वो तब आया मेरी जिंदगी में, जब मैं अकेला रहना सीख रही थी,
अपने पुराने घावों को वक्त के साथ भरने का मौका दे रही थी,
आने से उसके ज़ख्म भर से गए, लब हमारे फिर से खिल से गए,
भाने लगा था वो इस मन को, होने लगा था प्यार फिर मासूम से दिल को,
अंजान थी आने वाले कल से, उसके बदल जाने के बाद मेरे ग़म से,
टूटा हुआ दिल, फिर से कोई तोड़ गया, विश्वास को हमारे फिर से कोई बिखेर गया,
शिकायत नहीं है अब भी उससे कोई, शायद हमारा ही नसीब हमसे रूठ गया,
कोई अपना बनाने आया था, फिर से हमे पहले सा तोड़ गया॥💔✨