Saza e Ishq

(1)
  • 54
  • 0
  • 165

एक बड़े से महल जैसे घर में एक बड़े से कमरे में एक बड़े से मिरर के पास एक लड़की दुल्हन के जोड़े में बैठी हुई थी। उसके चेहरे पर खुशी की चमक साफ दिख रही थी, जैसे उसका कोई सपना सच हो रहा हो। उसकी आंखे शर्म से थोड़ी झुकी हुई थी, और गाल उसके लाल गुलाबी हो गए थे। होठों पर हल्की मुस्कान थी, जैसे वह मन ही मन कोई मीठी बात सोच रही हो। ऐसा लग रहा था कि ये शादी सिर्फ दिल से दिल का मिलन हो। वह अपने हाथों की मेहंदी को देख रही थी, जिसका गहरा रंग उसकी खुशी को और गहरा रहा था।

1

Saza e Ishq - 1

एक बड़े से महल जैसे घर में एक बड़े से कमरे में एक बड़े से मिरर के पास एक दुल्हन के जोड़े में बैठी हुई थी।उसके चेहरे पर खुशी की चमक साफ दिख रही थी, जैसे उसका कोई सपना सच हो रहा हो। उसकी आंखे शर्म से थोड़ी झुकी हुई थी, और गाल उसके लाल गुलाबी हो गए थे। होठों पर हल्की मुस्कान थी, जैसे वह मन ही मन कोई मीठी बात सोच रही हो। ऐसा लग रहा था कि ये शादी सिर्फ दिल से दिल का मिलन हो।वह अपने हाथों की मेहंदी को देख रही थी, जिसका गहरा ...Read More