लोग ग़ालिया देते है,
हाँ वही कह लो मन हल्का करते है,
क्या बिना गाली दिए रस्सी सुलझ नहीं सकती,
वो दिया तो मै भी दूंगा क्या ये विचार बदल नहीं सकती,
खुद को बदलो और अगर हो सके तो दूसरों के विचार को भी बदलो,
किसी को माँ बहन की ग़ालिया दे कर,
किसी की माँ बहन की इज्जत को मत उछालो,
अपने विचार को बदलो और बदलो अपनी सोच को,
जगाओ अपने अंदर की इंसानियत और बदल दो इस देश को.!!