इस कहानी का शीर्षक "खिलता है बुरांश" है, जिसे कुसुम भट्ट ने लिखा है। यह कहानी एक युवा महिला, जया, के संघर्ष और उसकी आंतरिक भावनाओं को दर्शाती है। कहानी की शुरुआत में, जया एक उदास शाम में टहल रही है, जहाँ वह अपने जीवन की कठिनाइयों और मृत्यु के विचारों से जूझ रही है। उसे अपने शरीर से मोह और जीवन की आसक्ति का एहसास होता है, लेकिन उसकी नानी की यादें उसे जीवन के मूल्य और उसके नश्वर होने का ज्ञान कराती हैं। जया को अपने बचपन की याद आती है जब वह बुरांश के फूलों के साथ अपने नानी के गाँव में खुशियाँ मनाती थी। जया की नानी उसे सिखाती हैं कि जीवन से अधिक मोह नहीं होना चाहिए क्योंकि यह देह नश्वर है। जया एक दुर्घटना के कारण अपने माता-पिता को खो चुकी है और इस कारण वह अपने दुखों के प्रति आक्रोशित है। वह नानी से कहती है कि उसे वैराग्य नहीं चाहिए, और वह अपने जीवन को जीवित रखने की इच्छा व्यक्त करती है। कहानी में जया का जीवन के प्रति मोहभंग और अस्तित्व के संकट से जूझना प्रमुख है। वह अपने आस-पास की सुंदरता को महसूस करती है, लेकिन उसे अपने भीतर की खाई और अकेलेपन का भी सामना करना पड़ता है। यह कहानी जीवन, मृत्यु, और अस्तित्व की गहराईयों को छूती है। खिलता है बुरांश ! - 1 by Kusum Bhatt in Hindi Short Stories 630 2.9k Downloads 7.8k Views Writen by Kusum Bhatt Category Short Stories Read Full Story Download on Mobile Description ....आज सांवली शाम का जादू गायब था! वह टहलुई सी चलती रही..., मन का बेड़ा अभी अचानक उठे तूफान के बीच फंसा था...! एक पल को उसके जेहन में खौफनाक विचार उठा - समाप्त कर दे काया माँ... निर्जीव देह को अब और नहीं घसीट सकेगी वह..., जब प्राण ही देह से चले गये तो अपनी ही लाश को ढोने का क्या तुक...? मौत का सोचते ही देह में झुर्रझुर्री उठी ‘‘अभी अभी तो जिंदगी मिली थी... कितनी आसक्ति थी उसे देह से...! Novels खिलता है बुरांश ! ....आज सांवली शाम का जादू गायब था! वह टहलुई सी चलती रही..., मन का बेड़ा अभी अचानक उठे तूफान के बीच फंसा था...! एक पल को उसके जेहन में खौफनाक विचार उठा... More Likes This मैं महत्वपूर्ण नहीं हूँ: बरगद की कहानी - 1 by Dr. Gyanendra Singh खून की प्यास: सुनसान सड़क का श्राप - 1 by Vivek Singh टीपू सुल्तान नायक या खलनायक ? - 3 by Ayesha बाबर को सम्मान by Mini Kumari झरोखे से निकले शब्द by Priyanka Soni सफ़र खूबसूरत सा - 1 by p batrae सिंहासन - 1 by W.Brajendra More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories