hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • हमारी जड़

    ये कहानी एक परिवार की जगह ब्लॉग अपने कम में मसरफ। घर में पापा मम्मी के साथ 3बचे...

  • मीराबाई की जीवनी

    मीराबाई की जीवनी...       पायो जी मैंने नाम रतन धन पायो।   बस्तु अमोलक दी म्हारे...

  • माई का श्राप

    पुनः प्रसारणमाई का श्रापवो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर...

यादें बचपन की By सीमा

बच्चें मन के सच्चे...   बचपन में याद है ….. अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है….. जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे तब फल व खिलौने लेकर आते थे और...

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हमारी जड़ By Pragati

ये कहानी एक परिवार की जगह ब्लॉग अपने कम में मसरफ। घर में पापा मम्मी के साथ 3बचे हैं। सब अपने कम में बिजी सबका रूम अलग अलग। पापा की ड्यूटी और घर के मेकओवर मम्मी संबलती और बचे पढाई म...

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कृपा-आकांक्षी By Deepak sharma

बृजबाला को इधर नौकरी देने से पहले मुझे स्कूल-प्रबन्धक के कमरे में बुलाया गया था। ’’आइए, हेड मिस्ट्रेस महोदया।’’ स्कूल प्रबन्धक को मेरी समझ पर बहुत भरोसा था...

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दिल सहमा सा By Karunesh Maurya

हैलो दोस्तों , तो ये कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो शायद अब भी एक बच्चा है, जो नन्हे बच्चों से बहुत लगाओ रखता है ,पर अभी वो एक बेजूबान जानवर जैसा महसूस कर रहा है हा , वो ऐसे समय मे...

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मीराबाई की जीवनी By सीमा

मीराबाई की जीवनी...       पायो जी मैंने नाम रतन धन पायो।   बस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।   जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो।   खरचै नहिं कोई चोर न लेवै, दिन...

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माई का श्राप By Sanjay Nayak Shilp

पुनः प्रसारणमाई का श्रापवो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर पिता गुजर गया था। गंगा नाम था उसका, जैसे ही पति गया वो ठाकुर जी के चरणों में चली गई। बस दिन रात उनका...

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मोहब्बत का रंग काला By सीमा

  गाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्रुषा में कमी न रखती...

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हँसलोपैथी- डॉ. टी.एस. दराल By राजीव तनेजा

बचपन से ही मेरी रुचि स्तरीय हास्य रचनाओं को पढ़ने एवं हास्य कवियों/लेखकों को देखने सुनने की अन्य कवियों या लेखकों की बनिस्बत कुछ ज़्यादा रही है। जब लिखना शुरू किया तो इसी शौक का असर...

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अंत भला हो भला By LM Sharma

रामरति अपने पिता की पहली पत्नी की बिटिया थी। बात बहुत पुरानी हैं। हो सकता है सौ साल से भी अधिक पुरानी हो।उन दिनों समाज के सिद्धांत और रीति रिवाज कुछ अलग ही थे। रामरति की बहुत ही छो...

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अनजाना सा राही By सीमा

एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से...

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इस्लाम की आस्था By aadil Khan

इस्लाम की आस्था,इस्लाम के प्रति ईसाईजगत के रवैये का प्रतिनिधि, कम से कम हाल के वर्षों1649 में सीडर डू के अंग्रेजी संस्करण के लिए अलेक्जेंडर रॉस की पोस्ट्रस्क्रिप्ट है,रायर द्वारा क...

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गाँव की शादियां By सीमा

गाँव की शादियां   पहले गाँव मे न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अडोस-पडोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिय...

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तरक्की को देख कर फुले नहीं समा रहे थे ….. By Piyush Goel

बिहार का रहने वाला एक १८ वर्षीय युवा मुश्किल से १०वी पास, चार बहन भाइयों में सबसे छोटा, कुछ करने के लिए अपने माँ बाप को बिना बतायें दिल्ली आ जाता हैं.काम की तलाश में इधर उधर घूमता...

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प्यारी-सी नोकझोंक By RJS

सिंह साहब - हैलो... हैलो....हैलल्लल्लो.......क्या हुआअब आज क्या हुआ जो तुम अपने रसगुल्ले जैसे गोलू मोलू गालों को फुला ली हो नहीं...नहीं आज तो तुम्हारे लड्डू जैसे गाल लाल लाल टमाटर...

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वियोग का विलाप By RAMAN KUMAR JHA

रोहित एक मध्यम वर्गीय, नोकदार परिवार का युवक था। पढ़ाई के उपरांत, नौकरी करने लगा। बहुत वर्षों तक छोटी-मोटी, औनी-पौनी संस्थानों में काम कर जीवन यापन कर रहा था। वो, और उसके साथ रह रह...

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अदृश्य दंडाधिकारी By milan ji

अशोक अपना नाश्ता लेकर टीवी के सामने बैठ जाता है और टीवी ऑन करके न्यूज़ देखने लगता है। न्यूज़ में दिखाया जा रहा था कि किसी अदृश्य व्यक्ति ने सी.एम. के बेटे को बहुत पीटा है। एक पुलिस...

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ये हवेली नहीं बिकेगी By S Sinha

                           कहानी -  ये हवेली नहीं बिकेगी    दादी माँ अपने पोते अनिल की शादी गाँव की पुरानी हवेली से संपन्न कराना चाहती थीं  . अनिल तीन सप्ताह के लिए अमेरिका से अपनी...

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एक और दायरा By prabhat samir

डाॅ.प्रभात समीर मामा फोन पर कह रहे थे- ‘तूने अगर अपनी मामी के ख़त और उसकी कसम के सहारे मुझे ब्लैकमेल न किया होता तो मैं यहाँ तीन महीने तो क्या तीन घन्टे भी न बिताता।’ उ...

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बारिश - 2 By diya

दोनों लडकिया अंदर जाती हैं। लुना मिटिंग रुम की तरफ बढ ही रहीं थी, तभी " आ...... हमारे तो भाग ही खुल गये आपको देखकर मिस लुना। लुना ( फिर से नहीं ......)और आवाज़ की और पलट कर देखतीं ह...

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कर्ज़दार By Sharovan

कर्ज़दार *** ‘शायद तुम भूल गये हो कि, मंडी में बिका हुआ इंसान किसी की भी बोली लगाने के लायक नहीं होता है।’ *** ‘राहीही।’ ‘हूं?’ ‘एक बात कहूं।’ ‘क्या?’ ‘ये, हर समय उदास से क्यों रहा...

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मजदूर का बेटा By Sanjay Nayak Shilp

मजदूर का बेटाहम साथ साथ पढ़ते तब , 8 वीं की बात रही होगी, मेरी टक्कर हमेशा से ही उससे हो जाती थी, और मैं हमेशा उससे हार जाता था। खेल में, कक्षा के रिजल्ट के स्थान में, हमेशा वो मुझस...

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पांच साल की बेटी By Pallavi Gupta

pguptaindore600@gmail.comCould you please share what kind of issue you are facing? So we can resolve it properly. 

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पीछे न मुड़ना By milan ji

वो एकटक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पे मुस्कान थी। वो बेहद खूबसूरत भी थी। हम दोनो एक दूसरे से नजर मिलाए हुए थे। बस दिक्कत इतनी सी थी की मैं १४वे मंजिले में था और वो मेरी खिड़की के...

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चिड़िया के बच्चें By DINESH KUMAR KEER

.   जब महाभारत का युद्ध प्रारम्भ हो रहा था, इधर से पांड़वो की सेना तैयार थी उधर से कौरवों की सेना तैयार थी। दोनों सेनाएं आपस में टकराने के लिए बिल्कुल तैयार थी तो उस समय युद्ध...

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कशिश - पार्ट 2 By Ashish Bagerwal

रात की बैठकभोला काका और गांव के सभी सदस्य (महिलाएं ,बच्चे, बुजुर्ग) मुखिया जी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुखिया जी बड़े प्रसन्न भाव से बैठक में उपस्थित होते हैं। वहां शोरगुल...

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AIRPORT वाला KISS By RAMAN KUMAR JHA

रोहित और रमा का इश्क़ भी एक अजीब मुकाम पर था। हर महिने कीसी ना कीसी बहानें वो एक-दूसरे से मिल ही लेते थे। अलग-अलग शहर में रह कर इश्क़ का ये ख़ाम्याजा तो ज़रूर था। मुद्दतों बाद लम्ह...

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गुल्लक By RAMAN KUMAR JHA

#ShortStory  #लघुकथा   || गुल्लक ||   बचपन से हम यही सुनते आए हैं कि भविष्य के लिए बचत करनी चाहिए। सब अलग अलग मशवरा देते हैं। अलग अलग तरीके बताते हैं कि पैसा कैसे संजोया जाता है। ए...

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माँ का न्याय By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जेलर मुकुन्द राठौर की ईमानदार मेहनत और समय के बदलते करवट ने नियत को मजबूर कर दिया कि वह अपने न्याय की समीक्षा करें ।राज्यपाल महोदय ने शेखर मिलन रागिल के विषय मे जानकारी मंगाई तीनों...

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बेटा By Prem Parihar

  बहुत समय बाद फूली के घर में बेटा पैदा हुआ। बेटे का नाम कुमार रखा गया। उसका परिवार खुशियां मना रहा है। समय के साथ साथ बेटा भी बड़ा हुआ। कुमार बहुत ही सुन्दर और पढ़ाई में तेज  था।...

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तेरी महफ़िल By Urooj Khan

शीर्षक = तेरी महफ़िल"प्लीज टच मी बेबी, प्लीज टच मी,, प्लीज होल्ड मी इन योर आर्म,, आई वांट टू किस यू " सोहम के नजदीक आती हुयी एक लड़की ने कहा, जो की अपनी मजबूरियो के चलते एक अय्या...

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जीवन की सच्ची कहानी By Pikachu pika

मेरा नाम राहुल चौधरी है मैं मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले से रहने वाला हूं मैं एक मध्यम परिवार से हूं मेरी उम्र 21 वर्ष मेरे माता पिता ने कॉलेज तक मुझे पढ़ाया उसके लिए मैं उनका शुक्रग...

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कहानियों का रचना संसार - 6 - स्वयंसिद्धा By Dr Yogendra Kumar Pandey

कहानी स्वयंसिद्धा हैदराबाद की पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में आज दीक्षांत परेड है और कविता की बांह में आज आईपीएस का तमगा लगने वाला है। यह उपलब्धि कविता ने बड़े संघर्ष के बाद हासिल की है...

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अथ श्री प्लास्टर कथा By Arjit Mishra

बचपन से ही थोडा चंचल प्रवृत्ति का होने के कारण किसी एक जगह या एक काम में ज्यादा देर मन नहीं लगता था| यहाँ तक की स्कूल में लगातार क्लास में बैठना बहुत बोर करता था| इस कारण अक्सर दो...

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कहर कोरोना का By राज कुमार कांदु

कोरोना का कहर चरम पर था। अपनी मँडई के पीछे बने इकलौते कमरे में कुछ ग्रामवासियों के साथ बैठा रामदीन व्यग्रता से बार बार चैनल बदल बदलकर टीवी पर समाचार देख रहा था। अभी कल ही तो उसे खब...

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मेरे हमसफर By Piya

शुक्ला जी के घर आज शहनाई बजेगी आज उनके बड़े बेटे शिव कि शादी है , शुक्ला जी एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट मे क्लार्क का काम किया करते थे , बड़ी बारीकी से अपने घर को संभाला था दोनों बच्चों...

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पिंजरा खूबसूरती का By Urooj Khan

शीर्षक = पिंजरा खूबसूरती काचल जा अंदर, आज से तेरी यही जगह है, ज़ब तक अदालत तेरे लिए कोई हक़मी फैसला ना करदे, तब तक तू यही रहेगी, शक्ल से तो कितनी भोली मालूम पडती है, लेकिन देखो ज...

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प्यारी सासू माँ By bhagirath

  मेरी सासू माँ, नहीं; माँ कहना ठीक नहीं होगा, सास ही ठीक है क्योंकि माँ तो वह केवल अपने बेटे की है। मेरी तो बॉस है। मैं तो बिना पगार की मेड हूँ, झाड़ू-पोंछा, जाले साफ करना, खिड़की द...

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ऑटिज्म वाला लड़का By Sanjay Nayak Shilp

ऑटिज्म वाला लड़काट्रैफिक में फंसे रहने के कारण में कार्यक्रम में देर से पहुँच पाया था, एक नौजवान गा रहा था , "मंजिले अपनी जगह हैं रास्ते अपनी जगह । " जैसे ही मैं मुख्य दरवाजे में पह...

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घरू By satish bhardwaj

परितोष तेजवानी घर में आते ही सबसे पहले अपने पिता जगमोहन तेजवानी के पास आया। जगमोहन तेजवानी लगभग 83 वर्ष के विधुर वृद्ध हैं, सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त। परितोष भी प्रोढ़ अवस्था में...

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प्रेम का शहेर - 1 By Manju Prajapat

प्यार का शहर 1 हैलो, ये मेरी पहली कहानी कृपया करके समर्थन करें । दिल्ली प्यार का शहर। भारत की टॉप सिटी में से एक। कहते हैं ना कि अगर आपकी किस्मत में जो लिखा होता है वही आपको मिलता...

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तेरी आँखों के सिवा दुनिया मैं रखा क्या है….. By RDGSB

रात के १२:४० हो रहे है , आँखों मैं नींद भी है और ये भी पता है की जैसे ही सोने के लिए आँखें बंद करूँगा ये नींद भाग जाएगी और फिर दिन निकलने तक करवटें बदलने का सिलसिला चलता रहेगा। आज...

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1000 करोड़ के घोटाले को 40,000 करोड़ के घोटाले के रूप में क्यों प्रचारित किया गया? By Joshi Alina

हम सभी ने कुख्यात स्टॉक मार्केट घोटालों के बारे में कहानियां सुनी हैं और उन पर आधारित कई फिल्में और सीरीज देखी हैं। कुछ उन्हें मनोरंजन के लिए देखते हैं, कुछ उन्हें अधिक अंतर्दृष्टि...

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सच्चाई By piyush rai

6 साल पहले की बात हैं, एक लड़का था, वे अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करता था। उस लड़का का सपना था की एकदिन वे एक ऐसा काम करेगा की सभी उसे याद रखे। वे लड़का खुद की एक पहचान बनाना चाहता था।...

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इश्क़ का जुनून By Urooj Khan

शीर्षक = इश्क़ का जूनूनस्वरा बेटा जिद्द छोड़ दे, मरे हुए लोग वापस नही आते है, संस्कार भी हम सब को छोड़ कर जा चुका है, ये बात तू मान क्यूँ नही लेती? क्यूँ पिछले पांच साल से एक मुर्...

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Unkahe रिश्ते - 3 By Vivek Patel

मेंने वो टिकटे संभाल रखी है।हम रोज मिलते थे, वही रोज जहा से अक्सर ट्रेने गुजरती रहती है,जहा बहुत सारे लोग अपने सफर की शुरुवात करते है। जहा हररोज कोई बिछड़ता है, कोई मिलता है, तो कोई...

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स्वस्थ रक्षक By Pravin Borad

हेलो… दादा….. दादी कैसी हैं? दादी दाडम के लाल लाल दाना चबाती चबाती सरगवा सिंग की सब्जी बना रही है।ओह, गुड, और आप कैसे हो?मेरु बेटू पहले दादी की बात पूछता है बादमे मेरा नंबर लगता है...

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माँ के चरणों में बहुत रोएँ. By Piyush Goel

एक सेठ जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में बड़ा ही संघर्ष किया.सेठ को तीन बेटे थे. व्यापारी ने तीनों को पढ़ाया लिखाया. सेठ को अपने बड़े बेटे से बहुत लगाव था और माँ को छोटे बेटे से, और बड़े...

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यादें बचपन की By सीमा

बच्चें मन के सच्चे...   बचपन में याद है ….. अब इस तरह का आशीर्वाद कम ही मिलता है….. जब कोई रिश्तेदार व परिवार वाले हमारे घर आते थे तब फल व खिलौने लेकर आते थे और...

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हमारी जड़ By Pragati

ये कहानी एक परिवार की जगह ब्लॉग अपने कम में मसरफ। घर में पापा मम्मी के साथ 3बचे हैं। सब अपने कम में बिजी सबका रूम अलग अलग। पापा की ड्यूटी और घर के मेकओवर मम्मी संबलती और बचे पढाई म...

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कृपा-आकांक्षी By Deepak sharma

बृजबाला को इधर नौकरी देने से पहले मुझे स्कूल-प्रबन्धक के कमरे में बुलाया गया था। ’’आइए, हेड मिस्ट्रेस महोदया।’’ स्कूल प्रबन्धक को मेरी समझ पर बहुत भरोसा था...

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दिल सहमा सा By Karunesh Maurya

हैलो दोस्तों , तो ये कहानी है एक ऐसे व्यक्ति की जो शायद अब भी एक बच्चा है, जो नन्हे बच्चों से बहुत लगाओ रखता है ,पर अभी वो एक बेजूबान जानवर जैसा महसूस कर रहा है हा , वो ऐसे समय मे...

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मीराबाई की जीवनी By सीमा

मीराबाई की जीवनी...       पायो जी मैंने नाम रतन धन पायो।   बस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।   जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो।   खरचै नहिं कोई चोर न लेवै, दिन...

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माई का श्राप By Sanjay Nayak Shilp

पुनः प्रसारणमाई का श्रापवो तीन बेटों की माँ थी। बेटों को छोटी उम्र में ही छोड़कर पिता गुजर गया था। गंगा नाम था उसका, जैसे ही पति गया वो ठाकुर जी के चरणों में चली गई। बस दिन रात उनका...

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मोहब्बत का रंग काला By सीमा

  गाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्रुषा में कमी न रखती...

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हँसलोपैथी- डॉ. टी.एस. दराल By राजीव तनेजा

बचपन से ही मेरी रुचि स्तरीय हास्य रचनाओं को पढ़ने एवं हास्य कवियों/लेखकों को देखने सुनने की अन्य कवियों या लेखकों की बनिस्बत कुछ ज़्यादा रही है। जब लिखना शुरू किया तो इसी शौक का असर...

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अंत भला हो भला By LM Sharma

रामरति अपने पिता की पहली पत्नी की बिटिया थी। बात बहुत पुरानी हैं। हो सकता है सौ साल से भी अधिक पुरानी हो।उन दिनों समाज के सिद्धांत और रीति रिवाज कुछ अलग ही थे। रामरति की बहुत ही छो...

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अनजाना सा राही By सीमा

एक रेस्टोरेंट में कई बार देखा गया कि, एक व्यक्ति (भिखारी) आता है और भीड़ का लाभ उठाकर नाश्ता कर चुपके से बिना पैसे, दिए निकल जाता है। एक दिन जब वह खा रहा था तो एक आदमी ने चुपके से...

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इस्लाम की आस्था By aadil Khan

इस्लाम की आस्था,इस्लाम के प्रति ईसाईजगत के रवैये का प्रतिनिधि, कम से कम हाल के वर्षों1649 में सीडर डू के अंग्रेजी संस्करण के लिए अलेक्जेंडर रॉस की पोस्ट्रस्क्रिप्ट है,रायर द्वारा क...

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गाँव की शादियां By सीमा

गाँव की शादियां   पहले गाँव मे न टेंट हाऊस थे और न कैटरिंग। थी तो केवल सामाजिकता व व्यवहारिकता। गांव में जब कोई शादी होती तो घर के अडोस-पडोस से चारपाई आ जाती थी, हर घर से थरिय...

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तरक्की को देख कर फुले नहीं समा रहे थे ….. By Piyush Goel

बिहार का रहने वाला एक १८ वर्षीय युवा मुश्किल से १०वी पास, चार बहन भाइयों में सबसे छोटा, कुछ करने के लिए अपने माँ बाप को बिना बतायें दिल्ली आ जाता हैं.काम की तलाश में इधर उधर घूमता...

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प्यारी-सी नोकझोंक By RJS

सिंह साहब - हैलो... हैलो....हैलल्लल्लो.......क्या हुआअब आज क्या हुआ जो तुम अपने रसगुल्ले जैसे गोलू मोलू गालों को फुला ली हो नहीं...नहीं आज तो तुम्हारे लड्डू जैसे गाल लाल लाल टमाटर...

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वियोग का विलाप By RAMAN KUMAR JHA

रोहित एक मध्यम वर्गीय, नोकदार परिवार का युवक था। पढ़ाई के उपरांत, नौकरी करने लगा। बहुत वर्षों तक छोटी-मोटी, औनी-पौनी संस्थानों में काम कर जीवन यापन कर रहा था। वो, और उसके साथ रह रह...

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अदृश्य दंडाधिकारी By milan ji

अशोक अपना नाश्ता लेकर टीवी के सामने बैठ जाता है और टीवी ऑन करके न्यूज़ देखने लगता है। न्यूज़ में दिखाया जा रहा था कि किसी अदृश्य व्यक्ति ने सी.एम. के बेटे को बहुत पीटा है। एक पुलिस...

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ये हवेली नहीं बिकेगी By S Sinha

                           कहानी -  ये हवेली नहीं बिकेगी    दादी माँ अपने पोते अनिल की शादी गाँव की पुरानी हवेली से संपन्न कराना चाहती थीं  . अनिल तीन सप्ताह के लिए अमेरिका से अपनी...

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एक और दायरा By prabhat samir

डाॅ.प्रभात समीर मामा फोन पर कह रहे थे- ‘तूने अगर अपनी मामी के ख़त और उसकी कसम के सहारे मुझे ब्लैकमेल न किया होता तो मैं यहाँ तीन महीने तो क्या तीन घन्टे भी न बिताता।’ उ...

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बारिश - 2 By diya

दोनों लडकिया अंदर जाती हैं। लुना मिटिंग रुम की तरफ बढ ही रहीं थी, तभी " आ...... हमारे तो भाग ही खुल गये आपको देखकर मिस लुना। लुना ( फिर से नहीं ......)और आवाज़ की और पलट कर देखतीं ह...

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कर्ज़दार By Sharovan

कर्ज़दार *** ‘शायद तुम भूल गये हो कि, मंडी में बिका हुआ इंसान किसी की भी बोली लगाने के लायक नहीं होता है।’ *** ‘राहीही।’ ‘हूं?’ ‘एक बात कहूं।’ ‘क्या?’ ‘ये, हर समय उदास से क्यों रहा...

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मजदूर का बेटा By Sanjay Nayak Shilp

मजदूर का बेटाहम साथ साथ पढ़ते तब , 8 वीं की बात रही होगी, मेरी टक्कर हमेशा से ही उससे हो जाती थी, और मैं हमेशा उससे हार जाता था। खेल में, कक्षा के रिजल्ट के स्थान में, हमेशा वो मुझस...

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पांच साल की बेटी By Pallavi Gupta

pguptaindore600@gmail.comCould you please share what kind of issue you are facing? So we can resolve it properly. 

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पीछे न मुड़ना By milan ji

वो एकटक मुझे देख रही थी। उसके चेहरे पे मुस्कान थी। वो बेहद खूबसूरत भी थी। हम दोनो एक दूसरे से नजर मिलाए हुए थे। बस दिक्कत इतनी सी थी की मैं १४वे मंजिले में था और वो मेरी खिड़की के...

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चिड़िया के बच्चें By DINESH KUMAR KEER

.   जब महाभारत का युद्ध प्रारम्भ हो रहा था, इधर से पांड़वो की सेना तैयार थी उधर से कौरवों की सेना तैयार थी। दोनों सेनाएं आपस में टकराने के लिए बिल्कुल तैयार थी तो उस समय युद्ध...

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कशिश - पार्ट 2 By Ashish Bagerwal

रात की बैठकभोला काका और गांव के सभी सदस्य (महिलाएं ,बच्चे, बुजुर्ग) मुखिया जी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। मुखिया जी बड़े प्रसन्न भाव से बैठक में उपस्थित होते हैं। वहां शोरगुल...

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AIRPORT वाला KISS By RAMAN KUMAR JHA

रोहित और रमा का इश्क़ भी एक अजीब मुकाम पर था। हर महिने कीसी ना कीसी बहानें वो एक-दूसरे से मिल ही लेते थे। अलग-अलग शहर में रह कर इश्क़ का ये ख़ाम्याजा तो ज़रूर था। मुद्दतों बाद लम्ह...

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गुल्लक By RAMAN KUMAR JHA

#ShortStory  #लघुकथा   || गुल्लक ||   बचपन से हम यही सुनते आए हैं कि भविष्य के लिए बचत करनी चाहिए। सब अलग अलग मशवरा देते हैं। अलग अलग तरीके बताते हैं कि पैसा कैसे संजोया जाता है। ए...

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माँ का न्याय By नंदलाल मणि त्रिपाठी

जेलर मुकुन्द राठौर की ईमानदार मेहनत और समय के बदलते करवट ने नियत को मजबूर कर दिया कि वह अपने न्याय की समीक्षा करें ।राज्यपाल महोदय ने शेखर मिलन रागिल के विषय मे जानकारी मंगाई तीनों...

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बेटा By Prem Parihar

  बहुत समय बाद फूली के घर में बेटा पैदा हुआ। बेटे का नाम कुमार रखा गया। उसका परिवार खुशियां मना रहा है। समय के साथ साथ बेटा भी बड़ा हुआ। कुमार बहुत ही सुन्दर और पढ़ाई में तेज  था।...

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तेरी महफ़िल By Urooj Khan

शीर्षक = तेरी महफ़िल"प्लीज टच मी बेबी, प्लीज टच मी,, प्लीज होल्ड मी इन योर आर्म,, आई वांट टू किस यू " सोहम के नजदीक आती हुयी एक लड़की ने कहा, जो की अपनी मजबूरियो के चलते एक अय्या...

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जीवन की सच्ची कहानी By Pikachu pika

मेरा नाम राहुल चौधरी है मैं मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले से रहने वाला हूं मैं एक मध्यम परिवार से हूं मेरी उम्र 21 वर्ष मेरे माता पिता ने कॉलेज तक मुझे पढ़ाया उसके लिए मैं उनका शुक्रग...

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कहानियों का रचना संसार - 6 - स्वयंसिद्धा By Dr Yogendra Kumar Pandey

कहानी स्वयंसिद्धा हैदराबाद की पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में आज दीक्षांत परेड है और कविता की बांह में आज आईपीएस का तमगा लगने वाला है। यह उपलब्धि कविता ने बड़े संघर्ष के बाद हासिल की है...

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अथ श्री प्लास्टर कथा By Arjit Mishra

बचपन से ही थोडा चंचल प्रवृत्ति का होने के कारण किसी एक जगह या एक काम में ज्यादा देर मन नहीं लगता था| यहाँ तक की स्कूल में लगातार क्लास में बैठना बहुत बोर करता था| इस कारण अक्सर दो...

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कहर कोरोना का By राज कुमार कांदु

कोरोना का कहर चरम पर था। अपनी मँडई के पीछे बने इकलौते कमरे में कुछ ग्रामवासियों के साथ बैठा रामदीन व्यग्रता से बार बार चैनल बदल बदलकर टीवी पर समाचार देख रहा था। अभी कल ही तो उसे खब...

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मेरे हमसफर By Piya

शुक्ला जी के घर आज शहनाई बजेगी आज उनके बड़े बेटे शिव कि शादी है , शुक्ला जी एक प्राइवेट इंस्टिट्यूट मे क्लार्क का काम किया करते थे , बड़ी बारीकी से अपने घर को संभाला था दोनों बच्चों...

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पिंजरा खूबसूरती का By Urooj Khan

शीर्षक = पिंजरा खूबसूरती काचल जा अंदर, आज से तेरी यही जगह है, ज़ब तक अदालत तेरे लिए कोई हक़मी फैसला ना करदे, तब तक तू यही रहेगी, शक्ल से तो कितनी भोली मालूम पडती है, लेकिन देखो ज...

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प्यारी सासू माँ By bhagirath

  मेरी सासू माँ, नहीं; माँ कहना ठीक नहीं होगा, सास ही ठीक है क्योंकि माँ तो वह केवल अपने बेटे की है। मेरी तो बॉस है। मैं तो बिना पगार की मेड हूँ, झाड़ू-पोंछा, जाले साफ करना, खिड़की द...

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ऑटिज्म वाला लड़का By Sanjay Nayak Shilp

ऑटिज्म वाला लड़काट्रैफिक में फंसे रहने के कारण में कार्यक्रम में देर से पहुँच पाया था, एक नौजवान गा रहा था , "मंजिले अपनी जगह हैं रास्ते अपनी जगह । " जैसे ही मैं मुख्य दरवाजे में पह...

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घरू By satish bhardwaj

परितोष तेजवानी घर में आते ही सबसे पहले अपने पिता जगमोहन तेजवानी के पास आया। जगमोहन तेजवानी लगभग 83 वर्ष के विधुर वृद्ध हैं, सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त। परितोष भी प्रोढ़ अवस्था में...

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प्रेम का शहेर - 1 By Manju Prajapat

प्यार का शहर 1 हैलो, ये मेरी पहली कहानी कृपया करके समर्थन करें । दिल्ली प्यार का शहर। भारत की टॉप सिटी में से एक। कहते हैं ना कि अगर आपकी किस्मत में जो लिखा होता है वही आपको मिलता...

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तेरी आँखों के सिवा दुनिया मैं रखा क्या है….. By RDGSB

रात के १२:४० हो रहे है , आँखों मैं नींद भी है और ये भी पता है की जैसे ही सोने के लिए आँखें बंद करूँगा ये नींद भाग जाएगी और फिर दिन निकलने तक करवटें बदलने का सिलसिला चलता रहेगा। आज...

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1000 करोड़ के घोटाले को 40,000 करोड़ के घोटाले के रूप में क्यों प्रचारित किया गया? By Joshi Alina

हम सभी ने कुख्यात स्टॉक मार्केट घोटालों के बारे में कहानियां सुनी हैं और उन पर आधारित कई फिल्में और सीरीज देखी हैं। कुछ उन्हें मनोरंजन के लिए देखते हैं, कुछ उन्हें अधिक अंतर्दृष्टि...

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सच्चाई By piyush rai

6 साल पहले की बात हैं, एक लड़का था, वे अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करता था। उस लड़का का सपना था की एकदिन वे एक ऐसा काम करेगा की सभी उसे याद रखे। वे लड़का खुद की एक पहचान बनाना चाहता था।...

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इश्क़ का जुनून By Urooj Khan

शीर्षक = इश्क़ का जूनूनस्वरा बेटा जिद्द छोड़ दे, मरे हुए लोग वापस नही आते है, संस्कार भी हम सब को छोड़ कर जा चुका है, ये बात तू मान क्यूँ नही लेती? क्यूँ पिछले पांच साल से एक मुर्...

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Unkahe रिश्ते - 3 By Vivek Patel

मेंने वो टिकटे संभाल रखी है।हम रोज मिलते थे, वही रोज जहा से अक्सर ट्रेने गुजरती रहती है,जहा बहुत सारे लोग अपने सफर की शुरुवात करते है। जहा हररोज कोई बिछड़ता है, कोई मिलता है, तो कोई...

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स्वस्थ रक्षक By Pravin Borad

हेलो… दादा….. दादी कैसी हैं? दादी दाडम के लाल लाल दाना चबाती चबाती सरगवा सिंग की सब्जी बना रही है।ओह, गुड, और आप कैसे हो?मेरु बेटू पहले दादी की बात पूछता है बादमे मेरा नंबर लगता है...

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माँ के चरणों में बहुत रोएँ. By Piyush Goel

एक सेठ जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में बड़ा ही संघर्ष किया.सेठ को तीन बेटे थे. व्यापारी ने तीनों को पढ़ाया लिखाया. सेठ को अपने बड़े बेटे से बहुत लगाव था और माँ को छोटे बेटे से, और बड़े...

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