hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • पागल की डायरी

    दो भाई थे। उनके नाम नहीं बताऊँगा। वे मेरे स्कूल के दिनों के साथी थे। दोनों से अच...

  • काला सागर

    , यार, यह विमान अगर गिरना ही था, तो साला समुद्र में क्यों गिरा सोच, कितनी बढि...

  • चील्हा अजिया

    ’अजिया पांय लागी।’
    कभी थोड़ा हाथ उठाकर कभी सिर हिलाकर आषीश देतीं चील्हा अजिया।...

मन की बात By Jayti menaria

मन की बात

एक प्रेरक कहानी, पढ़िए सुन्दर शब्दों मै

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खिडकी By Ajay Oza

खिडकी

अजय ओजा द्वारा लिखित एक सुन्दर कहानी, जो वास्तविक परिस्थिति के साथ हुबहू मेल खाती है

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मानसिकता By Bhagwati Prasad Dwivedi

ekufldrk f'koth us djoV cnyh vkSj ckf>y gks vkbZ vk¡[ksa ew¡n yha A lk¡> vkfgLrk&vkfgLrk

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Cheekh By dhirendraasthana

कहानी चीख धीरेन्द्र अस्थाना ठोस अंधेरे में भय की तरह चमकता हुआ क्षण था वह जब मुझे बताया गया कि कुन्नी घर से चला गया है। चला गया है? कहां चला गया है? चला कैसे गया? भला कुन्नी घर से...

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प्रतिज्ञा अध्याय 4 By Munshi Premchand

प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि...

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फैमिली By DR. SHYAM BABU SHARMA

’सर, घर गए हुए मुझे छः महीने हो गए। मम्मी की तबीयत ठीक नहीं रहती। दस-पन्द्रह दिन की ही छुट्टी दे दीजिये।’
सिपाही अनुराग सिंह सूबेदार के सामने छुट्टी की अर्जी देते हुए गिड़गिड़ा रहा...

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सियाह हाशिए - 2 By BALRAM AGARWAL

एक लेखक के तौर पर मंटो की विशेषता यह है कि अहसास के शुरुआती छोर से लेकर उसके आखिरी छोर तक वह न तो मुसलमान है, न हिन्दू, न कश्मीरी और न पंजाबी इंसान है, सिर्फ़ इंसान।…‘सियाह हाशिए...

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प्रेम सितारे By Mukesh Kumar Sinha

चार छोटी प्रेम कहानियां जो कहीं अन्दर तक लगे

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बील्ली को मगर खा गया By Ajay Oza

बिल्ली को मगर खा गया

दक्ष नमक एक स्कूली लड़का

दक्ष के इर्दगिर्द घुमती एक कहानी

इत्मिनान से पढ़िए, और कहानी का सार जानिए

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मै और मेरे पापा By SARWAT FATMI

Memories of my father...too touching and emotional...

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कहाँनिया प्यार और परवरीश की By PRAFUL DETROJA

अब वे मेरी सलाह पर कितना अमल करते या नहीं करते हैं, यह देखना और अपना मन व्यथित करना मेरा काम नहीं है । वे मेरे निर्देशों पर चलें ही, मेरा यह आग्रह नहीं होता । परामर्श देने के बाद भ...

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पागल की डायरी By Lu Xun

दो भाई थे। उनके नाम नहीं बताऊँगा। वे मेरे स्कूल के दिनों के साथी थे। दोनों से अच्छा मेल-मिलाप था, लेकिन कई बरस तक मुलाकात न हो सकी और सिलसिला टूट गया। कुछ महीने पहले सुना था कि उनम...

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काला सागर By Tejendra sharma

, यार, यह विमान अगर गिरना ही था, तो साला समुद्र में क्यों गिरा सोच, कितनी बढिया-बढिया चीजें-वीसीआर, टीवी, सोना, साडियां सब-के-सब बेकार! यहीं कहीं अपने शहर के आसपास गिरता तो कुछ...

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दाई क घण्टा माई के By DR. SHYAM BABU SHARMA

दाई क घण्टा माई के

पढ़िए सुन्दर वार्ता.

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कहानी सत्रह सेकन्ड की By Ajay Oza

कहानी सत्रह सेकन्ड की

सत्रह सेकंड में बुनी हुई एक रोचक कथा

जिसकी एक-एक लाइन आपको पूरी कहानी पढने पर मजबूर करेगी
जानिए, क्या है इस कहानी मै

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आत्महत्या बिल्ली की By Sonu Kasana

If u r not going to read this collection it means u r going to miss something that is really readable for a good and decent reader. So I hope that you are interested in reting afte...

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ग्रीन कार्ड By Tejendra sharma

अभय बैंक में काम करता था। महत्वाकांक्षा तो उसमें कूट-कूटकर भरी थी। किसी भी तरह विेदेश जाकर बसने का उसका एक सपना था। हर रविवार को वह हिंदुस्तान टाइम्स का मैट्रिमोनियल कॉलम बहुत...

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आख़िरी बातचीत By Lu Xun

पिताजी बहुत मुश्किल से ही साँस ले पा रहे थे। यहाँ तक कि उनकी सीने की धड़कन भी मुझे सुनाई नहीं दे रही थी। मगर अब शायद ही कोई उनकी कुछ मदद कर सकता था। मैं बार-बार यही सोच रहा था कि अ...

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Kopenhegen Ki Woh Ladki By Shesh Amit

कोेपेनहेगेन की वह लड़की मूल लेखक : रस्किन बॉन्ड (अंग्रेज़ी से अनुवाद : शेष अमित) यह एक सच्ची प्रेमकथा नहीं है, पर इससे संबंधित एक कहानी तो है। मेरे कहने का अर्थ क्या है, आख़्िार आप ज...

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अविनाश By DrKishor Pandya

रोबोट मानव की तरह सोच सकता है लेकिन मनुष्य को मशीन की तरह नहीं सोचना चाहिए।

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चील्हा अजिया By DR. SHYAM BABU SHARMA

’अजिया पांय लागी।’
कभी थोड़ा हाथ उठाकर कभी सिर हिलाकर आषीश देतीं चील्हा अजिया। सफेद धोती, हाथ में डोल्ची जिसमें सिंधौरा, बाती, धूप और अक्षत आदि पूजा का सामान होता ।
दूली बाबा त...

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सात रंग के सपने By Madhu Sharma Katiha

बेटियों की पढाई -लिखाई को लेकर माता-पिता की मानसिकता

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पुनरावृत्ति By saksham dwivedi

समाज और युवाओं के अंतरद्वंद की कहानी .

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गौरी - 2 By Ved Prakash Tyagi

मानव की महान उपलब्धियों से खुश गौरी अपने सभी कष्ट भूल गयी

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रिश्ते By Tejendra sharma

वह इसी द्वंद्व में थी कि वह क्या करे। यही द्वंद्व उसे बड़ी बहन निर्मला के पास ले गया। निर्मला ने उसे बहुत डाँट लगायी, फिर प्यार से समझाया। वे दोनों इस बात से अनभिज्ञ थीं कि उनका वार...

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पहचान - हरमहिंदर चहल By Subhash Neerav

जब रिसिशसन वाला धमाका हुआ तो मेरी नौकरी पहली छंटनी में ही चली गई। पत्नी को उसकी कम्पनी ने ऑफर दी कि या तो वह नौकरी छोड़ दे या कम तनख्वाह पर किसी छोटे पद पर तैनात हो जाए। पत्नी ने कम...

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चीनी कितनी चम्मच By Mridul

शादी को ले कर बार बार लडको के सामने प्रदर्शित की जाने वाली लड़की की मनोदशा .

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cricket By Shesh Amit

this story is translation of a bengali story written by shirshendu mukhopadhyay,a sahitya academi prize winner.

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चिंता By DR. SHYAM BABU SHARMA

अष्विनी की मां का बुखार जब षहर के डाॅक्टर ठीक न कर सके तो उन्हें दिल्ली के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया।
तमाम चैक अप, इन्वेस्टिगेषन और ब्लड रिपोर्टस् के पष्चात डाक्टरों के पै...

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आइसक्रीम पार्लर By saksham dwivedi

आइसक्रीम पार्लर

स्त्री-पुरुष संबंध पर आधारित रोचक कहानी.

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आख़िर कब तक By Rashmi Tarika

कन्या भ्रूण हत्या के दंश को झेलती एक ऐसी माँ की व्यथा जिसे अपने ससुराल वालों की ज़िद्द पर अपनी बेटी को ख़ुद से जुदा करना पड़ा लेकिन एक दिन क़िस्मत फिर से उन्हें क़रीब ले आती है ।

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अपराध बोध By Pratibha

अपराध बोध

सूरज और कैफ़ी की रोचक कहानी !

एकदूजे के साथ क्या बातें घटित होती है, पढ़िए अपराध बोध.

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गौरी By Ved Prakash Tyagi

सब कुछ होते हुए भी एक लड़की ने संघर्ष करके अपने बच्चों को जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाया

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शुक्रिया By Rajesh Kamal

This is a story of two friends who are reluctant to donate blood. Life takes turn and they realize the importance of voluntary blood donation.

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पीला गुलाब - By RK Agrawal

पीला गुलाब

मोहित और स्नेहा की कहानी

कैसे दोनों के बीच प्यार का पीला गुलाब खिलता है, पढ़िए कहानी.

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सिलवटे By Tejendra sharma

कितने दिन, कितने महीने, कितने वर्षों तक इस दर्द को सहा है मैंने। लगता है अब यह दर्द जान लेकर ही रहेगा। और फिर दर्द भी तो कोई छोटा-मोटा दर्द नहीं है। भावनाओं का दर्द है।

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एक और बलि By Subhash Neerav

डिम्पल उसकी पहले से ही प्रतीक्षा कर रही थी। वह बार-बार हॉल की तरफ देखती। बलराज आज कुछ लेट हो गया था। आखिर उसने कोने वाली खिड़की में से बलराज को अन्दर आते हुए देखा। वह टकटकी लगाकर सज...

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समय का संकेत By Sonu Kasana

समय के फेर का वर्णन।
समय को बलवान क्यों कहते हैं।

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पीला गुलाब By Mridul

एक अधूरे प्यार की मुकम्मल होने की दास्ताँ .

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बगल वाली टेबिल By Shashi Bansal Goyal

ये कहानी उस पत्नी की है जो अपने अधिकार का प्रयोग करना बखूबी जानती है । वह अपने पति से समय की माँग देखते हुए प्रेमिका के साथ पकडे जाने।पर लड़ती नहीं है , क्योंकि उसे पता है उस समय ऐस...

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गिरदान By DR. SHYAM BABU SHARMA

’आप हमारे देष का कल हैं। चाचा नेहरू अपने सपनों का भारत नौनिहालों में देखते थे। पढ़ाई-लिखाई में किसी तरह की परेषानी आए तो हम हमेषा आापके साथ हैं।’
बराती लाल इण्टर काॅलेज बहुराज मऊ...

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जैसे करनी वैसे भरनी By c P Hariharan

जैसे करनी वैसे भरनी

इश्वर की कृपा से मिली नोकरी ढोनेवाला दिलीप सिंग और उसका परिवार - बुढ़ापे मै भी वह काम करता था

कैसे कहानी का शिर्षक जैसे करनी वैसे भरनी साबित होता है......

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ईंटो वाला जंगल By Tejendra sharma

सारा शहर ऊंची-ऊंची इमारतों से घिरा पड़ा है-ईटों का जंगल। उन माचिसनुमा बिल्डिगों में मैं भी अपने लिए एक घोंसला तलाश रहा था। रोज दफ्तर के बाद दलालों के आगे घिघियाता-सा पहुंच जाता। सबक...

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निर्मला अध्याय 6 By Munshi Premchand

प्रेमचन्द का यह उपन्यास ‘‘निर्मला’’ छोटा होते हुए भी उनके प्रमुख उपन्यासों में गिना जाता है। इस उपन्यास में उन्होंने दहेज प्रथा तथा बेमेल विवाह की समस्या उठाई है और बहुसंख्यक मध्यम...

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अब तो निपटा दो By DR. SHYAM BABU SHARMA

धन्नियों से लटके ललउवा के षव से लिपटा उसका बाप रज्जन कभी बेटे की निकली आंखों और लटकी जीभ की ओर देखता तो कभी गांव के खैरख्वाह जबर बुद्धन सिंह और षंकरदयाल की ओर। आंखों के आंसू सूख च...

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मन की बात By Jayti menaria

मन की बात

एक प्रेरक कहानी, पढ़िए सुन्दर शब्दों मै

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खिडकी By Ajay Oza

खिडकी

अजय ओजा द्वारा लिखित एक सुन्दर कहानी, जो वास्तविक परिस्थिति के साथ हुबहू मेल खाती है

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मानसिकता By Bhagwati Prasad Dwivedi

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Cheekh By dhirendraasthana

कहानी चीख धीरेन्द्र अस्थाना ठोस अंधेरे में भय की तरह चमकता हुआ क्षण था वह जब मुझे बताया गया कि कुन्नी घर से चला गया है। चला गया है? कहां चला गया है? चला कैसे गया? भला कुन्नी घर से...

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प्रतिज्ञा अध्याय 4 By Munshi Premchand

प्रतिज्ञा उपन्यास विषम परिस्थितियों में घुट घुट कर जी रही भारतीय नारी की विवशताओं और नियति का सजीव चित्रण है। प्रतिज्ञा का नायक विधुर अमृतराय किसी विधवा से शादी करना चाहता है ताकि...

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फैमिली By DR. SHYAM BABU SHARMA

’सर, घर गए हुए मुझे छः महीने हो गए। मम्मी की तबीयत ठीक नहीं रहती। दस-पन्द्रह दिन की ही छुट्टी दे दीजिये।’
सिपाही अनुराग सिंह सूबेदार के सामने छुट्टी की अर्जी देते हुए गिड़गिड़ा रहा...

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सियाह हाशिए - 2 By BALRAM AGARWAL

एक लेखक के तौर पर मंटो की विशेषता यह है कि अहसास के शुरुआती छोर से लेकर उसके आखिरी छोर तक वह न तो मुसलमान है, न हिन्दू, न कश्मीरी और न पंजाबी इंसान है, सिर्फ़ इंसान।…‘सियाह हाशिए...

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प्रेम सितारे By Mukesh Kumar Sinha

चार छोटी प्रेम कहानियां जो कहीं अन्दर तक लगे

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बील्ली को मगर खा गया By Ajay Oza

बिल्ली को मगर खा गया

दक्ष नमक एक स्कूली लड़का

दक्ष के इर्दगिर्द घुमती एक कहानी

इत्मिनान से पढ़िए, और कहानी का सार जानिए

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मै और मेरे पापा By SARWAT FATMI

Memories of my father...too touching and emotional...

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कहाँनिया प्यार और परवरीश की By PRAFUL DETROJA

अब वे मेरी सलाह पर कितना अमल करते या नहीं करते हैं, यह देखना और अपना मन व्यथित करना मेरा काम नहीं है । वे मेरे निर्देशों पर चलें ही, मेरा यह आग्रह नहीं होता । परामर्श देने के बाद भ...

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पागल की डायरी By Lu Xun

दो भाई थे। उनके नाम नहीं बताऊँगा। वे मेरे स्कूल के दिनों के साथी थे। दोनों से अच्छा मेल-मिलाप था, लेकिन कई बरस तक मुलाकात न हो सकी और सिलसिला टूट गया। कुछ महीने पहले सुना था कि उनम...

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काला सागर By Tejendra sharma

, यार, यह विमान अगर गिरना ही था, तो साला समुद्र में क्यों गिरा सोच, कितनी बढिया-बढिया चीजें-वीसीआर, टीवी, सोना, साडियां सब-के-सब बेकार! यहीं कहीं अपने शहर के आसपास गिरता तो कुछ...

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दाई क घण्टा माई के By DR. SHYAM BABU SHARMA

दाई क घण्टा माई के

पढ़िए सुन्दर वार्ता.

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कहानी सत्रह सेकन्ड की By Ajay Oza

कहानी सत्रह सेकन्ड की

सत्रह सेकंड में बुनी हुई एक रोचक कथा

जिसकी एक-एक लाइन आपको पूरी कहानी पढने पर मजबूर करेगी
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आत्महत्या बिल्ली की By Sonu Kasana

If u r not going to read this collection it means u r going to miss something that is really readable for a good and decent reader. So I hope that you are interested in reting afte...

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ग्रीन कार्ड By Tejendra sharma

अभय बैंक में काम करता था। महत्वाकांक्षा तो उसमें कूट-कूटकर भरी थी। किसी भी तरह विेदेश जाकर बसने का उसका एक सपना था। हर रविवार को वह हिंदुस्तान टाइम्स का मैट्रिमोनियल कॉलम बहुत...

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आख़िरी बातचीत By Lu Xun

पिताजी बहुत मुश्किल से ही साँस ले पा रहे थे। यहाँ तक कि उनकी सीने की धड़कन भी मुझे सुनाई नहीं दे रही थी। मगर अब शायद ही कोई उनकी कुछ मदद कर सकता था। मैं बार-बार यही सोच रहा था कि अ...

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Kopenhegen Ki Woh Ladki By Shesh Amit

कोेपेनहेगेन की वह लड़की मूल लेखक : रस्किन बॉन्ड (अंग्रेज़ी से अनुवाद : शेष अमित) यह एक सच्ची प्रेमकथा नहीं है, पर इससे संबंधित एक कहानी तो है। मेरे कहने का अर्थ क्या है, आख़्िार आप ज...

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अविनाश By DrKishor Pandya

रोबोट मानव की तरह सोच सकता है लेकिन मनुष्य को मशीन की तरह नहीं सोचना चाहिए।

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चील्हा अजिया By DR. SHYAM BABU SHARMA

’अजिया पांय लागी।’
कभी थोड़ा हाथ उठाकर कभी सिर हिलाकर आषीश देतीं चील्हा अजिया। सफेद धोती, हाथ में डोल्ची जिसमें सिंधौरा, बाती, धूप और अक्षत आदि पूजा का सामान होता ।
दूली बाबा त...

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सात रंग के सपने By Madhu Sharma Katiha

बेटियों की पढाई -लिखाई को लेकर माता-पिता की मानसिकता

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पुनरावृत्ति By saksham dwivedi

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गौरी - 2 By Ved Prakash Tyagi

मानव की महान उपलब्धियों से खुश गौरी अपने सभी कष्ट भूल गयी

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रिश्ते By Tejendra sharma

वह इसी द्वंद्व में थी कि वह क्या करे। यही द्वंद्व उसे बड़ी बहन निर्मला के पास ले गया। निर्मला ने उसे बहुत डाँट लगायी, फिर प्यार से समझाया। वे दोनों इस बात से अनभिज्ञ थीं कि उनका वार...

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पहचान - हरमहिंदर चहल By Subhash Neerav

जब रिसिशसन वाला धमाका हुआ तो मेरी नौकरी पहली छंटनी में ही चली गई। पत्नी को उसकी कम्पनी ने ऑफर दी कि या तो वह नौकरी छोड़ दे या कम तनख्वाह पर किसी छोटे पद पर तैनात हो जाए। पत्नी ने कम...

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चीनी कितनी चम्मच By Mridul

शादी को ले कर बार बार लडको के सामने प्रदर्शित की जाने वाली लड़की की मनोदशा .

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cricket By Shesh Amit

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चिंता By DR. SHYAM BABU SHARMA

अष्विनी की मां का बुखार जब षहर के डाॅक्टर ठीक न कर सके तो उन्हें दिल्ली के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया गया।
तमाम चैक अप, इन्वेस्टिगेषन और ब्लड रिपोर्टस् के पष्चात डाक्टरों के पै...

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आइसक्रीम पार्लर By saksham dwivedi

आइसक्रीम पार्लर

स्त्री-पुरुष संबंध पर आधारित रोचक कहानी.

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आख़िर कब तक By Rashmi Tarika

कन्या भ्रूण हत्या के दंश को झेलती एक ऐसी माँ की व्यथा जिसे अपने ससुराल वालों की ज़िद्द पर अपनी बेटी को ख़ुद से जुदा करना पड़ा लेकिन एक दिन क़िस्मत फिर से उन्हें क़रीब ले आती है ।

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अपराध बोध By Pratibha

अपराध बोध

सूरज और कैफ़ी की रोचक कहानी !

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गौरी By Ved Prakash Tyagi

सब कुछ होते हुए भी एक लड़की ने संघर्ष करके अपने बच्चों को जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुंचाया

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शुक्रिया By Rajesh Kamal

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पीला गुलाब - By RK Agrawal

पीला गुलाब

मोहित और स्नेहा की कहानी

कैसे दोनों के बीच प्यार का पीला गुलाब खिलता है, पढ़िए कहानी.

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सिलवटे By Tejendra sharma

कितने दिन, कितने महीने, कितने वर्षों तक इस दर्द को सहा है मैंने। लगता है अब यह दर्द जान लेकर ही रहेगा। और फिर दर्द भी तो कोई छोटा-मोटा दर्द नहीं है। भावनाओं का दर्द है।

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एक और बलि By Subhash Neerav

डिम्पल उसकी पहले से ही प्रतीक्षा कर रही थी। वह बार-बार हॉल की तरफ देखती। बलराज आज कुछ लेट हो गया था। आखिर उसने कोने वाली खिड़की में से बलराज को अन्दर आते हुए देखा। वह टकटकी लगाकर सज...

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समय का संकेत By Sonu Kasana

समय के फेर का वर्णन।
समय को बलवान क्यों कहते हैं।

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पीला गुलाब By Mridul

एक अधूरे प्यार की मुकम्मल होने की दास्ताँ .

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बगल वाली टेबिल By Shashi Bansal Goyal

ये कहानी उस पत्नी की है जो अपने अधिकार का प्रयोग करना बखूबी जानती है । वह अपने पति से समय की माँग देखते हुए प्रेमिका के साथ पकडे जाने।पर लड़ती नहीं है , क्योंकि उसे पता है उस समय ऐस...

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गिरदान By DR. SHYAM BABU SHARMA

’आप हमारे देष का कल हैं। चाचा नेहरू अपने सपनों का भारत नौनिहालों में देखते थे। पढ़ाई-लिखाई में किसी तरह की परेषानी आए तो हम हमेषा आापके साथ हैं।’
बराती लाल इण्टर काॅलेज बहुराज मऊ...

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जैसे करनी वैसे भरनी By c P Hariharan

जैसे करनी वैसे भरनी

इश्वर की कृपा से मिली नोकरी ढोनेवाला दिलीप सिंग और उसका परिवार - बुढ़ापे मै भी वह काम करता था

कैसे कहानी का शिर्षक जैसे करनी वैसे भरनी साबित होता है......

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ईंटो वाला जंगल By Tejendra sharma

सारा शहर ऊंची-ऊंची इमारतों से घिरा पड़ा है-ईटों का जंगल। उन माचिसनुमा बिल्डिगों में मैं भी अपने लिए एक घोंसला तलाश रहा था। रोज दफ्तर के बाद दलालों के आगे घिघियाता-सा पहुंच जाता। सबक...

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निर्मला अध्याय 6 By Munshi Premchand

प्रेमचन्द का यह उपन्यास ‘‘निर्मला’’ छोटा होते हुए भी उनके प्रमुख उपन्यासों में गिना जाता है। इस उपन्यास में उन्होंने दहेज प्रथा तथा बेमेल विवाह की समस्या उठाई है और बहुसंख्यक मध्यम...

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अब तो निपटा दो By DR. SHYAM BABU SHARMA

धन्नियों से लटके ललउवा के षव से लिपटा उसका बाप रज्जन कभी बेटे की निकली आंखों और लटकी जीभ की ओर देखता तो कभी गांव के खैरख्वाह जबर बुद्धन सिंह और षंकरदयाल की ओर। आंखों के आंसू सूख च...

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