hindi Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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  • शिवांश - भाग 1

    अध्याय 1 — राख की उत्पत्तिहिमालय के पायों में लिपटा एक छोटा-सा गाँव था — *कैलापु...

  • आधुनिक उपनिषद्

    भीतर लौटना — देह, आत्मा और जीवन की सरल बातचीतप्रस्तावनाकभी-कभी लगता है, हम बहुत...

  • सृष्टि का आत्मसंवाद

    “सृष्टि का अपना गीत, संगीत और मौन”अध्याय 1 — सौंदर्य का जन्म — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲आरं...

भारतीयता का पुनर्जागरण (संस्कारों से आधुनिकता तक की यात्रा) - 4 By NR Omprakash Saini

अध्याय 4संस्कृति पर उठते प्रश्न और आधुनिक द्वंद्वहर युग में प्रश्न उठते रहे हैं। प्रश्न अपने आप में बुरे नहीं होते, क्योंकि प्रश्न ही सत्य की खोज का आधार हैं। किंतु जब प्रश्न तर्क...

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शिवांश - भाग 1 By Rahul Rhythm

अध्याय 1 — राख की उत्पत्तिहिमालय के पायों में लिपटा एक छोटा-सा गाँव था — *कैलापुरा*।वहाँ हवा में घुला हर श्वास शिव के नाम से उठता था।लोग सवेरे नदी से स्नान करके मंदिर की घंटियाँ बज...

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आधुनिक उपनिषद् By Vedanta Two Agyat Agyani

भीतर लौटना — देह, आत्मा और जीवन की सरल बातचीतप्रस्तावनाकभी-कभी लगता है, हम बहुत कुछ जानते हैं — नाम, काम, रिश्ते, नियम। पर फिर भी कोई हल्की-सी कमी साथ चलती रहती है। वह जो कहती है —...

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सृष्टि का आत्मसंवाद By Vedanta Two Agyat Agyani

“सृष्टि का अपना गीत, संगीत और मौन”अध्याय 1 — सौंदर्य का जन्म — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲आरंभ में कुछ नहीं था —न रूप, न रंग, न शब्द, न ध्वनि।बस एक मौन था,जो स्वयं को देखना चाहता था।देखने की उस...

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जब सरलता ईश्वर थी By Vedanta Two Agyat Agyani

" जब सरलता ईश्वर थी "  १. प्रारंभ — जब मनुष्य के पास विज्ञान नहीं था एक समय था जब मनुष्य के पास विज्ञान नहीं था,पर उसके भीतर एक स्वाभाविक विज्ञान था —धर्म उसके जीवन का हिस्...

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साधना, श्रद्धा और सफलता की शाश्वत यात्रा By Rakesh Singh

गुरु दत्त महिमा — कलियुग में दिव्यता, दिशा और मुक्ति का अद्भुत सेतु कलियुग में जब संसार बाहरी चकाचौंध में उलझा हुआ है, जब मनुष्य का मन अस्थिर, दिशा भ्रमित और चिंताओं से घिरा हुआ है...

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संभोग से समाधि - 8 By Vedanta Two Agyat Agyani

अध्याय २ : ऊर्जा का रूपांतरण — अग्नि से ज्योति तक — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 भूमिका / प्रस्तावना यह ग्रंथ किसी धार्मिक या नैतिक दृष्टि से नहीं लिखा गया।यह एक सीधी दृष्टि है — उस ऊर्जा पर जो...

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जीवन का विज्ञान - 1 By Vedanta Two Agyat Agyani

जीवन का विज्ञान देह, मन, आत्मा और मृत्यु का संतुलित रहस्य — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲--- ग्रंथ-मंत्र > “जीवन बहता है —मृत्यु ठहरती नहीं, बस दिशा बदलती है।जो भीतर की गति को समझ ले,वह बाहर की दुन...

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आत्मा और तुम्हारी उपलब्धियाँ By Vedanta Two Agyat Agyani

आत्मा और तुम्हारी उपलब्धियाँ   (शिक्षा, धर्म, विज्ञान और समाज के बीच आत्मा का विस्मरण)   — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲   प्रस्तावना   यह इस संसार का अभिशाप है कि इतने धर्म, इतनी शिक्षा, इतना...

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मायावी मोहब्बत । By CHIRANJIT TEWARY

दैत्य राज कुम्भन जो अपने दैत्य लोक से पृथ्वी पर सिर्फ अपनी बेटी को बचाने के लिए आया है और एक परी जिसे बचाने परी लोक से उसकी बहन वर्शाली आया है । दोनो को ही किसी तांत्रिक ने अपने स्...

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त्रिदेव अस्तित्व का रहस्य By Vedanta Two Agyat Agyani

तीन देव और अस्तित्व-रहस्य   — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲    प्रस्तावना   हमारी लेखनी का मार्ग परंपरा से थोड़ा भिन्न है। यहाँ धर्म और अध्यात्म को पूजा-पाठ, मान्यताओं और उलझी हुई भाषा में नहीं...

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आत्मा-विकास — जीवन का परम धर्म By Vedanta Two Agyat Agyani

आत्मा-विकास — जीवन का परम धर्म ---     प्रस्तावना    जीवन ही आत्मा-विकास हैमानव ने धर्म, शिक्षा, विज्ञान और विकास के नाम पर अनगिनत रास्ते खोजे।पर इन सब भटकनों के बाद भी जीवन का सबस...

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अमर तत्व By Vedanta Two Agyat Agyani

अमर तत्वअमर तत्व (Immortal Principle) भारतीय दार्शनिक और आध्यात्मिक चिंतन में प्रयुक्त एक अवधारणा है। इसका मूल दावा यह है कि शरीर, मूर्ति और शास्त्र नष्ट हो सकते हैं, परंतु ज्ञान,...

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ईश्वर पाने का कोई उपाय नहीं - 2 By Vedanta Two Agyat Agyani

 अध्याय1- मार्ग नहीं, अवरोध है सत्य का रहस्य”   मार्ग का मतलब है: लंबी यात्रा, तपस्या, कठिनाई, भटकने की संभावना। तो जनता को लगता है — “हाँ, अगर मार्ग है तो शायद पहुँचा जा सकता है।”...

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जीवनोपनिषद - 3 By Vedanta Two Agyat Agyani

जीवोपनिषद  भाग 3 — प्रस्तावना भाग 1 ने पहले प्रश्न उठाए। भाग 2 ने उन प्रश्नों को और गहरा किया।इच्छा, ज्ञान, प्रेम, असंतुलन, धर्म, शिक्षा, पुनर्जन्म —हर जगह केवल अधूरापन दिखाई दिया।...

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ईश्वर और आत्मा से मानव कैसे दूर हुआ By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना   मानव का जन्म ईश्वर और आत्मा से अलग नहीं था। वह उसी ऊर्जा, उसी चेतना की अभिव्यक्ति था। लेकिन धीरे-धीरे उसने “मार्ग” बनाए, गुरु और शास्त्र ने उपाय थोपे, धर्म ने कर्म को...

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शास्त्र, मंदिर और आज का धर्म By Vedanta Two Agyat Agyani

शास्त्र, मंदिर और आज का धर्म   ---   शास्त्र और मंदिर – समर्पण के प्रमाण   भारत के इतिहास को देखें तो शास्त्र और मंदिर दोनों ही अत्यंत ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं। ऋषि-मुनियों ने श...

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भीतर की बांसुरी By Umabhatia UmaRoshnika

भीतर की बांसुरी —

लेखनी तब चली, जब भीतर कोई टूटा — और फिर उस टूटन से प्रकाश निकला। यह किताब उसी उजाले की साक्षी है।यदि तुम इसे पढ़ रहे हो, तो सम्भवतः तुम्हारे भीतर भी कोई रूह सं...

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जीवन जीना ही समाधि है By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना   — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓷𝓲   मनुष्य की यात्रा केवल इतिहास नहीं है, केवल वर्तमान नहीं है, केवल भविष्य भी नहीं है — यह एक निरंतर धारा है। कभी यह धारा भारत की भूमि पर फूटी और उसने...

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महाकाल की यात्रा By Sushant Bohidar

ज़िंदगी कभी-कभी इतनी उलझ जाती है कि इंसान को खुद पर ही भरोसा नहीं रहता। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था। नौकरी में संतोष नहीं था, घर की हालत भी अच्छी नहीं थी, और हर दिन एक नया बोझ...

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रहस्यों की परछाई - 5 By Diksha Dhone

Episode 5: पहला clue decipher और society का trapLibrary की पुरानी, धूलभरी टेबल पर बिछे parchment को देखकर आरव और नैना के दिल में एक अजीब सी बेचैनी थी। बाहर तूफ़ान तेज़ हो चुका था—ख...

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नवरात्रि की कहानी By mood Writer

बहुत समय पहले, देवताओं और असुरों में लगातार युद्ध होते रहते थे। देवता स्वर्गलोक के रक्षक थे, लेकिन असुरों की शक्ति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। उनमें सबसे भयंकर असुर था— महिषासुर।महि...

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ज़ेवर का डिब्बा By mood Writer

ठाकुर साहब के बेटे वीरेंद्र को तीस रूपये महीना ट्यूशन के साथ चंद्र प्रकाश को रहने के लिए मुफ़्त का मकान भी मिल गया था। ठाकुर साहब उस पर काफ़ी भरोसा करते थे। घर में बेटे की शादी की बा...

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दुःख क्या है? By Neha kariyaal

मेरे विचार से दुःख क्या है? दुख एक ऐसा अनुभव है जिससे कोई नहीं बचता, लेकिन हर कोई उससे कुछ अलग सीखता है। मन के शब्दों में दुख कोई श्राप नहीं, बल्कि आत्मा को जानने का एक अवसर है। यह...

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बूढ़ी काकी By mood Writer

‘बूढ़ी काकी’ मानवीय भावना से ओत-प्रोत की कहानी है। इसमें उस समस्या को उठाया गया है जिसमें परिवार के बाक़ी लोग घर के बुज़ुर्गों से धन-दौलत लेने के लिए उनकी उपेक्षा करने लगते हैं। इतना...

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नयी बीवी By mood Writer

पहली बीवी की मौत के बाद लाला डंगामल जब दूसरी शादी कर लेते हैं तो उन्हें लगता है कि वह फिर से जवान हो गए हैं। नई-नवेली दुल्हन को बहलाने के लिए वह हर तरह के प्रपंच करते हैं। मगर नई द...

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महाभारत की कहानी - भाग 135 By Ashoke Ghosh

महाभारत की कहानी - भाग-१३७ चौदहवें दिन की रात में कर्ण द्वारा घटोत्कच की बध   प्रस्तावना कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने महाकाव्य महाभारत रचना किया। इस पुस्तक में उन्होंने कुरु वंश के प्...

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नशा ( प्रेमचंद) By mood Writer

ईश्वरी एक बड़े ज़मींदार का लड़का था और मैं एक ग़रीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद न थी। हम दोनों में परस्पर बहसें होती रहती थीं। मैं ज़मींदारी की बुराई करत...

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ईदगाह By mood Writer

रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद ईद आई है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। किसी के कुर्ते में बटन नहीं है, पड़ोस के घर से सुई-तागा लेने दौड़ा जा रहा है।...

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तुम्हारी चिट्ठी, मेरा इंतज़ार By Adarsh Rajput

राधिका कॉलेज की लाइब्रेरी के उस कोने में बैठी थी जहाँ अक्सर वह और आर्यन साथ पढ़ा करते थे। सामने किताब खुली थी, पर उसके पन्नों पर नज़रें टिक नहीं पा रही थीं। उसकी उंगलियाँ कांप रही...

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बड़े भाई साहब By mood Writer

मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े, लेकिन केवल तीन दर्जे आगे। उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैंने शुरू किया था, लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दबाज़ी स...

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गुप्त यात्रा — जीवन, धर्म और आत्मा By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना मनुष्य की सबसे बड़ी भूल यही है कि उसने जीवन को केवल दौड़, संघर्ष और संग्रह का नाम मान लिया है।वह सुबह से रात तक भागता है, पर कभी ठहरकर यह नहीं देखता कि जीवन है क्या।उसकी...

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दुनिया का सबसे अनमोल रत्न By mood Writer

‘दुनिया का सबसे अनमोल रत्न’ प्रेमचंद की पहली कहानी है। यह उस कहानी संग्रह का हिस्सा है जिसे अंग्रेज़ सरकार ने बैन कर दिया था।दिलफ़िगार एक कँटीले पेड़ के नीचे दामन चाक किए बैठा हुआ...

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सेक्स, दुःख और प्रेम: आनंद की वास्तविकता By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना यह किताब किसी विद्या, शास्त्र या धर्म का उपदेश नहीं है।यह जीवन की साधारण सच्चाई की पड़ताल है —वह सच्चाई जिसे हम सब जीते हैं,लेकिन कभी गहराई से देखते नहीं।लोग सेक्स को आन...

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जीवन जीना ही ईश्वर है By Vedanta Two Agyat Agyani

जीना ही ईश्वर है कोई युवा, कोई वृद्ध, कोई भी वास्तव में जी नहीं रहा है।सब भाग रहे हैं—कभी भविष्य की ओर, कभी भूत की यादों में।जिन वही है, जो जीता है।जीना मतलब—ठहरना, देखना, बोध करना...

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दो बैलों की कथा By mood Writer

जानवरों में गधा सबसे ज़्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पहले दर्जे का बेवक़ूफ़ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवक़ूफ़ है, या उसके सीधेपन, उसकी निराप...

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अधूरी चिट्ठी By Chandra Kishore das vaishnav

बरसात की बूंदें धीरे-धीरे मिट्टी पर गिर रही थीं। हवा में भीगती मिट्टी की खुशबू किसी पुराने गीत जैसी लग रही थी। छोटे से कस्बे की पुरानी डाकघर की इमारत अब आधी जर्जर हो चुकी थी। ईंटों...

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भारतीयता का पुनर्जागरण (संस्कारों से आधुनिकता तक की यात्रा) - 4 By NR Omprakash Saini

अध्याय 4संस्कृति पर उठते प्रश्न और आधुनिक द्वंद्वहर युग में प्रश्न उठते रहे हैं। प्रश्न अपने आप में बुरे नहीं होते, क्योंकि प्रश्न ही सत्य की खोज का आधार हैं। किंतु जब प्रश्न तर्क...

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शिवांश - भाग 1 By Rahul Rhythm

अध्याय 1 — राख की उत्पत्तिहिमालय के पायों में लिपटा एक छोटा-सा गाँव था — *कैलापुरा*।वहाँ हवा में घुला हर श्वास शिव के नाम से उठता था।लोग सवेरे नदी से स्नान करके मंदिर की घंटियाँ बज...

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आधुनिक उपनिषद् By Vedanta Two Agyat Agyani

भीतर लौटना — देह, आत्मा और जीवन की सरल बातचीतप्रस्तावनाकभी-कभी लगता है, हम बहुत कुछ जानते हैं — नाम, काम, रिश्ते, नियम। पर फिर भी कोई हल्की-सी कमी साथ चलती रहती है। वह जो कहती है —...

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सृष्टि का आत्मसंवाद By Vedanta Two Agyat Agyani

“सृष्टि का अपना गीत, संगीत और मौन”अध्याय 1 — सौंदर्य का जन्म — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲आरंभ में कुछ नहीं था —न रूप, न रंग, न शब्द, न ध्वनि।बस एक मौन था,जो स्वयं को देखना चाहता था।देखने की उस...

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जब सरलता ईश्वर थी By Vedanta Two Agyat Agyani

" जब सरलता ईश्वर थी "  १. प्रारंभ — जब मनुष्य के पास विज्ञान नहीं था एक समय था जब मनुष्य के पास विज्ञान नहीं था,पर उसके भीतर एक स्वाभाविक विज्ञान था —धर्म उसके जीवन का हिस्...

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साधना, श्रद्धा और सफलता की शाश्वत यात्रा By Rakesh Singh

गुरु दत्त महिमा — कलियुग में दिव्यता, दिशा और मुक्ति का अद्भुत सेतु कलियुग में जब संसार बाहरी चकाचौंध में उलझा हुआ है, जब मनुष्य का मन अस्थिर, दिशा भ्रमित और चिंताओं से घिरा हुआ है...

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संभोग से समाधि - 8 By Vedanta Two Agyat Agyani

अध्याय २ : ऊर्जा का रूपांतरण — अग्नि से ज्योति तक — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲 भूमिका / प्रस्तावना यह ग्रंथ किसी धार्मिक या नैतिक दृष्टि से नहीं लिखा गया।यह एक सीधी दृष्टि है — उस ऊर्जा पर जो...

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जीवन का विज्ञान - 1 By Vedanta Two Agyat Agyani

जीवन का विज्ञान देह, मन, आत्मा और मृत्यु का संतुलित रहस्य — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲--- ग्रंथ-मंत्र > “जीवन बहता है —मृत्यु ठहरती नहीं, बस दिशा बदलती है।जो भीतर की गति को समझ ले,वह बाहर की दुन...

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आत्मा और तुम्हारी उपलब्धियाँ By Vedanta Two Agyat Agyani

आत्मा और तुम्हारी उपलब्धियाँ   (शिक्षा, धर्म, विज्ञान और समाज के बीच आत्मा का विस्मरण)   — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲   प्रस्तावना   यह इस संसार का अभिशाप है कि इतने धर्म, इतनी शिक्षा, इतना...

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मायावी मोहब्बत । By CHIRANJIT TEWARY

दैत्य राज कुम्भन जो अपने दैत्य लोक से पृथ्वी पर सिर्फ अपनी बेटी को बचाने के लिए आया है और एक परी जिसे बचाने परी लोक से उसकी बहन वर्शाली आया है । दोनो को ही किसी तांत्रिक ने अपने स्...

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त्रिदेव अस्तित्व का रहस्य By Vedanta Two Agyat Agyani

तीन देव और अस्तित्व-रहस्य   — 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓣 𝓐𝓰𝓎𝓪𝓷𝓲    प्रस्तावना   हमारी लेखनी का मार्ग परंपरा से थोड़ा भिन्न है। यहाँ धर्म और अध्यात्म को पूजा-पाठ, मान्यताओं और उलझी हुई भाषा में नहीं...

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आत्मा-विकास — जीवन का परम धर्म By Vedanta Two Agyat Agyani

आत्मा-विकास — जीवन का परम धर्म ---     प्रस्तावना    जीवन ही आत्मा-विकास हैमानव ने धर्म, शिक्षा, विज्ञान और विकास के नाम पर अनगिनत रास्ते खोजे।पर इन सब भटकनों के बाद भी जीवन का सबस...

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अमर तत्व By Vedanta Two Agyat Agyani

अमर तत्वअमर तत्व (Immortal Principle) भारतीय दार्शनिक और आध्यात्मिक चिंतन में प्रयुक्त एक अवधारणा है। इसका मूल दावा यह है कि शरीर, मूर्ति और शास्त्र नष्ट हो सकते हैं, परंतु ज्ञान,...

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ईश्वर पाने का कोई उपाय नहीं - 2 By Vedanta Two Agyat Agyani

 अध्याय1- मार्ग नहीं, अवरोध है सत्य का रहस्य”   मार्ग का मतलब है: लंबी यात्रा, तपस्या, कठिनाई, भटकने की संभावना। तो जनता को लगता है — “हाँ, अगर मार्ग है तो शायद पहुँचा जा सकता है।”...

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जीवनोपनिषद - 3 By Vedanta Two Agyat Agyani

जीवोपनिषद  भाग 3 — प्रस्तावना भाग 1 ने पहले प्रश्न उठाए। भाग 2 ने उन प्रश्नों को और गहरा किया।इच्छा, ज्ञान, प्रेम, असंतुलन, धर्म, शिक्षा, पुनर्जन्म —हर जगह केवल अधूरापन दिखाई दिया।...

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ईश्वर और आत्मा से मानव कैसे दूर हुआ By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना   मानव का जन्म ईश्वर और आत्मा से अलग नहीं था। वह उसी ऊर्जा, उसी चेतना की अभिव्यक्ति था। लेकिन धीरे-धीरे उसने “मार्ग” बनाए, गुरु और शास्त्र ने उपाय थोपे, धर्म ने कर्म को...

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शास्त्र, मंदिर और आज का धर्म By Vedanta Two Agyat Agyani

शास्त्र, मंदिर और आज का धर्म   ---   शास्त्र और मंदिर – समर्पण के प्रमाण   भारत के इतिहास को देखें तो शास्त्र और मंदिर दोनों ही अत्यंत ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण हैं। ऋषि-मुनियों ने श...

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भीतर की बांसुरी By Umabhatia UmaRoshnika

भीतर की बांसुरी —

लेखनी तब चली, जब भीतर कोई टूटा — और फिर उस टूटन से प्रकाश निकला। यह किताब उसी उजाले की साक्षी है।यदि तुम इसे पढ़ रहे हो, तो सम्भवतः तुम्हारे भीतर भी कोई रूह सं...

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जीवन जीना ही समाधि है By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना   — 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓣 𝓐𝓰𝔂𝓪𝓷𝓲   मनुष्य की यात्रा केवल इतिहास नहीं है, केवल वर्तमान नहीं है, केवल भविष्य भी नहीं है — यह एक निरंतर धारा है। कभी यह धारा भारत की भूमि पर फूटी और उसने...

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महाकाल की यात्रा By Sushant Bohidar

ज़िंदगी कभी-कभी इतनी उलझ जाती है कि इंसान को खुद पर ही भरोसा नहीं रहता। मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा था। नौकरी में संतोष नहीं था, घर की हालत भी अच्छी नहीं थी, और हर दिन एक नया बोझ...

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रहस्यों की परछाई - 5 By Diksha Dhone

Episode 5: पहला clue decipher और society का trapLibrary की पुरानी, धूलभरी टेबल पर बिछे parchment को देखकर आरव और नैना के दिल में एक अजीब सी बेचैनी थी। बाहर तूफ़ान तेज़ हो चुका था—ख...

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नवरात्रि की कहानी By mood Writer

बहुत समय पहले, देवताओं और असुरों में लगातार युद्ध होते रहते थे। देवता स्वर्गलोक के रक्षक थे, लेकिन असुरों की शक्ति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही थी। उनमें सबसे भयंकर असुर था— महिषासुर।महि...

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ज़ेवर का डिब्बा By mood Writer

ठाकुर साहब के बेटे वीरेंद्र को तीस रूपये महीना ट्यूशन के साथ चंद्र प्रकाश को रहने के लिए मुफ़्त का मकान भी मिल गया था। ठाकुर साहब उस पर काफ़ी भरोसा करते थे। घर में बेटे की शादी की बा...

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दुःख क्या है? By Neha kariyaal

मेरे विचार से दुःख क्या है? दुख एक ऐसा अनुभव है जिससे कोई नहीं बचता, लेकिन हर कोई उससे कुछ अलग सीखता है। मन के शब्दों में दुख कोई श्राप नहीं, बल्कि आत्मा को जानने का एक अवसर है। यह...

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बूढ़ी काकी By mood Writer

‘बूढ़ी काकी’ मानवीय भावना से ओत-प्रोत की कहानी है। इसमें उस समस्या को उठाया गया है जिसमें परिवार के बाक़ी लोग घर के बुज़ुर्गों से धन-दौलत लेने के लिए उनकी उपेक्षा करने लगते हैं। इतना...

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नयी बीवी By mood Writer

पहली बीवी की मौत के बाद लाला डंगामल जब दूसरी शादी कर लेते हैं तो उन्हें लगता है कि वह फिर से जवान हो गए हैं। नई-नवेली दुल्हन को बहलाने के लिए वह हर तरह के प्रपंच करते हैं। मगर नई द...

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महाभारत की कहानी - भाग 135 By Ashoke Ghosh

महाभारत की कहानी - भाग-१३७ चौदहवें दिन की रात में कर्ण द्वारा घटोत्कच की बध   प्रस्तावना कृष्णद्वैपायन वेदव्यास ने महाकाव्य महाभारत रचना किया। इस पुस्तक में उन्होंने कुरु वंश के प्...

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नशा ( प्रेमचंद) By mood Writer

ईश्वरी एक बड़े ज़मींदार का लड़का था और मैं एक ग़रीब क्लर्क का, जिसके पास मेहनत-मजूरी के सिवा और कोई जायदाद न थी। हम दोनों में परस्पर बहसें होती रहती थीं। मैं ज़मींदारी की बुराई करत...

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ईदगाह By mood Writer

रमज़ान के पूरे तीस रोज़ों के बाद ईद आई है। गाँव में कितनी हलचल है। ईदगाह जाने की तैयारियाँ हो रही हैं। किसी के कुर्ते में बटन नहीं है, पड़ोस के घर से सुई-तागा लेने दौड़ा जा रहा है।...

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तुम्हारी चिट्ठी, मेरा इंतज़ार By Adarsh Rajput

राधिका कॉलेज की लाइब्रेरी के उस कोने में बैठी थी जहाँ अक्सर वह और आर्यन साथ पढ़ा करते थे। सामने किताब खुली थी, पर उसके पन्नों पर नज़रें टिक नहीं पा रही थीं। उसकी उंगलियाँ कांप रही...

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बड़े भाई साहब By mood Writer

मेरे भाई साहब मुझसे पाँच साल बड़े, लेकिन केवल तीन दर्जे आगे। उन्होंने भी उसी उम्र में पढ़ना शुरू किया था जब मैंने शुरू किया था, लेकिन तालीम जैसे महत्त्व के मामले में वह जल्दबाज़ी स...

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गुप्त यात्रा — जीवन, धर्म और आत्मा By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना मनुष्य की सबसे बड़ी भूल यही है कि उसने जीवन को केवल दौड़, संघर्ष और संग्रह का नाम मान लिया है।वह सुबह से रात तक भागता है, पर कभी ठहरकर यह नहीं देखता कि जीवन है क्या।उसकी...

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दुनिया का सबसे अनमोल रत्न By mood Writer

‘दुनिया का सबसे अनमोल रत्न’ प्रेमचंद की पहली कहानी है। यह उस कहानी संग्रह का हिस्सा है जिसे अंग्रेज़ सरकार ने बैन कर दिया था।दिलफ़िगार एक कँटीले पेड़ के नीचे दामन चाक किए बैठा हुआ...

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सेक्स, दुःख और प्रेम: आनंद की वास्तविकता By Vedanta Two Agyat Agyani

प्रस्तावना यह किताब किसी विद्या, शास्त्र या धर्म का उपदेश नहीं है।यह जीवन की साधारण सच्चाई की पड़ताल है —वह सच्चाई जिसे हम सब जीते हैं,लेकिन कभी गहराई से देखते नहीं।लोग सेक्स को आन...

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जीवन जीना ही ईश्वर है By Vedanta Two Agyat Agyani

जीना ही ईश्वर है कोई युवा, कोई वृद्ध, कोई भी वास्तव में जी नहीं रहा है।सब भाग रहे हैं—कभी भविष्य की ओर, कभी भूत की यादों में।जिन वही है, जो जीता है।जीना मतलब—ठहरना, देखना, बोध करना...

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दो बैलों की कथा By mood Writer

जानवरों में गधा सबसे ज़्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पहले दर्जे का बेवक़ूफ़ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवक़ूफ़ है, या उसके सीधेपन, उसकी निराप...

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अधूरी चिट्ठी By Chandra Kishore das vaishnav

बरसात की बूंदें धीरे-धीरे मिट्टी पर गिर रही थीं। हवा में भीगती मिट्टी की खुशबू किसी पुराने गीत जैसी लग रही थी। छोटे से कस्बे की पुरानी डाकघर की इमारत अब आधी जर्जर हो चुकी थी। ईंटों...

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