जब भी matrubharti पर लिखने के लिए आता तो पूछा जाता है अपनी भावनाए व्यक्ति करे
अब कौन कौनसी भावनाए व्यक्ति जाए पता नहीं शब्दों कि महफ़िल है इसमें को बह जाए वहीं भावना बन जाए।
मेरी भावनाए बहुत सारी नहीं है बस जब भी matrubharti खोलता हूं कुछ ना कुछ लिख देता हूं
यह मेरे शब्द है
भावनाए ना जाने कहां है
#matrubharti