The Author Er.Bhargav Joshi અડિયલ Follow Current Read बेनाम शायरी - 3 By Er.Bhargav Joshi અડિયલ Hindi Poems Share Facebook Twitter Whatsapp Featured Books Bound by Love - 1 “Aditi, go and try this one!”“I think it’ll look amazing on... Triangle Ufo Abduction Triangle UFO Incident It was a cool autumn night in 1997 whe... FROM AUTUMN TO SPRING - 1 It was fall, September 2018 — the beginning of the second se... Split Personality - 113 Split Personality A romantic, paranormal and psychological t... Love Story in English My love you are my shining starI’ll love you till’ I dieI ho... Categories Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Crime Stories Novel by Er.Bhargav Joshi અડિયલ in Hindi Poems Total Episodes : 6 Share बेनाम शायरी - 3 (1.3k) 3.2k 11.8k 3 बेनाम शायरी💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐ये शराब तो बस नाम से बदनामी झेल रही है।असल में नशा तो हमे तेरी आंखे ही दे रही है ।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐इश्क की कुर्बानी को जायज किसने माना है!?"बेनाम"दर्द की इस दुश्वारी को किस किसने पहचाना है !?💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐आंसुओ के कहां कोई किनारे है।मयखानों में छुपे दर्द हजारों है।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐ये नजरो की नजाकत जो तुम हथियार बनाए बैठे हो। यकीन मानो तुम इश्क की एक जंग सजाए बैठे हो।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐ये बेरहेम दुनिया से रहम की आस क्यों ??जहां इंसान नहीं वहां खुदा की प्यास क्यों ??💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐ये आखरी कोशिश मै दिख रहा हूं। अकेला हूं मै जो ये लिख रहा हूं।।दर्द ये ग़ज़लें और अपनापन बहुत है।फिर भी आज बस गैरत लिख रहा हूं।।💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐क्यों किसी के सब्र का इम्तिहान लेने बैठे हो !?सुबह की गुलाबी ठंड में आग लगाए बैठे हो।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐ये आरज़ू तुम किसी और से लगाए बैठे हो। यकीनन अब तुम खुद को गंवाए बेठे हो ।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐मैं उसके दर पे जाऊ भी तो कैसे !?मन मेरा फिर मनाऊ भी तो कैसे !?वो रिश्ता तोड़ते तो संभल भी जाता,दिल टूटा है समजाऊ भी तो कैसे !??💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐"बेनाम" ये आग, ये पवन या चाहे हो दरिया।अंबर का मिलन हो धरती से यही है जरिया।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐फिर उदासी का आलम हटा लिया है तुमने,आंखो मे उमड़े हुए आंसू बहा दिया है तुमने।पत्थर तराश ने का हुनर था लाजवाब तुजमे, फिर हंसते हुए तारे को सजा लिया तुमने।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐एक समर हो अगर इश्क का इस जहान में कभी।तुम सारे दावपेंच हम पर आजमाना आकर वहीं।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐कितना आसान है प्यार का इजहार करना। हंसते हंसते ही जिंदगी को दुश्वार करना।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐क्या रंग? क्या रूप? ना जाने क्या हो तुम बाला!?बिन पिए ही मुझे चड़ रही है जैसे बैठा मधुशाला।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐तेरी मोहब्बत का कर्ज कुछ इस तरह चुकाएंगे।"बेनाम" दर्द में भी बस हम हरदम मुस्कुराएंगे।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐कहां आसान राह थी इस बेवजह इश्क की।ये तो आंखो में बसी थी बयार बस रिस्क की।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐तुम भी गजब के सवाल करती हो,ख़ामोश रहकर भी बवाल करती हो।उफ़ ये तेरे नयनों के वार भी हमपर,झुकी पलको से भी शिकार करती हो।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐अजेय होने का तिस्मिल जो तुमने खुद का बनाए रखा है।खुद की ही नजरो में खुद को तुमने कैद बनाए रखा है ।।💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 Thank you.... ... ✍️ Er. Bhargav Joshi "benaam"💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 💐💐 [ क्रमशः ] ‹ Previous Chapterबेनाम शायरी - 2 › Next Chapter बेनाम शायरी - 4 Download Our App