ऐ खुदा
तूने गुलको गुलसनमे जगा दी,
पानीको दरियामें जगा दी,
पंछीको आसमान मे जगा दी,
तू ऊस सख्स को जन्नत मे जगा देना जिसने मुझे "नौ" महीने अपने पेट मे जगह दी।

Hindi Shayri by Daxa Bhati : 111814748

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now