hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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Savita Singh ki Laghukathaye : Part-1 By Savita Singh

जीवन के सच को रेखांकित करती लघुकथाएं...

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टीस By Sanjay Kumar

कहानी टीस .......आस-पास की घटना है ...........
सुबह का समय। कुसुम ने ज्योंही पेस्ट ब्रश पर लगाया और ब्रश करने के लिए दांतों पर रखा ही था कि दरवाजे पर थाप के साथ चिरपरिचित राय जी...

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वे न होते By Manju Gupta

अगर वे न होते कहानी में पढ़ी लिखी जानकी की स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल है । शादी के
बाद प्रतिकूलताओं को अपनाने की कोशिश करती है ।
रूढ़ि वादी सास , ससुर उसे नोकरी नहीं...

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सबका उजाला By Ashok Gupta

' हबीब चिक वाला '
सामने बोर्ड देख कर अनीस ने रिक्शा रुकवा लिया.उस कस्बे में सुबह बस अंगडाई ले ही रही थी.सर्दी ज़बरदस्त तो नहीं थी, लेकिन उसकी हाजिरी बखूबी साफ़ थी. धूप फैलन...

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खेत में कणक By Ratan Chand Ratnesh

संयुक्त परिवारों में मिल बाँटकर सब हो जाया करता है। जमाने की हवा में जहाँ स्वयं बँट गए, वहाँ काम भी बँट गए। कुछ काम अभी, कुछ बाद में। जरूरी पहले, गैरजरूरी समय हाथ में रहा तब। सुबह...

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संक्षेप में By Arunendra Nath Verma

कितना भी प्रयत्न करूँ कि कहीं काम से जाते समय उनसे सामना न हो, पर हो ही जाता है. वे अपने घर के सामने आसन जमाकर बैठे ही रहते हैं –सर्दियों में छोटे से लॉन के बीचोंबीच बैठ कर धूप में...

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बदहवास By Neelima Sharrma Nivia

बलात्कार शब्द ही भयावह हैं | जिसे लफ्जों में बयां नही किया जा सकता | स्त्री देह एक बार गुजरती पुरुष देह टेल लेकिन उसका मन लाखो बार सोचो में बलात्कार का शिकार होता | बलात्कार क...

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मुट्ठी भर शब्द (निविया की लघुकथाये ) By Neelima Sharrma Nivia

मुट्ठी भर अक्षर शब्द लेकर कुछ लघुकथाये लिखी . जो जीवन के करीबी पहुलुओ को छू रही हैं . लघुकथाये हमेशा कम शब्दों में ज्यादा कह जाती हैं .जो गहरे तलक तक असर करती हैं .

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ईश्वर By Ambalika Sharma

जीवन मैं माँ का महत्त्व कितना होता है

इश्वर से भी ऊँचा होता है माँ का स्थान

यह बात को बखूबी समजा रही कहानी पढ़िए इश्वर

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जटायु By Manish Kumar Singh

समाज में कुछ ऐसे इंसान भी होते हैं जो शायद लोगों को सनकी लगे लेकिन वे बिना किसी भय और लालच के बुराई का विरोध करते हैं।

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Seraj Band Baja By Jaynandan

माघी खलको का वह पहला दिन था जब बारात में अपने सिर पर ट्यूब लाइट का गमला ढोनेवाली रेजा का काम शुरू कर रही थी। प्रथम ग्रासे मक्षिका पातः वाली कहावत चरितार्थ हो गई थी। बारात चली ही थी...

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Jeeney ki Raah By Kavita Raizada

nari ki peeda aur har paristithi ka samna kayse karna hai daarshata kahani sangrah jeeney ki Raah

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प्रेम का मूल्य By Rabindranath Tagore

बृहस्पति छोटे देवतओं का गुरु था। उसने अपने बेटे कच को संसार में भेजा कि शंकराचार्य से अमर-जीवन का रहस्य मालूम करे। कच शिक्षा प्राप्त करके स्वर्ग-लोक को जाने के लिए तैयार था। उस समय...

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Pap ki Parajay By Jayshankar Prasad

पाप की पराजय जयशंकर प्रसाद की कहानियाँ जयशंकर प्रसाद © COPYRIGHTS This book is copyrighted content of the concerned author as well as Matrubharti. Matrubharti has exclusive digita...

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शोक वंचिता By Ashok Gupta

उस समय रात के डेढ़ बज रहे थे...
कमरे की लाईट अचानक जली और रौशनी का एक टुकड़ा खिड़की से कूद कर नीचे आँगन में आ गिरा.
लाईट दमयंती नें जलाई थी. वह बिस्तर से उठी और खिड़की के पास आ क...

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दुर्घटना पर्यटन By Arunendra Nath Verma

पत्नी के उलाहनों से तंग आकर अंत में गुप्ताजी ने निश्चय कर ही लिया कि शनिवार की संध्या को उसके प्रिय हीरो परेशान खान की वह पिक्चर उसे दिखा दें जिसके लिए पत्नी ने उनका जीना मुश्...

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आग में तपा हुआ सोना By Ratan Chand Ratnesh

एक संघर्षशील महिला की जीजिविषा को वयां करती प्रेरक व संवेदनशील कहानी सुप्रसिद्ध कथाकार रतन चंद रत्नेश की कलम से।

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दैनिक कार्ड By Manju Gupta

दैनिक कार्ड प्रकृति की महत्ता से प्रेरित कहानी है ।
जिसके सानिध्य से पर्यावरण को बचा सकते है।
महाराष्ट्र में प्रकृति की गोद मे बसा महाबलेश्वर प्रकृति की अनुपम छटा बिखेरत...

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दंगलोत्सव By Sonu Kasana

दंगलोत्सव यूं तो हरयाणा के हर गांव —शहर में लड़कों को कुश्ती का षेक होता है लेकिन दानपुर में शयद ही ऐसा कोई घर बचा हो जिसमें कोई पहलवान न हो। दानपुर में हर वर्ष एक मेले के दौरान एक...

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सर्वश्रेष्ठ लघुकथा By Omprakash Kshatriya

लघुकथा- १- गंगा, २-अँधा, ३- वापसी, ४- आग, ५- इच्छा, ६- उडान - ये लघुकथा यहाँ प्रस्तुत की गई है. सभी संक्षिप्त व सटीक है,. एक बार पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया जरुर दे. ये आप को उद्द्वेलीत...

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पिंजर By Rabindranath Tagore

जब मैं पढ़ाई की पुस्तकें समाप्त कर चुका तो मेरे पिता ने मुझे वैद्यक सिखानी चाही और इस काम के लिए एक जगत के अनुभवी गुरु को नियुक्त कर दिया। मेरा नवीन गुरु केवल देशी वैद्यक में ही चत...

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छाया By Manish Kumar Singh

शहर के अजनबी माहौल में हर किसी को एक हमदर्द की तलाश होती है। कभी-कभी ऐसा हमदर्द हमें अनजान आदमी के रुप में मिलता है।

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शताब्दी By Ashok Gupta

वह युवक, जो अपने बूढे माता पिता को लेकर शताब्दी एक्सप्रेस के चेयर कार कोच में तीर्थयात्रा के लिए अभी अभी बैठा है, श्रवण कुमार उसका असली नाम नहीं है. उसके पिता के भी रिटायर होने में...

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मौसी By Ramnika Gupta

‘‘मैं अपने लिए दुलहिन खोजूँ या फूफी के लिए दूल्हा?’’ चिल्ला-चिल्लाकर, सुना-सुनाकर कह रहा था मोहना और मौसी (मोहना की फुआ को सभी मौसी कहकर पुकारते थे) को पटक-पटककर मार रहा था। थप्पड़...

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अब कहीं और नहीं By Ratan Chand Ratnesh

शर्मा जी फफक कर रो पड़े। जैसे सदियों से जबरन बांधकर रखी हुई नदी को अचानक बहने का रास्ता मिल गया हो। अपनी हथेली से आंसुओं को पोंछते हुए वे बोले, अब तुम्हें क्या बताता कि वे जाकर एक...

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बिना टिकट By Dinesh Tripathi 'Shams'

हां भाई फैजाबाद!
मगर कोई न बोला तो कन्डक्टर ताव खाता बोल पड़ा ,
बोलते क्यों नही किसका टिकट बाकी है फ़ैजाबाद का ?
अरे भाई गाड़ी बढ़ाओ . इतनी गर्मी , कि जान जा रही है.
लो एक टिकट मेर...

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शपथपत्र By Arunendra Nath Verma

सेवानिवृत्त होने से पहले क्या क्या रंगीन सपने थे सिन्हा साहेब की आँखों में. सोचते थे जीवन भर जिन जिन शौकों के लिए समय निकालने के लिए तरसते रह गये उन्हें पूरा करने का अवसर अंत में आ...

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ब्रैड पकोड़ा By Ved Prakash Tyagi

रविवार के अवकाश मे गुप्तजी घर पर ही थे, घर पर दो मेहमान भी आए हुए थे। गुप्तजी विजयनगर गाज़ियाबाद मे रह रहे थे। गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बसाई गयी इस कॉलोनी मे गुप्तजी का एक छ...

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दिल के आंसू By Dr Pradeep Gupta

महामहिम राष्ट्र्पति महोदय से पुरस्कार लेते समय गोपाल बाबू और उनकी पत्नी भाव विभोर हो गये। उनकी नम आॅखों से चारों ओर की तस्वीर धूंधली दिखाई देने लगी , और मन-मस्तिष्क में अमित का चेह...

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जंगल का दोस्त By Dr Sunita

बहुत पुराने समय की बात है, मिनकाई गाँव में एक युवक रहता था कोराबैबू। वह अकेला ही था। माता-पिता बचपन में गुजर गए थे। शुरू में तो गाँव वालों ने उसकी परवाह की, फिर कहा, “अब तुम खुद शि...

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पत्नी का पत्र By Rabindranath Tagore

आज हमारे विवाह को पंद्रह वर्ष हो गए, लेकिन अभी तक मैंने कभी तुमको चिट्ठी न लिखी। सदा तुम्हारे पास ही बनी रही - न जाने कितनी बातें कहती सुनती रही, पर चिट्ठी लिखने लायक दूरी कभी नहीं...

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तमाशबीन By Bhagwati Prasad Dwivedi

तमाशबीन अपरार्िं दो से रात्रिा नौ बजे तक टेलीपफोन आपरेटरी करने के बाद जब मैं थका—माँदा लगभग दस बजे डेरे पर लौटा तो वहाँ का दृश्य देख एकाएक मुझे काठ मार गया । निस्तब्ध् रात का घुप्प...

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तीन दस्तक By Ratan Chand Ratnesh

एक हत्या के चश्मदीद गवाह की क्या मानसिक स्थिति होती है, रतन चंद रत्नेश की यह यह कहानी उस ओर इशारा करती है। कहानी की शुरुआती अंश का आधार प्रसिद्ध कहानीकार मोहन राकेश की कहानी एक...

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पदचाप By Hanif Madaar

‘पदचाप’ एक ऐसे जरुरतमंद किसान की कथा है जिसके पास पर्याप्त धन न होने के कारण खेत की जुताई आधुनिक उपकरण के माध्यम से नहीं कर सकता है जिस कारण वह अपने दोनों बच्चों को भी खेत में का...

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कहानी किस्मत की By Shanti Purohit

कहानी किस्मत की ,मेरी मौलिक ,अप्रकाशित रचना है

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Savita Singh ki Laghukathaye : Part-1 By Savita Singh

जीवन के सच को रेखांकित करती लघुकथाएं...

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टीस By Sanjay Kumar

कहानी टीस .......आस-पास की घटना है ...........
सुबह का समय। कुसुम ने ज्योंही पेस्ट ब्रश पर लगाया और ब्रश करने के लिए दांतों पर रखा ही था कि दरवाजे पर थाप के साथ चिरपरिचित राय जी...

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वे न होते By Manju Gupta

अगर वे न होते कहानी में पढ़ी लिखी जानकी की स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल है । शादी के
बाद प्रतिकूलताओं को अपनाने की कोशिश करती है ।
रूढ़ि वादी सास , ससुर उसे नोकरी नहीं...

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सबका उजाला By Ashok Gupta

' हबीब चिक वाला '
सामने बोर्ड देख कर अनीस ने रिक्शा रुकवा लिया.उस कस्बे में सुबह बस अंगडाई ले ही रही थी.सर्दी ज़बरदस्त तो नहीं थी, लेकिन उसकी हाजिरी बखूबी साफ़ थी. धूप फैलन...

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खेत में कणक By Ratan Chand Ratnesh

संयुक्त परिवारों में मिल बाँटकर सब हो जाया करता है। जमाने की हवा में जहाँ स्वयं बँट गए, वहाँ काम भी बँट गए। कुछ काम अभी, कुछ बाद में। जरूरी पहले, गैरजरूरी समय हाथ में रहा तब। सुबह...

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संक्षेप में By Arunendra Nath Verma

कितना भी प्रयत्न करूँ कि कहीं काम से जाते समय उनसे सामना न हो, पर हो ही जाता है. वे अपने घर के सामने आसन जमाकर बैठे ही रहते हैं –सर्दियों में छोटे से लॉन के बीचोंबीच बैठ कर धूप में...

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बदहवास By Neelima Sharrma Nivia

बलात्कार शब्द ही भयावह हैं | जिसे लफ्जों में बयां नही किया जा सकता | स्त्री देह एक बार गुजरती पुरुष देह टेल लेकिन उसका मन लाखो बार सोचो में बलात्कार का शिकार होता | बलात्कार क...

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मुट्ठी भर शब्द (निविया की लघुकथाये ) By Neelima Sharrma Nivia

मुट्ठी भर अक्षर शब्द लेकर कुछ लघुकथाये लिखी . जो जीवन के करीबी पहुलुओ को छू रही हैं . लघुकथाये हमेशा कम शब्दों में ज्यादा कह जाती हैं .जो गहरे तलक तक असर करती हैं .

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ईश्वर By Ambalika Sharma

जीवन मैं माँ का महत्त्व कितना होता है

इश्वर से भी ऊँचा होता है माँ का स्थान

यह बात को बखूबी समजा रही कहानी पढ़िए इश्वर

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जटायु By Manish Kumar Singh

समाज में कुछ ऐसे इंसान भी होते हैं जो शायद लोगों को सनकी लगे लेकिन वे बिना किसी भय और लालच के बुराई का विरोध करते हैं।

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Seraj Band Baja By Jaynandan

माघी खलको का वह पहला दिन था जब बारात में अपने सिर पर ट्यूब लाइट का गमला ढोनेवाली रेजा का काम शुरू कर रही थी। प्रथम ग्रासे मक्षिका पातः वाली कहावत चरितार्थ हो गई थी। बारात चली ही थी...

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Jeeney ki Raah By Kavita Raizada

nari ki peeda aur har paristithi ka samna kayse karna hai daarshata kahani sangrah jeeney ki Raah

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प्रेम का मूल्य By Rabindranath Tagore

बृहस्पति छोटे देवतओं का गुरु था। उसने अपने बेटे कच को संसार में भेजा कि शंकराचार्य से अमर-जीवन का रहस्य मालूम करे। कच शिक्षा प्राप्त करके स्वर्ग-लोक को जाने के लिए तैयार था। उस समय...

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Pap ki Parajay By Jayshankar Prasad

पाप की पराजय जयशंकर प्रसाद की कहानियाँ जयशंकर प्रसाद © COPYRIGHTS This book is copyrighted content of the concerned author as well as Matrubharti. Matrubharti has exclusive digita...

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शोक वंचिता By Ashok Gupta

उस समय रात के डेढ़ बज रहे थे...
कमरे की लाईट अचानक जली और रौशनी का एक टुकड़ा खिड़की से कूद कर नीचे आँगन में आ गिरा.
लाईट दमयंती नें जलाई थी. वह बिस्तर से उठी और खिड़की के पास आ क...

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दुर्घटना पर्यटन By Arunendra Nath Verma

पत्नी के उलाहनों से तंग आकर अंत में गुप्ताजी ने निश्चय कर ही लिया कि शनिवार की संध्या को उसके प्रिय हीरो परेशान खान की वह पिक्चर उसे दिखा दें जिसके लिए पत्नी ने उनका जीना मुश्...

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आग में तपा हुआ सोना By Ratan Chand Ratnesh

एक संघर्षशील महिला की जीजिविषा को वयां करती प्रेरक व संवेदनशील कहानी सुप्रसिद्ध कथाकार रतन चंद रत्नेश की कलम से।

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दैनिक कार्ड By Manju Gupta

दैनिक कार्ड प्रकृति की महत्ता से प्रेरित कहानी है ।
जिसके सानिध्य से पर्यावरण को बचा सकते है।
महाराष्ट्र में प्रकृति की गोद मे बसा महाबलेश्वर प्रकृति की अनुपम छटा बिखेरत...

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दंगलोत्सव By Sonu Kasana

दंगलोत्सव यूं तो हरयाणा के हर गांव —शहर में लड़कों को कुश्ती का षेक होता है लेकिन दानपुर में शयद ही ऐसा कोई घर बचा हो जिसमें कोई पहलवान न हो। दानपुर में हर वर्ष एक मेले के दौरान एक...

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सर्वश्रेष्ठ लघुकथा By Omprakash Kshatriya

लघुकथा- १- गंगा, २-अँधा, ३- वापसी, ४- आग, ५- इच्छा, ६- उडान - ये लघुकथा यहाँ प्रस्तुत की गई है. सभी संक्षिप्त व सटीक है,. एक बार पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया जरुर दे. ये आप को उद्द्वेलीत...

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पिंजर By Rabindranath Tagore

जब मैं पढ़ाई की पुस्तकें समाप्त कर चुका तो मेरे पिता ने मुझे वैद्यक सिखानी चाही और इस काम के लिए एक जगत के अनुभवी गुरु को नियुक्त कर दिया। मेरा नवीन गुरु केवल देशी वैद्यक में ही चत...

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छाया By Manish Kumar Singh

शहर के अजनबी माहौल में हर किसी को एक हमदर्द की तलाश होती है। कभी-कभी ऐसा हमदर्द हमें अनजान आदमी के रुप में मिलता है।

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शताब्दी By Ashok Gupta

वह युवक, जो अपने बूढे माता पिता को लेकर शताब्दी एक्सप्रेस के चेयर कार कोच में तीर्थयात्रा के लिए अभी अभी बैठा है, श्रवण कुमार उसका असली नाम नहीं है. उसके पिता के भी रिटायर होने में...

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मौसी By Ramnika Gupta

‘‘मैं अपने लिए दुलहिन खोजूँ या फूफी के लिए दूल्हा?’’ चिल्ला-चिल्लाकर, सुना-सुनाकर कह रहा था मोहना और मौसी (मोहना की फुआ को सभी मौसी कहकर पुकारते थे) को पटक-पटककर मार रहा था। थप्पड़...

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अब कहीं और नहीं By Ratan Chand Ratnesh

शर्मा जी फफक कर रो पड़े। जैसे सदियों से जबरन बांधकर रखी हुई नदी को अचानक बहने का रास्ता मिल गया हो। अपनी हथेली से आंसुओं को पोंछते हुए वे बोले, अब तुम्हें क्या बताता कि वे जाकर एक...

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बिना टिकट By Dinesh Tripathi 'Shams'

हां भाई फैजाबाद!
मगर कोई न बोला तो कन्डक्टर ताव खाता बोल पड़ा ,
बोलते क्यों नही किसका टिकट बाकी है फ़ैजाबाद का ?
अरे भाई गाड़ी बढ़ाओ . इतनी गर्मी , कि जान जा रही है.
लो एक टिकट मेर...

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शपथपत्र By Arunendra Nath Verma

सेवानिवृत्त होने से पहले क्या क्या रंगीन सपने थे सिन्हा साहेब की आँखों में. सोचते थे जीवन भर जिन जिन शौकों के लिए समय निकालने के लिए तरसते रह गये उन्हें पूरा करने का अवसर अंत में आ...

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ब्रैड पकोड़ा By Ved Prakash Tyagi

रविवार के अवकाश मे गुप्तजी घर पर ही थे, घर पर दो मेहमान भी आए हुए थे। गुप्तजी विजयनगर गाज़ियाबाद मे रह रहे थे। गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा बसाई गयी इस कॉलोनी मे गुप्तजी का एक छ...

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दिल के आंसू By Dr Pradeep Gupta

महामहिम राष्ट्र्पति महोदय से पुरस्कार लेते समय गोपाल बाबू और उनकी पत्नी भाव विभोर हो गये। उनकी नम आॅखों से चारों ओर की तस्वीर धूंधली दिखाई देने लगी , और मन-मस्तिष्क में अमित का चेह...

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जंगल का दोस्त By Dr Sunita

बहुत पुराने समय की बात है, मिनकाई गाँव में एक युवक रहता था कोराबैबू। वह अकेला ही था। माता-पिता बचपन में गुजर गए थे। शुरू में तो गाँव वालों ने उसकी परवाह की, फिर कहा, “अब तुम खुद शि...

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पत्नी का पत्र By Rabindranath Tagore

आज हमारे विवाह को पंद्रह वर्ष हो गए, लेकिन अभी तक मैंने कभी तुमको चिट्ठी न लिखी। सदा तुम्हारे पास ही बनी रही - न जाने कितनी बातें कहती सुनती रही, पर चिट्ठी लिखने लायक दूरी कभी नहीं...

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तमाशबीन By Bhagwati Prasad Dwivedi

तमाशबीन अपरार्िं दो से रात्रिा नौ बजे तक टेलीपफोन आपरेटरी करने के बाद जब मैं थका—माँदा लगभग दस बजे डेरे पर लौटा तो वहाँ का दृश्य देख एकाएक मुझे काठ मार गया । निस्तब्ध् रात का घुप्प...

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तीन दस्तक By Ratan Chand Ratnesh

एक हत्या के चश्मदीद गवाह की क्या मानसिक स्थिति होती है, रतन चंद रत्नेश की यह यह कहानी उस ओर इशारा करती है। कहानी की शुरुआती अंश का आधार प्रसिद्ध कहानीकार मोहन राकेश की कहानी एक...

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पदचाप By Hanif Madaar

‘पदचाप’ एक ऐसे जरुरतमंद किसान की कथा है जिसके पास पर्याप्त धन न होने के कारण खेत की जुताई आधुनिक उपकरण के माध्यम से नहीं कर सकता है जिस कारण वह अपने दोनों बच्चों को भी खेत में का...

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कहानी किस्मत की By Shanti Purohit

कहानी किस्मत की ,मेरी मौलिक ,अप्रकाशित रचना है

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