है तेरी हर बाततू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।वो जिद तेरी कि गर्लफ्रेण्ड बन जाओवो इनकार मेरा कि नहीं अभी रुक जाओथोड़ा समय दो एक दूसरे...

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महाकाल मेरा By Uhugvvuv Uguh8uhu

अब तो तु ही है मनझील मेरीऔर तु ही तो है सहारा मेरा....तेरे सीवा अपनाना कोइ था,ना कोइ है,और अब तो ना ही कोइ रहेगा मेरा....मेरी हर एक मुसीबत मे सीर्फ तुने ही थामा और सीर्फ तु ही थामे...

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असरार.. By Karishma Varlani

1). आरज़ू ...हूँ मदहोश सरहोश आज बेहोंश हूँ कहीं हूँ खामोश पर मन्द ही मन्द कुछ कहती हूँ अभीसोचती हूँ लौट आऊँ ,लौट आऊँ तेरे करीब वहींवहीं जहां तू रहता है बसता है मेरा प्यार अब भी मुझम...

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बेनाम लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार दोस्तो,ये मेरी कुछ शायरी और नज़्म है। आप इसे एकबार पढ़े और आपका मंतव्य मुझे जरूर दे ताकि मै और अच्छी नज़्म लिखने का प्रयास करता रहूं ।...

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क्या स्त्री होना गुनाह हैं By सीमा कपूर

मेरी एक छोटी सी कविता स्त्रियों पर आधारित है ईश्वर ने उन्हें बनाया है जिस प्रकार से वह केवल उसी प्रकार से रहना ही पसंद करती हैं परंतु समाज के अव गुणों के कारण कितना कुछ सहन करती ह...

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मेरी शेरों-शायरी By Rajesh Kumar

1.तुम्हें देखे कोई और,मेरे दिल में,जलना वाजिब है।कैसे बताऊं तुम्हें मेरे दिल पर,तेरा राज काबिज़ है। 2.मत पूंछो मेरी उड़ान कहाँ तक...

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शेरो-शायरी By Rajashree Nemade

माँ के लिए १.वक्त ने भी क्या हसी सितम कर दिया, दुसरो के सामने हमे नजरे झुकाना सिखा दिया, पहले तो हम कभी ऐसे ना थे, लेकीन इस समय ने हमे बदलना सिखा दिया । २. आपमे कुछ अलग बात है,...

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माँ मैं तेरा कर्ज़दार हूँ By Tarkeshwer Kumar

माँ, ये जो शब्द हैं ये अपने आप में ही पूरा संसार हैं,मानो इस शब्द के उच्चारण मात्र से मन्न, जीभा, आत्मा, पवित्र हो जाते हैं, कभी आंखें मूंद के मन्न में माँ को याद कर के एकांत में "...

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अतरंगी ज़िन्दगी... By Karishma Varlani

1). राहें......है चाह राहगीर को राह खत्म हो जाने कीहै चाह राहगीर को मन्ज़िल पाने कीराह में थका वो राहगीर देखता है बस एक बूंद उस पानी को ,जिससे आस है उसे अपनी प्यास बुझ जाने की ,होगी...

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बेटियों के दरिंदे By Tarkeshwer Kumar

एक कविता बेटियों के नाम करना चाहूंगा,आजकल की जो घटनाएं हो रहीं हैं हमें उसके खिलाफ आवाज उठाना ही होगा,हमें बेटियों की रक्षा इन्न दरिंदो से करनी ही होगी वरना बेटियां एक डर की जिंदगी...

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कवितायें By Ved Prakash Tyagi

मेरा गाँव कहीं खो गया सुंदर ताल, तलैया, बाग,सरोवर, बीच बसा था गाँव मनोहर। हर जाति के लोग बसे थे, बंटे हुए थे सबके काम। सब दिन भर मेहनत करते, रात में करते थे आराम, खेती करता था कि...

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मेरी कविताएं By Rajesh Kumar

1.लिखता हूँ, डरता हूँ, डर डर कर लिखता हूँ।लिखने से पहले, हर बात समझता हूँ।इस अमोघ शस्त्र लेखनी से, हर बात सही तो लिखता हूँ।फिर मैं क्यों डरता हूँ?लिखता हूँ, डरता हूँ,डर डर के लिखता...

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जीवन पर 8 कविताएँ By ALOK SHARMA

दुनिया इतनी सरल नही दुनिया इतनी सरल नही जो नज़र आये अक्सर नए राही को दूर के ही डोल सुहाए बड़ो की बातों का अब वो सम्मान रहा कहाँउल्टी ज़ुबाँ कैंची जैसी, माँ-बाप को सिखाएदर्द तो होगा ही...

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कभी सोचा न था - १ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था१.अकेला हूँअकेला हूँशव में,श्मशान मेंशिव मेंतीर्थ में,तीर्थाटन मेंतथागत की भाँति,आँधी में,अँधियारे मेंधूप में,धूल मेंराह में,राह से आगे।अकेलाधुँध की भाँतिकोहरे की तरह,...

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कचहरी - शांति की पुकार By Ajay Amitabh Suman

(1)शांति की पुकारये कविता गौतम बुद्ध द्वारा अपने शिष्य महाकाश्यप को बुद्धत्व की प्राप्ति की घटना पर आधारित है। ये घटना अपने आपमें इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि गौतम बुद्ध ने बिना क...

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जब रक्षक भक्षक बन जाएं By Ajay Amitabh Suman

(१) जब रक्षक भक्षक बन जाए तुम्हें चाहिए क्या आजादी , सबपे रोब जमाने की , यदि कोई तुझपे तन जाए , तो क्या बन्दुक चलाने की ? ये शोर शराबा कैसा है ,क्या प्रस्तुति अभिव्यक्ति की ?...

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तमन्ना है By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार मित्रो, हिंदी में कविता लिखने का ये मेरा पहला प्रयास है, हो सकता है कि इसमें कुछ कमिया भी हो,कुछ शब्द की गलतियां भी हो ।आप इसे पढ़कर आपके प्रतिभाव और सुचन दे जिसस...

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खबर By Ajay Amitabh Suman

इस प्रस्तुति में मैंने अपनी तीन कविताओं को सम्मिलित किया है . ये तीनों कवितायेँ मुख्यतः व्ययंग धारा की हैं . पहली कविता इस बात को दृष्टि गोचित करती है कि अख़बार जिस तरह के व्यक्तियो...

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नार, तू उठा हथियार By Namita Gupta

॥। नारी अब तू उठा हथियार ॥नारी ! अब तू उठा हथियार , अब जो करे तुझ पर अत्याचार। यहां नहीं है कोई तेरा, जो तुझे बचा पाएगा, वासना की आग में तप कर, सहज निवाला बनाएगा ।उसकी हवस के आगे अ...

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क्या है जिंदगी - 1 By Rohit Shabd

क्या है जिंदगी? (1) मुश्किले आसान होती अगर तेरा नाम जिंदगी होता जिंदगी क्या हैै ? बस ये जानने की एक कोशिश है समझने की एक इच्छा है उस इच्छा को पूरा करना और जीवंत होकर जीना ही तो है...

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मे और मेरे अह्सास - 6 By Dr Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास भाग- ६ किताबों ने मीटिंग रखीं है lगूगल की छुट्टी करने को ll ----------- निगाहों से बयान होता है वो है इश्क lइशारों से बयान होता है वो है इश्क ll ----------- उसकी...

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शायरी - 6 By pradeep Kumar Tripathi

अब तक मेरा इश्क बहुत छोटा था अब बड़ा होने जा रहा है।पहले वो आशिक था अब बेवफ़ा होने जा रहा है।।वो आइने के पीछे से हर चेहरा पहचानता हैलोग उसे अंधा समझते हैं वो दिल के आंखों से देखता...

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मैं आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँ By अमरदीप कुमार

मैं एक आधा किसान और आधा मजदूर का बेटा हूँमेरे पिता के पास दो बीघा समतल औरतीन बीघा उबड़-खाबड़ ज़मीन हैइनमें से कुछ चौरहा तो कुछ बटइआ की शर्तों परकिसी दूसरे किसान को दे दी गयी है वर्षों...

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ओ वसंत भाग-१ By महेश रौतेला

ओ वसन्त भाग-११.ओ वसन्त ओ वसन्तमैं फूल बन जाऊँसुगन्ध के लिए,ओ आसमानमैं नक्षत्र बन जाऊँटिमटिमाने के लिए।ओ शिशिरमैं बर्फ बन जाऊँदिन-रात चमकने के लिए,ओ समुद्रमैं लहर बन जाऊँथपेड़ों में...

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चल उड़ जा रे उड़ जा पँछी ऊंचे गगन में By Dev Borana

चल उड़ जा रे उड़ जा पंछी ऊंचे गगन की ओरतुझे परिवार सवारना है तुझे घर बसाना है ,चल उड़ जा गगन की ओर दो तिनको की होड़ में तुझे परिवार सवारना है तुझे कल को बनाना है ।। खत्म हुए दिन उड़ डाल...

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सिर्फ तुम.. By Sarita Sharma

सिर्फ तुम... यकीन नहीं होता कभी हम मिले थे कुछ तुम दर्द में थे, कुछ हमें भी गिले थे.. ये अधूरा इश्क़ कब पूरा सा हुआ, कब अधूरी सी ज़िन्दगी पूरी सी हुई.. ये बेदर्द सी खुशियां, इतनी हसी...

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ग़ज़ल, शेर - 4 By Kota Rajdeep

अब मुसलसल यादों में आता ही नहींलगता है मुझसे बेवफ़ाई मोड़ ली है।___Rajdeep Kotaरोना धो ना सब सहना सीख गएहम इश्क़ करना किसिसे सीख गए। मेरे दिल ए नाकाम तुम फ़िक्र ने करियोंहम इश्क़ क...

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किताब By Dhruvin Mavani

दुनिया सिर्फ कहती नही जनाब ,वो अक्सर कहती रहती है यहाँ लकड़े कहाँ ;सिर्फ़ लड़कियाँ ही तो सहती रहती है ...हम तुमसे अनजान थे अब तो वो समा ही बेहतर लगता है ,तेरा मुझे जानकर भी अनजान बनना...

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शहर सी जिंदगी यू ही भागने में निकलती थी By Dev Borana

सपनों में सोया था एक नए सवेरे के लिएसपने भी आये थे अपने लिए सुबह उठना भी था क्योंकि नॉकरी पर जाना थायोग भी करना था क्योंकि स्वास्थ्य की चिंता थीभरे शहर में दौड़ना था क्योंकि हमको कम...

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गलती तो ये थी कि तुमसे दिल लगाया था....। By Akshay jain

सोच रहा था कि, दिल लगाकर कोई गलती तो नहीं की मैने,मगर गलती तो ये थी, कि मैंने तुमसे दिल लगाया था।।??दिल तो मैने दिल से ही लगाया था, पर तुम्हारा दिल उसे समझ नहीं पाया था।पर, तुम्हें...

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मौलिक शेर - 3 By Deepak Bundela AryMoulik

ये बिछड़ना भी किस काम का रहा ना हम काम के रहे ना तुम काम के रहे... !------------जब से वो अनजान क्या हुए हम तो बेजान से हो गये... !--------------चलो ये भी इलज़ाम मान लेते हैं वे बफा त...

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तृष्णा By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

मेरे हर वजूद को उसने बेरहमी से तोड़ा है,ताउम्र जिसको मैंने बड़े ही प्यार से जोड़ा है।******* ****** ******* ******** *******इश्क हो रहा है उनसे क्या किया जाए ???रोकें अपने आप को य...

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फिर सुनना मुझे By Dr Narendra Shukl

अमन बिक रहे हैं अमन बिक रहे हैं , चमन बिक रहे हैं । लाशों से लेकर कपन बिक रहे हैं ।। म्ंत्रियों को देखा है खुले आम बिकते दारोगा, वकील भी हो रहे नंगे मार ले डुबकी ... हर - हर गंगे ।...

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धुँधली तस्वीरें By Vinay Tiwari

1)ऐसा ज़रूरी नहीं, राह का हर व्यक्ति हँस कर मिलें, कोई गले मिलकर, थोड़ा सा रो दें, और कुछ न कहें। यहाँ पर वो ख़ुशियाँ हर वक़्त क़िस्मत में ना भी मिलें, मगर कोई साथ चलकर हिम्मत देने...

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ख़ामोश प्यार। By Nimisha

लो समय आ गया बिछड़ने काकर न सके हम कुछ अपनी बात।गई शाम आ गया प्रभात फैली अरूणिम आभा चहुं ओर। स्वर्णमय हो गया संसारऐसे सुंंदर अवसर परलो समय आ गया बिछुड़ने का।पहल कभी न की मैंनेम...

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ओस की बूंदें - मुक्तक संग्रह By Amrita shukla

फूल खिला है उस महक से जान लेते हैं।कदमों की आहट से कहाँ अन्जान रहते हैं।जबसे तेरा अक्स दिल में उतर आया है ,आंखें बंद हो तो भी तुम्हें पहचान लेते हैं। ***तुमने देखा...

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उस बुजुर्ग की दीवाली By Tarkeshwer Kumar

जिंदगी की सबसे बड़ी सच्चाई हैं मृत्यु, पर उससे भी कटु सत्य हैं वृद्धावस्था। एक कविता के माध्यम से मैंने बुज़ुर्गों के प्रति अपने कर्तव्यों को और इस अवस्था में उनके भावों को समाज तक प...

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ख़ामोश लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

हादसों से ही हमारी पहचान बनती है,बिना दर्द के छवि कहां आसान बनती है।******* ****** ******* ****** *******उछलता है कोई घाव मुझ में लहर बनकर,पता तो करो किसने दिया है रूह बनकर।******...

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बेबस आंखें By Dr Narendra Shukl

बेबस आंखें सब कुछ , देखती हैं आंखें - प्रियतम का इंतज़ार करती प्रेमिका को मीनार शिखर पर बांग देते हये पवित्र मौलवी को भीख मांगते , मासूम बच्चों को आत्महत्या करते गरीब अन्नदाताओं क...

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संकलन By Nikita

वो चर-चर में है, है वो अचर में भीवो कण-कण में है, है वो गगन में भीवो विधाता है संपूर्ण संसार का,है वो मनुष्य मन में भी??? ।। धन्यवाद ।।परमेश्वर को धन्यवाद कर, मैं, निकिता राजपूत अप...

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मेरी अधूरी प्रेमकहानी By अर्चना यादव

आँखों से निकलते हैं आँसूजब याद आती है तेरी हर बाततू भूल गया होगा शायदमुझे नहीं भूलती वो रात।वो जिद तेरी कि गर्लफ्रेण्ड बन जाओवो इनकार मेरा कि नहीं अभी रुक जाओथोड़ा समय दो एक दूसरे...

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महाकाल मेरा By Uhugvvuv Uguh8uhu

अब तो तु ही है मनझील मेरीऔर तु ही तो है सहारा मेरा....तेरे सीवा अपनाना कोइ था,ना कोइ है,और अब तो ना ही कोइ रहेगा मेरा....मेरी हर एक मुसीबत मे सीर्फ तुने ही थामा और सीर्फ तु ही थामे...

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असरार.. By Karishma Varlani

1). आरज़ू ...हूँ मदहोश सरहोश आज बेहोंश हूँ कहीं हूँ खामोश पर मन्द ही मन्द कुछ कहती हूँ अभीसोचती हूँ लौट आऊँ ,लौट आऊँ तेरे करीब वहींवहीं जहां तू रहता है बसता है मेरा प्यार अब भी मुझम...

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बेनाम लफ्ज़ By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार दोस्तो,ये मेरी कुछ शायरी और नज़्म है। आप इसे एकबार पढ़े और आपका मंतव्य मुझे जरूर दे ताकि मै और अच्छी नज़्म लिखने का प्रयास करता रहूं ।...

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क्या स्त्री होना गुनाह हैं By सीमा कपूर

मेरी एक छोटी सी कविता स्त्रियों पर आधारित है ईश्वर ने उन्हें बनाया है जिस प्रकार से वह केवल उसी प्रकार से रहना ही पसंद करती हैं परंतु समाज के अव गुणों के कारण कितना कुछ सहन करती ह...

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मेरी शेरों-शायरी By Rajesh Kumar

1.तुम्हें देखे कोई और,मेरे दिल में,जलना वाजिब है।कैसे बताऊं तुम्हें मेरे दिल पर,तेरा राज काबिज़ है। 2.मत पूंछो मेरी उड़ान कहाँ तक...

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शेरो-शायरी By Rajashree Nemade

माँ के लिए १.वक्त ने भी क्या हसी सितम कर दिया, दुसरो के सामने हमे नजरे झुकाना सिखा दिया, पहले तो हम कभी ऐसे ना थे, लेकीन इस समय ने हमे बदलना सिखा दिया । २. आपमे कुछ अलग बात है,...

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माँ मैं तेरा कर्ज़दार हूँ By Tarkeshwer Kumar

माँ, ये जो शब्द हैं ये अपने आप में ही पूरा संसार हैं,मानो इस शब्द के उच्चारण मात्र से मन्न, जीभा, आत्मा, पवित्र हो जाते हैं, कभी आंखें मूंद के मन्न में माँ को याद कर के एकांत में "...

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अतरंगी ज़िन्दगी... By Karishma Varlani

1). राहें......है चाह राहगीर को राह खत्म हो जाने कीहै चाह राहगीर को मन्ज़िल पाने कीराह में थका वो राहगीर देखता है बस एक बूंद उस पानी को ,जिससे आस है उसे अपनी प्यास बुझ जाने की ,होगी...

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बेटियों के दरिंदे By Tarkeshwer Kumar

एक कविता बेटियों के नाम करना चाहूंगा,आजकल की जो घटनाएं हो रहीं हैं हमें उसके खिलाफ आवाज उठाना ही होगा,हमें बेटियों की रक्षा इन्न दरिंदो से करनी ही होगी वरना बेटियां एक डर की जिंदगी...

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कवितायें By Ved Prakash Tyagi

मेरा गाँव कहीं खो गया सुंदर ताल, तलैया, बाग,सरोवर, बीच बसा था गाँव मनोहर। हर जाति के लोग बसे थे, बंटे हुए थे सबके काम। सब दिन भर मेहनत करते, रात में करते थे आराम, खेती करता था कि...

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मेरी कविताएं By Rajesh Kumar

1.लिखता हूँ, डरता हूँ, डर डर कर लिखता हूँ।लिखने से पहले, हर बात समझता हूँ।इस अमोघ शस्त्र लेखनी से, हर बात सही तो लिखता हूँ।फिर मैं क्यों डरता हूँ?लिखता हूँ, डरता हूँ,डर डर के लिखता...

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जीवन पर 8 कविताएँ By ALOK SHARMA

दुनिया इतनी सरल नही दुनिया इतनी सरल नही जो नज़र आये अक्सर नए राही को दूर के ही डोल सुहाए बड़ो की बातों का अब वो सम्मान रहा कहाँउल्टी ज़ुबाँ कैंची जैसी, माँ-बाप को सिखाएदर्द तो होगा ही...

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कभी सोचा न था - १ By महेश रौतेला

कभी सोचा न था१.अकेला हूँअकेला हूँशव में,श्मशान मेंशिव मेंतीर्थ में,तीर्थाटन मेंतथागत की भाँति,आँधी में,अँधियारे मेंधूप में,धूल मेंराह में,राह से आगे।अकेलाधुँध की भाँतिकोहरे की तरह,...

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कचहरी - शांति की पुकार By Ajay Amitabh Suman

(1)शांति की पुकारये कविता गौतम बुद्ध द्वारा अपने शिष्य महाकाश्यप को बुद्धत्व की प्राप्ति की घटना पर आधारित है। ये घटना अपने आपमें इसलिए महत्त्वपूर्ण है क्योंकि गौतम बुद्ध ने बिना क...

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जब रक्षक भक्षक बन जाएं By Ajay Amitabh Suman

(१) जब रक्षक भक्षक बन जाए तुम्हें चाहिए क्या आजादी , सबपे रोब जमाने की , यदि कोई तुझपे तन जाए , तो क्या बन्दुक चलाने की ? ये शोर शराबा कैसा है ,क्या प्रस्तुति अभिव्यक्ति की ?...

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तमन्ना है By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

नमस्कार मित्रो, हिंदी में कविता लिखने का ये मेरा पहला प्रयास है, हो सकता है कि इसमें कुछ कमिया भी हो,कुछ शब्द की गलतियां भी हो ।आप इसे पढ़कर आपके प्रतिभाव और सुचन दे जिसस...

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खबर By Ajay Amitabh Suman

इस प्रस्तुति में मैंने अपनी तीन कविताओं को सम्मिलित किया है . ये तीनों कवितायेँ मुख्यतः व्ययंग धारा की हैं . पहली कविता इस बात को दृष्टि गोचित करती है कि अख़बार जिस तरह के व्यक्तियो...

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नार, तू उठा हथियार By Namita Gupta

॥। नारी अब तू उठा हथियार ॥नारी ! अब तू उठा हथियार , अब जो करे तुझ पर अत्याचार। यहां नहीं है कोई तेरा, जो तुझे बचा पाएगा, वासना की आग में तप कर, सहज निवाला बनाएगा ।उसकी हवस के आगे अ...

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