Mayavi Emperor Suryasing - 5 in Hindi Fiction Stories by Vishnu Dabhi books and stories PDF | मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 5

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 5

उन दोनों को दफनाने के बाद सोभाग्या वापस लौट आई। सूर्या और अलीखान दोनो वहा पर रुक कर सोभाग्या का इंतजार करते थे।
सोभाग्या हवा में प्रगट हुए और दोनो को बोली कि अब घर भी चलोगे या यही पर बैठ कर बातें बनाओगे।सूर्या ने अपने हाथो से चुटकी बजाई तो वो तीनो हवा में गायब हो गई और अपने घर में प्रगट हुए। सोभाग्या बोली अरे वाह सूर्या तुमतो अच्छी तरह जादू कर लेते हो। सूर्या ने हस कर बोले मोसी आपका नाम कितना अजीब है ना सोभाग्या।
अली खान ने कहा कि तो ठीक है मैं सोभाग्या का नाम ही बदल देता हूं। और वो एक के बाद एक नाम बोलने लगे ।पर सोभाग्या को एक भी नाम पसंद नहीं आया।बाद में सूर्या ने कहा कि मुझे लगता है कि इस पर तो कोई ऐसा नाम ठूंठना है जो पूरे सूर्यगढ़ में किसी का ना हो।
तो फिर उनका नाम आज से सीतल होगा इसके नाम में हीं सीतलता है। और वो उतनी सुंदर भी है।
सोभाग्या का नाम सीतल में बदला गया था।और वो इस नाम से बहुत हि खूस थी।

एक दिन की बात है । सूर्यगढ़ में कोई बुरे जादूगर का साया पड़ गया। सूर्या अपनी जादुई शक्तियां से भी उन जादूगर ध्यानचंद को नही हरा सकता था। वो अपनी जादुई शक्तियां से पहले ही पता कर लेता था की सूर्या आगे क्या करने वाला है.
इस बजे से सूर्या उस जादूगर के विरुद्ध कुछ भी नहीबकर सकता था। ऐसा कुछ दिन चलता रहा। वो जादूगर ध्यानचंद अपनी जादुई शक्तियां से सबको परेशान करता था।
फिर एक दिन सूर्या ने उनके आगे घुटने टेक दिए और कहा कि तुम मुझसे क्या चाहते हो ।जो भी चाहिए वो मांगो पर उन भोले भाले लोगो को परेशान करना छोड़ दो। वो हस कर बोला की सूर्या तुमने इतनी जल्दी हार मान ली।
तो फिर ठीक है में जो चाहता हु वो सिर्फ तुम ही ला सकते हो। आज अपने घर चले जाओ में अपनी मांग कल सुबह के साथ बताऊंगा ये कहकर वो गायब हो गया।
ये देख हजरत अली खान और सीतल ने कहा की सूर्या ये तुमने अच्छा नहीं किया ।तुमने इन बुरे जादूगर ध्यानचंद के आगे घुटने टेक दिए।
तब सूर्या थोड़ा मुस्कुराया. और बोला अब्बू आपने ने मुझे तब अच्छी तरह नही देखा जब मेने उनके आगे घुटने टेक दिए थे। मेरे घुटने मेने जमीन से स्पर्श नहीं किया और एक नियम है की कोई भी शरणागति स्वीकार कर ने वाले जब तक अपने घुटने किसी के आगे जमीन से स्पर्श नहीं करता तब तक वो हार नहीं मानी जाती।
तो फिर तुमने ये क्यों किया? अली खान ने पूछा
अब्बू आपको पता है कि इस जादूगर ध्यानचंद के पास एक एसी जादुई ताकत है जो उन को ये बताती ये की ने अब क्या करने वाला हु।
तो ?? सीतल ने पूछा
अब वो जादूगर ध्यानचंद इस शक्ति का उपयोग नहीं करेगा क्यों की उन्हें ये लगेगा की में हार गया। और वो मुझे अपनी मांगे बताएगा।
और में वो पूरी तो करूंगा पर अपने तरीके से! सूर्या बोला
दूसरा दिन हुआ और सूर्या उन जादूगर ध्यानचंद के आगे आ गया। और कहा की अब मुझे बताओ में आपके लिए क्या ला सकता हूं।
जादूगर ध्यानचंद ने हस कर बोला वो जो पूरे कायनात का सबसे बड़ा जादुई जिन है। जो पूरे कायनात को अपने बस में कर सकता है। वो जो मेरे ख्वाब मोटे करने वाले हैं और एक जादुई भाला को चार हिस्सों में बटा हुआ है। और वो दुनिया की अलग अलग जगो पर छुपाया है। वो सिर्फ तुम ही ला सकते हो।
तो बोलो लाओगे मेरे लिए वो भाला और वो जिन का जादुई बोतल जिसमे है दुनिया भर की शक्तियां हैं।