Secret Admirer - Part 72 in Hindi Love Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Secret Admirer - Part 72

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Secret Admirer - Part 72

अगली सुबह एक प्यार भरे आवाज़ के साथ और एक प्यार भरे एहसास के साथ अमायरा की नींद खुली। अमायरा ने आंखें खोली तो पाया की कबीर उसके ऊपर ही छाया हुआ था।

"गुड मॉर्निंग बर्थडे गर्ल," कबीर ने बड़े प्यार से उसका माथा चूम लिया। अमायरा अपनी आंखे मलते हुए उठ कर बैठ गई।

"गुड मॉर्निंग। टाइम क्या हुआ है?" खिड़की पर पर्दों से कोई रोशनी नही आ रही थी जिस वजह से अमायरा को यह एहसास हुआ की अभी बहुत जल्दी ही है।

"पाँच बजने वाले हैं।"

"तोह हम इतनी जल्दी क्यूं उठे हैं?" अमायरा ने उबासी लेते हुए पूछा।

"तुम भूल गई की हमे सनराइज देखने जाना था। अब जल्दी से उठो और चलो। जल्दी फ्रेश हो कर आयो वरना देर हो जायेगी।" कबीर ने लगभग ऑर्डर देते हुए कहा और ना चाहते हुए भी अमायरा उठ खड़ी हुई।

उनके कॉटेज से कुछ मिनट्स की वॉक ही थी और वोह बीच पर पहुँच चुके थे। और एक बार फिर अमायरा सामने का नज़ारा देख कर मंत्रमुग्ध हो गई। अभय तक सूरज निकला नही था, बस कुछ किरणें निकलती दिखने लगी थी।

"यह कितना खूबसूरत है। मुंबई के बीचेज ऐसे क्यूं नही होते?" अमायरा ने कहा।

"वोह इसलिए क्योंकि हम उन्हे गंदा करके रखते हैं। इस बीच को राधानगर बीच कहते हैं, और इसका दूसरा नाम व्हाइट सैंड बीच भी है, और यह दुनिया के सबसे बेहतरीन बीचेज में से एक है। इस बीच को कई बार एशिया का बेस्ट बीच का अवार्ड भी मिल चुका है। यहां अभी तक सब कुछ नेचुरल है और साफ है। यही वजह है की इस बीच के आस पास कोई भी कॉटेज और विला एलाऊ नही है।" कबीर ने उसे बताया।

"सच में? ताजुब की बात नही है। यह सच में बहुत खूबसूरत जगह है। और उगता हुआ सूरज तोह ऐसे लग रहा है जैसे केक पर आइसिंग की गई हो।" अमायरा ने उगते सूरज की ओर देखते हुए कहा। उन्होंने बहुत सारी पिक्चर्स क्लिक की, राइजिंग सन के साथ भी, और बिना सन के भी, उन्होंने खूब मज़े किए, हँसे, पानी से खेले, एक लंबी वॉक भी ली बीच पर ऐसे ही इधर उधर की बातें की। जब उन्हे एहसास हुआ की सूरज पूरी तरह से दिखने लगा है, तब वोह दोनो वापिस अपने कॉटेज के लिए निकल गए, तैयार होने नाश्ते के लिए।

नाश्ता करने के तुरंत बाद ही वोह दोनो एक और बीच पर जाने के लिए निकल गए, स्नॉर्कलिंग के लिए। उसने कभी नही सोचा था की यह सब एक्टिविटीज वोह एंजॉय करेगी, थोड़ा बहुत पानी से फोबिया था उसको, पर सिर्फ कबीर की एक मुस्कुराहट उसे बहुत हिम्मत देती थी और वोह अपना सारा डर भूल जाती थी। पानी के अंदर जीवों को करीब से देख कर अमायरा बहुत खुश हो गई थी, इतनी उत्साहित की शब्दों में बयां करना काफी मुश्किल है। शाम हो चली थी जब वोह दोनो अपने रिजॉर्ट में वापिस आए और कबीर ने उसे तुरंत उसी रिजॉर्ट में स्पा के लिए खींच लिया था। अमायरा ने मना भी किया लेकिन ने उसे मसाज करने के लिए जबरदस्ती की तोह वोह मान गई। कबीर ने उसे यह कह कर मनाया था की शादी की तैयारियों में उसने अपने ऊपर बिलकुल भी ध्यान नही दिया है और इसलिए वोह डिजर्व करती है मसाज। उसे कबीर की बात माननी ही पड़ी और फिर वोह मसाज टेबल पर लेट गई और अपने मसल्स को रिलैक्स करवाने लगी। भले ही उसका शरीर मसाज के दौरान रिलैक्स हो रहा था लेकिन उसका दिमाग वोह दुगनी गती से दौड़ रहा था। उसने अभी के दो दिन याद किए जो उसने कबीर के साथ बिताए थे तो उसने पाया की उसे भी प्यार है कबीर से। यह उसकी जिंदगी का बेस्ट बर्थडे है। उसने कभी भी अपने आप को इतना पैंपर महसूस नही किया था, किसी से भी नही। क्या वोह यह सब नही चाहती थी? चाहती थी। उसे यह सब चाहिए था, और इससे भी ज्यादा। जो उसे पूरी तरह से बिगाड़ दे, जो उसकी हर ख्वाइश का ख्याल रखे, कोई रहे इसके करीब जो वोह रोए, कोई रहे उसके पास जब वोह मुस्कुराए, जिसे पता हो की वोह क्या चाहती है, जो उसके लिए कुछ ऐसा करे जो कभी किसी ने उसके लिए नही किया हो। यह सब और इससे भी ज्यादा। जब पहले कबीर ने उससे प्रोमिस किया था की वोह हर वक्त, हर घड़ी, उसके लिए हमेशा रहेगा, तब। अमायरा बहुत डर गई थी। वोह डरती थी की कहीं वोह अपना दोस्त ना खो दे, जो उसे कितनी बार दिल टूटने के बाद मिला था। उसने कभी भी कबीर से दोस्ती से ज्यादा उम्मीद या चाहत ही नही की थी, कभी नही चाहा था की कबीर दोस्ती से आगे बढ़े। जब वोह कबीर के साथ इस रिश्ते में जुड़ी थी तोह वोह जानती थी अपनी हदें और वोह अपने आप को उन्ही हदों में रखे हुए थी। अब जब खुद कबीर ने ही वोह सारी दीवारें तोड़ दी हैं, तोह उसका दिल भी उसके लिए धड़कने लगा है। अब वोह कैसे उसके बिना रह सकती है? वोह जानती थी की वोह हमेशा कबीर के इर्द गिर्द ही रहना चाहती है, वोह चाहती है की हमेशा कबीर ही उसे छुए, वोह चाहती है की कबीर उसे किस करे।

ऐसा कुछ जो कबीर ने इन दो दिनों में बिलकुल भी नही किया था, जो की इससे पहले वोह हमेशा करता रहता था। अब उसकी छुअन में सहजता थी। बीती रात को भी कबीर ने बस उसके माथे पर किस किया था उसको बर्थडे विश करते वक्त और फिर छोड़ दिया था। और आज भी वोह कंप्लीट जेंटलमैन बना हुआ है। हां यही तोह है वोह। और अचानक ही अमायरा को कबीर का यह जेंटलमैन अवतार बिलकुल भी पसंद नही आने लगा था। उसे वोह तंग करता हुआ, उसे छेड़ता हुआ कबीर वापिस चाहिए था जिसके हाथ उसे छूने से रुकते नहीं थे। जो उसके करीब रहने के लिए बहाने ढूंढता रहता था। जिसने उस रात वोह पैशनेट किस करके उसकी सांसे ही अटका दी थी। जो हमेशा इरिटेट हो जाता है जब वोह उस के साथ समय ना बिता कर के फैमिली के साथ ज्यादा समय बिताती थी। अब जब वोह दोनो इस जगह पर अकेले हैं तोह कबीर वोह क्यूं नही है? वोह क्यूं बदल गया? उसने यह ट्रिप बड़ी शराफों वाली और परफेक्ट प्लान की थी। यहां पर किसी भी एक्टिविटी से ना तोह अमायरा बोर हुई थी और ना ही वोह इरिटेट हुई थी पर उसके एक ही बात परेशान कर रही थी की कबीर उससे इतनी दूरी क्यूं बनाए हुए है।

क्या यह इसलिए है क्योंकि मैने अभी तक उन्हे आई लव यू नही कहा है? पर क्या अब यह जरूरी है? क्या उन्हे मेरी आंखों में नही दिखता?

पर क्या तुम श्योर हो की यह करोगी?

उह्ह्..... मैं..... हां।

पर तुम तोह हिचकिचा रही हो।

मैं अपनी जिंदगी उनके बिना जीने का सोच भी नही सकती। मैं तोह अब उनके बिना सांस भी नही ले सकती। मैं किसी और के साथ अपनी जिंदगी नही बिता सकती। अगर यह प्यार नही है, तोह क्या है?

मुझसे मत पूछो। अपने आप से पूछो। और अगर तुम श्योर हो की जो भी तुम उसके बारे में महसूस करती हो वोह प्यार है, तोह जाओ बताओ उसे। शायद वोह यही चाहता हो की अब अगला कदम तुम खुद उठाओ। शायद वोह डरता हो की अगर उसने आगे बढ़ने की कोशिश की तोह कहीं तुम नाराज़ ना हो जाओ?

पर मैं क्या कर सकती हूं?

तुम उससे क्या चाहती हो?

उह्ह्.....मुझे नही पता। शायद वोह मुझे अपनी बाहों में भरे, मुझे छुए, मुझे किस करे जैसे पहले किया था? अब वोह ऐसा क्यूं नही कर रहें हैं?

तुम खुद ऐसा क्यूं नही करती? उस वक्त उनका बर्थडे था। अब तुम्हारी बारी है।

आर यू श्योर? कहीं वोह मुझे बेकरार और बेसब्र तो नही समझेंगे?

वोह तुम्हारा पति है। इट्स ओके अगर वोह तुम्हे थोड़ा बेकरार समझेगा भी तो। अब जाओ और उसे सरप्राइस करदो।

पर....

जाओ भी अमायरा। आखिर यह तुम्हारा बर्थडे है। चलो आज अपने आप को थोड़ा खुल्ला छोड़ दो। थोड़ी सी बोल्ड होने से किसी को नुकसान नही होगा।

सही कहा।

अपने आप से बातें करने के बाद अमायरा को समझ में आ गया था की उसे अब क्या करना है। उसने जल्दी से अपना मसाज सेशन खत्म किया और अपने कमरे की ओर बढ़ गई। पहले ही देर शाम हो चुकी थी। जब वोह अपने रूम में पहुँची तोह उसे एक नोट मिला, कबीर का। जिसमे लिखा था की वोह उसका नीचे रेस्टोरेंट में इंतजार कर रहा है। अमायरा जल्दी से तैयार हुई और पहुँच गई नीचे रेस्टोरेंट में। हजारों तितलियां आज उसके पेट में हुड़दंग मचाए हुए थी जिस वजह से वोह बेचैन हो रही थी, उसका मन चंचल हो रहा था, और पैर तोह मानो जैसे जैली के हो गए हों कभी इधर तोह कभी उधर उछलने का मन हो रहा था। वोह जैसे ही रेस्टोरेंट पहुंची, कबीर उसे दिख गया और वोह उसके पास पहुँच गई। मन कर रहा था बस कबीर पर अभी झपट्टा ही मार दे। अमायरा अपनी चेयर पर बैठी। कबीर ने उसे देख कर स्माइल की और अमायरा के सारे शब्द हवा हो गए, जो वोह अपने मन में इतनी देर से सोच कर आई थी। अब तो उसके गले से शब्द फूट ही नही रहे थे। कैसे वोह उससे कहे की वोह चाहती है की वोह उसे किस करे, या फिर वोह खुद ही यह काम करना चाहती है? क्या उसमे इतनी हिम्मत है की वोह यह सब कबीर से कहे या खुद कोई स्टेप ले?

सबसे पहले तोह आखिर उसको क्या हो गया है अचानक? क्या इस जगह में कोई मैजिक है या सच में वोह उससे प्यार करने लगी है? और यह पेट में इतनी सारी तितलियां? यह ओवर एक्साइटमेंट? यह इच्छा होना हमेशा उसके साथ रहने की? पर क्यूं आज अचानक उसे कबीर रोमांटिक चाहिए, एस्पीशियली तब जब वोह खुद नही चाहता? तोह क्या उस वक्त ये ढोंग करती थी जब कबीर रोमांटिक हुआ करता था, और अब उसे मिस कर रही थी? सिर्फ एक ही रास्ता था सारे सवालों के जवाब पाने का की सीधे कबीर से ही पूछ लिया जाए पर अमायरा ही श्योर नही थी की वोह कबीर से कुछ पूछ पाएगी।

इसलिए वोह बस चुप चाप कबीर के सामने बैठ गई, भले ही उलझन में घबराई हुई थी। और कबीर उसके चेहरे के बदलते भाव देख कर मुस्कुरा रहा था।

"व्हाट्स रॉन्ग स्वीट हार्ट?"

"उह्ह्ह...... व्हा....व्हाट?"

"मैने पूछा की क्या बात है, कुछ हुआ है क्या?" कबीर ने पूछा और अमायरा एक बार ही कबीर की टिमटिमाती आंखो में खो गई।

"तुम कहीं खोई हुई हो। मुझे तोह लगा था की टीम खुश होगी पर तुम तोह अपनी ही दुनिया में खोई हुई हो। तुम्हे शायद वोह मसाज पसंद नही आया?"

"नही......नही......मुझे मसाज बहुत पसंद आया। मैं तोह बस.....मैं.....आप.....मैं....." अमायरा को समझ ही नही आ रहा था की क्या कहे।
"मैं बस आपको थैंक यू कहना चाहती थी, मुझे यहां लाने के लिए। यह मेरा अब तक का सबसे बेस्ट बर्थडे गिफ्ट है।" अमायरा ने मुस्कुराते हुए कहा।

"फिर तो मुझे खुशी है। पर तुम अभी भी खोई खोई ही लग रही हो।"

"उह्ह्.....बस इस भागती दौड़ती ट्रिप में थोड़ा सा थक गई हूं।" अमायरा ने झूठ बोल दिया।

"तोह फिर मैं तुम्हे सजेस्ट करूंगा की तुम ड्रिंक ट्राय करो। शायद डेक्विरी या फिर स्क्रूड्राइवर। तुम्हे थोड़ा रिलेक्स महसूस होगा।"

"उह्ह्ह.....कॉकटेल?"

"हां। मैं जानता हूं की तुम ड्रिंक नही करती इसलिए एक सिंपल सी कॉकटेल तुम्हारे लिए ठीक रहेगी।"

"पर मैं तोह अभी ट्वेंटीफाइव की हुई हूं। क्या यह मुझे अल्कोहल सर्व करेंगे?" अमायरा ने कहा और कबीर दिल से हंस पड़ा।

"कौन तुम्हे रोक रहा है अमायरा? गवर्मेंट रूल्स बनाते हैं, पर क्या तुम्हे लगता है की सब फॉलो करते हैं?"

"आप हमे यह रूल्स तोड़ने के लिए कह रहें हैं?" अमायरा ने थोड़ा कबीर की तरफ झुकते हुए और आंखें हैरानी में बड़ी बड़ी करते हुए पूछा।

"इसमें बहुत मज़ा आएगा, है ना?" कबीर ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा और एक आंख मार दी।

"उह्ह्..... नो थैंक्स। मैं ऐसे ही ठीक हूं।"

"ओह कम ऑन अमायरा। छोटी बच्ची तो मत बनो। मैं कह रहा हूं ना, थोड़ा सा ले लो। और वैसे भी यह पूरी तरह से लीगल है तुम्हारे लिए ड्रिंक करना।"

"क्या आप यह कोशिश कर रहें हैं की मैं नशे में हो जाऊं और आप मेरा फायदा उठा सकें?" अमायरा ने अपनी एक आईब्रो को उचका कर पूछा और कबीर उसे शैतानी मुस्कान लिए देखने लगा।

"अगर और जब मुझे तुम्हारा फायदा उठाना होगा ना तोह मुझे तुम्हे नशा कराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैं पूरी तरह से श्योर हूं की तुम खुद यह मुझसे ज्यादा चाहती हो।" कबीर ने प्यार कॉन्फिडेंट से कहा, उसकी तरफ एक इरादे से देखा और अमायरा उसकी आंखों में देखने लगी जिसमे हमेशा उसके लिए वोही वादा नज़र आता था।

तोह आप क्यों कुछ नही कर रहें हैं? क्या आप सच में चाहते हैं की मैं कहूं? की मैं ही इच्छुक हूं? अमायरा ने तोह अपने शब्दों को ही गटक लिया, जो शब्द उसके होठों से निकलने को बेताब थे उन्हे उसके दिमाग ने वापिस पीछे भेज दिया।

"इसके अलावा मैने तुम्हे यह ड्रिंक इसलिए ऑफर की है क्योंकि आज तुम्हारा बर्थडे है। आज अपने आप को थोड़ा फ्री छोड़ दो। क्या सही है क्या गलत वोह सब छोड़ कर जो मन है वोह करो। वैसे भी यहां आज तुम्हारी आखरी रात है।"

"हां यही असली कारण है की मैं ड्रिंक नही करना चाहती। आज मेरा बर्थडे है और इस खूबसूरत जगह पर आज आखरी रात। मैं यहां का हर एक पल जीना चाहती हूं, नशे ने रह कर कुछ भी मिस नही करना चाहती। मैं हमेशा इसे अपनी यादों में संजो कर रखूंगी।" अमायरा ने वापिस अपना कॉन्फिडेंस गेन करते हुए कहा।
"और मैं जानती हूं की अपने आप को फ्री कैसे किया जाता है। जो की मैं आपको डिनर के बात बताऊंगी।"

"फिर तो मैं तुम्हे बिलकुल भी फोर्स नही करूंगा। अब हम डिनर ऑर्डर करें?" कबीर ने पूछा और फिर डिनर ऑर्डर अपने डिनर को एंजॉय करते हुए बातें करने लगे, इस ट्रिप के बारे में, आने वाली शादी के बारे में, अमायरा की जॉब, कबीर के काम के बारे में। हर एक बात और हर एक चीज जो अमायरा को समझदार और सभ्य बनाए रखती थी, किसी अवैध विचारों को उससे दूर रखती थी, पर ऐसे विचार उसके दिमाग में आने से इंकार कर रहें थे। उन्होंने अपना खाना फिनिश किया और अमायरा ने उसे डांस के लिए खींच लिया, डांस फ्लोर पर जिसे कबीर इंकार कर रहा था।

"अमायरा तुम जानती हो की मैं डांस नही आता।"

"तोह फिर मैं आपको डांस सीखा दूंगी। समझ लीजिए की यह रिटर्न गिफ्ट है आपके लिए, उसके बदले जो भी आपने मुझे सिखाया है।" अमायरा ने कबीर के हाथ अपनी कमर पर एडजस्ट करते हुए कहा।

"मैने तुम्हे क्या सिखाया है?" कबीर कन्फ्यूज्ड हो गया था।

"मैं आपको कभी किसी और दिन बताऊंगी। अभी के लिए आप अपना हाथ ऐसे रखिए। और अपना पैर इस तरह से मूव कीजिए।" अमायरा ने उसे इंस्ट्रक्ट किया और कबीर अचंभे में उसकी बात को फॉलो करने लगा। वोह अमायरा के सामने जेंटलमैन बनने की कड़ी कोशिश कर रहा था और चाह रहा था की अमायरा जाने की उसके लिए यह सब करना कितना मुश्किल है।

"क्या हम समुंदर की तरफ जा सकते हैं?" अमायरा ने अचानक यह सवाल पूछ दिया, थोड़ी देर डांस करने के बाद।

"अभी? काफी देर हो चुकी है। इस पार्ट का समुंदर सूरज ढलने के बाद टूरिस्ट के लिए बंद कर दिया जाता है।"

"प्लीज़। हम ज्यादा दूर नहीं जायेंगे और जल्द ही वापिस आ जायेंगे।" अमायरा ने रिक्वेस्ट की और कबीर को हां करना पड़ा। अमायरा को थोड़ा स्पेस की सच में जरूरत थी, थोड़ी खुली हवा की क्योंकि कबीर की माजूदगी उसे पागल कर रही थी।

«»«»«»«»

वोह दोनो बीच पर थे, और चारों ओर लहरों का शोर, जो की उसके तेज़ धड़कते दिल के शोर को छुपा रहा था, और गहराती रात का अंधेरा उसके चेहरे के भावों को छुपा रहा था जो की रेस्टोरेंट में छुपाना मुश्किल हो रहा था। दोनो ने एक दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ था और समुंद्र के किनारे दोनो बातें करते हुए धीरे धीरे चल रहे थे।

"आपको वोह दिन याद है जब हम पहली बार मिले थे?" अमायरा ने अचानक सवाल पूछ दिया।

"हां। याद है।"

"मैं उस दिन बहुत ज्यादा घबराई हुई थी।"

"यह तोह बहुत ताजुब की बात है की तुम्हे वोह दिन इतनी अच्छी तरह से याद है, जबकि तुम उस वक्त कुछ घंटो की छोटी सी बेबी थी।" कबीर ने मुस्कुराते हुए उसे छेड़ते हुए कहा और अमायरा ने मजाकिया अंदाज़ में कबीर के सीने पर एक मुक्का मारा।

"मैं उस वक्त की बात नही कर रही हूं जब मैं पैदा हुई थी। मैं उस वक्त की बात कर रही हूं जब हम शादी की बात करने के लिए मिले थे।"

"अह्ह....ओके। उस बारे में क्या? मैं यह नहीं मान सकता की तुम उस वक्त घबराई हुई थी। इन फैक्ट तुम तोह उस वक्त पूरी तरह से कॉन्फिडेंट लग रही थी बल्कि मैं तुम्हारे सामने असहज हो गया था।" कबीर ने अपना सीक्रेट बताया और अमायरा मुस्कुराने लगी।

"वैल, मैं थी। घबराई हुई, डरी हुई, और एक्साइटेड भी। तीनो एक साथ।"

"सच में? क्यूं?"

"क्योंकि उस दिन मैं आपको पांच साल बाद देख रही थी। इसलिए मैं एक्साइटेड थी। मैं घबराई हुई इसलिए थी क्योंकि मैने कभी नही सोचा था की आप के साथ एक दिन मैं मिलूंगी वोह भी शादी की बात करने के लिए। डरी हुई इसलिए थी क्योंकि दी की जिंदगी मेरे एक डिजिशन पर टिकी हुई थी।"

"ओके। पर जब हम मिले थे तुम एक बार भी मुझे इन तीनो में से कुछ भी नही लगी। इन फैक्ट, तुम मुझे ऐसी लगी जैसे कोई बदला लेने आई थी, कोई पनिशमेंट देने। सीधे मुद्दे की बात कर रही थी तुम।" कबीर ने जवाब दिया और अमायरा खिलखिला कर हँस पड़ी।

"क्योंकि उस दिन आपने मेरा मूड खराब कर दिया था। आप बहुत रूडली बात कर रहे थे इसलिए मुझे गुस्सा आ गया था। आपको देखने की मेरी सारी एक्साइटमेंट खिड़की से हवा हो गई थी और सिर्फ मुझे एक ही एहसास हो रहा था, आप पर गुस्सा।" अमायरा वोह दिन याद करते हुए मुस्कुरा पड़ी थी।

"मैं उम्मीद करता हूं की अब तुम्हे मुझसे ऐसा कोई गुस्सा नही होगा।"

बिलकुल भी नही। काश मैं आपको बता पति की अब मैं आपके बारे ने क्या महसूस करती हूं।

"ऑफकोर्स नॉट मिस्टर मैहरा। मैं अब आपसे बिकुल भी गुस्सा नही हूं।" अमायरा मुस्कुराई।

"उह्ह्ह......अब यह क्या है? तुमने मुझे कल रात कबीर बुलाया था ना। अब यह फिर से फॉर्मल नेम?" कबीर ने अपना चेहरा अमायरा की तरफ कर लिया था।

"मैने कहा था? कब? मुझे तोह कुछ याद नहीं...........मिस्टर मैहरा।" अमायरा ने शैतानी मुस्कुराहट लाए कहा और कबीर ने अपनी एक आईब्रो ऊपर की ओर करली।

"तुम यह क्या खेल खेल रही हो अमायरा? तुम जानती हो इसके लिए मैं तुम्हे पनिश कर सकता हूं।" कबीर ने उसे डराने की कोशिश की पर उसकी ही आवाज़ ऐसी थी कोई भी न डरे।

"मुझे नही लगता। आप ऐसा कर भी पाते हैं।" अमायरा ने चहकते हुए कहा और कबीर ने उसे बाहों में खीच लिया।

"क्या मतलब तुम्हारे कहने का?"

"मेरा मतलब है की आप लोगों को बस यूहीं धमकाते रहते हैं, लेकिन करते कुछ नही। मुझे नही लगता की आप उन्हे पनिशमेंट देते भी होंगे। मैं तोह यह सोच रही हूं की आप ऑफिस में काम कैसे करवाते होंगे?" अमायरा ने उसे चिढ़ाया और कबीर ने आह भरी।

"चलो मान लेते हैं की मैं एक फेयर बॉस हूं, और मुझे शायद ही कोई जरूरत पड़ती है किसी को पनिश करने की, उनसे काम करवाने के लिए। पर तुम्हारे साथ, चीज़े अलग है। तुम कितना चिढ़ाती हो और मुझे बिल्कुल अच्छा नही लगता तुम्हे किसी चीज़ के लिए फोर्स करना जो तुम्हे नही चाहती। सब के साथ ऐसा नहीं होता की वोह पनिशमेंट के बाद काम करे।"

"पर क्या हो अगर जब कोई सच में पनिशमेंट चाहता हो, मिस्टर मैहरा?" अमायरा ने पूछा और कबीर ने सांस भरी।

"मुझे लुभाने की कोशिश मत करो अमायरा। मेरे सब्र का इम्तिहान मत लो। मैं बहुत कड़ी कोशिश कर रहा हूं तुम्हारे सामने जेंटलमैन होने की।" कबीर ने अमायरा की कमर पर अपनी बांह कस दी।

"पर अगर मैं ना चाहूं की आप ऐसा करें तोह?"

"मैं.....उह्ह्......."

"क्या आप मुझसे यह नहीं पूछ रहे थे की आपने मुझे क्या सिखाया है? मुझे लगता है की मुझे आपको दिखा देना चाहिए की मैने आपसे क्या और कितना सीखा है।" अमायरा ने अपने दोनो हाथों में कबीर का चेहरा भरा और उसे किस करने लगी।

और पिछली बार की ही तरह इस बार भी कबीर हैरान और दंग रह गया। कुछ पल तक उसे इनेक्सपीरियंस किस करने के बाद अमायरा ने अपने होंठ उसके होठों से दूर किए।

"कैसा था?" उसकी नशीली आंखों में देखते हुए अमायरा ने फुसफुसाते हुए पूछा। कबीर के चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान आ गई।

"अच्छा था, पर अभी भी तुम्हे और क्लासेज की जरूरत है। और बहुत सारी प्रैक्टिस की। और मैं तुम्हारे इस एक्सपेरिमेंट को करने के लिए बकरा बनने को भी तैयार हूं।" कबीर ने आंख मारते हुए कहा और अमायरा मुस्कुरा गई।

"अच्छा अब यह कैसे? कहां गया वो जेंटलमैन जो मुझे यहां लाए थे?" अमायरा ने अपनी आईब्रो ऊपर कर पूछा।

"उसे मैने वापिस भेज दिया है। पर तुम्हे चिंता करने की कोई जरूरत नही है, मैं हूं ना अब। तुम्हारे बुलाने पर हाज़िर।" कबीर ने अपनी नाक उसके गाल पर सहलाते हुए कहा।

"ओह रियली? अब क्यूं? पहले क्यूं नही?" अमायरा ने गुस्से में पाउट बना लिया और कबीर ने उसकी नाक पर हल्के से किस कर लिया।

"यह इतना इंपोर्टेंट नही है।"

"अच्छा। बताओ मुझे। यह इरिटेटिंग जेंटलमैन अवतार यहां क्यूं लिया आपने?"

"कम ऑन अमायरा। तुम्हे सच में जानना है की मैने यहां तुम्हारे साथ जेंटलमैन बिहेव क्यों किया?"

"हां। जानना है।"

"पर मैने तोह यहां का समय कुछ यूजफुल काम में ही इस्तेमाल किया है।" कबीर ने आगे झुक कर उसे किस करना चाहा पर अमायरा ने अपना सिर पीछे ले लिया।

"नही। पहले बताइए क्यूं?" अमायरा अपनी बात पर अड़ गई।

"मैं नही चाहता था की तुम अनकंफर्टेबल हो जाओ। बस और कुछ नही।" कबीर ने बात को टालना चाहा।

"इसका क्या मतलब है। जब हम घर पर थे तब तोह आप मेरे से जब मौका मिले फ्लर्ट करते रहते थे, जहां घर पर सभी फैमिली मेंबर्स हैं, पर यहां नही, यहां कोई भी नही है, हम अकेले हैं।" अमायरा ने फिर से पाउट बना लिया और कबीर ने जल्दी से मौके का फायदा उठा कर उसके होंठों पर हल्का सा किस कर लिया। अमायरा फिर पीछे हो गई।

"मुझे बहुत खुशी हुई की तुम मेरे फ्लर्टिंग को मिस करती हो।"

"क्या आपने यह जान बूझ कर किया?" अमायरा ने कबीर को घूरा।

"वैल, इसका जवाब हां भी है और ना भी। हां क्योंकि मैं तुम्हे फोर्स नही करना चाहता जिसके लिए तुम नही चाहती थी। ना इसलिए क्योंकि मैं सच में मरा जा रहा था तुम्हे किस करने के लिए जबसे मैने तुम्हे पहली बार किस किया था, पर मैने अपने आपको रोका हुआ था।"

"अब इसका क्या मतलब है? इसमें मैं क्यूं अनकंफर्टेबल होंगी?"

"तुम नही हो? शयद कोई भूल रहा है अपना आरामदायक अलीबाग का ट्रिप..... जहां तुमने झूठी बीमारी का नाटक किया था, गाड़ी इतनी धीरे चलाई थी क्योंकि मेरे साथ अकेले वहां रहने से डर रही थी।" कबीर ने उसे चिढ़ाया और अमायरा वोह ट्रिप याद करके खुद ही शर्माने लगी।

"आप जानते थे ना," अमायरा ने कहा।

"हां। जानता था। पर मैं समझता था की तुम्हारे अंदर भी कुछ डर, कुछ शंकाएं हैं। इस ट्रिप के लिए भी ऐसा ही होगा। हम यहां घर से कितनी दूर इस जंगल में हैं। मैं नही चाहता था की तुम मुझसे डर कर कहीं भाग जाओ, या फिर तुम्हे कुछ भी जबरदस्ती करना पड़े। और घर में हमेशा तुम्हारे पास ऑप्शन रहता है मुझसे भागने का अगर तुम चाहो, पर यहां, मैं नही चाहता था तुम एक पल के लिए भी मुझसे दूर भागो। हम यहां जंगल के बीचों बीच है, चारों तरफ पानी है। इसलिए मैने सोचा की तुमसे कुछ दूरी बना का रहता हूं।" कबीर ने एक्सप्लेन किया और अमायरा को अपने पति पर प्यार आने लगा। उसने उसके गाल पर एक आवाज भरा किस किया और कबीर मुस्कुराने लगा।

"वोह तब की बात थी। मैं तब डरी हुई थी, पर अब बिल्कुल भी नही हूं।" अमायरा ने उसे उसकी आंखों में देखते हुए बताया।

"अमायरा.....मैं.....तुम...."

"आपको लगता है की मैं आपकी एहसानमंद हूं की शायद आप यहां इस ट्रिप में मेरे साथ यहां अच्छे बने हुए हैं?" अमायरा ने पूछा और कबीर ने अपने कंधे उचका दिए। "तोह आप बिलकुल गलत है। मैने आपको किस इसलिए किया क्योंकि मैं चाहती थी। क्योंकि मैं चाहती थी की आप मुझे किस करें। आपका दिल दिमाग सब अपनी जगह पर है, लेकिन कभी कभी आप भी गलत हो सकते हैं, मिस्टर मैहरा।"अमायरा ने शरमाते हुए अपनी बात आगे बढ़ाई और कबीर उसकी बात सुन कर तेज़ी से सांस लेने लगा।

"क्या यह "मिस्टर मैहरा" मेरी तरफ इशारा है की मैं तुम्हे किस करूं?" कबीर ने मुस्कुराते हुए पूछा और अमायरा मुंह दबा कर हंसने लगी।

"शायद," अमायरा ने अस्पष्ट सा जवाब दिया। उसने अपने हाथ कबीर के कंधों पर रख लिए।

"ज्यादा आगे मत बढ़ो, नही तोह मैं समझने लगूंगा कि तुम्हे भी मुझसे बेपनाह प्यार हो गया है।" कबीर ने उसे चिढ़ाया।

"आपको ऐसा नहीं लगता की आप कुछ ज्यादा ही बोलते हैं? एस्पेशियली तब जब आपकी अपनी वाइफ आप से कह रही है की मुझे किस कीजिए। मैं बिल्कुल सही थी जब मैं कहती थी की आप बहुत स्लो......." अमायरा अपनी बात पूरी ही नही कर पाई थी क्योंकि उसके होठों को कबीर ने अपने होठों में जकड़ लिया था। एक भूखे शेर की तरह, जो दावत में खाने पर टूट पड़ा था। कबीर बेसब्र सा, बेकरार सा, उसके होंठों को चूमे जा रहा था। जैसे फाइनली वोह घर वापिस आ गया हो। कितने ही पल गुज़र गए लेकिन उसने उसे छोड़ा नही, जैसे उसके मुंह के हर एक इंच को आज टेस्ट करना चाहता हो। काफी देर बाद जब दोनो की सांसे उखड़ने लगी तोह कबीर ने उसे छोड़ा, और उसे सांसे लेने दिया। दोनो ही लंबी लंबी सांसे लेने लगे। कबीर उसकी गर्दन की तरफ बढ़ गया। उसके गर्दन के हर एक जगह पर आज कबीर के होंठ चल रहे थे। अमायरा बस कबीर से लिपटी खड़ी थी, उसे टाईटली पकड़ी हुई, इस नए एहसासों में खोई हुई जो कबीर उसके अंदर जगा रहा था। कबीर ने अपना सिर उठाया और फिर उसे उसके होठों को ज़ब्त कर लिए एक और पैशनेट किस करने के लिए। अमायरा भी रिस्पॉन्स करने लगी, उसके जैसे ही वोह भी दोहराने लगी, अपने इनेक्सपीरियंस से लड़ने लगी। कुछ पल बाद दोनो की फिर सांसे चढ़ने लगी और दोनो अपनी बेकाबू सांसों को फिर से नियंत्रित करने लगे, दोनो के सिर एक दूसरे से जुड़े हुए थे और आंखें बंद थी।

"आई लव यू अमायरा।" कबीर ने धीरे से कहा। फाइनली उसकी सांसे नियंत्रित होने लगी थी। हाथ अभी भी उसकी कमर पर था और सिर से सिर जुड़ा हुआ था।

"थैंक यू," अमायरा ने जवाब दिया।

"मैने जो कहा यह उसका सही जवाब नही है।"

"यह उसका जवाब नही है। यह थैंक यू किसी और बात के लिए है। मुझे इतनी प्यारी बर्थडे मेमोरीज देने के लिए। मैं यह दिन कभी भी नही भूलूंगी, कभी भी नही। और इस किस के लिए। थैंक यू।" अमायरा ने कबीर की आंखों में देखते हुए कहा।

"पर मैं बिल्कुल भी थैंकफुल नही हूं। तुमने मेरे साथ ऐसा क्यूं किया अमायरा? पहले मैं जानता था की तुम शर्माती हो, घबराती हो, और इस वजह से मैं अपने आप पर कंट्रोल कर लेता था। अब मैं नही जानता की मैं क्या करूं। सब तुम्हारी गलती है।" कबीर ने नकली गुस्से से कहा।

"आप क्या चाहते हैं? आप क्या करेंगे अगर आपको कंट्रोल ना करना पड़े तोह?" अमायरा ने पूछा और कबीर ने गहरी सांस भरी।

"तुम्हे यह नहीं जानना चाहिए।" कबीर की आंखे अचानक इस गहरे अंधेरे से भी और गहरी हो गई थी।

"है। एक बार बता कर तोह देखिए।" अमायरा ने बोल्डली जवाब दिया।

"मैं तुम्हारे साथ प्यार करना चाहता हूं। बहुत बेकरार हो रहा हूं।" कबीर ने बिना शर्माए हुए सच सच जवाब दिया। उसका दिल तेज़ी से धड़के जा रहा था।

"तोह क्यूं रोक रहें हैं अपने आप को?" अमायरा कुछ देर तक कुछ बोल नहीं पाई, फिर उसने धीरे से कहा।

"मैं.....तुम....मुझे नही लगता की यह एक अच्छा आइडिया है। भूल जाओ मैने जो कुछ भी कहा।" कबीर ने अपने हाथ उसकी कमर पर से हटाते हुए कहा और अमायरा ने उसके हाथ वापिस अपनी कमर पर रख लिए।

"क्यूं नही? मैं क्यूं भूल जाऊं?" अमायरा ने पूछा और कबीर ने गहरी सांस छोड़ी।

"क्योंकि....."









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कहानी अभी जारी है...
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