सुनते थे दिल से दिल को राह होती है,
पर आजकल आशिकी बेपरवाह होती है,
दो दिनी परिचय में इजहारे इश्क होता है,
गुलाब देकर आई लव यू बोला जाता है,
फिर चॉकलेट, टैडी बियर उपहार होता है,
कुछ दिन तो मुहब्बत तूफानी रहता है,
घूमना-फिरना,छिप के मिलना चलता है,
बड़े शहरों में लिव इन भी इक शगूफा है,
कुछ शादी के अंजाम तक भी पहुंचता है,
वरना जल्दी ही ब्रेकअप का ड्रामा होता है,
कुछ दिन ये आशिक़ मायूस रहते हैं,
शीघ्र ही नया वेलेंटाइन खोज लेते हैं।
चलन जमाने के हिसाब से बदलता है,
आजकल प्यार कहाँ ताउम्र ठहरता है।

रमा शर्मा 'मानवी'
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Hindi Poem by Rama Sharma Manavi : 111785496
shekhar kharadi Idriya 2 years ago

मौजूदा समय के मध्य नज़र रखते हुए प्रेम का वास्तविक आइना दिखाती हुई रचना ।।

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