💫 "रूहों के पार का प्यार"
वो मुझे ऐसे देखता था,
जैसे सदियों से पहचानता हो…
पर जुबान खामोश थी,
बस निगाहों ने हर बात कह दी थी।
कहते हैं कुछ रिश्ते वक्त से नहीं बनते,
वो तो जन्मों की यादें लेकर आते हैं —
शायद हम भी वैसे ही थे,
दो अधूरी रूहें, जो एक-दूसरे में पूरी होती थीं।
उसका नाम लेते ही हवा ठहर जाती है,
जैसे सारा ब्रह्मांड कह रहा हो — “ये वही है।”
ना कोई वादा, ना कोई मंज़िल…
फिर भी उसके बिना सब अधूरा लगता है।
कभी उसने कहा था,
"अगर हम नियति से जुड़े हैं, तो दुनिया की कोई ताकत हमें अलग नहीं कर सकती।"
और तब से… मैं हर जन्म में उसी का इंतज़ार करती हूँ। 🌸
Payal