📚 “Phokatiya Kitab” – एक ऐसी किताब जो बिकने के लिए नहीं, बिखरने के लिए लिखी गई है।
ये शब्दों का शोर नहीं, खामोशियों की पुकार है। इसमें ना हीरो है, ना विलेन — बस वही लोग हैं जो आपके आस-पास हैं… और शायद आप भी।
यह किताब उस जज़्बात की है जो हम कभी कह नहीं पाते, उन रिश्तों की जो बोलते तो बहुत हैं… पर सुने नहीं जाते।
🖊️ “Phokatiya Kitab” पढ़िए अगर आपने कभी अकेले में खुद से बात की हो।
अगर आपकी आँखें कभी बिना वजह भर आई हों…
अगर भीड़ में भी कभी खुद को अनसुना महसूस किया हो।
📖 कहानी नहीं है ये, आईना है — जिसमें हर पाठक खुद को ढूँढ सकता है।
❤️ ये किताब फोकट की नहीं है… ये वो अमूल्य चीज़ है, जो पैसे से नहीं, एहसास से खरीदी जाती है।
👀 अब पढ़ रहे हैं लोग, और पूछ रहे हैं — ये लिख कैसे दिया?
Link in bio – दिल से पढ़िए, सिर से नहीं।
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