hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • जिहादी या अपराधी

    एक खोजी पत्रकार ने जब इस घटना की तहक़ीक़ात की तो उस पत्रकार की खोज से सच्चाई तो पत...

  • जज़्बा-ए-शहादत

    एक गुप्तचर का जीवन इतना एकाकी और आत्मकेंद्रित होता है कि उसमें उसके अपने भी नहीं...

  • आहुती किसकी

    यह हमारा डर ही तो है जो हम हमेशा कहते रहते हैं हिन्दू मुस्लिम भाई भाई, जबकि सच य...

डुप्लीकेट साड़ी By Neetu Singh Renuka

यह कहानी वो साड़ी कहानी के आगे की कहानी है। कभी ऐसा भी हो जाता है कि बड़ी दिक्कतों से हासिल की अपनी मनपसंद चीज़ से हमें हमेशा-हमेशा के लिए घृणा हो जाए। कुछ ऐसा ही हुआ उस नीली साड़ी क...

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चम्बा बाली By Amita Joshi

its a short story about an old lady who is deeply attached to her belongings in a small box and has not shared the memories associated with them with anyone..will her only loving g...

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जल-समाधि By Arpan Kumar

युद्ध की विसंगतियों को चित्रित करती एक कहानी...युद्ध क्या है ! राष्ट्रवाद के उन्माद में शहादतें होती हैं, दुश्मन और दोस्त तय किए जाते हैं। कई दोस्त मिलकर कई दुश्मनों को मारते हैं।...

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एक अमूल्य हीरा- ओडोना By Sonia Gupta

एक ऐसे योद्धा की कहानी जो विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद भी अपने देश के लिए लड़ता रहा अंतिम पल तक जब तक उसको यकीन नहीं हुआ ! विश्वयुद्ध के बाद पनपती एक और गाथा

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कोट पतलून By Saadat Hasan Manto

नाज़िम जब बांद्रा में मुंतक़िल हुआ तो उसे ख़ुशक़िसमती से किराए वाली बिल्डिंग में तीन कमरे मिल गए। इस बिल्डिंग में जो बंबई की ज़बान में चाली कहलाती है, निचले दर्जे के लोग रहते थे। छोटी...

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दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास By Mahatma Gandhi

अफ्रीका संसार के बड़े से बड़े महाद्वीपों में से एक है। हिंदुस्तान भी एक महाद्वीप के जैसे देश माना जाता है। परंतु अफ्रीका के भू-भाग में से केवल क्षेत्रफल की दृष्टि से चार या पाँच हिंद...

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अभिमन्यु लड़ रहा है By Kavita Verma

रात का सन्नाटा अपने चरम पर था। गली भी दूधिया रोशनी में ऊँघ रही थी। अपने इलाके की लड़ाई लड़ते कुत्ते अब थक कर किसी ओटले की ओट में गुड़ीमुड़ी एक दूसरे से सटे एक दूसरे को गर्मी पहुँचाने क...

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अपना By Ashish Kumar Trivedi

उसी समय नाज़नीन का भाई बाहर आ गया। उसने उसे पहचाना नहीं या जानबूझ कर अनजान बना रहा अरे क्यों वापस कर रही हो। खुशी के मौके पर नाचना गाना तो इनका काम है। नाज़नीन को देख कर बोला तु...

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जिहादी या अपराधी By Ved Prakash Tyagi

एक खोजी पत्रकार ने जब इस घटना की तहक़ीक़ात की तो उस पत्रकार की खोज से सच्चाई तो पता चली लेकिन क्या हिंदुओं का खोया हुआ सम्मान इस घटना की सच्चाई जानने के बाद वापस मिल सकता था

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राजा दाहिर सेन By Neelima Kumar

The story of Raja Dahir Sen, King of Sindh, who was the first martyr in saving India from invaders. This story is not appearing anywhere either in Indian history nor in the history...

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शुभ घड़ी By Ashish Kumar Trivedi

शर्माजी बिना कुछ बोले भीतर चले गए. वैभव और गायत्री असमंजस में थे कि उनका निर्णय क्या होगा. कुछ देर बाद शर्माजी बाहर आए. उनके हाथ में पूजा की थाली थी. उन्होंने वैभव को तिलक लगाया और...

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क़ुदरत का उसूल By Saadat Hasan Manto

क़ुदरत का ये उसूल है कि जिस चीज़ की मांग न रहे, वो ख़ुद-बख़ुद या तो रफ़्ता रफ़्ता बिलकुल नाबूद हो जाती है, या बहुत कमयाब अगर आप थोड़ी देर के लिए सोचें तो आप को मालूम हो जाएगा कि यहां स...

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भारत माँँ का वीर सपूत : आदित्य विक्रम पेठिया By Dr kavita Tyagi

1971 के भारत-पाक युद्ध जोकि एक सैन्य संघर्ष था में सक्रिय भूमिका निभाते हुए 5 दिसंबर 1971 को फ्लाइट लेफ्टिनेंट आदित्य विक्रम पेठिया पश्चिमी सेक्टर में लीडर के रूप में नियुक्त हुए...

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वो साड़ी By Neetu Singh Renuka

शॉपिंग की दीवानगी वैसे ही कोई ठिकाना नहीं होता। ऐसे में अगर कहीं सेल लगी हो तो सोचिए शॉपिंग के दीवानों को क्या हाल हो। उस पर भी सेल साड़ी की हो तो फिर क्या कहना

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चरित्रहीन - 2 By Deepak Shah

आज के इस दौर में हम इंसानी जज़्बातों का अपने निजी तौर पे जो तर्जुमा, जो अनुवाद करते हैं वो किस हद तक सही है ये सवाल मैं एक अरसे से खुद से पूछता रहा हूँ। आख़िर ये सवाल सबके सामने उठा...

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जज़्बा-ए-शहादत By Anita Lalit

एक गुप्तचर का जीवन इतना एकाकी और आत्मकेंद्रित होता है कि उसमें उसके अपने भी नहीं झाँक सकते! मोहनलाल के माता-पिता, यहाँ तक कि उसकी पत्नी को भी, उसके काम का पता नहीं था! यह भी पता नह...

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आहुती किसकी By Ved Prakash Tyagi

यह हमारा डर ही तो है जो हम हमेशा कहते रहते हैं हिन्दू मुस्लिम भाई भाई, जबकि सच यह है कि हम डर की वजह से मुस्लिमों को भाई बोलते हैं लेकिन आज तक कोई भी मुसलमान किसी हिन्दू को भाई नही...

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शूरवीर पृथ्वीराज चौहान By Amrita shukla

यह कहानी शूरवीर हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान की है।अपने नाना के गोद लेने के बाद मात्र ग्यारह वर्ष की उप्र में वे अजमेर और दिल्ली के शासक बन कर कुशलता पूर्वक शासन संचालित किया।यह बात...

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आभासी रिश्ता By Ashish Kumar Trivedi

जीवन के अंतिम पड़ाव में किसी के साथ की सबसे अधिक ज़रूरत होती है। वर्तमान में जब बच्चे अपने कैरियर व जीवन में व्यस्त हो जाते हैं तब जीवनसाथी ही साथ देता है। लेकिन यदि जीवनसाथी भी ना...

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जो लौट के फिर न आए By Jahnavi Suman

वरुण ऑटो से बाहर निकला उसके दोनों हाथों में सामान था। मुकेश ने जल्दी से दौड़ कर वरुण का सामान अपने कंधे पर उठा लिया। पिता ख़ुशी से वहीं के वहीं खड़े रह गए। माँ बोली, अंदर आ सबसे पहले...

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चिनहट की लड़ाई और रेज़िडेंसी की घेराबंदी By Ashish Kumar Trivedi

सन 1856 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अवध की रियासत पर कब्ज़ा कर उसके नवाब वाजिद अली शाह को गिरफ्तार कर कलकत्ता भेज दिया। अवध की प्रजा अंग्रेज़ों के इस फैसले से खुश नहीं थी। जनत...

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इशू By Neetu Singh Renuka

इशू एक नटखट बालपन से भरा बालक है। यह कहानी उसके नटखटपन से भरी है जहाँ नन्हें-नन्हें परोपकारों के लिए वह अपने नन्हें आक्रोशयुक्त निर्णय से भी टलने को तैयार हो जाता है।

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चरित्रहीन - 1 By Deepak Shah

आज के इस दौर में हम इंसानी जज़्बातों का अपने निजी तौर पे जो तर्जुमा, जो अनुवाद करते हैं वो किस हद तक सही है ये सवाल मैं एक अरसे से खुद से पूछता रहा हूँ। आख़िर ये सवाल सबके सामने उठा...

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भूली-बिसरी वीरांगनाएँ By Madhu Sharma Katiha

कुछ ऐसे वीरांगनाएँ जिनकी भूमिका स्वतन्त्रता-प्राप्ति में बेहद अहम है, लेकिन कम लोग ही उनके विषय में जानते हैं। उन वीरांगनाओं की शौर्य-गाथाएँ एक लड़ी में पिरोकर उनको एक श्रद्धांजलि !

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किताब का ख़ुलासा By Saadat Hasan Manto

सर्दियों में अनवर ममटी पर पतंग उड़ा रहा था। उस का छोटा भानजा उस के साथ था। चूँकि अनवर के वालिद कहीं बाहर गए हुए थे और वो देर से वापस आने वाले थे इस लिए वो पूरी आज़ादी और बड़ी बेपर्वाई...

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छुटकारा By Ved Prakash Tyagi

राजे तुरंत वहीं गन्ने के खेत में जहां से दीपे बाहर आ रहा था, जैसे ही घुसा तो देखकर हैरान रह गया। मंशा के सभी वस्त्र अस्त व्यस्त थे उसके जिस्म पर चोटों के निशान थे, राजे ने उसकी नब्...

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किशोर की डायरी By sudha bhargava

किशोरावस्था बाल्यवस्था से युवावस्था तक पहुंचने की एक कड़ी है। किशोर अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश इसी अवस्था से शुरू करते हैं। उनमें शारीरिक -मानसिक परिवर्तन परिलक्षित होने लगते ह...

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अन्ततः By Rekha Singh

Antatah is Collection of stories which make people understand sensitive heart n mind of a women. All stories are based on true experiences of life. ..

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सोफा By Neetu Singh Renuka

जीवन में छोटी-छोटी चीज़ें ब‌ड़े-बड़े दार्शनिक सबक सीखा जाती हैं। जीवन की क्षणभंगुरता देखिए कि यहाँ कुछ नहीं टिकता, न मामूली, न ख़ास। और यह ज्ञान एक मामूली सोफे ने दिया। सोनल दीदी के स...

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कच्ची मिट्टी By Dr kavita Tyagi

शारीरिक बनावट में भिन्नता होते हुए भी जन्म से बेटा-बेटी में क्षमताओं में किसी प्रकार भिन्नता नहीं होती है ।दोनों ही कच्ची मिट्टी के समान होते हैं , उन्हें जैसा परिवेश मिलता है , उस...

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रेत पर लिखा By Ved Prakash Tyagi

सुनयना बोली, सेठ जी मैं जानती हूँ , कोई भी सम्मानित व्यक्ति हम जैसी औरतों से संबंध बस उतना ही रखना चाहता है जितना कि समुद्र किनारे रेत पर कोई प्यार भरे ऐसे शब्द लिख दे जिसे पढ़कर ह...

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दायरे... By Neetu Singh Renuka

ईश्वर ने जानवरों की तुलना में हम मनुष्यों को सोचने-समझने की शक्ति कहीं अधिक दी है और इस शक्ति प्रयोग हमें निरंतर विकास और प्रगति ओर करना चाहिए। मगर हम इसका प्रयोग अपने लिए छोटे-छोट...

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चकबंदी By Ved Prakash Tyagi

अंग्रेजों के शासन काल में कृषि भूमि जमींदारों के पास थी, किसान उसमे खेती करते थे और जमींदार किसानों से मनमाना कर वसूलते थे। जिस कारण किसानों की स्थिति सदैव ही दयनीय रहती थी।

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छद्म भिखारी By Dr kavita Tyagi

शरीर के सुचारू संचालन के लिए जितना महत्व रक्त का है , उतना ही महत्व जीवन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए धन का है । किंतु , जिस प्रकार शरीर के लिए एकमात्र रक्त की आवश्यकता नहीं होत...

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सुदर्शन... By महेश रौतेला

उस दिन लगा शाम पूछ रही है , क्या प्यार के बारे में सोच रहे हो मैंने कहा, नहीं, रोजगार के बारे में सोच रहा हूँ। फिर सूरज चुपचाप छिप गया, अगली सुबह लाने के लिये।मैं पास के बेंच...

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पेंशन बनाम एन.पी.एस. By Neetu Singh Renuka

यहाँ सन 2000 तथा 20150 की दो कहानियाँ हैं कि कैसे पेंशनधारी हरिनाथ का परिवार जी रहा है, जिसमें उनके बेटे आदिनाथ, बहू जयवंती और पोता दीनानाथ हैं और कैसे सन 2050 में एन.पी.एस. वाले ह...

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ख्वाहिशे By Sanjay Nayka

हर किसी के दिल में ख्वाहिशे होती है हर कोई चाहता है की उसकी ख्वाहिशे पूरी हो
मेरी कहानी ख्वाहिशे मेने ये दर्शाया है की जब ख्वाहिशे दिल से की गयी हो तो वो जरूर पूरी होती है

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बददुआ By Ved Prakash Tyagi

रितेश को इस बात का पता चला तो उसे बड़ा दुख हुआ और उसके उस दुखी मन से उन सब के लिए जो बददुआ निकली उससे वे सब जो भी इस षडयंत्र में शामिल थे एक एक करके बड़ी ही कष्टदायी मौत मरने लगे।

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सबसे मिलिए धाय... By Neetu Singh Renuka

क्रिश यादव अपनी दुकान पर बैठे दूध बेच रहे थे। अपनी नादानी में एक जनाब की बेइज़्ज़ती कर बैठे, बिना ये सोचे कि कभी अपना भी कोई काम उनसे निकल सकता है। और फिर....

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दो कहानियाँ... By sandhya rathore

दो कहानियाँ किताब वास्तव में दो ही कहानियों का संकलन है। दोनों कहानियाँ, समाज और उसकी विंसगतियों के शिकार युवक और युवती पे आधारित कहानियां है।
पहली कहानी - मुखाग्नि - एक ऐसे...

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डुप्लीकेट साड़ी By Neetu Singh Renuka

यह कहानी वो साड़ी कहानी के आगे की कहानी है। कभी ऐसा भी हो जाता है कि बड़ी दिक्कतों से हासिल की अपनी मनपसंद चीज़ से हमें हमेशा-हमेशा के लिए घृणा हो जाए। कुछ ऐसा ही हुआ उस नीली साड़ी क...

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चम्बा बाली By Amita Joshi

its a short story about an old lady who is deeply attached to her belongings in a small box and has not shared the memories associated with them with anyone..will her only loving g...

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जल-समाधि By Arpan Kumar

युद्ध की विसंगतियों को चित्रित करती एक कहानी...युद्ध क्या है ! राष्ट्रवाद के उन्माद में शहादतें होती हैं, दुश्मन और दोस्त तय किए जाते हैं। कई दोस्त मिलकर कई दुश्मनों को मारते हैं।...

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एक अमूल्य हीरा- ओडोना By Sonia Gupta

एक ऐसे योद्धा की कहानी जो विश्वयुद्ध समाप्त होने के बाद भी अपने देश के लिए लड़ता रहा अंतिम पल तक जब तक उसको यकीन नहीं हुआ ! विश्वयुद्ध के बाद पनपती एक और गाथा

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कोट पतलून By Saadat Hasan Manto

नाज़िम जब बांद्रा में मुंतक़िल हुआ तो उसे ख़ुशक़िसमती से किराए वाली बिल्डिंग में तीन कमरे मिल गए। इस बिल्डिंग में जो बंबई की ज़बान में चाली कहलाती है, निचले दर्जे के लोग रहते थे। छोटी...

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दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह का इतिहास By Mahatma Gandhi

अफ्रीका संसार के बड़े से बड़े महाद्वीपों में से एक है। हिंदुस्तान भी एक महाद्वीप के जैसे देश माना जाता है। परंतु अफ्रीका के भू-भाग में से केवल क्षेत्रफल की दृष्टि से चार या पाँच हिंद...

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अभिमन्यु लड़ रहा है By Kavita Verma

रात का सन्नाटा अपने चरम पर था। गली भी दूधिया रोशनी में ऊँघ रही थी। अपने इलाके की लड़ाई लड़ते कुत्ते अब थक कर किसी ओटले की ओट में गुड़ीमुड़ी एक दूसरे से सटे एक दूसरे को गर्मी पहुँचाने क...

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अपना By Ashish Kumar Trivedi

उसी समय नाज़नीन का भाई बाहर आ गया। उसने उसे पहचाना नहीं या जानबूझ कर अनजान बना रहा अरे क्यों वापस कर रही हो। खुशी के मौके पर नाचना गाना तो इनका काम है। नाज़नीन को देख कर बोला तु...

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जिहादी या अपराधी By Ved Prakash Tyagi

एक खोजी पत्रकार ने जब इस घटना की तहक़ीक़ात की तो उस पत्रकार की खोज से सच्चाई तो पता चली लेकिन क्या हिंदुओं का खोया हुआ सम्मान इस घटना की सच्चाई जानने के बाद वापस मिल सकता था

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राजा दाहिर सेन By Neelima Kumar

The story of Raja Dahir Sen, King of Sindh, who was the first martyr in saving India from invaders. This story is not appearing anywhere either in Indian history nor in the history...

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शुभ घड़ी By Ashish Kumar Trivedi

शर्माजी बिना कुछ बोले भीतर चले गए. वैभव और गायत्री असमंजस में थे कि उनका निर्णय क्या होगा. कुछ देर बाद शर्माजी बाहर आए. उनके हाथ में पूजा की थाली थी. उन्होंने वैभव को तिलक लगाया और...

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क़ुदरत का उसूल By Saadat Hasan Manto

क़ुदरत का ये उसूल है कि जिस चीज़ की मांग न रहे, वो ख़ुद-बख़ुद या तो रफ़्ता रफ़्ता बिलकुल नाबूद हो जाती है, या बहुत कमयाब अगर आप थोड़ी देर के लिए सोचें तो आप को मालूम हो जाएगा कि यहां स...

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भारत माँँ का वीर सपूत : आदित्य विक्रम पेठिया By Dr kavita Tyagi

1971 के भारत-पाक युद्ध जोकि एक सैन्य संघर्ष था में सक्रिय भूमिका निभाते हुए 5 दिसंबर 1971 को फ्लाइट लेफ्टिनेंट आदित्य विक्रम पेठिया पश्चिमी सेक्टर में लीडर के रूप में नियुक्त हुए...

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वो साड़ी By Neetu Singh Renuka

शॉपिंग की दीवानगी वैसे ही कोई ठिकाना नहीं होता। ऐसे में अगर कहीं सेल लगी हो तो सोचिए शॉपिंग के दीवानों को क्या हाल हो। उस पर भी सेल साड़ी की हो तो फिर क्या कहना

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चरित्रहीन - 2 By Deepak Shah

आज के इस दौर में हम इंसानी जज़्बातों का अपने निजी तौर पे जो तर्जुमा, जो अनुवाद करते हैं वो किस हद तक सही है ये सवाल मैं एक अरसे से खुद से पूछता रहा हूँ। आख़िर ये सवाल सबके सामने उठा...

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जज़्बा-ए-शहादत By Anita Lalit

एक गुप्तचर का जीवन इतना एकाकी और आत्मकेंद्रित होता है कि उसमें उसके अपने भी नहीं झाँक सकते! मोहनलाल के माता-पिता, यहाँ तक कि उसकी पत्नी को भी, उसके काम का पता नहीं था! यह भी पता नह...

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आहुती किसकी By Ved Prakash Tyagi

यह हमारा डर ही तो है जो हम हमेशा कहते रहते हैं हिन्दू मुस्लिम भाई भाई, जबकि सच यह है कि हम डर की वजह से मुस्लिमों को भाई बोलते हैं लेकिन आज तक कोई भी मुसलमान किसी हिन्दू को भाई नही...

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शूरवीर पृथ्वीराज चौहान By Amrita shukla

यह कहानी शूरवीर हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान की है।अपने नाना के गोद लेने के बाद मात्र ग्यारह वर्ष की उप्र में वे अजमेर और दिल्ली के शासक बन कर कुशलता पूर्वक शासन संचालित किया।यह बात...

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आभासी रिश्ता By Ashish Kumar Trivedi

जीवन के अंतिम पड़ाव में किसी के साथ की सबसे अधिक ज़रूरत होती है। वर्तमान में जब बच्चे अपने कैरियर व जीवन में व्यस्त हो जाते हैं तब जीवनसाथी ही साथ देता है। लेकिन यदि जीवनसाथी भी ना...

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जो लौट के फिर न आए By Jahnavi Suman

वरुण ऑटो से बाहर निकला उसके दोनों हाथों में सामान था। मुकेश ने जल्दी से दौड़ कर वरुण का सामान अपने कंधे पर उठा लिया। पिता ख़ुशी से वहीं के वहीं खड़े रह गए। माँ बोली, अंदर आ सबसे पहले...

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चिनहट की लड़ाई और रेज़िडेंसी की घेराबंदी By Ashish Kumar Trivedi

सन 1856 में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने अवध की रियासत पर कब्ज़ा कर उसके नवाब वाजिद अली शाह को गिरफ्तार कर कलकत्ता भेज दिया। अवध की प्रजा अंग्रेज़ों के इस फैसले से खुश नहीं थी। जनत...

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इशू By Neetu Singh Renuka

इशू एक नटखट बालपन से भरा बालक है। यह कहानी उसके नटखटपन से भरी है जहाँ नन्हें-नन्हें परोपकारों के लिए वह अपने नन्हें आक्रोशयुक्त निर्णय से भी टलने को तैयार हो जाता है।

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चरित्रहीन - 1 By Deepak Shah

आज के इस दौर में हम इंसानी जज़्बातों का अपने निजी तौर पे जो तर्जुमा, जो अनुवाद करते हैं वो किस हद तक सही है ये सवाल मैं एक अरसे से खुद से पूछता रहा हूँ। आख़िर ये सवाल सबके सामने उठा...

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भूली-बिसरी वीरांगनाएँ By Madhu Sharma Katiha

कुछ ऐसे वीरांगनाएँ जिनकी भूमिका स्वतन्त्रता-प्राप्ति में बेहद अहम है, लेकिन कम लोग ही उनके विषय में जानते हैं। उन वीरांगनाओं की शौर्य-गाथाएँ एक लड़ी में पिरोकर उनको एक श्रद्धांजलि !

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किताब का ख़ुलासा By Saadat Hasan Manto

सर्दियों में अनवर ममटी पर पतंग उड़ा रहा था। उस का छोटा भानजा उस के साथ था। चूँकि अनवर के वालिद कहीं बाहर गए हुए थे और वो देर से वापस आने वाले थे इस लिए वो पूरी आज़ादी और बड़ी बेपर्वाई...

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छुटकारा By Ved Prakash Tyagi

राजे तुरंत वहीं गन्ने के खेत में जहां से दीपे बाहर आ रहा था, जैसे ही घुसा तो देखकर हैरान रह गया। मंशा के सभी वस्त्र अस्त व्यस्त थे उसके जिस्म पर चोटों के निशान थे, राजे ने उसकी नब्...

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किशोर की डायरी By sudha bhargava

किशोरावस्था बाल्यवस्था से युवावस्था तक पहुंचने की एक कड़ी है। किशोर अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश इसी अवस्था से शुरू करते हैं। उनमें शारीरिक -मानसिक परिवर्तन परिलक्षित होने लगते ह...

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अन्ततः By Rekha Singh

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सोफा By Neetu Singh Renuka

जीवन में छोटी-छोटी चीज़ें ब‌ड़े-बड़े दार्शनिक सबक सीखा जाती हैं। जीवन की क्षणभंगुरता देखिए कि यहाँ कुछ नहीं टिकता, न मामूली, न ख़ास। और यह ज्ञान एक मामूली सोफे ने दिया। सोनल दीदी के स...

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कच्ची मिट्टी By Dr kavita Tyagi

शारीरिक बनावट में भिन्नता होते हुए भी जन्म से बेटा-बेटी में क्षमताओं में किसी प्रकार भिन्नता नहीं होती है ।दोनों ही कच्ची मिट्टी के समान होते हैं , उन्हें जैसा परिवेश मिलता है , उस...

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रेत पर लिखा By Ved Prakash Tyagi

सुनयना बोली, सेठ जी मैं जानती हूँ , कोई भी सम्मानित व्यक्ति हम जैसी औरतों से संबंध बस उतना ही रखना चाहता है जितना कि समुद्र किनारे रेत पर कोई प्यार भरे ऐसे शब्द लिख दे जिसे पढ़कर ह...

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दायरे... By Neetu Singh Renuka

ईश्वर ने जानवरों की तुलना में हम मनुष्यों को सोचने-समझने की शक्ति कहीं अधिक दी है और इस शक्ति प्रयोग हमें निरंतर विकास और प्रगति ओर करना चाहिए। मगर हम इसका प्रयोग अपने लिए छोटे-छोट...

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चकबंदी By Ved Prakash Tyagi

अंग्रेजों के शासन काल में कृषि भूमि जमींदारों के पास थी, किसान उसमे खेती करते थे और जमींदार किसानों से मनमाना कर वसूलते थे। जिस कारण किसानों की स्थिति सदैव ही दयनीय रहती थी।

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छद्म भिखारी By Dr kavita Tyagi

शरीर के सुचारू संचालन के लिए जितना महत्व रक्त का है , उतना ही महत्व जीवन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए धन का है । किंतु , जिस प्रकार शरीर के लिए एकमात्र रक्त की आवश्यकता नहीं होत...

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सुदर्शन... By महेश रौतेला

उस दिन लगा शाम पूछ रही है , क्या प्यार के बारे में सोच रहे हो मैंने कहा, नहीं, रोजगार के बारे में सोच रहा हूँ। फिर सूरज चुपचाप छिप गया, अगली सुबह लाने के लिये।मैं पास के बेंच...

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पेंशन बनाम एन.पी.एस. By Neetu Singh Renuka

यहाँ सन 2000 तथा 20150 की दो कहानियाँ हैं कि कैसे पेंशनधारी हरिनाथ का परिवार जी रहा है, जिसमें उनके बेटे आदिनाथ, बहू जयवंती और पोता दीनानाथ हैं और कैसे सन 2050 में एन.पी.एस. वाले ह...

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ख्वाहिशे By Sanjay Nayka

हर किसी के दिल में ख्वाहिशे होती है हर कोई चाहता है की उसकी ख्वाहिशे पूरी हो
मेरी कहानी ख्वाहिशे मेने ये दर्शाया है की जब ख्वाहिशे दिल से की गयी हो तो वो जरूर पूरी होती है

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बददुआ By Ved Prakash Tyagi

रितेश को इस बात का पता चला तो उसे बड़ा दुख हुआ और उसके उस दुखी मन से उन सब के लिए जो बददुआ निकली उससे वे सब जो भी इस षडयंत्र में शामिल थे एक एक करके बड़ी ही कष्टदायी मौत मरने लगे।

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सबसे मिलिए धाय... By Neetu Singh Renuka

क्रिश यादव अपनी दुकान पर बैठे दूध बेच रहे थे। अपनी नादानी में एक जनाब की बेइज़्ज़ती कर बैठे, बिना ये सोचे कि कभी अपना भी कोई काम उनसे निकल सकता है। और फिर....

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दो कहानियाँ... By sandhya rathore

दो कहानियाँ किताब वास्तव में दो ही कहानियों का संकलन है। दोनों कहानियाँ, समाज और उसकी विंसगतियों के शिकार युवक और युवती पे आधारित कहानियां है।
पहली कहानी - मुखाग्नि - एक ऐसे...

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