परिमल - 2 Madhavi Marathe द्वारा Short Stories में हिंदी पीडीएफ

Parimal by Madhavi Marathe in Hindi Novels
चलते चलते एक मंदिर के सामने अचानक मेरे पैर रुक गए। अंदर से ओंकार धुन का नाद सुनाई दे रहा था। एक लय, ताल में छोटे से बडे बुढों तक, तन्मयता से ओंकार धुन...