एक बार समंदर के किनारे एक केकड़ा अपने पैरों के सुंदर निशान बनाता हुआ चल रहा था । वह बार - बार पीछे मुड़कर अपने पैरों से बनाए हुए निशानों को देख रहा था और मन ही मन खुश हो रहा था । वह यह सोचकर खुश हो रहा था कि उसके पैरों के निशान सबसे सुंदर हैं ।
इतने में ही समंदर की एक तेज़ लहर आई और उसके सुंदर निशानों को मिटा दिया । यह देखकर केकड़े को बहुत बुरा लगा और वह समंदर को भला - बुरा कहने लगा । उसने समंदर से कहा कि वह उसकी कला से चिढ़ता है इसलिए उसने उसके पैरों के निशानों को मिटा दिया ।
समंदर मुस्कुराया और कहा -“कुछ मछुआरे तुम्हारे पैरों के निशानों का पीछा करते हुए तुम्हें पकड़ने आ रहे थे इसलिए मैंने उन निशानों को मिटा दिया ताकि वे तुम तक न पहुँच सके और तुम्हारी रक्षा हो सके ।”
समंदर की बात सुनकर केकड़े को अपने व्यवहार पर पछतावा हुआ ।
कई बार हम दूसरों के बारे में जाने बिना उनके प्रति गलत धारणा बना लेते हैं जिसके लिए हमें बाद में पछताना पड़ता है ।