यह कहानी शुरू होती है ऊटी एक आश्रम से जहां मैं अपनी नशे की आदत छुड़ाने गया था, और जहाँ पहली बार मैं वृष्टि से मिला...
कहानी हमारी - 1
यह कहानी शुरू होती है ऊटी एक आश्रम से जहां मैं अपनी नशे की आदत छुड़ाने गया था,और जहाँ बार मैं वृष्टि से मिला... ...Read More
कहानी हमारी - 2
हम चुपके से देख रहे थे गार्ड वहां से गया की नहीं.....वही दूसरी और गार्ड भी वहाँ देख रहा यहाँ कोई है तो नहीं या वेहम है,उस वक्त वृष्टि मेरे इतने करीब थी उसकी सांसों की हलचल मुझे महसूस हो रही थी मैं मेरे मन में ये सोच रहा था, कि कुछ वक्त पहले जो चेहरा बिल्कुल अंजान था कैसे मेरे इतने करीब आ गया हैइतनी गहरी आँखेंजिनमें बच्चोंसी मासूमियत कुछ लोग अंजान होके भी खुद से ज्यादा करीब लगने लगते हैं उस वक्त कुछ ऐसा ही मुझे महसूस हो रहा थागार्ड के जाते ही हम फोरन वहा से ...Read More
कहानी हमारी - 3
वृष्टि का अचानक से मेरे साथ ऐसा व्यवहार नजाने उसको क्या हुआ कल रात जो तारों के नीचे एक केे साथ खुला आसमान देख रही थी वो आज मुझे ऐसा क्यू कह रही होगी भलामैं हिम्मत करके उसकी और बढ़ा वो कह रही थी देखो तुम दूर रहो मुझसेसमझे,,,,मैं उसकी आँखों में देखते हुए उसका हाथ अपने हाथों में लेके मेरे सिने पर दिल के पास रखता हूँवृष्टि जरा महसूस करो इस धड़कन कोदेखो मेरी तरफक्या अभी भी तुम्हें लगता है कि मैं तुम्हें नुक्सान पोहचाऊंगावृष्टि खामोश हो गयी थी फिर ,,,,,,, कुछ वक्त बात(अगस्त्य)ठीक है मेरा यहां से ...Read More
कहानी हमारी - 4
धीरे-धीरे आश्रम मुझे अपना सा लगने लगा था।इतने सालों से जो सुकून में अपने घर में ना पा सका ख़ुशी वो अपनापन यहा मिल गया था और इन सब की वजह कहीं ना कहीं वृष्टि है lवृष्टि,, मेरी खोई हुई ख़ुशी बनकर मेरी जिंदगी में आई,लेकिन वृष्टि के दादू को शायद मेरा उसके यूं करीब आना पसंद नहीं आया था l एक अजीब सी बैचेनी उनके चेहरे पर मुझे महसूस होती थी | आख़िर एक दीन उनहोने मुझे शाम के खाने पर आमंत्रित किया l ...Read More