चलती रहें यात्रा हमारी
सब की प्यारी रेल यात्रा हमारी।
छुक-छुक करती चालती
पहले के जमाना की रेल सवारी।
भूलना हमें नहीं आता
पहले के जमाना की रेल सवारी।
आज भी हम रेल यात्रा करते
पूराने दिनों को याद करते।
आज रेल यात्रा में सुगमता बढ़ी
लेकिन पैसेंजरों की वहीं कहानी।
बैठने को जगह नहीं,
पीने का पानी नहीं।
भीड़ में हम कैसे जायें
फ़िर भी हम करते हैं रेल सवारी।
काशी हम जब भी जातें
रिजर्वेशन करके ट्रेन में जाते।
लंबी दूरी की है सवारी
खुशी खुशी पहुंच जाते थे काशी।
चलती रहें यात्रा हमारी
सब की प्यारी रेल यात्रा हमारी
- कौशिक दवे
- Kaushik Dave