ना मैं वादा ज्यादा किसी से करती,
और ना ही दूसरों के वादों पर आसानी से यकीन करती, क्यूंकि वादा ज्यादातर टूटने के लिए ही बना होता है और वादा टूटने के बाद उम्मीद और दिल दोनों टूट जाते हैं और हमें तोड़ना फोड़ना पसंद नहीं और ना ही कोई तोड़े फोड़े वो भी हमें नहीं पसंद।
- Shweta Sharma
Happy Promise Day