रात की कालिमा में
निराशा के घटाटोप बादलों बीच चमकता एक तारा
जगाता है आस जीवन की
यह अनुभूति है
कितनी विलक्षण

#डॉ जया आनंद

Hindi Poem by Dr Jaya Anand : 111513159

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