तुजे कुछ पुछना था ।
तु कोई मोसम तो नही था ।
जो एसे बदल गया ।

तूजे कूछ पूछना था ।
तू कोई झरना तो नही था ।
जो एेसे बह गया ।

तुजे कूछ पूछना था ।
तु कोई पराया तो नही था ।
जो ऐसे ही छोड दिया ।

Dhara vyas

तूजे कुछ पुछना था ।
तु कोई याद थी ।
जो तजे भुल जाये ।

तुजे कूछ पुछना था ।
तू कोई रात है ।
जो तू यु बीत जाये ।

तुजे कुछ पुछना था ।
तु क्या वक्त था ।
जो तु यु फिसल गया।








#पूछना

Hindi Poem by Vyas Dhara : 111404444

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