समरादित्य महाकथा एक 2 आत्माओ की कहानी है कि कैसे 2 जीव अपने अपने व्यवहार में बदल जाते है और सिर्फ एक छोटी गलतफहमी के कारण दोनो आत्माओ को 9 भव का सफर करना पड़ता है उसमे से एक आत्मा अपने शोध पर कार्य करती है और दूसरी आत्मा सिर्फ पहली वाली आत्मा से प्रतिशोध लेना चाहती है।
समरादित्य महाकथा - 1
समरादित्य महाकथा यह कहानी 2 आत्माओ की कहानी है कि कैसे 2 जीव अपने अपने व्यवहार में बदल जाते (अच्छा व्यक्ति बुरा और बुरा व्यक्ति अच्छा बन जाता है) और सिर्फ एक छोटी गलतफहमी के कारण दोनो आत्माओ को 9 भव का सफर करना पड़ता है उसमे से एक आत्मा अपने शोध पर कार्य करती है और दूसरी आत्मा सिर्फ पहली वाली आत्मा से प्रतिशोध लेना चाहती है। ...Read More
समरादित्य महाकथा - 2
महाराज, प्रजा में काफी विक्षोभ एवं असंतोष पैदा हो गया है।'नगरश्रेष्ठि प्रियमित्र ने महाजन की ओर से बात का किया।'क्यों? असंतोष और विक्षोभ पैदा होने का कारण क्या है?' महाराज पूर्णचन्द्र ने शांति से पूछा।'महाराज ! राजकुमार गुणसेन पिछले कुछ अरसे से पुरोहितपुल अग्निशर्मा का क्रूर उत्पीड़न कर रहे हैं। उस बच्चे का शरीर बेडौल है, बदसूरत है!''बच्चे ऐसे लड़के को देखें तो उनका हँसना, चिढ़ाना... मजाक करना... यह स्वाभाविक है, पर इसलिए नगर के महाजन को यहाँ मेरे पास शिकायत लेकर आना पड़े, यह समझ में नहीं आता!' महाराज पूर्णचन्द्र ने गंभीर होकर कहा।'महाराज, बात इतनी होती तो ...Read More