🌸 विश्वकर्मा जी की कहानी
बहुत समय पहले देवताओं को अपने महल, नगर और अस्त्र-शस्त्र बनाने के लिए किसी कारीगर की ज़रूरत थी। तब भगवान ने विश्वकर्मा जी को बनाया।
विश्वकर्मा जी बहुत बड़े शिल्पकार और इंजीनियर थे। उन्होंने ही –
स्वर्ग का सुंदर इन्द्रपुरी बनाया।
भगवान कृष्ण के लिए समुद्र के अंदर द्वारका नगरी बनाई।
रावण के लिए सोने की लंका बनाई।
पांडवों के लिए इन्द्रप्रस्थ नगरी बनाई।
उन्होंने ही देवताओं के लिए कई दिव्य अस्त्र-शस्त्र भी बनाए –
जैसे भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, भगवान शिव का त्रिशूल और इन्द्र का वज्र।
देवताओं को युद्ध में हमेशा जीत इसी वजह से मिलती थी।
इसलिए विश्वकर्मा जी को काम और कला के देवता कहा जाता है।
हर साल लोग अपने औज़ार, मशीन, गाड़ी और काम करने की जगह की पूजा करते हैं ताकि भगवान विश्वकर्मा की कृपा बनी रहे और काम में तरक्की हो।