सपने जब भी दिखेंगे
भारत के ही दिखेंगे,
सपने जब भी आएंगे
भारत के ही आएंगे,
सौंदर्य जब भी दिखेगा
भारत में भी दिखेगा,
सत्य जब भी ठहरेगा
भारत में भी ठहरेगा,
समय जब भी निकलेगा
भारत से भी निकलेगा,
सपने जब भी उतरेंगे
भारत पर भी उतरेंगे ,
युग जब भी आएंगे
भारत से होकर जाएंगे ,
शून्य जब भी जीवित होगा
भारत का मान बढ़ायेगा ,
सपने जब भी आएंगे ....।
* महेश रौतेला
१७.०९.२०१४