इस कहानी में जमील और उसके दोस्त शहर के जीवन की कठिनाइयों और अपने गांव की यादों पर चर्चा कर रहे हैं। जमील, जो एक छोटे से गांव का रहने वाला है, शहर में आकर कमाई करने की मजबूरी महसूस कर रहा है। वह अपने अतीत और गांव की यादों में खो जाता है, जहाँ उसका बचपन खेल-कूद और मस्ती में बीता। उसकी माँ उसे शहर छोड़ने के लिए कह रही है, क्योंकि वहां जीवन यापन मुश्किल है। जमील शहर की गंदगी और झगड़ों की बात करता है, लेकिन वह फिर भी अपने गांव से भागने की इच्छा नहीं रखता। उसकी माँ उसे समझाती है कि शहर में कमाई के बेहतर मौके हैं, जबकि गांव में कोई जमीन नहीं है। कहानी में जमील की आंतरिक संघर्ष और उसकी यादों का एक चित्रण है, जिसमें वह अपने सपनों और वास्तविकता के बीच झूलता है। तक्सीम - 1 by Pragya Rohini in Hindi Moral Stories 6 2.5k Downloads 7.4k Views Writen by Pragya Rohini Category Moral Stories Read Full Story Download on Mobile Description ये शहर भी अजीब हैं न अनोखे? लाख गाली दे दिया करें रोज मैं और तू इन्हें पर इनके बिना तेरे-मेरे जैसों का कोई गुजारा है बोल? कितने साल बीत गए हम दोनों को यहां आए। अब तो ये ही दूसरा घर बन गया है हमारा। हम रहते यहीं हैं, कमाते-खाते यहीं, यारी-दोस्तियां भी अब तो यहीं हैं बस एक परिवार ही तो गांव में हैं। याद है न तुझे शुरू-शुरू में मन कैसा तड़पता था कि थोड़े पैसे जोड़ें और भाग लें अपने गांव। कुछ भी न सुहाता था मुझे तो यहां का। आज से कई साल पहले जब आया था तो कुंवारा था। होगा कोई सोलेह-सत्रह का। बस पूछ न ऐसा लगता था कि कोई रेला बह रहा हो शहर में। रेला भी कैसा कि बस सब एक-दूसरे को बिना पहचाने भागे जा रहे हों। हर समय अम्मी का चेहरा याद आया करता और खाने के नाम पे रूलाई छूट जाती। एक कमरे में चार-पांच हम लड़के। न कायदे का बिछौना, न खाना। पांच लोगों के कपड़ों-बर्तनों से ठुंसा एक जरा-सा कमरा। मजबूरी जो न कराए थोड़ा। गंदी- सी बस्ती, बजबजाती नालियां। अब तो फिर भी मोटर की सुविधा हो गयी है नहीं तो पहले दो-एक नल। बस... वहीं नहाना, पानी भरना। मार तमाम गंदगी और शोर-शराबा, आए दिन के लड़ाई -झगड़े।’’ Novels तक्सीम ये शहर भी अजीब हैं न अनोखे? लाख गाली दे दिया करें रोज मैं और तू इन्हें पर इनके बिना तेरे-मेरे जैसों का कोई गुजारा है बोल? कितने साल बीत गए हम दोनों को... More Likes This सौंदर्य एक अभिशाप! - पार्ट 2 by Kaushik Dave चंदन के टीके पर सिंदूर की छाँह - 1 by Neelam Kulshreshtha गाजा वार - भाग 1 by suhail ansari BTS ??? - 4 by Black डॉ. बी.आर. अंबेडकर जीवन परिचय - 1 by Miss Chhoti चाय के किस्से - 1 by Rohan Beniwal एक रात - एक पहेली - पार्ट 1 by Kaushik Dave More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Fiction Stories Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Comedy stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Moral Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Hindi Crime Stories