किसी के जीवन को बेचने का अधिकार किसी को कैसे मिल सकता है | कारोबार उसी चीज का हो सकता है जो हमारे द्वारा निर्मित हो , निर्जीव वस्तुओं का | क्या किसी जीव को हम बना सकते है | जब हम निर्माणक नही तो हमें खत्म करने का अधिकार किसने दिया | निरीह पशु बलात बेच कर मारे काटे जा रहे है | उनकी हत्या का दोषी पूरा समाज , राष्ट्र और विश्व है | एक माँ अपने बच्चे की पीड़ा बर्दाश्त नही कर सकती हत्या क्या सहन कर लेगी ?
उस माँ से भय किसी को क्यों नही लगता जिसकी एक कुपित दृष्टि मात्र से सकल विनाश निश्चित है |