बड़ा अजीब है वो, मेरा होता नहीं,
और मुझे किसी का होने नहीं देता।
खुद चैन की नींद सोता है रात-रात भर,
और मुझे ख़्यालों में आ सोने नहीं देता।
देख कर आँखों को नम चूम लेता है मुझे,
खींचकर बाहों में मगर रोने नहीं देता।
कुछ इस तरह से भी मुझे थाम लेता है वो,
की अंधेरे में साया भी मेरा वो खोने नहीं देता।
- रूपकीबातें
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