hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • इतना तो चलता है - 1

    आज की कविता का टॉपिक थोड़ा सा नाजुक है, ये औरत के लिए है जिन्हे अक्सर ये समझाया...

  • सदाबहार के फूल

    सदाबहार के फूल ***यदि सदाबहार ने उसका साथ दिया तो गोद तो उसकी भरेगी ही, घर का आं...

  • आई कैन सी यू - 11

    अब सिर्फ बंद कमरे में लूसी चाकू लिए दहशत गर्द बन कर खड़ी थी। कुछ देर तक वो गुस्स...

इतना तो चलता है - 1 By Komal Mehta

आज की कविता का टॉपिक थोड़ा सा नाजुक है, ये औरत के लिए है जिन्हे अक्सर ये समझाया जाता है की इतना तो चलता है।एक औरत एक लड़की ने नई जॉब ली है, यहां उसके लिए तो पूरा ऑफिस स्टाफ उसका सी...

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सदाबहार के फूल By Sharovan

सदाबहार के फूल ***यदि सदाबहार ने उसका साथ दिया तो गोद तो उसकी भरेगी ही, घर का आंगन भी किलकारियों की तंरग से भर जायेगा। यह भेद भी केवल वह जानेगी और सदाबहार। इन्हें तो कुछ पता ही नही...

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आई कैन सी यू - 11 By Aisha Diwan Naaz

अब सिर्फ बंद कमरे में लूसी चाकू लिए दहशत गर्द बन कर खड़ी थी। कुछ देर तक वो गुस्से में फुफकार भरती रही फिर धीरे धीरे उसका गुस्सा कम हुआ। अब उसने फिर से दरवाज़ा पिटना शुरु किया लेकिन...

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ज़रा हटके ज़रा बचके - मूवी रिव्यू: By Chirag Kakkad

हैलो दोस्तों, में चिराग कक्कड़ कुछ नया करने का प्रयास कर रहा हूं और आज मैं आपको "ज़रा हटके ज़रा बचके" मूवी का रिव्यू देने वाला हूँ। ज़रा हटके ज़रा बचके मूवी रिव्यू: मैं आपको मूवी क...

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सजावटी मुस्कुराहट By SARWAT FATMI

सजावटी मुस्कुराहट लोग कहते हैं मैं एक अच्छी अदाकारा हूं रुख पर मुस्कान रख दुनिया को बदलने की चाहत में फिर सुबह एक नहीं किरण के साथ चल पड़ती हूं  कितनी भी रुकावट होती है बस एक सजावट...

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एक गृहणी By Asmita Madhesiya

लड़की जब तक अपने मां के घर में रहती है , या ये कह लो की लड़की जब तक अपने पिता के घर में रहती है तब तक उसका जीवन बिल्कुल अलग होता है । और जब उसका विवाह हो जाता है तब वो बिल्कुल जीवन...

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जिद्दी मोहब्बत - 1 By Gumnaam shayar

 **खुशी का ऑफिस का पल**मुंबई के सीनियर सरकारी ऑफिस में, खुशी सिंह राठौड़ अपने कार्यालय में बैठी थी। कमरे की दीवारें सुनहरे रंग की लकड़ी की थीं, और हर कोने में फाइन फर्नीचर था। कमरे...

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सेकेण्ड वाइफ़ - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

 भाग-4 प्रदीप श्रीवास्तव इस संशय के बीच एक बजते ही मैं बात करने के लिए मोबाइल उठाता और फिर रख देता। डर यह भी था कि कहीं धनश्री जाग गई तो? बड़ी देर तक तरह-तरह की उलझनों से लड़न...

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लड़कियां बस प्यार ही देंगी, और लडके धोखा..... By puja

ऐसा नहीं कि मेरे घर में प्रेम करने की मनाही थी। लेकिन सही-गलत, नैतिक-अनैतिक के एक हजार नियम जरूर थे और वो सारे नियम लड़कियों के लिए थे।जब मैं स्कूल पास कर कॉलेज जा रही थी तो एक दिन...

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सुकून By SARWAT FATMI

सुकून  कभी तेरे लिए मैं,और मेरे लिए तुम एक अजनबी थे  पर अब मेरी जिंदगी बन गए हो मेरे दिल के सुकून बन गए हो मेरे हर खुशी अब तुमसे ही है तेरे बिना एक पल भी गुजारा भी नामुमकिन है  कब...

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लागा चुनरी में दाग़--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

और जब डाक्टर सतीश ने अमोली को वहाँ देखा तो वो उससे बोले... "अमोली! तुम और यहाँ" "हाँ! सतीश! मैं ही हूँ",अमोली सतीश से बोली... "लेकिन तुम तीन चार सालों से कहाँ थी"?,सतीश ने अमोली से...

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नुसरत - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग 4 “वास्तव में यह बात खुली ऐसे कि, एक बार ऐसी ही एक पार्टी में झगड़ा हो गया। सब के सब नशे में तो थे ही। उनकी गाली-गलौज, हुड़दंग से पड़ोसी जाग भी सकते हैं, उन सब ने ऐसा सोच...

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भूले नहीं भूली जाती By SARWAT FATMI

आंखे नम हैँ ज़ुबान लड़खड़ा रही हैँ शायद कुछ कहना हैँ ,पर जज़्बातों ने रोक लिया ,क्यों  ??? पता नहीं जिंदगी युही चलती रहेगी और ज़स्बात मेरे दिल के किसी कोने मे दबी रह जाएगीरातों मे तेरी...

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आज़ादी एक सच या झूठ? By Sanket Gawande

आज देश को आज़ाद हुए पूरे 78 साल हो गए। लेकिन क्या हम वाकई आज़ाद हैं? क्या हमारी बेटियाँ, हमारी बहनें, इस देश में सुरक्षित महसूस करती हैं? कोलकाता की हालिया घटना ने हमारे समाज के भी...

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मीरा प्रेम का अर्थ - 2 - अतीत की धुंधली तस्वीरें By sunita maurya

माधव उन दोनो को एक टक देखे जा रहा था....वो काफी हेरानी से देख रहा था....उसके सामने 2 लड़कियां थी जो बेहोश हालत में थी...उसमे से एक लड़की जिसपर उसकी नज़र टिकी हुई थी... .. ....कुछ स...

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 6 By Tripti Singh

एक महीने बाद एक महीना बीत चुका था त्रिवेणी और शिवराज जी के विवाह को इन महीना में त्रिवेणी ने अखंड के साथ-साथ उस घर को भी बहुत अच्छे संभाल लिया था। जिसे देखते हुए बुआ जी भी अब अपने...

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फर्क पड़ता हैं By SARWAT FATMI

  फर्क पड़ता हैं मुझे मुझे तेरी ख़ामोशी से फर्क पड़ता हैं ये बात कैसे बताऊं तुम्हे तेरी छोटी छोटी हरकतो से फर्क पड़ता हैं मुझे तेरी आँखों में जों सवालों क समुद्र देखती हूँ तब मुझे फर्क...

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रिश्तो की कश्मकश - 12 By Naaz Zehra

अब आगे पूजा संदीप से दूर हटी और बोली,, तुम्हें पता भी है, तुम क्या कह रहे हो,,, पूजा की बात सुनकर ,संदीप चीखते हुए बोला हां जानता हूं,, मां ,,मैं क्या कह रहा हूं,, मैं नीर से शादी...

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ब्रुन्धा-एक रुदाली--भाग(६) By Saroj Verma

किशना ने वहाँ उपस्थित लोगों के सामने अपनी बेगुनाही साबित करनी चाही,लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनी,वो चीखता रहा चिल्लाता रहा कि मैंने ठाकुर साहब का खून नहीं किया है लेकिन किसी ने उसक...

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इतना तो चलता है - 1 By Komal Mehta

आज की कविता का टॉपिक थोड़ा सा नाजुक है, ये औरत के लिए है जिन्हे अक्सर ये समझाया जाता है की इतना तो चलता है।एक औरत एक लड़की ने नई जॉब ली है, यहां उसके लिए तो पूरा ऑफिस स्टाफ उसका सी...

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सदाबहार के फूल By Sharovan

सदाबहार के फूल ***यदि सदाबहार ने उसका साथ दिया तो गोद तो उसकी भरेगी ही, घर का आंगन भी किलकारियों की तंरग से भर जायेगा। यह भेद भी केवल वह जानेगी और सदाबहार। इन्हें तो कुछ पता ही नही...

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आई कैन सी यू - 11 By Aisha Diwan Naaz

अब सिर्फ बंद कमरे में लूसी चाकू लिए दहशत गर्द बन कर खड़ी थी। कुछ देर तक वो गुस्से में फुफकार भरती रही फिर धीरे धीरे उसका गुस्सा कम हुआ। अब उसने फिर से दरवाज़ा पिटना शुरु किया लेकिन...

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ज़रा हटके ज़रा बचके - मूवी रिव्यू: By Chirag Kakkad

हैलो दोस्तों, में चिराग कक्कड़ कुछ नया करने का प्रयास कर रहा हूं और आज मैं आपको "ज़रा हटके ज़रा बचके" मूवी का रिव्यू देने वाला हूँ। ज़रा हटके ज़रा बचके मूवी रिव्यू: मैं आपको मूवी क...

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सजावटी मुस्कुराहट By SARWAT FATMI

सजावटी मुस्कुराहट लोग कहते हैं मैं एक अच्छी अदाकारा हूं रुख पर मुस्कान रख दुनिया को बदलने की चाहत में फिर सुबह एक नहीं किरण के साथ चल पड़ती हूं  कितनी भी रुकावट होती है बस एक सजावट...

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एक गृहणी By Asmita Madhesiya

लड़की जब तक अपने मां के घर में रहती है , या ये कह लो की लड़की जब तक अपने पिता के घर में रहती है तब तक उसका जीवन बिल्कुल अलग होता है । और जब उसका विवाह हो जाता है तब वो बिल्कुल जीवन...

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जिद्दी मोहब्बत - 1 By Gumnaam shayar

 **खुशी का ऑफिस का पल**मुंबई के सीनियर सरकारी ऑफिस में, खुशी सिंह राठौड़ अपने कार्यालय में बैठी थी। कमरे की दीवारें सुनहरे रंग की लकड़ी की थीं, और हर कोने में फाइन फर्नीचर था। कमरे...

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सेकेण्ड वाइफ़ - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

 भाग-4 प्रदीप श्रीवास्तव इस संशय के बीच एक बजते ही मैं बात करने के लिए मोबाइल उठाता और फिर रख देता। डर यह भी था कि कहीं धनश्री जाग गई तो? बड़ी देर तक तरह-तरह की उलझनों से लड़न...

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लड़कियां बस प्यार ही देंगी, और लडके धोखा..... By puja

ऐसा नहीं कि मेरे घर में प्रेम करने की मनाही थी। लेकिन सही-गलत, नैतिक-अनैतिक के एक हजार नियम जरूर थे और वो सारे नियम लड़कियों के लिए थे।जब मैं स्कूल पास कर कॉलेज जा रही थी तो एक दिन...

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सुकून By SARWAT FATMI

सुकून  कभी तेरे लिए मैं,और मेरे लिए तुम एक अजनबी थे  पर अब मेरी जिंदगी बन गए हो मेरे दिल के सुकून बन गए हो मेरे हर खुशी अब तुमसे ही है तेरे बिना एक पल भी गुजारा भी नामुमकिन है  कब...

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लागा चुनरी में दाग़--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

और जब डाक्टर सतीश ने अमोली को वहाँ देखा तो वो उससे बोले... "अमोली! तुम और यहाँ" "हाँ! सतीश! मैं ही हूँ",अमोली सतीश से बोली... "लेकिन तुम तीन चार सालों से कहाँ थी"?,सतीश ने अमोली से...

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नुसरत - भाग 4 (अंतिम भाग) By Pradeep Shrivastava

भाग 4 “वास्तव में यह बात खुली ऐसे कि, एक बार ऐसी ही एक पार्टी में झगड़ा हो गया। सब के सब नशे में तो थे ही। उनकी गाली-गलौज, हुड़दंग से पड़ोसी जाग भी सकते हैं, उन सब ने ऐसा सोच...

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भूले नहीं भूली जाती By SARWAT FATMI

आंखे नम हैँ ज़ुबान लड़खड़ा रही हैँ शायद कुछ कहना हैँ ,पर जज़्बातों ने रोक लिया ,क्यों  ??? पता नहीं जिंदगी युही चलती रहेगी और ज़स्बात मेरे दिल के किसी कोने मे दबी रह जाएगीरातों मे तेरी...

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आज़ादी एक सच या झूठ? By Sanket Gawande

आज देश को आज़ाद हुए पूरे 78 साल हो गए। लेकिन क्या हम वाकई आज़ाद हैं? क्या हमारी बेटियाँ, हमारी बहनें, इस देश में सुरक्षित महसूस करती हैं? कोलकाता की हालिया घटना ने हमारे समाज के भी...

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मीरा प्रेम का अर्थ - 2 - अतीत की धुंधली तस्वीरें By sunita maurya

माधव उन दोनो को एक टक देखे जा रहा था....वो काफी हेरानी से देख रहा था....उसके सामने 2 लड़कियां थी जो बेहोश हालत में थी...उसमे से एक लड़की जिसपर उसकी नज़र टिकी हुई थी... .. ....कुछ स...

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सौतेली माँ से माँ बनने का सफर...... भाग - 6 By Tripti Singh

एक महीने बाद एक महीना बीत चुका था त्रिवेणी और शिवराज जी के विवाह को इन महीना में त्रिवेणी ने अखंड के साथ-साथ उस घर को भी बहुत अच्छे संभाल लिया था। जिसे देखते हुए बुआ जी भी अब अपने...

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फर्क पड़ता हैं By SARWAT FATMI

  फर्क पड़ता हैं मुझे मुझे तेरी ख़ामोशी से फर्क पड़ता हैं ये बात कैसे बताऊं तुम्हे तेरी छोटी छोटी हरकतो से फर्क पड़ता हैं मुझे तेरी आँखों में जों सवालों क समुद्र देखती हूँ तब मुझे फर्क...

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रिश्तो की कश्मकश - 12 By Naaz Zehra

अब आगे पूजा संदीप से दूर हटी और बोली,, तुम्हें पता भी है, तुम क्या कह रहे हो,,, पूजा की बात सुनकर ,संदीप चीखते हुए बोला हां जानता हूं,, मां ,,मैं क्या कह रहा हूं,, मैं नीर से शादी...

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ब्रुन्धा-एक रुदाली--भाग(६) By Saroj Verma

किशना ने वहाँ उपस्थित लोगों के सामने अपनी बेगुनाही साबित करनी चाही,लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनी,वो चीखता रहा चिल्लाता रहा कि मैंने ठाकुर साहब का खून नहीं किया है लेकिन किसी ने उसक...

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