कुछ जख्म पुराने भर चुके है बाजारों मे ,
कुछ बिक चुके है कौड़ी के दाम मे ,
कुछ पक चुके है अभी तक ख्याली पुलाव मे......



-Piya

English Blog by Piya : 111865627

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now