🕉️ डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ●
हे भारत के रत्न, तुम्हारे बिन यह देश कैसे चल सकता है?
क्या इस देश में तुम्हारे जैसा कोई और भी बन सकता है?
तुमने अपना पूरा जीवन भारत देश को किया समर्पित।
है मिसाल मैं, मैं चरणों में पुष्पांजलि करता हूँ अर्पित।
रामेश्वरम् की गलियों से तुम राष्ट्रपति भवन तक हो आए।
काम तुम्हारे ऐसे थे, यह देश कभी न भूल पाए।
अंतरिक्ष की दुनिया में तुमने भारत को पहुँचाया।
देश का स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च कराया।
तुम्हारा नज़दीक DRDO भी था, तुम्हें वहाँ बुला लिया।
भारत देश को तुमने परमाणु से अभिमंडित बना दिया।
अग्नि, पृथ्वी, आकाश मिसाइल बनाकर; दुश्मन को नीचा दिखाया।
विद्यार्थियों को नयी राह दिखाई, दुनिया में शांति का झंडा फैलाया।
राष्ट्रपति बनकर भारत देश का विकास कराया।
लेखक, वैज्ञानिक, शांति-दूत बनकर दुनिया में नाम कमाया।
फिर आसिमा के लाल, तुम देश को तकनीकी, शांति और प्रेरणा दिए।
दुनिया के प्रत्येक भारतीय को मिसाल बन गए।
हे भारत के रत्न, दुनिया तुम्हें याद रखेगी, भले ही तुम खो गए