"अब मैं प्रतीक्षा नहीं करूँगी…""अब मैं स्वयं आऊँगी…"ये थी — छाया।पहली बार… स्वयं प्रकट रूप में।---️ छाया का अवतरण – रौद्र और मोहक दोनोंअचानक आकाश लाल हो गया।धरती काँपने लगी।वातावरण में बिजली की चमक और शवों की दुर्गंध एक">

महाशक्ति - 43 Mehul Pasaya द्वारा Mythological Stories में हिंदी पीडीएफ

MAHAASHAKTI by Mehul Pasaya in Hindi Novels
वाराणसी की तंग गलियों में अर्जुन का छोटा सा घर था, जहाँ वह अपनी पत्नी सुमन और छह साल के बेटे मोहन के साथ रहता था। एक साधारण मजदूर, जो सुबह काम पर जाता...