आंधियां हैं अंधेरा है न जुगनू कोई ,
अभी चलना है मंजिल बहुत दूर है ,

तुमसे मिलना अभी तो मुकम्मल नहीं ,
पर पता है मुझे, आज है.. कल नहीं ,
सारे लम्हों को खुल के मैं जी लूं जरा ,
नफ़रत का सारा ज़हर  मैं पी लूं जरा ,
जिन्दगी तो बसर  हो रही  है मगर ,
कुछ आदतों से  दिल ये मजबूर है ,
आंधियां हैं अंधेरा है  न जुगनू कोई ,
अभी चलना है  मंजिल  बहुत दूर है ,

#PoetryOfSJT

Hindi Quotes by Poetry Of SJT : 111773096

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