crime in Hindi Crime Stories by MITU AHIR books and stories PDF | गुनाह

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गुनाह

पता है बचपन में मतलब के 7 वी कक्षा तक मुझे भारत मेरा देश है ये कहने में गर्व होता था proud to be Indian proud to be Indian मगर जैसे जैसे जिंदगी आगे बढ़ रही है जो जो देश में देखने को मिल रहा है proud to be Indian कहने को मन नहीं हो रहा है मालूम है तुम सबको ये सुन के शायद बूरा लग सकता है खास कर देश भक्तो को मगर जो सच है लिखना तो पडता है अगर आप लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो मत पढीएगा और क्या कोई जबरदस्ती नहीं है की आप ये पढ़े जैसे की मैंने कहा की बचपन में मुझे भी गर्व होता था की proud to be Indian
मगर जैसे जैसे गुनाह की समज आने लगी और गुनाहगार को सजा से बचाव मिल जाता है ये बात समज आई तब से सब बदल गया मालूम है दूसरे देश में भी गुनाह होते है मगर क्या करु मैं तो भारत से हूँ तो मुझे तो यहाँ का अहसास ही लिखना होगा

वैसे तो बहुत से गुनाह है मगर आज बलात्कार की बात करते है मुझे पता है की बहुत से लोगों को ये शब्द सुन ने और पढ़ने में भी शरम आती होगी बस ये ही तो परेशानी है हमारे देश की, माफ करना देश की नहीं हमारे देश की जनता की माफ करना आप अगर इस में नहीं आते तो मगर 50% लोग एेसे ही है
बलात्कार मतलब की उसकी रूह का कत्ल
ना जाने हर दिन कितने एेसे किस्से सामने आते है और कुछ किस्से शरम की वजह से ही दब जाते है 50% लोगों की बात
की थी ये वो ही है और इस में उन लोगों की भी गलती नहीं है क्योंकि हम इंसान दूसरो के दर्द में मजे लेते है जब भी एेसी घटना होती है कुछ लोग जिसका बलात्कार होता है उसका ही दोष बताते है कुछ परिवार इस वजह से भी इन बातों को छुपाते है और इन सब में हम इंसान ही जिम्मेदार है

कुछ दिनों पहले मेरे फोन में एक ऐसी ही घटना की तस्वीर आई और मुझे बहुत गुस्सा आया जैसे सबको आता है मगर मगर अफसोस होता है की हम उस वक़्त कुछ नहीं कर सकते बस देखते है कुछ दिन गुस्सा आता है बाद में भूल जाते है मुझसे तो ऐसी तस्वीरे भी नहीं देखी जाती उस वक़्त मेरे आस पास कुछ और भी लोग थे उन्होने भी अपने फोन में इस घटना की तस्वीर देखी उन लोगों को भी दुख हुआ मुझे अच्छा लगा की चलो मेरे साथ साथ और भी तो लोग है जिन्हें ये देख के बूरा लगा मगर अफसोस की मेरी ये खुशी दूसरे पल में ही गुस्से में बदल गई क्योंकि मैंने उन लोगों को कहते सुना की बूरा हुआ मगर लडकी की भी गलती होगी पहले उसने ही खुद को इतना आजाद रखा होगा इस वजह से ये सब हुआ होगा
मगर अफसोस की मुझसे उन लोगों से कुछ नहीं कहा गया ये जो घटना हुई थी उससे ज्यादा मुझे उन लोगों की बाते सुन के ज्यादा गुस्सा आया
पता नहीं क्यों मगर मेरी ऐसे लोगों से ज्यादा बनती नहीं फिर चाहे वो मेरे करीबी इंसान ही क्यूँ ना हो

और मैंने ऐसी घटना में शामिल लोग पकड़े गए उन्हें देखा news में तब समजा की ज्यादातर अनपढ़ लोग ही इन घटना के पीछे होते है
Please अपने बच्चो को संस्कार दो या ना दो उन्हें शिक्षा जरुर देना ताकि वो दूसरो की इज्ज़त को समजे दूसरो की इज्ज़त के साथ ना खेले
इस जमाने में संस्कार तो नहीं बचे है मगर शिक्षण संस्कार का काम जरूर कर रहा है

बलात्कार की इस घटना पर मैंने लिखी कुछ लाईन

ना रही किसी की नियत साफ है
हर किसी के अंदर छूपी हैवानियत है
ऐ खुदा काश तुमने दिए होते उसे पंख उड़ जाता वो नादान परिंदा
शिकार ना होता वो उन दरिंदो का
बेटी की हालत देख माँ कितना रोई होगी
उन दरिंदो को इस बात की जरा भी फिक्र ना हुई होगी
आज भी आजाद घूम रहे हैं वो देश में
जिनका हो जाना चाहिए था वध उसी पल में
# स्टोप रेप🙇