hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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नाकामी By Swati

बहुत दिनों बाद मां ने आज फोन किया ,और उनका सबसे पहला शब्द था खाना खा लिया तूने ।मेरी रूह तक कांप गई उनकी आवाज सुनकर , उनकी आवाज में जैसे कितना दर्द था अपने बेटे की नाकामी पे फिर भी...

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... मन के अंदर. By Rahul

....हर एक व्यक्ति अपनेआप में एकदम से निराला होता है।उसके जैसा कोई नहीं।अपनी एक खास पहचान लिए हम घूमते है।अपनी मनोभावनिक जो भी बनावट है,उसमे सबसे अधिक हिस्सा हमारे आसपास घटित हो रही...

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कांटों वाले गुलाब By DINESH KUMAR KEER

रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे उसका फ़ोन आया "हेल्लो" किसी ने फुसफुसा - हट भरे शब्दों में कहा।   "हाँ, बोलो" उसने भी धीमें से कहा।   "सब तैयारी हो गई क्या, सुबह चार बजे की...

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मेरे ठाकुर जी By DINESH KUMAR KEER

एक व्यक्ति हर रोज मंगला दर्शन अपने नजदीकी मंदिर में करता है और फिर अपने नित्य जीवन कार्य में लग जाता है। कहीं वर्ष तक यह नियम होता रहा।   एक दिन ऐसे ही वह मंदिर पहुँचा तो मंदि...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 12 By राज कुमार कांदु

लघुकथा क्रमांक 32जनता के सेवक************** "माननीय नेताजी ! क्या कहूँ उस सिरफिरे पत्रकार से ? किसी भी तरह से टलने का नाम ही नहीं ले रहा। कह रहा है आप हमारे प्रतिनिधि हैं तो आपको ह...

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अधूरी दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

लीला व माया में बहुत गहरी दोस्ती थी... लीला अपने घर में माता - पिता व भाई की लाडली थी जो वो मुँह से निकालती वो उपलब्ध हो जाता था उससे विपरीत माया के माता - पिता नहीं थे व भाई - बहन...

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मैं और मेरा अतीत By Swati

बात है साल 2016 की ,तब मैं स्कूल में पढ़ा करती थी। उस वक्त मैं 9वी में पढ़ती थी,हर साल की तरह 9वी की भी परीक्षा खत्म होने को थी, और मैं 10वी की नामांकन के लिए हाई स्कूल जाने वाली थ...

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रिश्तेदार By Swati Grover

कुछ महीने लंदन में अपनी बेटी के साथ रहने के बाद कामतानाथ प्रसाद ने सोच लिया कि अब वापिस अपने देश यानी भारत चला जाए हालाँकि उनके बेटी-दामाद ने उन्हें बहुत समझाया कि वापिस जाकर क्या...

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निर्जला एकादशी व्रत कथा By DINESH KUMAR KEER

जानें क्यों कहा जाता है इसे भीमा एकादशी   निर्जला एकादशी का एक वृत्तांत महाभारत में पांडवों के भाई भीम से जुड़ा है जिस कारण इसे भीमसेनी एकादशी के नाम भी जानते हैं.   आज न...

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चमत्कारी रेखाएं By milan ji

जब मैं पांच साल का था तब मेरे घर एक नन्ही सी परी आई थी, मेरी बहन, कृतिका। मैं उसके साथ खेलता, बातें करता। भले ही वो गोद ली हुई थी, लेकिन थी मेरे लिए सगी बहन से भी बढ़कर। वो कुछ बोल...

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गुड़िया... - 10 By Lotus

सना जब उस घर के बेसमेंट मे जाती है तो एक आवाज आती है...बहुत जल्दी आ गई सना .. शुक्र करो आ गई वरना तुम्हारे पति परमेश्वर ने तो गली से निकलना भी मुश्किल कर दिया है चारो तरफ पुलिस तैन...

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खाटू श्याम जी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है. वैसे तो खाटू श्याम बाबा के भक्तों की कोई गिनती नहीं लेकिन इनमें खासकर वैश्य, मारवाड़ी जैसे व्यवसायी वर्ग अधिक सं...

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गुमनाम नायक By DINESH KUMAR KEER

1857 ई. के क्रांति के महानायक बिहार के सासाराम के निशान नगर बड्डी गॉव निवासी सेनापति निशान सिंह चौहान जी को अंग्रेजों ने कैमूर की पहाड़ीयों से धोखे से पकड़ लिया..   सासाराम ले...

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सोने के कबूतर की चोरी By Sumit Singh

ठण्ड का मौसम था बाग़ हरियाली से दमक रहा था तब ही बादशाह अकबर ने सभापतियों को बाग़ में दरबार लगाने का हुक्म दिया . हुक्म की तालीम हुई और पूरा दरबार, अकबर और बीरबल बाग़ में बैठे .अकबर क...

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क्रिकेट का चस्का By DINESH KUMAR KEER

छीतर जी की पत्नी सुशीला देवी जी के गुजर जाने के बाद छीतर जी के जीवन में भी जैसे शांति ही छा गई । अब वह बहुत चुप - चुप से रहते, मुख भी बहुत उदास रहता, ज्यादा किसी से ना मिलते ना बोल...

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मैना कुमारी By DINESH KUMAR KEER

ये थी महान् वीरांगना मैना कुमारी ... 11 सितम्बर 1857 का दिन था जब बिठूर में एक पेड़ से बांध कर 13 वर्ष की लड़की को ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले कर दिया ! धूँ - धूँ कर जलती...

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मेरी मां By Swati

तो ये कहानी है ऐसी मां की जो अपने बच्चो की खुशी के लिऐ अपनी खुशी दाव पे लगा देती है ।जी हां, मैं हर उस मां के लिए के रही हूं जो अपनी पूरी जीवन को त्याग कर अपने परिवार के लिए समर्पण...

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लव ट्रेजेडी - 1 By Gaurav

सैम और प्रिया दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं दोनों शादी करने निकले हैं क्या दोनों की शादी हो पाएगी दोनों घर से भाग गए हैं क्या वह पकड़े जाएंगे और एक अजनबी उनकी मदद करता है क्या ह...

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छत का सन्नाटा By Rajesh Rajesh

पांच बरस के शम्मी को और तीन बरस की रक्षा को जब उनका पिता परिवार की जिम्मेदारियों से घबराकर साधु बनने के लिए हिमालय भाग जाता है, तो तब रक्षा शम्मी की मां मजबूर होकर बड़े घर को बेचकर...

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असली वारिस By DINESH KUMAR KEER

  एक इलाके में एक भले आदमी का देहांत हो गया लोग अर्थी ले जाने को तैयार हुये और जब उठाकर श्मशान ले जाने लगे तो एक आदमी आगे आया और अर्थी का एक पाऊं पकड़ लिया। और बोला के मरने वाल...

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बांटने का सुख By DINESH KUMAR KEER

पूरे चार महीने बाद वो शहर से कमाकर गाँव लौटा था। अम्मा उसे देखते ही चहकी...   "आ गया मेरा लाल! कितना दुबला हो गया है रे! खाली पैसे बचाने के चक्कर में ढंग से खाता-पीता भी नहीं...

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मेरे दादाजी By RACHNA ROY

परम पूज्यनीय दादा जी , सादर प्रणाम आपको।मैं कुछ दिनों से सोच रहा था कि एक पत्र आपको लिखुं पर कैसे लिखुं?समझ नहीं पा रहा था। दरअसल मैं आपको धन्यवाद देना चाहता था पर आत्म ग्लानि की व...

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अनीश - एक साधारण लड़का By DINESH KUMAR KEER

लगभग सोलह साल का अनीश नाम का एक लड़का साधारण लड़का, बस स्टैंड पर पानी बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह पानी बेच रहा था तो बस में बैठे एक व्यारी ने उसे बुलाया। अनीश, व्यापारी...

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प्रेम की सच्ची व्याख्या By DINESH KUMAR KEER

छोटे भाई सोहन से पिता की बीमारी का हाल फोन पर सुनकर मोहन तिलमिला उठा... गला रूंध गया, किसी तरह से इतना ही बोल पाया.... "पिता जी इतने बीमार है और मुझे आज बता रहे हो भाई... कहां इलाज...

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आजादी By Abhishek Joshi

  कहने  को  तो  हम  बरसों  पहले  आजाद  हो  चुके  ।  पर  देखा  जाए  तो  हम  आज  तक  गुलाम  है  ।  ये  बात  सही  है  हमे  आजादी  मिली  है  ।  पर  किस  चीज  से  अपनी  परंपरा  से  ।  अ...

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आखिरी फैसला By DINESH KUMAR KEER

ट्रिन ट्रिन..... दरवाजे पर बेल बजी ...मोहन ने अपने कमरे में से दूसरे कमरे में खिडकी पर खडी अपनी मां की ओर देखा.... कौन हो सकता है आसपास सभी को पता है कि हम दोनों की रिपोर्ट पाँजिटि...

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पहचान By Rajesh Rajesh

मानव ऐसा युवक था, उसके स्वभाव को समझना सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी के लिए भी समझना असंभव था क्योंकि मानव जिस व्यक्ति के साथ एक सप्ताह से भी कम समय रहता था, तो उस व्यक्ति ही जैसे दिखने...

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कामवाली बाई By DINESH KUMAR KEER

मेरे मिस्टर अपने व्यवसाय की एक आवश्यक मीटिंग में बिजी थे इसलिए मेरे 5 साल के बेटे को स्कूल से लाने के लिए मुझे टू-व्हीलर पर जाना पड़ा।   जब मैं टू व्हीलर से घर की ओर वापस आ रह...

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बद्रीनाथ धाम कथा By DINESH KUMAR KEER

. एक बार श्री हरि (विष्णु) के मन में एक घोर तपस्या करने की इच्छा जाग्रत हुई | वे उचित जगह की तलाश में इधर उधर भटकने लगे | . खोजते खोजते उन्हें एक जगह तप के लिए सबसे अच्छी लगी जो के...

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चहेरे By Abhishek Joshi

पूरी  दुनिया  चहेरो  से  ढकी  हुई  है | पर  किसी  का  असली  चहेरा  सामने  नहीं  आता  |   लोग  अपने  आप  को  ही  तरह - तरह  के  चहेरो  के  पीछे  छुपा  देते  है | पता  नहीं  चलता  की...

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साहिबा - एक विद्रोही लड़की By DINESH KUMAR KEER

  साहिबा आज अपनी सजा पूरी कर जेल से रिहा होने वाली है।   वैसे तो सजा अभी अढ़ाई साल और बाकी है पर उसके अच्छे स्वभाव और शांत व्यवहार से अढ़ाई साल सजा कम हो गई उसकी।  ...

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बोलते पत्थर सम्पादक अवध विहारी पाठक By राज बोहरे

समीक्षा –राजनारायण बोहरे बोलते पत्थर : उम्दा किस्सागोई अंग्रेजी साहित्य में बाल्टर स्कॉट के उपन्यासों से ऐतिहासिक उपन्यासों के लेखन की शुरुआत मानी जाती है। हिंदी उपन्यास का उदय और...

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कहानी हर घर की By DINESH KUMAR KEER

एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी । बड़ा और मझला पढ़ने मे बहुत होशियार थे। उनके माँ - बाप उन चारों से बेहद स्नेह करते थे मगर छोटे बेटे से थोड़ा परेशान से थे। बड़ा बेटा पढ़़ - लिखकर कम्...

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चट मंगनी पट ब्याह - 3 - अंतिम भाग By S Sinha

कहानी - चट मंगनी पट ब्याह      Last Part 3   - वर्षों बाद जब नटराजन अपना पुराना घर देखने गया था वहां के परिवार के बेटे से अचानक उसकी बेटी  की शादी की बात होने लगी  ….  थोड़ी देर बाद...

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चिन्तन By DINESH KUMAR KEER

  एक धनवान व्यक्ति था, बडा विलासी था। हर समय उसके मन में भोग विलास सुरा-सुंदरी के विचार ही छाए रहते थे। वह खुद भी इन विचारों से त्रस्त था, पर आदत से लाचार, वे विचार उसे छोड ही...

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भक्ति की शक्ति By Ruchi Modi Kakkad

सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ जिले में वेरावल नाम का एक शहर है। वेरावल अपने आप में प्रसिद्ध हैं यहां बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ ज्योतिर्लिंग स्थापित है। वर्षभर यहां श्रद्धालुओं...

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कैद पक्षी की मौत By Rajesh Rajesh

12 साल का अरविंद स्कूल से आकर कभी खाना खाकर कभी बिना खाना खाए, इमली के पेड़ों के नीचे पहुंच जाता था और इमली के एक एक पेड़ को ध्यान से देखता था, कि उसे पेड़ की कोई ऐसी खोख या टहना न...

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इंसान... - 1 By Rahul

..........रामू घर से बाहर निकल गया।इस बार सरिता ने भी उसे रोका नहीं।बच्चे हताश होकर रामू के जाते हुए परछाई को देख रहे थे।रोज रोज की परेशानी को देखते हुए रामू ने सरिता और बच्चो के स...

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बड़ी बहन By DINESH KUMAR KEER

  पापाजी तेज ऊंचे स्वर में। अनीश भागता हुआ आता है, और सवाल करता है... क्या बात है पापाजी? पापाजी- आप को पता नहीं है, आज आप की बड़ी बहन पुष्पलता आ रही है? वह इस बार हम सभी के स...

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एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई. By Piyush Goel

एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई और बोली मैं तुझे बहुत दिनों से देख रही हूँ तो बहुत मेहनती,हमेशा कुछ न कुछ करता रहता हैं.सफल होने के लिये, मैं समझ गई तू मुझे बहुत प्यार करता हैं,मैं...

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जीवन का यथार्थ By DINESH KUMAR KEER

बड़े घर की अनीता के विवाह का जश्न अपने चरमोत्कर्ष पर था, पांच सितारा होटल तो अनीता से भी अधिक जगमगा रहा था, हर तरफ बस मेहमान ही मेहमान नजर आ रहे थे... कोई सोने का हार तो कोई हीरे क...

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पड़ोसी धर्म By DINESH KUMAR KEER

नमस्ते राजूभाई... सुबह की सैर करने के बाद घर लौट रहे अपनी गली के एक रहने वाले राजूभाई को झाड़ू लगाती हुई सुधा ने कहा ... नमस्ते भाभीजी ... वो मुझे आपसे ... सुधा के बाकी शब्द अभी मु...

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नाकामी By Swati

बहुत दिनों बाद मां ने आज फोन किया ,और उनका सबसे पहला शब्द था खाना खा लिया तूने ।मेरी रूह तक कांप गई उनकी आवाज सुनकर , उनकी आवाज में जैसे कितना दर्द था अपने बेटे की नाकामी पे फिर भी...

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... मन के अंदर. By Rahul

....हर एक व्यक्ति अपनेआप में एकदम से निराला होता है।उसके जैसा कोई नहीं।अपनी एक खास पहचान लिए हम घूमते है।अपनी मनोभावनिक जो भी बनावट है,उसमे सबसे अधिक हिस्सा हमारे आसपास घटित हो रही...

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कांटों वाले गुलाब By DINESH KUMAR KEER

रात के साढ़े ग्यारह बज रहे थे उसका फ़ोन आया "हेल्लो" किसी ने फुसफुसा - हट भरे शब्दों में कहा।   "हाँ, बोलो" उसने भी धीमें से कहा।   "सब तैयारी हो गई क्या, सुबह चार बजे की...

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मेरे ठाकुर जी By DINESH KUMAR KEER

एक व्यक्ति हर रोज मंगला दर्शन अपने नजदीकी मंदिर में करता है और फिर अपने नित्य जीवन कार्य में लग जाता है। कहीं वर्ष तक यह नियम होता रहा।   एक दिन ऐसे ही वह मंदिर पहुँचा तो मंदि...

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मेरी चुनिंदा लघुकथाएँ - 12 By राज कुमार कांदु

लघुकथा क्रमांक 32जनता के सेवक************** "माननीय नेताजी ! क्या कहूँ उस सिरफिरे पत्रकार से ? किसी भी तरह से टलने का नाम ही नहीं ले रहा। कह रहा है आप हमारे प्रतिनिधि हैं तो आपको ह...

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अधूरी दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

लीला व माया में बहुत गहरी दोस्ती थी... लीला अपने घर में माता - पिता व भाई की लाडली थी जो वो मुँह से निकालती वो उपलब्ध हो जाता था उससे विपरीत माया के माता - पिता नहीं थे व भाई - बहन...

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मैं और मेरा अतीत By Swati

बात है साल 2016 की ,तब मैं स्कूल में पढ़ा करती थी। उस वक्त मैं 9वी में पढ़ती थी,हर साल की तरह 9वी की भी परीक्षा खत्म होने को थी, और मैं 10वी की नामांकन के लिए हाई स्कूल जाने वाली थ...

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रिश्तेदार By Swati Grover

कुछ महीने लंदन में अपनी बेटी के साथ रहने के बाद कामतानाथ प्रसाद ने सोच लिया कि अब वापिस अपने देश यानी भारत चला जाए हालाँकि उनके बेटी-दामाद ने उन्हें बहुत समझाया कि वापिस जाकर क्या...

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निर्जला एकादशी व्रत कथा By DINESH KUMAR KEER

जानें क्यों कहा जाता है इसे भीमा एकादशी   निर्जला एकादशी का एक वृत्तांत महाभारत में पांडवों के भाई भीम से जुड़ा है जिस कारण इसे भीमसेनी एकादशी के नाम भी जानते हैं.   आज न...

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चमत्कारी रेखाएं By milan ji

जब मैं पांच साल का था तब मेरे घर एक नन्ही सी परी आई थी, मेरी बहन, कृतिका। मैं उसके साथ खेलता, बातें करता। भले ही वो गोद ली हुई थी, लेकिन थी मेरे लिए सगी बहन से भी बढ़कर। वो कुछ बोल...

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गुड़िया... - 10 By Lotus

सना जब उस घर के बेसमेंट मे जाती है तो एक आवाज आती है...बहुत जल्दी आ गई सना .. शुक्र करो आ गई वरना तुम्हारे पति परमेश्वर ने तो गली से निकलना भी मुश्किल कर दिया है चारो तरफ पुलिस तैन...

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खाटू श्याम जी की कहानी By DINESH KUMAR KEER

राजस्थान के सीकर जिले में श्री खाटू श्याम जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है. वैसे तो खाटू श्याम बाबा के भक्तों की कोई गिनती नहीं लेकिन इनमें खासकर वैश्य, मारवाड़ी जैसे व्यवसायी वर्ग अधिक सं...

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गुमनाम नायक By DINESH KUMAR KEER

1857 ई. के क्रांति के महानायक बिहार के सासाराम के निशान नगर बड्डी गॉव निवासी सेनापति निशान सिंह चौहान जी को अंग्रेजों ने कैमूर की पहाड़ीयों से धोखे से पकड़ लिया..   सासाराम ले...

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सोने के कबूतर की चोरी By Sumit Singh

ठण्ड का मौसम था बाग़ हरियाली से दमक रहा था तब ही बादशाह अकबर ने सभापतियों को बाग़ में दरबार लगाने का हुक्म दिया . हुक्म की तालीम हुई और पूरा दरबार, अकबर और बीरबल बाग़ में बैठे .अकबर क...

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क्रिकेट का चस्का By DINESH KUMAR KEER

छीतर जी की पत्नी सुशीला देवी जी के गुजर जाने के बाद छीतर जी के जीवन में भी जैसे शांति ही छा गई । अब वह बहुत चुप - चुप से रहते, मुख भी बहुत उदास रहता, ज्यादा किसी से ना मिलते ना बोल...

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मैना कुमारी By DINESH KUMAR KEER

ये थी महान् वीरांगना मैना कुमारी ... 11 सितम्बर 1857 का दिन था जब बिठूर में एक पेड़ से बांध कर 13 वर्ष की लड़की को ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले कर दिया ! धूँ - धूँ कर जलती...

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मेरी मां By Swati

तो ये कहानी है ऐसी मां की जो अपने बच्चो की खुशी के लिऐ अपनी खुशी दाव पे लगा देती है ।जी हां, मैं हर उस मां के लिए के रही हूं जो अपनी पूरी जीवन को त्याग कर अपने परिवार के लिए समर्पण...

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लव ट्रेजेडी - 1 By Gaurav

सैम और प्रिया दोनों एक दूसरे से प्यार करते हैं दोनों शादी करने निकले हैं क्या दोनों की शादी हो पाएगी दोनों घर से भाग गए हैं क्या वह पकड़े जाएंगे और एक अजनबी उनकी मदद करता है क्या ह...

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छत का सन्नाटा By Rajesh Rajesh

पांच बरस के शम्मी को और तीन बरस की रक्षा को जब उनका पिता परिवार की जिम्मेदारियों से घबराकर साधु बनने के लिए हिमालय भाग जाता है, तो तब रक्षा शम्मी की मां मजबूर होकर बड़े घर को बेचकर...

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असली वारिस By DINESH KUMAR KEER

  एक इलाके में एक भले आदमी का देहांत हो गया लोग अर्थी ले जाने को तैयार हुये और जब उठाकर श्मशान ले जाने लगे तो एक आदमी आगे आया और अर्थी का एक पाऊं पकड़ लिया। और बोला के मरने वाल...

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बांटने का सुख By DINESH KUMAR KEER

पूरे चार महीने बाद वो शहर से कमाकर गाँव लौटा था। अम्मा उसे देखते ही चहकी...   "आ गया मेरा लाल! कितना दुबला हो गया है रे! खाली पैसे बचाने के चक्कर में ढंग से खाता-पीता भी नहीं...

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मेरे दादाजी By RACHNA ROY

परम पूज्यनीय दादा जी , सादर प्रणाम आपको।मैं कुछ दिनों से सोच रहा था कि एक पत्र आपको लिखुं पर कैसे लिखुं?समझ नहीं पा रहा था। दरअसल मैं आपको धन्यवाद देना चाहता था पर आत्म ग्लानि की व...

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अनीश - एक साधारण लड़का By DINESH KUMAR KEER

लगभग सोलह साल का अनीश नाम का एक लड़का साधारण लड़का, बस स्टैंड पर पानी बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह पानी बेच रहा था तो बस में बैठे एक व्यारी ने उसे बुलाया। अनीश, व्यापारी...

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प्रेम की सच्ची व्याख्या By DINESH KUMAR KEER

छोटे भाई सोहन से पिता की बीमारी का हाल फोन पर सुनकर मोहन तिलमिला उठा... गला रूंध गया, किसी तरह से इतना ही बोल पाया.... "पिता जी इतने बीमार है और मुझे आज बता रहे हो भाई... कहां इलाज...

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आजादी By Abhishek Joshi

  कहने  को  तो  हम  बरसों  पहले  आजाद  हो  चुके  ।  पर  देखा  जाए  तो  हम  आज  तक  गुलाम  है  ।  ये  बात  सही  है  हमे  आजादी  मिली  है  ।  पर  किस  चीज  से  अपनी  परंपरा  से  ।  अ...

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आखिरी फैसला By DINESH KUMAR KEER

ट्रिन ट्रिन..... दरवाजे पर बेल बजी ...मोहन ने अपने कमरे में से दूसरे कमरे में खिडकी पर खडी अपनी मां की ओर देखा.... कौन हो सकता है आसपास सभी को पता है कि हम दोनों की रिपोर्ट पाँजिटि...

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पहचान By Rajesh Rajesh

मानव ऐसा युवक था, उसके स्वभाव को समझना सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी के लिए भी समझना असंभव था क्योंकि मानव जिस व्यक्ति के साथ एक सप्ताह से भी कम समय रहता था, तो उस व्यक्ति ही जैसे दिखने...

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कामवाली बाई By DINESH KUMAR KEER

मेरे मिस्टर अपने व्यवसाय की एक आवश्यक मीटिंग में बिजी थे इसलिए मेरे 5 साल के बेटे को स्कूल से लाने के लिए मुझे टू-व्हीलर पर जाना पड़ा।   जब मैं टू व्हीलर से घर की ओर वापस आ रह...

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बद्रीनाथ धाम कथा By DINESH KUMAR KEER

. एक बार श्री हरि (विष्णु) के मन में एक घोर तपस्या करने की इच्छा जाग्रत हुई | वे उचित जगह की तलाश में इधर उधर भटकने लगे | . खोजते खोजते उन्हें एक जगह तप के लिए सबसे अच्छी लगी जो के...

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चहेरे By Abhishek Joshi

पूरी  दुनिया  चहेरो  से  ढकी  हुई  है | पर  किसी  का  असली  चहेरा  सामने  नहीं  आता  |   लोग  अपने  आप  को  ही  तरह - तरह  के  चहेरो  के  पीछे  छुपा  देते  है | पता  नहीं  चलता  की...

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साहिबा - एक विद्रोही लड़की By DINESH KUMAR KEER

  साहिबा आज अपनी सजा पूरी कर जेल से रिहा होने वाली है।   वैसे तो सजा अभी अढ़ाई साल और बाकी है पर उसके अच्छे स्वभाव और शांत व्यवहार से अढ़ाई साल सजा कम हो गई उसकी।  ...

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बोलते पत्थर सम्पादक अवध विहारी पाठक By राज बोहरे

समीक्षा –राजनारायण बोहरे बोलते पत्थर : उम्दा किस्सागोई अंग्रेजी साहित्य में बाल्टर स्कॉट के उपन्यासों से ऐतिहासिक उपन्यासों के लेखन की शुरुआत मानी जाती है। हिंदी उपन्यास का उदय और...

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कहानी हर घर की By DINESH KUMAR KEER

एक घर मे तीन भाई और एक बहन थी । बड़ा और मझला पढ़ने मे बहुत होशियार थे। उनके माँ - बाप उन चारों से बेहद स्नेह करते थे मगर छोटे बेटे से थोड़ा परेशान से थे। बड़ा बेटा पढ़़ - लिखकर कम्...

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चट मंगनी पट ब्याह - 3 - अंतिम भाग By S Sinha

कहानी - चट मंगनी पट ब्याह      Last Part 3   - वर्षों बाद जब नटराजन अपना पुराना घर देखने गया था वहां के परिवार के बेटे से अचानक उसकी बेटी  की शादी की बात होने लगी  ….  थोड़ी देर बाद...

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चिन्तन By DINESH KUMAR KEER

  एक धनवान व्यक्ति था, बडा विलासी था। हर समय उसके मन में भोग विलास सुरा-सुंदरी के विचार ही छाए रहते थे। वह खुद भी इन विचारों से त्रस्त था, पर आदत से लाचार, वे विचार उसे छोड ही...

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भक्ति की शक्ति By Ruchi Modi Kakkad

सौराष्ट्र के गिर सोमनाथ जिले में वेरावल नाम का एक शहर है। वेरावल अपने आप में प्रसिद्ध हैं यहां बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ ज्योतिर्लिंग स्थापित है। वर्षभर यहां श्रद्धालुओं...

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कैद पक्षी की मौत By Rajesh Rajesh

12 साल का अरविंद स्कूल से आकर कभी खाना खाकर कभी बिना खाना खाए, इमली के पेड़ों के नीचे पहुंच जाता था और इमली के एक एक पेड़ को ध्यान से देखता था, कि उसे पेड़ की कोई ऐसी खोख या टहना न...

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इंसान... - 1 By Rahul

..........रामू घर से बाहर निकल गया।इस बार सरिता ने भी उसे रोका नहीं।बच्चे हताश होकर रामू के जाते हुए परछाई को देख रहे थे।रोज रोज की परेशानी को देखते हुए रामू ने सरिता और बच्चो के स...

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बड़ी बहन By DINESH KUMAR KEER

  पापाजी तेज ऊंचे स्वर में। अनीश भागता हुआ आता है, और सवाल करता है... क्या बात है पापाजी? पापाजी- आप को पता नहीं है, आज आप की बड़ी बहन पुष्पलता आ रही है? वह इस बार हम सभी के स...

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एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई. By Piyush Goel

एक दिन सफलता मेरे सपनें में आई और बोली मैं तुझे बहुत दिनों से देख रही हूँ तो बहुत मेहनती,हमेशा कुछ न कुछ करता रहता हैं.सफल होने के लिये, मैं समझ गई तू मुझे बहुत प्यार करता हैं,मैं...

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जीवन का यथार्थ By DINESH KUMAR KEER

बड़े घर की अनीता के विवाह का जश्न अपने चरमोत्कर्ष पर था, पांच सितारा होटल तो अनीता से भी अधिक जगमगा रहा था, हर तरफ बस मेहमान ही मेहमान नजर आ रहे थे... कोई सोने का हार तो कोई हीरे क...

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पड़ोसी धर्म By DINESH KUMAR KEER

नमस्ते राजूभाई... सुबह की सैर करने के बाद घर लौट रहे अपनी गली के एक रहने वाले राजूभाई को झाड़ू लगाती हुई सुधा ने कहा ... नमस्ते भाभीजी ... वो मुझे आपसे ... सुधा के बाकी शब्द अभी मु...

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