लिख तो दू जनाब
आप पर एक किताब।
पर डरती हु पसंद ना आई कोई बात,
बेवजह गुस्सा करोगे आप।
गुस्से में बोलोगे अनाप शनाप,
अनाप शनाप नहीं सुनूंगी चुपचाप।
फिर शुरू होगी दमदार,
दोनों में तकरार।
तकरार के बाद दोनों की ,
बोलचाल बंद होगी दिन रात की ।
बोलचाल बंद होते ही होगा दिमाग का दही,
ना हो दिमाग का दही
इसलिए नहीं लिखी किताब कोई।