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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • चलें नीड़ की ओर - लघुकथा संकलन

    अच्छीं लघुकथायें : कुछ पर काम किया जाना बाकी है समीक्षक- रामगोपाल भावुक कथाकारचल...

  • सत्य आश्रम

    "सत्य आश्रम "(1) बाबा पुष्पेंदु लंगोट पहने हुए हैं।वे एक खुले स्थान पर बैठे हुए...

  • वट सावित्री का व्रत

    तमिल कहानी लेखिका आर. चूडामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा (तमिलनाडु में वट सावित्री क...

चलें नीड़ की ओर - लघुकथा संकलन By ramgopal bhavuk

अच्छीं लघुकथायें : कुछ पर काम किया जाना बाकी है समीक्षक- रामगोपाल भावुक कथाकारचलें नीड़ की ओर लघुकथा संकलन - सम्पादक - कान्ता रॉयसह सम्पादक -चन्द्रेश कुमार छतलानीमुल्य-565 रु.प्रकाश...

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सत्य आश्रम By ARUN SINGH

"सत्य आश्रम "(1) बाबा पुष्पेंदु लंगोट पहने हुए हैं।वे एक खुले स्थान पर बैठे हुए हैं।उनका शरीर नग्न है। उन्हें अन्य साधु गण दूध से नहला रहे हैं। बैक ग्राउंड में हल्की ध्वनि के साथ म...

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नागिन - का आखरी महायुध्द By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हैं ये काहाणी बोहत पुरानी हैं इस काहाणी में एक मंदिर हैं जो बोहत पुराना हैं लेकिन कोछ शेतान उस मंदिर को पाणा चाहाते हैं क्यो की वो मंदिर सोने का हैं तो काहाणी शुरु...

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उधार की जिंदगी By S Sinha

कहानी - उधार की जिंदगी रवि अपने बॉस को देखने अस्पताल गया था . उसके बॉस की बाई पास सर्जरी हुई थी और वह औपचारिकता वश उनसे मिलने गया था . वह 40 किलोमीटर दूर से अपने जिला म...

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वट सावित्री का व्रत By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका आर. चूडामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा (तमिलनाडु में वट सावित्री का व्रत सुहागिनें व कन्यायें सभी रखती हैं। इसे नोम्बू के नाम से मनाते हैं व इस दिन उपवास रख कर एक विश...

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संतानेच्छा By ARUN SINGH

संतानेच्छा (१) नवीन को स्कूल पहुँचने में देरी हो रही है। वह असहज दिखाई दे रहा है। नवीन: -"राशि तुमको कितन...

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योग By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका आर.चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा उम्र तो पचास साल की हो गई। शरीर में पहले जैसे ताकत भी नही है। फिर क्या जरूरत है अब भी तकलीफ पाने की?, ‘‘खाना बनाने...

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औलाद By Jagruti Joshi

रात का सन्नाटा छाया हुआ था । अमावस के बाद वाली रात्रि थी तो अंधेरा ज्यादा भयावह लग रहा था । ओर उसमे झींगुरो की आवाज उस माहौल को तंग कर रही थी। शारदा अपने घर के वरंड...

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मैं कौन हूं! By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका चूड़ामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ये मेरी कहानी है। मैं कौन हूं पूछ रहे हो? मैं ही भगवान हूं। ये कौन पागल है सोच रहे हो क्या? पागल नहीं होता हो इस तरह की एक दुनिया क...

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आख़री मोहब्बत - 1 By Merikhanii

कल रात यह क़ुबूल कर लिया कि तुम जा चुकी हो। यूं तो तुम्हारे जाने का सिलसिला महीनों पहले सुरु हो चुका था मगर दिल तुम्हारे चले जाने को कबूल नहीं कर पा रहा था। कल समझ आया कि रिश्ता ख़...

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भय से संतुष्टि By Anand M Mishra

कहानी नानी-दादी से सुनी थी। बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। उसके पास घोडा था। घोड़ा सुंदर था। लेकिन घोड़ा लालची था। राजा घोड़े की देखभाल अच्छे से करता था। उसकी सेवा के लिए कई साईस थ...

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मेरा नाम अन्नपुर्णी है। By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी उमा जानकी रामन अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा बाहर से कुछ आवाज आई। मैंने सिर्फ थोड़ा सा सिर बाहर करके झांका तो देखा सास लक्ष्मी एक बडे थैले को लेकर आ रहीं थी। ऐ बात पन्द्रह दिन...

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माचु बुआ और महेष्वरी By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका शांता बाल गोपाल अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा जेठ का माह खतम हुआ। वरूण देवता ने पानी के छीटे मार उसे विदा कर दिया। फूल-पत्ते ठण्डक पाकर सिर हिला रहें थे। ऐसा लग रहा था क...

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नीम का पेड़ (पार्ट8) By Kishanlal Sharma

26--दिखावा"पिताजी की शवयात्रा विमान से निकालेंग।"बड़ा बेटा बोला था ."सही कह रहे हो भैया।दुनिया वालो को पता चलना चाहिए कि शिव नारायण हमारे पिता थे।"छोटे भाई ने बड़े भाई की बात का सम...

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बडे़ लेखक By S Bhagyam Sharma

मूल तमिल लेखक डब्यू. गोपालकृष्णन नोट - तमिल में उब्बासी को खोट्टावी कहते है अनुवाद-एस.भाग्यम शर्मा “पट्टाभी, कभी भी जी.एम. तुम्हें बुला सकते हैं। तैयार रह। तेरे बारे में लोगो...

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रागिनी By Bhargav Patel

"चीन किस तरफ है?" बच्चे ने कुमाऊँ के पूर्वी हिमालय के पर्वतों की ओर नज़र फेरते हुए पूछा। पिथौरागढ़ के राजमार्गीय बाज़ार से आवासीय क्षेत्र में प्रवेश करते हुए वह छह वर्ष का बच्चा एक स्...

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खंडहर की दास्तान By Rajesh Maheshwari

खंडहर की दास्तान कुछ वर्ष पूर्व जबलपुर शहर के हनुमानताल क्षेत्र में एक वैद्य रहते थे। एक दिन रात में 12 बजे के आसपास उनके दरवाजे पर दस्तक हुयी और दरवाजा खोलने पर एक सज्जन अंदर आकर...

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पीली पतंग By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका उमा जानकी रामन अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा विशाली अभी तक नहीं उठी। पाँच बजते ही जैसे रबड़ के गंेद के समान उछल कर उठ जाने वाली विशाली आज विस्तर पर सिकुड़ कर पड़ी है। &lsqu...

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नया जीवन By S Bhagyam Sharma

लेखिका आर. चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा बुढ़िया अपनी काले रंग के प्रीमियर पदमिनी के पीछे की तरफ दोंनो हाथों को बांध कर बैठी थी। वें अकेली थीं। दरवाजा खुला रखकर हवा खा रही थीं। एक...

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उबटन By Jagruti Joshi

उबटन उबटन उबटन मां अब मैं थक चुकी हुं उबटन लगा लगाकर। अब मुझे नहीं लगाना,,,,,श्यामा ने अपनी मां को उबटन लगाने से इनकार करते हुए कहा। कमला जी ने अपनी बेटी से बडे प्यार से कह...

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ग्रहण देवता By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी ई जयमणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा जैसे ही वह पैदा हुई वैसे एक आश्चर्य भी साथ में था। गर्भ से निकले सभी बच्चे का कुछ दिनों तक सफेद ही होना साधारण सी बात है। परन्तु कई दिन ह...

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जहरीला By निरंजन कुमार मुंना

‍‍‍‍‍"मैं यकीन दिलाती हूँ रोहन, तेरे सिवा मेरी जिन्दगी में कोई नहीं था और न कोई है। मेरी बात को यकीन क्यों नहीं करतें ...?"-मोहनी ने दोंनो हाथ जोड़ते हुए अपने पति रोहन से बोली।...

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कुमारवेलु By S Bhagyam Sharma

मूल कहानी तमिल में ‘मीना सुन्दर’ ने लिखी है हिन्दी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। सुबह हो चुकी। चेंगम्मा अपने घर के सामने गोबर व पानी छिड़क कर साफ कर रंगोली बनाई। त...

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गोद By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका माधंगी जयरामन  अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ‘‘हम गोद ले’’ जैसे ही मैने कहा मेरे पति ने मुझे घूर कर देखा। ‘‘क्यों हमारी दो बेटिय...

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तपस्या By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

चार वर्षीय सूरज के पिता दिव्यनाथ की असमय मौत से सूरज और उसकी मां जानकी पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। जानकी देवी अपने जीवन यापन और सूरज के पालन - पोषण को लेकर चिंतित रहने ल...

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खत...., फौजी के नाम By ARUANDHATEE GARG मीठी

आज मेघा बहुत खुश थी , खुश हो भी क्यों न , आखिर आज उसके प्यार का इम्तेहान जो पूरा हो गया था , उसके प्यार के साथ उसकी शादी की तारीख पक्की होने के रूप में । मेघा और उसके प्यार अभिनव न...

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नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं, मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निह By Asha Saraswat

नवरात्रि स्टोरी — नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं , मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निहारती रही। सुंदर छवि देख कर मुझे जीती जागती मॉं दिखाई दी तभी पीछे से किसी ने मेरे क...

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एक दिन चौबीस घंटे By S Bhagyam Sharma

लेखिका आर. चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अपने आँखों के ऊपर बांए हाथ से आड बनाते हुए उसने पूछा ‘‘कौन है?’’ जैसे ही वे बोली वैसे ही ‘‘तुम अन्दर...

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कूलर के साथ वो दिन By Nilesh Dahiya

कहने को ठीक है पर यह गर्मी हालत ख़राब कर देती है जब यह अपनी औकात पर होती है , और हमे अपनी औकात याद दिला देती है |कुछ ऐसा ही था मेरे साथ , तीन मंजिला मकान में सबसे ऊपर...

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स्याह रातों की सुबह By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

स्याह रातों की सुबह काॅफी हाउस के एक टेबल पर वे दोनों आमने-सामने बैठे हुए थे। ध्यान से देखा तो मासूम बच्चे जैसे चेहरे पर ढेर सारी गम्भीरता लिये वह लड़की अमित को पसंद आ गई थी। "आप...

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एक छोटी सी इच्छा By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी के लेखक कुमार (सीताराम) है  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा विघ्नेश, सिर के ऊपर भारी बस्ते को लटका कर बस से उतर कर घर की ओर दौड़ता है। ये उसके पंसद के कामों में से एक है। कु...

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अपने घर का बेटा By S Bhagyam Sharma

लेखक मीनासुन्दर तमिल कहानी  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अम्मा सुबह से ही बहुत व्यस्त है क्योंकि करीब तीन साल बाद रवि आज आ रहा है। रवि, मेरे साथ पढ़ा हुआ है। मेरा करीबी दोस्त है। ऐस...

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काला धन By vidya,s world

काला धन धर्मपुर गांव में बिमला नाम की एक बूढ़ी औरत रहती थी।उसे दो बच्चे थे एक बेटा और एक बेटी।बिमला के पति के गुजर जाने के बाद बड़ी मेहनत से उस ने अपने बच्चो को पाल पोसकर बड़ा किया...

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वो अंधेरी सी गली By Krishna Kaveri K.K.

उस दिन मुझे घर लौटने में बहुत देर हो गई थी और ट्रैफिक भी ज्यादा था। काफी देर वेट करने के बाद भी जब ट्रैफिक नहीं हटा तो मुझे बहुत गुस्सा आने लगा और मैंने अपनी स्कूटी को ट्रैफिक के ब...

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बरसो रे मेघा-मेघा - 3 - अंतिम भाग By sangeeta sethi

भाग तीन बरसो रे मेघा-मेघा मरुस्थल की तपती रेत को बरसात का बेसब्री से इंतज़ार रहता है | धरती की तिड़की हुई देह आसमान को निरीह नज़रों से ताकती है कि कब बादल आयें और इस प्यासी धरती की प्...

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लव यू - 1 By Dr Anita

#लव यू#ये शब्द उसने पहली बार सुना था जब वो 18 साल की थी और इसके पहले भी कई दफ़ा ठरकी क़िस्म के अंकल ये बताते रहते थे।ये वो शरीफ़ वाले बदमाश थे जो घरवालों के सामने बेटा और उनके सामने ह...

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असली गरीब By Varun Sharma

घर की जिमेदारियो से जूझता हुआ लेखक को अंत पर सफलता मिलती है पर जब वो अपने आप को अमानवीय की ओर जाता हुआ देखता है तो केसे उसका हृदय परिवर्तन हुआ इस कहानी में जरूर पड़े

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पुत्र शोक By S Bhagyam Sharma

उमा जानकी राम की तमिल मूल कहानी का अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा केलिफोर्निया की चौड़ी-चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, चुभने वाली ठण्ड़ व यहां के लोग सभी बातें शामा शास्त्री को चकित कर रहीं...

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क्यों By Anni Anita

छोटी सी नेहा उसे शार्ट पैंट पहनना बहुत पसंद है ,गर्मी भी इतनी होती है मुम्बई में कि बस जाती ही नहीँ।दिसंबर भी तो यहाँ मार्च के समान।उसने जिद किया और पापा ने अब मना कर दिया । वो रो...

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मनोज धीमान की चार लघुकथाएं By Manoj Dhiman

लघुकथा/पार्टी टिकटचुनाव का समय था। बंद कमरे में टिकट बंटवारे पर निर्णय लिया जा रहा था। लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों के प्रत्याशियों को टिकटें बांटने संबंधी निर्णय ले लिया गया। मात्र...

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कैसे मिल गए हम By Bhumesh Kamdi

अहमदाबाद से मुंबई आज का ये सफर कुछ अलग था। मुझे याद नहीं मेने आखरी बार विंडो सीट के ल...

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चलें नीड़ की ओर - लघुकथा संकलन By ramgopal bhavuk

अच्छीं लघुकथायें : कुछ पर काम किया जाना बाकी है समीक्षक- रामगोपाल भावुक कथाकारचलें नीड़ की ओर लघुकथा संकलन - सम्पादक - कान्ता रॉयसह सम्पादक -चन्द्रेश कुमार छतलानीमुल्य-565 रु.प्रकाश...

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सत्य आश्रम By ARUN SINGH

"सत्य आश्रम "(1) बाबा पुष्पेंदु लंगोट पहने हुए हैं।वे एक खुले स्थान पर बैठे हुए हैं।उनका शरीर नग्न है। उन्हें अन्य साधु गण दूध से नहला रहे हैं। बैक ग्राउंड में हल्की ध्वनि के साथ म...

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नागिन - का आखरी महायुध्द By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हैं ये काहाणी बोहत पुरानी हैं इस काहाणी में एक मंदिर हैं जो बोहत पुराना हैं लेकिन कोछ शेतान उस मंदिर को पाणा चाहाते हैं क्यो की वो मंदिर सोने का हैं तो काहाणी शुरु...

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उधार की जिंदगी By S Sinha

कहानी - उधार की जिंदगी रवि अपने बॉस को देखने अस्पताल गया था . उसके बॉस की बाई पास सर्जरी हुई थी और वह औपचारिकता वश उनसे मिलने गया था . वह 40 किलोमीटर दूर से अपने जिला म...

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वट सावित्री का व्रत By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका आर. चूडामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा (तमिलनाडु में वट सावित्री का व्रत सुहागिनें व कन्यायें सभी रखती हैं। इसे नोम्बू के नाम से मनाते हैं व इस दिन उपवास रख कर एक विश...

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संतानेच्छा By ARUN SINGH

संतानेच्छा (१) नवीन को स्कूल पहुँचने में देरी हो रही है। वह असहज दिखाई दे रहा है। नवीन: -"राशि तुमको कितन...

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योग By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका आर.चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा उम्र तो पचास साल की हो गई। शरीर में पहले जैसे ताकत भी नही है। फिर क्या जरूरत है अब भी तकलीफ पाने की?, ‘‘खाना बनाने...

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औलाद By Jagruti Joshi

रात का सन्नाटा छाया हुआ था । अमावस के बाद वाली रात्रि थी तो अंधेरा ज्यादा भयावह लग रहा था । ओर उसमे झींगुरो की आवाज उस माहौल को तंग कर रही थी। शारदा अपने घर के वरंड...

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मैं कौन हूं! By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका चूड़ामणी अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ये मेरी कहानी है। मैं कौन हूं पूछ रहे हो? मैं ही भगवान हूं। ये कौन पागल है सोच रहे हो क्या? पागल नहीं होता हो इस तरह की एक दुनिया क...

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आख़री मोहब्बत - 1 By Merikhanii

कल रात यह क़ुबूल कर लिया कि तुम जा चुकी हो। यूं तो तुम्हारे जाने का सिलसिला महीनों पहले सुरु हो चुका था मगर दिल तुम्हारे चले जाने को कबूल नहीं कर पा रहा था। कल समझ आया कि रिश्ता ख़...

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भय से संतुष्टि By Anand M Mishra

कहानी नानी-दादी से सुनी थी। बहुत पुरानी बात है। एक राजा था। उसके पास घोडा था। घोड़ा सुंदर था। लेकिन घोड़ा लालची था। राजा घोड़े की देखभाल अच्छे से करता था। उसकी सेवा के लिए कई साईस थ...

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मेरा नाम अन्नपुर्णी है। By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी उमा जानकी रामन अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा बाहर से कुछ आवाज आई। मैंने सिर्फ थोड़ा सा सिर बाहर करके झांका तो देखा सास लक्ष्मी एक बडे थैले को लेकर आ रहीं थी। ऐ बात पन्द्रह दिन...

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माचु बुआ और महेष्वरी By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका शांता बाल गोपाल अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा जेठ का माह खतम हुआ। वरूण देवता ने पानी के छीटे मार उसे विदा कर दिया। फूल-पत्ते ठण्डक पाकर सिर हिला रहें थे। ऐसा लग रहा था क...

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नीम का पेड़ (पार्ट8) By Kishanlal Sharma

26--दिखावा"पिताजी की शवयात्रा विमान से निकालेंग।"बड़ा बेटा बोला था ."सही कह रहे हो भैया।दुनिया वालो को पता चलना चाहिए कि शिव नारायण हमारे पिता थे।"छोटे भाई ने बड़े भाई की बात का सम...

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बडे़ लेखक By S Bhagyam Sharma

मूल तमिल लेखक डब्यू. गोपालकृष्णन नोट - तमिल में उब्बासी को खोट्टावी कहते है अनुवाद-एस.भाग्यम शर्मा “पट्टाभी, कभी भी जी.एम. तुम्हें बुला सकते हैं। तैयार रह। तेरे बारे में लोगो...

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रागिनी By Bhargav Patel

"चीन किस तरफ है?" बच्चे ने कुमाऊँ के पूर्वी हिमालय के पर्वतों की ओर नज़र फेरते हुए पूछा। पिथौरागढ़ के राजमार्गीय बाज़ार से आवासीय क्षेत्र में प्रवेश करते हुए वह छह वर्ष का बच्चा एक स्...

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खंडहर की दास्तान By Rajesh Maheshwari

खंडहर की दास्तान कुछ वर्ष पूर्व जबलपुर शहर के हनुमानताल क्षेत्र में एक वैद्य रहते थे। एक दिन रात में 12 बजे के आसपास उनके दरवाजे पर दस्तक हुयी और दरवाजा खोलने पर एक सज्जन अंदर आकर...

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पीली पतंग By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका उमा जानकी रामन अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा विशाली अभी तक नहीं उठी। पाँच बजते ही जैसे रबड़ के गंेद के समान उछल कर उठ जाने वाली विशाली आज विस्तर पर सिकुड़ कर पड़ी है। &lsqu...

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नया जीवन By S Bhagyam Sharma

लेखिका आर. चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा बुढ़िया अपनी काले रंग के प्रीमियर पदमिनी के पीछे की तरफ दोंनो हाथों को बांध कर बैठी थी। वें अकेली थीं। दरवाजा खुला रखकर हवा खा रही थीं। एक...

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उबटन By Jagruti Joshi

उबटन उबटन उबटन मां अब मैं थक चुकी हुं उबटन लगा लगाकर। अब मुझे नहीं लगाना,,,,,श्यामा ने अपनी मां को उबटन लगाने से इनकार करते हुए कहा। कमला जी ने अपनी बेटी से बडे प्यार से कह...

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ग्रहण देवता By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी ई जयमणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा जैसे ही वह पैदा हुई वैसे एक आश्चर्य भी साथ में था। गर्भ से निकले सभी बच्चे का कुछ दिनों तक सफेद ही होना साधारण सी बात है। परन्तु कई दिन ह...

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जहरीला By निरंजन कुमार मुंना

‍‍‍‍‍"मैं यकीन दिलाती हूँ रोहन, तेरे सिवा मेरी जिन्दगी में कोई नहीं था और न कोई है। मेरी बात को यकीन क्यों नहीं करतें ...?"-मोहनी ने दोंनो हाथ जोड़ते हुए अपने पति रोहन से बोली।...

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कुमारवेलु By S Bhagyam Sharma

मूल कहानी तमिल में ‘मीना सुन्दर’ ने लिखी है हिन्दी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा ने किया है। सुबह हो चुकी। चेंगम्मा अपने घर के सामने गोबर व पानी छिड़क कर साफ कर रंगोली बनाई। त...

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गोद By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी लेखिका माधंगी जयरामन  अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा ‘‘हम गोद ले’’ जैसे ही मैने कहा मेरे पति ने मुझे घूर कर देखा। ‘‘क्यों हमारी दो बेटिय...

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तपस्या By सुधाकर मिश्र ” सरस ”

चार वर्षीय सूरज के पिता दिव्यनाथ की असमय मौत से सूरज और उसकी मां जानकी पर तो जैसे दुखों का पहाड़ टूट पड़ा हो। जानकी देवी अपने जीवन यापन और सूरज के पालन - पोषण को लेकर चिंतित रहने ल...

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खत...., फौजी के नाम By ARUANDHATEE GARG मीठी

आज मेघा बहुत खुश थी , खुश हो भी क्यों न , आखिर आज उसके प्यार का इम्तेहान जो पूरा हो गया था , उसके प्यार के साथ उसकी शादी की तारीख पक्की होने के रूप में । मेघा और उसके प्यार अभिनव न...

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नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं, मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निह By Asha Saraswat

नवरात्रि स्टोरी — नयन मॉं की ऑंखें खुली थीं , मैं पूजा सामग्री हाथों में लेकर निहारती रही। सुंदर छवि देख कर मुझे जीती जागती मॉं दिखाई दी तभी पीछे से किसी ने मेरे क...

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एक दिन चौबीस घंटे By S Bhagyam Sharma

लेखिका आर. चूड़ामणी अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अपने आँखों के ऊपर बांए हाथ से आड बनाते हुए उसने पूछा ‘‘कौन है?’’ जैसे ही वे बोली वैसे ही ‘‘तुम अन्दर...

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कूलर के साथ वो दिन By Nilesh Dahiya

कहने को ठीक है पर यह गर्मी हालत ख़राब कर देती है जब यह अपनी औकात पर होती है , और हमे अपनी औकात याद दिला देती है |कुछ ऐसा ही था मेरे साथ , तीन मंजिला मकान में सबसे ऊपर...

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स्याह रातों की सुबह By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

स्याह रातों की सुबह काॅफी हाउस के एक टेबल पर वे दोनों आमने-सामने बैठे हुए थे। ध्यान से देखा तो मासूम बच्चे जैसे चेहरे पर ढेर सारी गम्भीरता लिये वह लड़की अमित को पसंद आ गई थी। "आप...

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एक छोटी सी इच्छा By S Bhagyam Sharma

तमिल कहानी के लेखक कुमार (सीताराम) है  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा विघ्नेश, सिर के ऊपर भारी बस्ते को लटका कर बस से उतर कर घर की ओर दौड़ता है। ये उसके पंसद के कामों में से एक है। कु...

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अपने घर का बेटा By S Bhagyam Sharma

लेखक मीनासुन्दर तमिल कहानी  अनुवाद एस. भाग्यम शर्मा अम्मा सुबह से ही बहुत व्यस्त है क्योंकि करीब तीन साल बाद रवि आज आ रहा है। रवि, मेरे साथ पढ़ा हुआ है। मेरा करीबी दोस्त है। ऐस...

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काला धन By vidya,s world

काला धन धर्मपुर गांव में बिमला नाम की एक बूढ़ी औरत रहती थी।उसे दो बच्चे थे एक बेटा और एक बेटी।बिमला के पति के गुजर जाने के बाद बड़ी मेहनत से उस ने अपने बच्चो को पाल पोसकर बड़ा किया...

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वो अंधेरी सी गली By Krishna Kaveri K.K.

उस दिन मुझे घर लौटने में बहुत देर हो गई थी और ट्रैफिक भी ज्यादा था। काफी देर वेट करने के बाद भी जब ट्रैफिक नहीं हटा तो मुझे बहुत गुस्सा आने लगा और मैंने अपनी स्कूटी को ट्रैफिक के ब...

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बरसो रे मेघा-मेघा - 3 - अंतिम भाग By sangeeta sethi

भाग तीन बरसो रे मेघा-मेघा मरुस्थल की तपती रेत को बरसात का बेसब्री से इंतज़ार रहता है | धरती की तिड़की हुई देह आसमान को निरीह नज़रों से ताकती है कि कब बादल आयें और इस प्यासी धरती की प्...

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लव यू - 1 By Dr Anita

#लव यू#ये शब्द उसने पहली बार सुना था जब वो 18 साल की थी और इसके पहले भी कई दफ़ा ठरकी क़िस्म के अंकल ये बताते रहते थे।ये वो शरीफ़ वाले बदमाश थे जो घरवालों के सामने बेटा और उनके सामने ह...

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असली गरीब By Varun Sharma

घर की जिमेदारियो से जूझता हुआ लेखक को अंत पर सफलता मिलती है पर जब वो अपने आप को अमानवीय की ओर जाता हुआ देखता है तो केसे उसका हृदय परिवर्तन हुआ इस कहानी में जरूर पड़े

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पुत्र शोक By S Bhagyam Sharma

उमा जानकी राम की तमिल मूल कहानी का अनुवाद एस.भाग्यम शर्मा केलिफोर्निया की चौड़ी-चौड़ी सड़कें, ऊँची-ऊँची इमारतें, चुभने वाली ठण्ड़ व यहां के लोग सभी बातें शामा शास्त्री को चकित कर रहीं...

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क्यों By Anni Anita

छोटी सी नेहा उसे शार्ट पैंट पहनना बहुत पसंद है ,गर्मी भी इतनी होती है मुम्बई में कि बस जाती ही नहीँ।दिसंबर भी तो यहाँ मार्च के समान।उसने जिद किया और पापा ने अब मना कर दिया । वो रो...

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मनोज धीमान की चार लघुकथाएं By Manoj Dhiman

लघुकथा/पार्टी टिकटचुनाव का समय था। बंद कमरे में टिकट बंटवारे पर निर्णय लिया जा रहा था। लगभग सभी निर्वाचन क्षेत्रों के प्रत्याशियों को टिकटें बांटने संबंधी निर्णय ले लिया गया। मात्र...

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कैसे मिल गए हम By Bhumesh Kamdi

अहमदाबाद से मुंबई आज का ये सफर कुछ अलग था। मुझे याद नहीं मेने आखरी बार विंडो सीट के ल...

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